मस्तानी भाभी
नमस्कार दोस्तो मेरा नाम मनीष है. मैं अपनी एक सच्ची कहानी आपको सुनाना चाहता हू. वैसे तोह मैं पेशे से इंजिनियर हू. और दिल्ही काम करता हू. मेरे भाई की शादी ३ साल पहेले हो चुकी थी. और वो दोनो कतर मे जॉब करते थे. पर मम्मी की तबीयत खराब होने के कारण भाभी को वापस इंडिया आना पड़ा. वैसे मेरे भाभी की भी आछी जॉब थी पर उन्हे आना पड़ा.
वैसे भाभी के अभी कोई बच्चा नही है क्यूकी दोनो अभी तक जॉब कर रहे थे. वैसे मेरी भाभी के बारे मे क्या कहु . भरा पूरा माल है वो. बदन भरा हुआ और दूध जैसे गोरी. भाई सच मे बहुत किस्मत वाले थे जो ऐसे माल मिली. वैसे मैं भाभी से ज़यादा बात नही करता था क्यूकी शादी के बाद ज़्यादा बात नही हुए थी और वो हनिमून के बाद सीधी ही कतर चले गये.
मैं हर वीक के शनिवार को घर आता हू और मंडे को ही वापस जाता हू. वैसे देवर भाभी के मज़ाक तो हमेशा चलते रहते है तो हमारे बीच भी ऐसा ही था. भाभी को मेरी गर्लफ्रेंड के बारे मे भी पता था.
बात २ सप्ताह पहेले की है जब मम्मी पापा शादी मे गये थे. वैसे भाभी को भी जाना था पेर उनकी तबीयत कारण होने के कारण वो नही जा पाई और मुझे घर रुकना पड़ा.हमने जल्दी रात का खाना का लिया. भाभी सोने चली गयी. उनको सिर मे दर्द था.
मैं थोड़ी देर तक टीवी देखता रहा फिर मैं हमेशा की तरह नेहा ( मेरी गर्लफ्रेंड) से बात करने लगा. और मैं उससे थोड़ी मस्ती भरी बाते करने लगा. पर थोड़ी देर बाद मैने गौर किया तो भाभी पीछे खडी थी. क्या लग रही थी वो. उन्होने पीले रंग की ढीली सा टॉप पहेना था. और काले रंग का एक लोवर पहेन रखा था. उनके मम्मे टॉप से मस्त लटक रहे थे. मन कर रहा था की टॉप फाड़ कर मम्मे मूह मे ले लू.
मैने फ्टाक से फोन काटा और भाभी से पूछा की क्या हुआ. वो मुझे देख कर हस रही थी और उन्होने मुझ से मज़ाक में कहा की फोन पे ही उसको मा मत बना देना. मैने भी मज़ाक मे कहा अगर कहने से मा बनने लगते तो आपको सबसे पहेले मा बना देता.
इतना कहने पर वो हस दी और कहा की बना दो मा. मुझे लगा की वो मज़ाक कर रही है क्यूकी मैं और भाभी हमेशा मज़ाक करते रहते थे.
उन्होने कहा की उन्हे नींद नही आ रही तो मैं उनके साथ मूवी देखु . मैने कहा की भाभी इसी टाइम मैं थोड़ी मस्ती करता हू पर आपके लिए सब कुर्बान. ये सुन कर वो ज़ोर ज़ोर से हसने लगी.
अब मुझे पहेले बार लगा की शायद भाभी के साथ कुछ चान्स है. मैने “दा अमेरिकन” मूवी लगा दी. अब मैं और भाभी एक सोफे पर बैठे थे. मैने उनके कंधे पर हाथ रख रखा था. थोड़ी देर मे वो मेरे बिल्कुल करीब आ गयी और मेरा हाथ उनके दूसरी तरफ के हाथ पर था. थोड़ी देर बाद एक सेक्स सीन आया. मैने हटाने के लिए रिमोट उठाया तो भाभी ने हस कर कहा की करने को तो मिलता नही है कम से कम देकने तो दो. मैं थोड़ा शर्मा गया.
आचनक उन्होने अपना हाथ आगे किया तोह मेरा हाथ उनके बोबे पर आ गया. पहेले तोह मैं घबरा गया की भाभी क्या सोचेगी पर भाभी ने कुछ नही कहा. मैने हाथ तोह बोबे पेर रखा था पर और कुछ नही किया. थोड़ी देर मे मेरी हिम्मत बढ़ी और मैं उनके मम्मो को हौले हौले सहलाने लगा.
क्या बड़े बूब्स थे उनके मेरे हाथ मे भी नही आ रहे थे. उनके बूब्स दबा कर मैं तो जैसे जन्नत मे आ गया. सच मे इतने मोटे बूब्स. मन कर रहा था की दोनो कबूतर आज़ाद कर दू. उन्होने अब तक कुछ नही कहा था.
मेरी हिम्मत थोड़ी और बड़ी और उनके दूसरे मम्मे को भी अपने दूसेरा हाथ मे ले लिया. अब उन्होने थोड़ा मना करना चाहा तो मैने अनसुना कर दिया. अब मैने ज़ोर से बूब्स दबाना शुरू कर दिया. अब वो मुह से आहे निकाल रही थी. अब मैने उनसे कहा की मैं उन्हे मा बनाना चाहता हू. उन्होने मुझ से मना कर दिया. पर मेरा लॅंड तो कुछ मानने को तय्यार नही था.
मैने उन्हे अपने हाथो मे जकड लिया. और मैने उन्न्हे चूमना शुरू कर दिया . अब वो भी मेरा साथ दे रही थी. मैने टॉप के अंदर हाथ दल दिया. और ढंग से दबाने लगा. मुझे जान कर बहुत आजीब लगा की उन्होने ब्रा नही पहेने थी. तभी उनके बूब्स इतने मस्त लग रहे थे . मैने धीरे धीरे उनके टॉप को उपर किया और मम्मे मूह मे ले लिया. भाभी अब मूह से आवाज़ निकल रही थी. आहह उहह ….. क्या निप्पल थे गुलाबी गुलाबी . वो बिल्कुल तने हुए थे. मैने उनके निप्पल चूसने लगा और बीच बीच मे निप्पल को काटा . अब वो और अग्रेसिवे हो गयी थी.
मैने धीरे धीरे लोवर मे हाथ डाल दिया . और उनकी चूत मे उंगली करने लगा. उनकी चूत गीली हो चुकी थी शायद उन्हे भी मज़ा आ रहा था. गीली चूत मे अंगुली डाल कर अलग ही मज़ा आ रहा था. मैने टॉप थोड़ा नीचे किया और भाभी की चूत को निहारने लगा. चूत मे हाथ डालना भाभी को भी भा रहा था.
थोड़ी देर बाद मैने लोवर और टॉप उतार दिया. मा कसम ऐसी बला कभी नही देखी थी . बिना कपड़ो के भाभी क्या लग रही थी. मैं उनको ५ मिनिट तक उन्हे देखता रहा. उनकी नज़र नीची थी शायद उन्हे शरम आ रही थी.
अब भाभी मेरे लॅंड को लोवर के बाहर से सहलाने लगी. अब मैने अपना नाग(लॅंड) अपने बिल से निकाला. मेरा लॅंड देख कर भाभी पागल हो गयी. वैसे मेरा लॅंड 7 इंच लंबा और ३ इंच मोटा है. वो मेरे लॅंड को ऐसे पी रही थी जैसे वो कोई कोल्ड ड्रिंक की बोतल हो. भाभी मेरे लॅंड को बुरी तरह चूस रही थी. अब वो मूठ मार के दे रही थी.मैने अपना माल उनके मूह मे डाल दिया. और वो सारा का सारा माल पी गयी.
अब मैने भाभी के चूत को चाटना शुरू किया. क्या गुलाबी चूत थी. पर उनकी चूत ढीली थी. हो भी कैसे ना भाई ने ३ साल ड्रिलिंग की थी. मैने अपने लॅंड को उनके चूत पेर घीसना शुरू किया. वो मस्त मस्त आवाज़ निकल रही थी. अब मैने लॅंड को चूत के दरवाजे पे लगा दिया और ज़ोर से धक्का मारा और मेरा लॅंड उनकी चूत मे विसरजित हो गया . अब मैने तेज धक्के लगाना शुरू कर दिया. अब उनको भी मज़ा आने लगा.
मैने 10 मिनिट तक उनकी चूत फाडी . बाद मे झड़ गया. भाभी ने माल चूत मे ना डाल कर मूह मे डालने को कहा . शायद उन्हे मा बनने का डर था. उस दिन मैने २ बार और भाभी की छूट फाडी.
अब हम जब भी मौका मील्ता है तब भाभी की सेवा करता हू.
उम्मीद करता हू मेरी ये कहानी पसंद आई होगी.