मेने आज तक इस मजेदार लंड कभी नहीं देखा चूत को फाड् दिया
हाय दोस्तों यह बात तब की है जब में स्कूल में पढ़ता था मेरी उम्र होगी यही कोई 19 साल तब तक मुझे इन सब चीज़ों का इतना पता नहीं था में पंजाब के एक छोटे से गावं का रहने वाला हूँ, नाम है रविश कद 5’10″ बॉडी से एकदम मजबूत और फिट एक दिन मुझे किसी काम से अपने पड़ोस में जाना पड़ा जब में उनकी सीढ़ियाँ चढ़ता हुआ उपर पहुँचा तो मेने उनको पुकारा पर कोई आवाज़ नहीं आई घर काफ़ी बड़ा था.
में अंदर चला गया की शायद अंदर कोई होगा अंदर गया तो देखा की एक खिड़की से कुछ अजीब ही नज़ारा देखने को मिला कमरे में आंटी घोड़ी बनी हुई थी और उनका पति अपने 6 इंच के लंड से उन्हे धीरे धीरे चोद रहा था ये दोपहर की बात है टाइम होगा कोई 2 बजे का मेने ये काम पहली बार देखा था में वहा से चलने को हुआ पर मन किया एक बार और देख लूँ में खिड़की के पास खड़ा हो कर देखने लगा आंटी भी बहुत सुन्दर हैं और उनका शरीर तो ऐसा है की देखने वाला एक मिनिट में पानी छोड़ दे.
जब वो पानी लाने या किसी और काम से घर से बाहर निकलती हैं तो गली के सभी लड़के और आदमी उन्ही को देखते है उनकी विशेषता उनके चूतड़ हैं उनकी चूचीयां ना तो ज़्यादा मोटी हैं और नही ज़्यादा छोटी हाँ तो मेने देखा की अंकल ने लंड बाहर निकाल लिया था और कुछ बोल रहे थे. मेने ध्यान से सुना. आंटी कह रही थी मेंने आपको इतनी बार कह दिया आप सुन लिया करो कभी.
तो अंकल बोले की नहीं वो मुझसे नहीं होगा और वो ग़लत भी है आंटी को गुस्सा आ गया आंटी बोली इसमें क्या ग़लत है में क्या किसी और से कह रही हूँ की अपना ये लंड मेरे चूतडो में भी डाल दिया करो जब मेरा मन करता है गांड में लंड डलवाने का तो में तो तेरे को ही कहूँगी ना अंकल को भी गुस्सा आ गया और उन्होने बिना पानी छोड़े ही कपड़े पहन लिये.
अब मुझे लगा अब मुझे कुछ आवाज़ करनी चाहिये ताकि उनको लगे की में अभी आया हूँ में वापस गेट पर गया और आवाज़ लगाई आंटी जी अंदर से आवाज़ आई “अभी आती हूँ”आंटी ने काला सूट पहना हुआ था और पटियाला सलवार में उनकी गांड अलग ही दिख रही थी मेरा मन किया की अभी उनको घोड़ी बना कर उनकी इच्छा पूरी कर दूं.
में उनको बताना चाहता था की में उनकी गांड का ही दीवाना हूँ मेने उनको वो काम बताया जो मम्मी ने मुझे बोला था और में चला गया उसके बाद पूरा दिन मेरी आँखो के सामने मनीषा आंटी के गोरे-गोरे बड़े चूतड़ घूम रहे थे मेरा लंड इस बात को सोच कर ही खड़ा हो जाता थी की उनको गांड मरवानी है और कोई मार नही रहा है मेने सोच लिया की में कोशिश ज़रूर करूँगा और में तलाश में रहने लगा की कब मौका मिले.
संयोग से उसी दिन रात को करीब 1 बजे में पेशाब करने के लिये उठा उनका पूरा आँगन हमारे घर की छत से साफ साफ दिखता है. मेने देखा वो सीढ़ियों से नीचे आ रही हैं में छुप कर देखने लगा उन्होने आँगन में आकर इधर उधर देखा और अपनी सलवार का नाडा खोल कर पेशाब करने बैठ गई मेरा लंड तो बेकाबू हो रहा था में चाहता था की वो एक बार मुझे देख ले में उसे देखता रहा तभी में जानबुझ कर रोशनी में आ गया ताकि उसको पता चल जाये की में उसके नंगे चूतड़ देख रहा हूँ उसने मुझे देखा और जल्दी से उठ गई नाडा बाँधते हुये उसने मेरी तरफ देखा और एक बार उपर देख कर फिर मुझे देखने लगी मेने ऐसा शो किया जैसे मेरा ध्यान उसकी तरफ नहीं है.
मेरा लंड 9 इंच का और 3 इंच मोटा हो गया था मेने जानबूझ कर खड़े खड़े ही लंड बाहर निकाला और पेशाब करने की एक्टिंग करने लगा में लाइट में खड़ा था और मुझे पता था की वो मेरा लंड देख रही है में उसे तिरछी नजरो से देख रहा था फिर उसने दूसरी तरफ मुँह करके और गांड मेरी तरफ करके दुबारा नाडा खोल दिया और हल्के से खाँसते हुये बैठ गई.
मैं ध्यान से उसे देखने लगा उसके चूतडो को देख कर में वहीं खड़ा खड़ा मूठ मारने लगा मेरे बदन में आग लगी हुई थी में ज़ोर ज़ोर से मूठ मार रहा था तभी वो आगे की और झुकती हुई खड़ी हो गई अभी तक उसकी सलवार नीचे ही थी में मस्ती में लंड को आगे पीछे कर रहा था अचानक उसने मुझे देख लिया और ऐसा नाटक किया की उसने मुझे अभी देखा है तब उसने आराम से अपनी सलवार का नाडा बाँध लिया.
आँगन को पार करके एक कमरा है जिसमे उनके जानवरों का कुछ भूसा और आनाज़ रखा रहता है उस कमरे के दरवाजे के बाहर वो खड़ी हो गई और मेरी और देखने लगी अब की बार में भी उसी को देख रहा था मेरा मन वहा जाने को कर रहा था पर हिम्मत नहीं हो रही थी वो अंदर चली गई में वहीं खड़ा रहा उसने अंदर का बल्ब बंद कर दिया मेने सोचा अभी नहीं गया तो फिर कभी नहीं जा पाउंगा और में नीचे आ गया अब मुझे उनकी और अपने घर की दीवार फाँदनी थी मेने इधर उधर देखा और दीवार पर चड कर उनकी साइड में धीरे से उतर गया.
में बड़ी सावधानी से चलता हुआ कमरे तक पहुँचा फिर हिम्मत करके अंदर घुस गया वो दरवाजे के पास ही खड़ी थी मेरे अंदर जाते ही उसने दरवाजा धीरे से अंदर से बंद कर लिया फिर उसने मुझे पकड़ लिया और तेज़ तेज़ साँसे लेते हुये धीरे से कहा की “क्या देख रहे थे मेने हिम्मत करके जवाब दिया” आप दुनिया की सबसे सेक्सी औरत हो जिसे मेने देखा अंधेरा होने के कारण वो बिना किसी झिझक के बोल रही थी,” क्यों मुझमे ऐसा क्या है मेने कहा आप की पिछली साइड ने मुझे दीवाना बना दिया है जब आप चलती हो तो मन करता है की में कहते कहते रुक गया उसने कहा रूको मत और ना ही शरमाओ साफ साफ कहो क्या कह रहे थे तुम मेने कहा मुझे आपकी गांड बहुत अच्छी लगती है वो बोली अब तो तुमने इसे नंगा देख लिया है अब क्या चाहते हो.
मेने थोड़ा अटकते हुये कहा में इसे छूना चाहता हूँ उसने झट से मेरा हाथ पकड़ कर अपने पीछे लगा लिया तब मुझे पता चला की उसने अंधेरे में सलवार उतार दी थी और उसका बदन बहुत ज़्यादा गर्म लग रहा था मेरा लंड तो पहले से ही खड़ा था अब तो उसे काबू करना मेरे बस से बाहर हो गया.
उसने मेरा लंड हाथ में पकड़ लिया और उसे ज़ोर से मसलते हुये बोली मुझे गांड मरवाना बहुत ज़्यादा पसंद है पर तुम्हारा लंड देख कर अब मुझसे रहा नहीं जा रहा वो नीचे बैठ गई और मेरा 9 इंच का लंड मुँह में ले कर चूसने लगी फिर उसने थोड़ा रुकते हुये बताया की शादी से पहले कैसे उसके चाचा ने केवल उसकी गांड की चुदाई ही इतनी बार की है की तब से उसे केवल गांड मरवाने का ही मन करता रहता है पर मेरे पति तो मेरी सुनते ही नही हैं मनीषा आंटी मेरा लंड चूस रही थी मेने कहा लाइट जला देता हूँ उसने पहले तो मना किया पर फिर कुछ सोचते हुये खुद ने ही लाइट जला दी उसका बदन लाइट से जगमगा उठा था.
उसका मुँह दीवार की तरफ था और गांड बाहर की तरफ निकली हुई मुझे बुला रही थी में तो एकदम पागल हो गया मेने कहा तेरे चूतड़ देख कर तो मेरा लंड ऐसे ही पानी छोड़ने वाला है जल्दी से कुछ लगाने का दे उसने पास की अलमारी से सरसों का थोड़ा तेल मेरे लंड पर और थोड़ा अपनी गांड पर लगा लिया अब रास्ता साफ था मेने उसको एक बार अपनी मस्त चाल में चलने को कहा वो मेरे सामने अपनी कमर को मटकाती हुई चलने लगी अब मुझसे रहा नहीं गया मेने दौड़ कर उसे पकड़ लिया और अपना लंड उसके चूतडो के बीच में रगड़ने लगा वो आहें भरने लगी मेने उसे आगे झुका दिया और घोड़ी बनने को कहा जैसे ही वो झुकी उसकी चूत बाहर को निकल गई उसके इस पोज़ को देख कर तो प्रोफेशनल रंडी भी शर्मा जाये.
अब रुकना मुश्किल था मेने अपना लंड उसके पीछे सटा दिया तेल में चिकना होने के कारण लंड फिसल कर उसकी चूत में घुस गया मुझे इतना अच्छा लगा की जैसे स्वर्ग मिल गया हो उसने कहा बाहर निकालो और पहले मेरी गांड की खुजली मिटाओ फिर चाहे जो कर लेना उसने मेरा लंड पकड़ कर बाहर निकाला और अपने चूतंडो के ठीक बीच में डाल लिया अब उसने अपना सारा वजन लंड पर डाल दिया जिससे मेरा लम्बा लंड उसकी गांड में पूरा चला गया वो हाँफने लगी और बोली इतना मज़ा उसे कभी भी नहीं आया था अब उसने मुझसे कहा की में उसे जितनी बुरी तरह से चोदना चाहूं चोद सकता हूँ मेने धक्के लगाने शुरू किये फूच फूच की आवाज़ आने लगी में पूरा लंड बाहर निकालता फिर अंदर डाल देता मुझे ऐसा करने में बहुत ज़्यादा मज़ा आ रहा था.
उसने अपनी आँखे बंद की हुई थी और मज़े में बड़बड़ा रही थी,” आज मेरे गोरे चूतड़ अपने लंड के पानी से पूरे भर दे मेरे भतीजे मेने कहा आंटी तेरे चूतड़ में सारा माल छोड़ दूँगा उसने कहा ज़ोर से चोद डाल आज अपनी भूख मिटा ले अब से रोज़ रात को मेरी गांड मार लिया कर अब मुझे लगा मेरा पानी निकलने वाला है मेने मशीन की तरह से चोदना शुरू कर दिया उसने कहा अंदर ही भर दे मेने उसे उल्टे मुँह लेटा लिया और उसके उपर लेट गया.
मेने उसे 20 मिनिट तक ज़ोर ज़ोर से चोदा उसकी चूत से पानी बह रहा था मेरा लंड जब पानी छोड़ने लगा तो मेने उसे अंदर तक डाल दिया जब में कुछ शांत हुआ तो मेने लंड बाहर निकालना चाहा तो उसने अपने चूतडो को भींच लिया और कहा की वादा करो इतना ही मज़ा मुझे रोज़ या जब भी में कहूँगी दोगे मेने कहा मनीषा आंटी मेरी तो लॉटरी निकल गई आपकी गांड मार के.
फिर में उठा और सावधानी से बाहर निकल गया ये सिलसिला कई दिनो तक चला और जितनी बार में उसे चोदता उतना ही मेरा मन उसकी गांड मारने को करता था तब में मोका ढूढता था की कैसे उसकी नरम और गर्म गांड में अपना लंड डाल कर हिलाऊँ और अपना उबलता हुआ पानी कैसे उसके चूतडो में उडेल दूं मेरे दिमाग़ पर वो ही छाई रहती थी एक दिन उसने बताया की वो लोग शहर में शिफ्ट हो रहे हैं और उसने कहा की वो मुझे बहुत मिस करेगी उसने कहा की उसने आज तक मेरे लंड जैसा लंड नहीं देखा है और उसने ये भी बताया की जितना मन मेरा उसे चोदने का करता है उससे कहीं ज़्यादा उसका मन मुझसे चूदने का करता है उस दिन उसने मुझसे अपनी चूत की भी खूब चुदाई कराई अगले दिन वो लोग चले गये और में अकेला गावं में रह गया.
Hindi sex story, Hindi Font Sex story, Hindi sex Stories, Chudai Ki kahani, Kamukta.com, Hot Hindi sex kahaniya, Antravasna.com
एक महीना बीत गया एक दिन अंकल गावं आये हुये थे उन्होने बताया की हम सबको हमारे एक रिश्तेदार के यहाँ शादी में जाना पड़ेगा और उसने मुझसे ट्रेन की टिकिट करने को कहा मेने इंटरनेट पर चेक किया और उन्हे फ़ोन पर बताया की एक भी टिकिट नहीं मिल रही है अब क्या किया जा सकता था जाना तो ज़रूरी है और लंबा सफ़र है उन्होने कहा की देखी जायेगी हम सब जनरल डिब्बे में ही चलेंगे और स्टेशन से ही टिकिट ले लेंगे जब मुझे पता चला मनीषा आंटी भी आ रही है तो मेरा मन खिल उठा दो दिन बाद सब लोग स्टेशन पर पहुँच गये 10 मिनिट के बाद ट्रेन आती हुई दिखाई दी ट्रेन में इतनी भीड़ थी की लोग छत पर भी बैठे हुये थे भीड़ को देख कर सब घबराने लगे.
जब ट्रेन रुकी तो अंकल ने कहा जिसको जहाँ जगह मिलती है चड जाये अंदर जा कर सब एड्जस्ट हो जायेगे में इसी मौके की तलाश में था जिस खिड़की से सब घरवाले चढ़ रहे थे में और मनीषा उसके पिछले दरवाजे की तरफ चल पड़े और चढ़ने की कोशिश करने लगे कई दिन से मेने किसी को चोदा नहीं था और आंटी के एकदम पीछे सट कर खड़ा होने की वजह से मेरा लंड एकदम टाइट हो चुका था.
उस खिड़की में कई औरतें आंटी से पहले चढ़ रही थी किसी तरह हम भी चढ़ गये भीड़ इतनी ज़्यादा थी की हम से सीधा खड़ा भी नहीं हुआ जा रहा था हम अपने हाथ तक नीचे नहीं कर सकते थे सर्दियों के दिन थे और में मनीषा आंटी से एकदम सट कर खड़ा था मेरा लंड मनीषा के चूतडो की दरार में फँसा हुआ था मुझे बहुत मीठी मीठी गुदगुदी हो रही थी और ये ट्रेन भी एक्सप्रेस थी यहाँ से चलने के बाद दो घंटे तक कोई स्टेशन नहीं था मेरा लंड पेंट में आगे की तरफ खड़ा होने की वजह से दर्द होने लगा था.
मेने धीरे से मनीषा से कहा की लंड दर्द होने लगा है उसने हल्के से मेरे कान में कहा की मेरा सूट थोड़ा सा उपर करोगे तो रास्ता मिल सकता है में समझ गया की वो क्या कह रही है मेने किसी तरह से अपना एक हाथ नीचे किया और अपनी पेंट की ज़िप खोल कर लंड बाहर निकाल दिया मेने चारो तरफ देखा तो सब अपने अपने काम में व्यस्त थे किसी का ध्यान भी हमारी तरफ नहीं था अब मेने मनीषा का सूट थोडा सा उपर किया और लंड चूतडो के बीच में डाल कर खड़ा हो गया जब मुझे ऐसे ही खड़े खड़े 10 मिनिट हो गये तो मनीषा ने कहा सलवार नीचे से थोड़ी फटी हुई है मेने जानबुझ कर फाड़ी थी और गांड में तेल भी लग़ा रखा है जल्दी से अंदर डाल दे अब तडपा मत अपनी गोरी गांड को.
में खुश हो गया और इधर उधर देखते हुये लंड को उसकी सलवार के छेद में डालने की कोशिश करने लगा एक मिनिट के बाद लंड उसकी नंगी गांड के छेद पर रखा हुआ था उसने कहा की अब डाल भी दे मेरे लोग इसको मेरे अंदर अब में हल्का सा आगे हुआ और वो पीछे धक्का दे रही थी तेल की चिकनाई के कारण पूरा लंड उसके चूतडो में सरसराते हुये घुस गया.
उसने कहा मुझे ज़ोर से पकड़ कर खड़े हो जाओ मेरा पानी निकलने वाला है मेने कहा थोड़ा कंट्रोल करो मेरी जान मेरा पूरा लंड उसकी गांड के अंदर था और उसके नरम नरम चूतड़ मेरी जांघो को रग़ड रहे थे उसका इस तरह से चुदना मुझे और गर्म कर रहा था में अपने आपको रोक नहीं पा रहा था और मेने उसे धीरे धीरे चोदना जारी रखा.
तभी एक लड़की जिसकी उम्र कोई 26 साल की होगी और उसका फिगर लगभग मनीषा जैसा ही था मेरे पीछे सट कर खड़ी हो गई और धीरे से मेरे कान में बोली “छोरे बहुत मज़े ले रहा है उसकी चूची मेरी पीठ से लगी थी और वो काफ़ी देर से हमारी चुदाई देख रही थी उसने कहा अब बहुत हुआ एक बार अपना लंड पूरा बाहर निकाल ले ताकि में उसे देख सकूँ उसने ये भी बताया की मनीषा की गांड भी उसकी गांड जैसी ही है और उसके बड़े होने का राज़ बड़े बड़े लंड खाना ही है.
उसने मेरे कुछ समझने से पहले ही मेरा लंड मनीषा की गांड से बाहर खींचना चाहा और जगह ना होने की वजह से मनीषा की गांड भी साथ ही आ रही थी उसने कहा उसे बहुत चोद चुके हो अब मुझे चोद मेरी चूत और गांड को फाड़ डालो मेने देखा वो बहुत सुन्दर और सेक्सी लड़की थी मेने कुछ सोचते हुये कहा ठीक है तुम मेरे आगे आ जाओ और मेने मनीषा से कहा की वो थोड़ी देर मेरी साइड में आने की कोशिश करे तो वो मान गई और काफ़ी दिक्कतों के बाद वो अजनबी लड़की जिसका में नाम तक नहीं जानता था मेरे आगे आ कर खड़ी हो गई.
मेने अपना लंड जो अभी भी तेल के कारण चिकना था उसके चूतडो में डालने की कोशिश शुरू कर दी उसने कहा सलवार को थोड़ा सा फाड़ना पड़ेगा साथ ही खड़ी मनीषा ने ये काम कर दिया दो मिनिट के बाद मेरा लंड पूरा उसकी गांड में था उसने बताया की उसकी सारी थकान मिट गई है और उसका मन ज़ोर ज़ोर से चुदवाने का हो रहा था संयोग से वो भी वहीं जा रही थी जहाँ हम जा रहे थे उसने अपना नाम सीमा बताया ओर आगे पीछे होने लगी थोड़ी देर बाद उसने कहा की मेरी चूत को अगर चोद दो तो मज़ा आ जाये मैने कहा लंड तुम्हारे ही एक छेद में है उसे खुद दूसरे छेद में डाल लो उसने करने की कोशिश की पर उसकी लम्बाई मुझसे कम होने की वजह लंड चूत में जा नहीं रहा था.
उसकी इस रगड़ाई के कारण मेरा पानी छूटने वाला था मेने उसे कहा की अपनी गांड में जल्दी से डाल लो में छोड़ने वाला हूँ उसने अपने नरम हाथ से मेरी मूठ मारी और जब निकलने लगा तो अपनी गांड में 2 इंच तक अंदर डाल लिया मेरा बहुत ज़्यादा माल निकला और उसके चूतडो से होता हुआ सलवार को गीला करने लगा.
उसने कहा में ये सारा माल अपनी चूत में चाहती हूँ मेने उसका फ़ोन नम्बर लिया और अपना उसे दे दिया तब तक स्टेशन आ गया था आंटी ने अपने कपड़े ठीक किये और हम उतरने लगे बार बार मेरा लंड मनीषा को छू रहा था और फिर से खड़ा हो गया हम किसी तरह शादी में पहुँचे और प्रोग्राम अटेंड किया उस रात मेने आंटी को उसी की खाट पर तीन बार बुरी तरह से चोदा ओर तीनो बार पानी उसकी चूत में छोड़ा. दोस्तों ये कहानी बस यहाँ पर समाप्त होती है, अगर आपको अच्छी लगी हो तो इसे शेयर जरूर करना. आपके रेस्पोंस के बाद आगे की कहानी लिखूंगा.
और कहानिया
- Padsos Ki Ladki Ki Mast Chudai Uske Ghar Me
Ye story mere pados me rehne wali ek ladki ki h uska figure aaisa h k dekhte hi ... - मेरी प्यासी चूत और पडोसी का जवान लड़का
प्रेषिका : रूचि शाक्या मै रूचि हूँ घर में बैठे बैठे बोरिंग लगती है तो मस्तारा... - मेमसाब की बालों वाली चूत की खतरनाक चुदाई
Memsaab ki balon wali chut ki khatarnak chudai: हेल्लो मेरे साथियों केसे है आ... - करनाल की हाई प्रोफाइल भाभी की चूत और गांड मारी पैसे लेकर
मैं मिंटू हरियाणा से हूँ, उम्र 28 साल, लंड साढ़े 6 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है, अच्...