तीन बच्चो की माँ को संतुष्ट किया
हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम सेंडी है, उम्र 22 साल और में चंडीगढ़ में रहता हूँ, मेरी हाईट 5 फुट 9 इंच है और रंग गोरा, सामान्य बॉडी है। में इस साईट का नियमित पाठक हूँ और में पिछले एक साल से इस साईट की सारी स्टोरी पढ़ रहा हूँ और आज में आपको अपनी एक रियल स्टोरी बताने जा रहा हूँ जो आज से कुछ साल पहले की बिल्कुल रियल स्टोरी है।
ये कहानी उस समय की है जब में IInd ईयर कर रहा था तो हमारे मौहल्ले में एक नई फेमिली रहने आई। उस फेमिली में 5 लोग थे अंकल, आंटी, और उनके तीन बच्चे, आंटी की उम्र करीब 30 साल और उनके पति की उम्र 40 साल के करीब थी और बच्चों की उम्र 7 साल, 5 साल, और 3 साल थी। जब उन्होंने शिफ्ट किया तो में आंटी को देखता ही रह गया। फिर में रोज सुबह शाम उनकी झलक पाने को तैयार रहता था। अंकल अक्सर अपने बिज़नस के लिए बाहर जाते रहते थे। फिर कुछ दिन के बाद जब में अपनी छत पर खड़ा आंटी को देख रहा था तो उसने मुझे नोटीस किया और मुझे देखकर हंस पड़ी तो दोस्तों हंसी तो फंसी आप जानते ही हो।
फिर धीरे-धीरे इशारे होने लगे और कुछ दिन ऐसे ही कट गये। फिर उसके बाद एक दिन मैंने इशारो में आंटी का फोन नम्बर माँगा तो उन्होंने एक स्लिप पर लिखकर मुझे बाहर फेंक दिया और उसके बाद हमारी फोन पर बात होने लगी। फिर वो दिन आया, जब आंटी ने मुझे बताया कि उनके पति कल टूर पर जा रहे है तो मैंने उनसे पूछा कि में आ जाऊं तो उन्होंने हाँ कहा और में खुशी से पागल हो गया। फिर में अगले दिन कंडोम लेकर रात होने का इंतज़ार करने लगा, फिर में रात के 11 बजे उनके घर गया और जल्दी से अंदर आते ही उन्होंने दरवाजा अन्दर से बंद किया। अब एक रूम में उनके बच्चे सो रहे थे तो फिर हम दूसरे रूम में चले गये। अब वहाँ जाते ही मैंने उन्हें पकड़ कर एक किस किया और फिर थोड़ी बातें हुई। जब आंटी ने नाइटी पहनी थी और नीचे कुछ नहीं पहना था, ना ब्रा और ना पेंटी, अब शायद वो पहले से ही चुदने के लिए तैयार थी और बातों-बातों में उन्होंने मुझे बताया कि उसका पति उसे संतुष्ट नहीं कर पाता है, इसलिए उसने काफ़ी सोचने के बाद मुझे यहाँ बुलाया है। फिर क्या था? मैंने भी उसे पकड़ कर किस करना शुरू किया और कहा कि आज के बाद में हूँ ना। फिर हम किस करते हुए एक दूसरे की ज़ुबान भी चाट रहे थे और साथ ही में उसकी नाइटी के ऊपर से कभी लेफ्ट तो कभी राईट बूब्स दबा रहा था।
अब आंटी मौन कर रही थी और फिर मैंने उसे पकड़ कर बेड पर लेटा दिया और साथ ही खुद भी लेटकर अपना एक हाथ उसके बूब्स पर और दूसरा हाथ उसकी चूत पर ले गया और रगड़ने लगा। अब 10 मिनट तक उसकी बॉडी मसाज करते हुए हम दोनों गर्म हो गये थे। फिर हम खड़े हो गये और एक दूसरे के कपड़े खोलने लगे। अब मेरा लंड जो कि 7 इंच लंबा और 3 इंच मोटा था, अपने पूरे रूप में आ चुका था। अब हम दोनों के नंगे होते ही में आंटी की चूत देखकर शॉक हो गया, उनकी चूत बिल्कुल क्लीन थी और बूब्स साईज़ 34 थी। अब आंटी ने मेरा लंड देखकर कहा कि क्या मस्त बड़ा और मोटा लंड है? में कब से ऐसा ही लंड चाहती थी। फिर क्या था? मैंने उन्हें लेटाकर किस करना शुरू किया और अब किस लिप से स्टार्ट होकर पूरे चेहरे से होते हुए में उनके बूब्स पर आया और एक हाथ से बूब्स को दबाते हुए दूसरे को चूसने लगा।
अब आंटी अहह अहह की आवाज़ करने लगी और कहने लगी और चूसो और चूसो। फिर में थोड़ा नीचे बढ़ा और उनकी नाभि और पेट पर किस करने लगा और साथ ही चूत रब करने लगा और साथ ही अपनी एक उंगली उनकी चूत के छेद में डालने लगा। अब आंटी की चूत पूरी गीली हो चुकी थी तो मेरी उंगली आसानी से अंदर जाने लगी। फिर मैंने अपनी दूसरी उंगली भी उनकी चूत में डाल दी। उसके बाद में आंटी को उंगली से पेलता रहाअ और अब आंटी ज़ोर से, ज़ोर से, आहह आहह की आवाज़ निकालती रही। फिर मैंने अपना मुँह आंटी की चूत पर लगा दिया और काटने लगा। अब में अपनी जीभ को उनकी चूत की गहराई में डालने लगा था। अब आंटी पागल सी होने लगी थी, चाटो और चाटो कहने लगी। फिर आंटी झड़ गयी और उनका सारा पानी मेरी आँखों के आगे निकल गया, फिर वो निढाल हो गयी। फिर में उठा और अपना लंड उनके हाथ में दे दिया तो अब वो उसे हिलाने लगी और आगे पीछे करने लगी।
अब मेरा लंड भी अपने पूरे उफान पर था। फिर मैंने उन्हें लंड चूसने को कहा तो आंटी ने मना कर दिया, लेकिन मेरे मनाने पर वो मान गयी और चूसने लगी। अब मेरा लंड अपने मुँह में लेते ही मेरा जोश और बढ़ने लगा और करीब 5 मिनट में ही मेरा निकलने लगा तो उन्होंने मेरा लंड अपने मुँह से निकाल कर मेरा सारा पानी अपने बूब्स पर गिरा लिया। फिर हम दोनों लेट गये और कुछ मिनट आराम करने के बाद आंटी ने मेरा लंड पकड़ कर हिलाना शुरू कर दिया। अब मेरा लंड फिर से जंग के लिए खड़ा हो गया था, अब में भी इस बीच आंटी की चूत में उंगली कर रहा था और साथ ही साथ बूब्स मसाज कर रहा था। फिर आंटी उठी और मेरे ऊपर आकर बैठ गयी और कहा कि अब मुझे चुदने का सुख दे दो और ये कहते ही मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत के छेद पर लगाकर धीरे-धीरे बैठने लगी।
अब उनकी चूत गीली होने की वजह से मेरा लंड आसानी से चूत में अंदर जाने लगा और आहह और सस्सिईईई की आवाज़ करते हुए आंटी ने मेरा पूरा लंड अंदर ले लिया। अब मेरा लंड उनकी बच्चे दानी को टच करने लगा था, फिर उन्होंने उछलना स्टार्ट कर दिया और मैंने भी उनकी कमर पकड़ कर नीचे से लय मिला दी। फिर धीरे-धीरे हम दोनों ने अपनी स्पीड बढ़ा दी। अब आंटी के बूब्स हवा में लहरा रहे थे और अब यह देखकर मुझसे रहा नहीं गया और मैंने आंटी को पकड़ कर नीचे पलट दिया। अब मैंने उनकी जाँघो के बीच में आकर उनके बूब्स पकड़ कर शॉट लगाने शुरू ही किए थे कि आंटी झड़ गयी और मुझे कस कर पकड़ के ढीली पड़ गयी, लेकिन में अभी काफ़ी दूर था, फिर में अपने शॉट एक ही स्पीड पर रखते हुए उन्हें किस करता हुआ उनके बूब्स मसल रहा था तो अब आंटी फिर से जोश में आ गयी थी।
फिर में उठा और उन्हें घोड़ी बनने को कहा तो वो जल्दी से घोड़ी बन गयी। फिर मैंने पीछे से उनकी चूत में लंड डाला तो वो हल्के दर्द के साथ मेरा साथ देने लगी। फिर करीब 5 मिनट और शॉट लगाते हुए मैंने अपना सारा पानी अंदर ही छोड़ दिया और मेरे साथ ही आंटी भी झड़ गयी। अब वो मेरे गर्म पानी को अंदर महसूस करके संतुष्ट हो गयी थी। फिर हम दोनों निढाल होकर एक दूसरे की बगल में लेट गये। फिर कुछ देर के बाद मुझे याद आया कि में कंडोम लेकर आया था तो जब मैंने उसे बताया तो उसने कहा कि कोई बात नहीं में आई-पिल ले लूँगी और जो मज़ा बिना कंडोम के है वो कंडोम में कहाँ और मुझे किस करने लगी। फिर उसके बाद मैंने उसे फिर एक बार चोदा और उसके बाद हमें जब भी मौका मिलता है तो हम चुदाई करते है। अब ये सिलसिला कई दिनों तक चलता रहा और फिर अचानक से वो वहाँ से चले गये। फिर कुछ दिन तक आंटी का फोन आया और फिर वो भी बंद हो गया ।।