अपनी चाची तैयार हो गई
हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम जावेद खान है और मेरी उम्र 24 साल है। दोस्तों मेरी पूरी लाईफ सेक्स से भरी हुई है और जब मैंने पहली बार कामुकता डॉट कॉम को देखा तो मुझे इसकी सभी कहानियाँ बहुत अच्छी लगी और मैंने सोचा कि अपनी कहानी भी आप सब दोस्तों के साथ शेयर करूँ। यह कहानी मेरी चाची और मेरी है.. मेरी चाची का नाम साईमा है और उनकी उम्र 33 साल, उनका रंग बिल्कुल गोरा है, उनकी हाईट 5.3 होगी, मोटे मोटे होंठ, घने काले बाल, मस्त चाल.. लेकिन सबसे ज़बरदस्त उनके बूब्स और चूतड़ बहुत बड़े बड़े है। उनके 3 बच्चे है और उनके पति मलेशिया में रहते है। दोस्तों मैंने जवानी में क़दम रखते ही उनके बारे में सोचना शुरू कर दिया कि किस तरह में उनके साथ सेक्स कर सकूँ.. लेकिन मुझे कोई भी तरीक़ा समझ में नहीं आया। वो जब भी हमारे घर आती या हम उनसे मिलने जाते तो में जानबूझ कर उनसे गले मिलता और उनकी कमर पर हाथ फेरता.. लेकिन वो मुस्कुराकर इस बारे में ज्यादा नहीं सोचती.. क्योंकि शायद वो मुझे बच्चा समझती थी।
पिछले साल मेरे मम्मी और पापा को गावं में किसी रिश्तेदार की म्रत्यु की वजह से गावं जाना पड़ा तो उन्होंने चाची को जो कि अपने घर पर रहती है हमारे घर बुला लिया ताकि वो यहाँ पर रहकर मुझे खाना तैयार करके दे सके। फिर में जब उन्हे घर ला रहा था तो पूरे रास्ते में यही सोच रहा था कि यह बहुत अच्छा मौका है और इसका फ़ायदा उठाया जाए। फिर में बाजार जाकर कुछ ज़रूरी सामान खरीदकर घर लाया और फिर अपने एक दोस्त को फोन किया और अपनी समस्या उसे बता दी। तो उसने मुझसे कहा कि किसी भी तरह अपनी चाची को अपना तना हुआ लंड दिखा दो.. यह एक आज़माया हुआ तरीक़ा है इससे 90% औरतें आकर्षित हो जाती है और अब मैंने सोचना शुरू किया कि कैसे उन्हे अपना लंड दिखा सकूँ?
फिर उस रात को कोई एसी बात नहीं हुई और मैंने, चाची और उनके 3 बच्चो ने खाना खाया और में अपने रूम में आकर सो गया और चाची से कहा कि मुझे सुबह 10 बजे जगा देना और फिर उस रात को मैंने प्लान बना लिया था कि उन्हे कैसे चोदना है। फिर अगली सुबह उनके तीनो बच्चे स्कूल गए हुए थे.. वो अपने स्कूल बेग अपने साथ में लाए थे और पेपर की वजह से मेरी छुट्टी थी इसलिए में बड़े आराम से सोता रहा और 9:45 पर में उठ गया और मैंने रात को सोते वक़्त अपनी शर्ट तो वैसे उतार ही दी थी और अब अपना ट्राउज़र भी उतार दिया और अपनी आखें बंद करके चाची के आने का बड़ी बेसब्री से इंतज़ार करने लगा। फिर मैंने अपने लंड को हल्का हल्का हिलाया जिससे वो खड़ा हो जाए.. इस दौरान में अपनी प्यारी चाची के ख्याल दिमाग में लाता रहा कुछ वक़्त बाद मेरा लंड पूरी तरह से तनकर खड़ा हो गया।
तो इतने में 10 बज गए और 2 मिनट बाद मुझे मेरे रूम की तरफ आते हुए चाची की चप्पल की आवाज़ आई और मैंने तुरंत अपनी आखें ठीक से बंद की और ठीक से तैयार हो गया और मेरा दिल ज़ोर ज़ोर से धड़क रहा था और में सोच रहा था कि पता नहीं अब क्या होने वाला है। फिर चाची ने जैसे ही दरवाज़ा खोला तो उनके मुहं से निकला जावेद बेटा 10 बज गए है उठ जा और उन्होंने मेरे ऊपर से चादर को हटा दिया। अब में सिर्फ उनकी आवाज सुन सकता था और में उनको देख नहीं सका.. लेकिन उनका मुहं खुला का खुला रह गया होगा.. इसके बाद उन्होंने कुछ नहीं कहा और 2-3 मिनट तक एकदम चुपचाप खड़ी रही.. शायद वो मेरे तने हुए लंड को घूर घूरकर देख रही थी। उनकी नजरें मेरे तने हुए लंड से हटने को तैयार नहीं थी। उनके पति पिछले 3 साल से बाहर कहीं पर नौकरी कर रहे थे और उनको यहाँ पर आए हुए भी बहुत समय हो चुका था। अब उन्होंने मेरे पास में बैठकर मेरे हाथ को पकड़कर हिलाया और कहा कि बेटा उठ जाओ 10 बज गए है। तो मैंने धीरे धीरे अपनी आखें खोली और ऐसा नाटक किया कि जैसे मुझे कुछ पता ही नहीं है कि मेरे शरीर पर एक भी कपड़ा नहीं है। तभी अचानक मैंने नीचे अपने खड़े हुए लंड की तरफ देखा और उनसे कहा कि सॉरी चाची मेरी पेंट कहाँ गई? और वो मैंने जानबूझ कर बाथरूम में लटका दी थी। फिर चाची मेरे लंड की तरफ देखकर मंद मंद मुस्कुरा रही थी और वो थोड़ी थोड़ी शरमा भी रही थी।
तो मैंने उठकर बाथरूम में जाने की कोशिश की तो उन्होंने मुझे रोक लिया और अपने पास बैठा लिया और मुझसे पूछा कि तुम्हारे कपड़े कहाँ पर है? तो मैंने कहा कि चाची रात को मुझे बहुत गर्मी लग रही थी और फिर में रात को नहाने के बाद ऐसे ही सो गया। तो चाची ने कहा कि ड्रामा मत करो मुझे पता है इस उम्र में सभी लड़कों को औरत की जरूरत होती है और हाँ उन्हे गर्मी तो बहुत लगती ही है.. लेकिन तुम्हारा यह लंड बहुत बड़ा है तुम्हारी तो जल्दी से शादी करा देनी चाहिए। फिर में गर्दन झुकाकर एकदम चुपचाप हो कर बैठा रहा और उनकी बातें सुनने लगा। तो उन्होंने कहा कि मेरी तरफ देखो और मुझसे पूछा कि क्या तुम्हे अब तक किसी लड़की के साथ सेक्स करने का मौका नहीं मिला?
तो मैंने अपना सर हिलाकर कहा कि नहीं.. मुझे आज तक कोई भी मौका नहीं मिला और आज सुबह भी मेरा दिल और दिमाग सेक्स के लिए बहुत ज़ोर से तडप रहा था और शायद इसलिए मेरा लंड तनकर खड़ा हो गया। तो उन्होंने बड़े प्यार से मेरी तरफ देखते हुए कहा कि अच्छा ठीक है.. में तुम्हे एक बार यह सुंदर मौका दे सकती हूँ.. लेकिन तुम्हे मुझसे वादा करना होगा कि कभी भी किसी को इस बारे में कुछ भी नहीं बताओगे? तो मैंने कहा कि ठीक है में आपसे पक्का वादा करता हूँ कि कभी किसी को नहीं बताऊंगा। तभी मैंने देखा कि यह बात सुनकर उनकी आखों में एक अजीब सी चमक आ गई और मेरा दिल भी खुशी से ज़ोर ज़ोर से धड़कने लगा। दोस्तों ये कहानी आप कामुकता डॉट कॉम पर पड़ रहे है।
फिर उन्होंने धीरे धीरे अपना एक हाथ आगे बडाते हुए मेरा तना हुआ लंड मज़बूती से पकड़ लिया और धीरे से उसे सहलाने लगी और दूसरे हाथ से मेरे लंड के नीचे की गोलियों को उठाकर देखा और उनसे खेलने लगी। तो मैंने उनसे कहा कि प्लीज चाची इसे अपने मुहं में लेकर चूसो.. लेकिन वो कहने लगी कि नहीं में यह गंदा काम नहीं करूंगी। फिर मेरे बहुत देर समझाने के बाद उन्होंने मेरे लंड को पहले धीरे धीरे डरते हुए अपनी जीभ से चाटा और फिर उसका टोपा अपने मुहं में ले लिया.. शायद अब उनका डर जोश में बदल चुका था और फिर वो लंड बहुत मज़े से चूसने लगी। फिर 5 मिनट के बाद मैंने उनसे कहा कि आप भी अपने कपड़े उतार दें.. तो उन्होंने अपने सारे कपड़े उतार दिए और पूरी नंगी हो गई। में तो उनके बड़े बड़े बूब्स, गदराया हुआ बदन, पतली कमर, बड़ी सुंदर कामुक चूत और गांड को देखकर चकित हो गया। उनकी चूत एकदम गोरी बिना बालों वाली थी और वो बहुत दिनों से बिना चुदी हुई दिख रही थी और फिर मैंने उन्हे जल्दी से बेड पर लेटा दिया और उनके पूरे जिस्म को चूमने चाटने लगा.. उनके बूब्स को चाटने और उन्हे चूसने लगा। बूब्स को चूमते चूमते में उनकी चूत तक आ गया और उसको सूंघने लगा। उसके कुछ देर बाद मैंने उनके दोनों पैरों को फैलाकर उसमे अपनी जीभ को अंदर तक डालकर चाटना शुरू किया। तो चाची में मुहं से चीख निकल गई और वो सिसकियाँ लेने लगी और वो मेरे सर को अपनी चूत पर दबाकर.. अपने चूतड़ को उठा उठाकर चूत चटवा रही थी.. लेकिन मुझे लगा कि शायद यह सब उनके साथ पहली बार हो रहा था। फिर 10 मिनट चूत चाटने के बाद मैंने उनसे कहा कि अब मुझसे और बर्दाश्त नहीं होता। तो उन्होंने अपने दोनों पैरों को पूरी तरह से खोल दिया और अपने चूतड़ को थोड़ा सा जमीन से ऊपर उठा दिया और अब लंड को चूत में लेने के लिए एकदम तैयार हो गई। तो मैंने अपने लंड को एक हाथ से पकड़ा और उनकी चूत पर रखा और धीरे से एक धक्का दिया.. लेकिन लंड तो पहले से ही गीली चूत में फिसलकर अंदर घुस गया.. तो लंड के अंदर जाते ही मुझे एक अजीब सा अहसास होने लगा और मैंने धीरे धीरे झटके मारने शुरू किए और चाची भी मज़े की वजह से सिसकियाँ लेती रही और कहती रही कि हाँ और ज़ोर से चोदो मुझे हाँ और चोदो मुझे.. आज मेरी चूत की प्यास बुझा दो और ज़ोर से।
तो मैंने भी जोश में आकर झटके और तेज़ कर दिए और क़रीब 10-15 मिनट के बाद में उनकी चूत के अंदर ही झड़ गया.. लेकिन उन्होंने मुझसे कुछ नहीं कहा और में 3-4 मिनट तक उनके ऊपर ही लेटा रहा और वो मेरी कमर पर, मेरे पूरे शरीर पर हाथ घुमाती रही। फिर उसके बाद मैंने उन्हे होंठो पर किस किया और उठ गया और फिर हम दोनों एक साथ बाथरूम में जाकर नहाए और नहाने के बाद में फिर से गरम हो गया था और मेरा लंड तनकर खड़ा हो गया.. लेकिन इस बार मैंने उन्हे उल्टा लेटाया और उनके कूल्हों को बहुत जी भरकर प्यार किया और चूमा। फिर मैंने उनकी गांड को थोड़ा सा खोला तो उनकी गांड का छेद देखकर मेरी नियत खराब हो गई.. मैंने अपने लंड पर बहुत सारा तेल लगाया और थोड़ा सा उनकी गांड पर भी। फिर पहले तो वो गांड में लंड लेने से मना करती रही और कहती रही कि नहीं मैंने आज तक कभी भी गांड में लंड नहीं लिया और मुझे बहुत दर्द होगा.. लेकिन मैंने बहुत कहकर उसे तैयार कर ही लिया और अपना पूरा लंड उनकी गांड में उनको घोड़ी बना कर घुसा दिया। तो वो बहुत ज़ोर से चिल्लती रही.. लेकिन में मज़े से पागल हो गया था और जब तक उनकी गांड के अंदर झड़ ना गया तब तक उनकी गांड में ज़ोर ज़ोर से धक्के मारता रहा।
फिर कुछ देर बाद उन्हे भी मज़ा आने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी.. उन्होंने खुश होकर मेरी चुदाई के तरीके की बहुत तारीफ की और अब मुझे भी बहुत खुशी थी और मुझे अब झड़ने का एहसास हो रहा था और में उनकी गांड में ही झड़ गया और अगले दो दिन तक हम अलग अलग तरह से लगातार सेक्स करते रहे। उसके बाद भी में अब तक जब भी मौका मिलता है उनके साथ सेक्स करता हूँ और वो मेरी चुदाई से बहुत खुश है ।।
धन्यवाद …
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