अंकल के बेटे से अपनी सील तुडवाई
फिर रमन हमें लेने रेल्वे स्टेशन आ गये थे और पूरा दिन हमारे साथ सतना में घूमे थे और मुझसे भी बहुत बातें की थी। अब बात-बात पर वो मुझे हग करते थे और मेरे गालों पर किस करते थे और मुझे भी अच्छा लग रहा था। में उस टाईम सेक्स क्या होता है? नहीं जानती थी, किसके कहाँ टच करना ठीक है? कहाँ नहीं? कुछ पता नहीं था?
फिर रात को डिनर करने के बाद में बाथरूम से हाथ धोने के बाद टावल ढूंढ रही थी तो रमन टावल लेकर आए और खुद मेरा हाथ पोंछने लगे। फिर अचानक से टावल मेरे हाथ में दे दिया और मेरे बूब्स को धीरे-धीरे टच करने लगे, लेकिन तब मैंने बिल्कुल इग्नोर कर दिया था कि क्या हो रहा है? फिर उसी रात हमारी बस रही तो हम सब बस स्टैंड आ गए।
अब बस चलने में 20-25 मिनट थे तो मम्मी, पापा बाहर ही खड़े थे और में बस में बैठी थी। फिर थोड़ी देर के बाद रमन बैग देखने के बहाने बस में आए, जो मेरे पैरो में रखा था। फिर उन्होंने मुझे दबा दिया और दूसरे हाथ से ज़ोर-ज़ोर से मेरे बूब्स मसलने लगे। अब में उस टाईम थोड़ी घबरा गई थी और उनसे डरने लगी थी।
फिर 5 साल के बाद हम फिर सतना आ गये थे, तब तक में 1st ईयर में आ गई थी और रमन भी जोधपुर में ही जॉब करने लग गये थे। हम इस बार होटल में रुके थे, होटल रमन ने ही बुक कराया था। उन्होंने 2 रूम बुक कराये थे, एक रूम मम्मी पापा ले लिए और एक मेरा और मेरे भाई ले लिए। अब में रमन को देखते ही डर गई थी, लेकिन अब मेरी समझ में सब आ गया था कि सेक्स क्या होता है?
उस टाईम रमन ने मेरे साथ क्या किया था? तो में उनसे दूरी बनाने लगी थी और उनसे कम बोलती थी। अब ये बात उन्हें पता लग गई थी। अब हम तीन दिन तक जोधपुर रुकने वाले थे और यहाँ हम किसी की शादी अटेंड करने आए थे। अब एक दिन शादी का प्रोग्राम अटेंड करने के लिए मम्मी पापा दोपहर में चले गये थे और शादी रात की थी तो में और भाई होटल ही रुक गये थे। अब भाई को नींद आ रही थी तो वो सोने चला गया था और में मम्मी के रूम में टी.वी देख रही थी।
फिर थोड़ी देर के बाद डोर बेल बजी तो मैंने देखा कि रमन आए हुए है। अब में उन्हें देखते ही अजीब सी सिरहन और डर गई। फिर मैंने खुद को संभाल कर बोला कि पापा मम्मी तो नहीं है, तो बोले कि अच्छा में तो तुमसे और तुम्हारे भाई से मिलने आया हूँ। मैंने कहा कि भाई सो रहा है और में भी सो रही थी।
फिर वो जबरदस्ती रूम के अंदर आ गये और बोले कि पानी तो पिला दो, तो में पानी लेने अंदर गई तो वो रूम लॉक करके अंदर आ गये और सोफे पर बैठ गये। अब में डरी हुई थी और फिर में पानी लेकर गई, तो वो बोले कि पढाई कैसी चल रही है? तो मैंने कहा कि ठीक चल रही है। फिर वो बोले कि आजकल तुम बहुत कम बोलती हो, तो मैंने कुछ नहीं कहा और अब में चुपचाप खड़ी रही।
फिर वो बोले कि मम्मी पापा कब तक आयेंगे? तो मैंने कहा कि पता नहीं शायद लेट हो जाए। फिर वो बोले कि में इंतजार कर लेता हूँ, ये सुनकर मेरे होश उड़ गये। फिर मैंने भी कहा कि ठीक है और कहकर बेड पर आकर टी.वी देखने लग गई, अब मेरा टी.वी पर ध्यान कम और उन पर ज्यादा था। आप ये कहानी अन्तर्वासना- स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है।
फिर वो बोले कि क्या देख रही हो? तो मैंने कहा कि कुछ नहीं ऐसे ही चैनेल चेंज कर रही हूँ। फिर वो खुद भी बातें करते हुए बेड पर आ गये और चैनेल चेंज करने लगे, तो एक चैनेल पर रोमांटिक सीन आ रहा था, तो वो उस पर रुक गये। अब मुझे अच्छा नहीं लग रहा था, तो मैंने कहा कि में सोना चाहती हूँ आप इंतजार करो, में भाई के पास जा रही हूँ और उठने लगी।
फिर जैसे ही में दरवाजे के पास आई तो वो भी मेरे पीछे आ गये और मुझे कसकर पकड़ लिया। अब मेरा हाल ऐसा था कि जैसे अब में बेहोश हो जाउंगी। अब में पूरी तरह से घबराई हुई थी। फिर मैंने कहा कि आप ये क्या कर रहे हो? तो वो बोले कि अब तुम बड़ी हो गई हो और सब समझने भी लगी हो, तो ये नहीं समझ सकती क्या? फिर वो मुझे लिप किस करने लगे। अब में छटपटा रही थी और जाना चाहती थी, तो उन्होंने मुझे बेड पर लेटा दिया और खुद मेरे ऊपर आ गये और किस करने लगे थे।
फिर उन्होंने लिप किस रोका, तो मैंने बोला कि मुझे जाने दो प्लीज, तो वो नहीं माने और फिर से लिप किस करने लगे और अब एक हाथ से मेरे बूब्स भी मसल रहे थे। अब में अपने हाथ पैर पटकने लगी थी, लेकिन उनकी पकड़ बहुत मजबूत थी। फिर मैंने मुश्किल से खुद का चेहरा दूसरी साईड में किया और बोली कि पापा मम्मी को आपका पता लगेगा तो कैसा लगेगा? प्लीज़ मुझे जाने दो। अब में रोने लगी थी।
फिर वो बोले कि उनको बतायेगा कौन? तुम, तो मैंने कहा कि हाँ, तो वो बोले कि तुम नहीं बताओगी, ऐसी कोई बात बतानी थी तो 5 साल पहले ही बता देती और ये बात सच भी थी। में डर और शर्म की वजह से चुप रही। फिर उन्होंने मेरी ब्रा खोल दी थी और शर्ट पूरी ऊपर कर दी थी और वो मेरी जांघो को स्कर्ट के ऊपर से मसलने लगे थे। अब में रो रही थी कि प्लीज़ मुझे जाने दो, लेकिन उन्होंने मेरी एक ना सुनी और अपना काम करते जा रहे थे। अब उन्होंने मेरी स्कर्ट और टॉप दोनों को उतार दिया था।
अब उन्होंने मेरी ब्रा तो पहले ही खोल दी थी और अब में उनके सामने पेंटी में थी। फिर वो बहुत देर तक मेरे बूब्स को चूसते रहे और एक हाथ से मेरी पेंटी के ऊपर रब करते रहे। अब पहले में अपने आपको छुड़वाने के लिए छटपटा रही थी, लेकिन अब बाद में मुझे भी अच्छा लगने लगा था। अब मैंने भी छूटने की कोशिश करना बंद कर दिया था और अब उनका साथ देने लगी थी।
फिर वो धीरे-धीरे नीचे आए और मेरी चूत को पेंटी के ऊपर से ही किस करने लगे। अब उनके ऐसा करते ही में मचल गई। फिर उन्होंने बहुत देर तक ऐसे ही मेरी पेंटी के ऊपर किस किया और मेरी पूरी पेंटी गीली कर दी। फिर उन्होंने मेरी पेंटी खोली और मेरी गीली चूत को चाटने लगे उूउउम्म्म्मममम, अब मुझसे भी रहा नहीं जा रहा था अब मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। फिर उन्होंने अपनी पेंट और अंडरवियर उतारा। उनका लंड 8 इंच लंबा और मोटा था।
अब में उसको देखकर फिर से घबरा गई थी और उन्हें मना करने लगी थी, लेकिन उन्होंने मेरी एक नहीं सुनी थी। अब वो मेरे ऊपर आ गये और एक बार फिर से लिप किस करने लगे और किस करते-करते एक झटका दिया आआअहह। तो अब में चाह कर भी चीख नहीं पाई और उनका आधा लंड मेरी चूत में चला गया था। अब में संभल भी नहीं पाई थी कि उन्होंने एक झटका और दिया।
अब उनका पूरा लंड मेरी चूत में चला गया था। अब मुझे कितना दर्द हो रहा था कि में बता भी नहीं सकती हूँ। अब मेरी चूत में खून भी आ गया था और ये मेरा पहला सेक्स अनुभव था। अब रमन धीरे-धीरे आगे पीछे होने लगे और कुछ देर के बाद मेरा दर्द भी कम हुआ और मुझे भी मजा आने लगा। अब में भी मौन करने लगी उूउउम्म्मम और अब रमन ने अपनी स्पीड तेज कर दी थी आअहह।
फिर थोड़ी देर के बाद हम दोनों झड़ गये और रमन मुझे किस करके मुझसे चिपक कर वहीं सो गया। फिर 1 घंटे के बाद हम दोनों उठे और रूम का सब कुछ ठीक किया और रमन वहाँ से चले गये। मेरी ये कहानी आपको कैसी लगी मुझे बताए l
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