चाचा ने मेरी सील बंद चूत खोल दी

 
loading...

मैं 26 साल की हूँ और अपने अंकल आंटी के साथ इस छोटे से गाव में रहती हूँ. मेरे माता पिता एक हादसे में मारे गये जब में ९ साल की थी. हमारे परिवार मेरे अंकल आंटी के अलावा और कोई करीब का रिश्तेदार नही था. शुरू में मुझे गाव के माहौल में सेट  होने में तकलीफ़ हुई पर समय के साथ मेने समझौता कर लिया. में बचपन में शहर में एक अच्छे फ्लॅट में पली बढ़ी थी, किंतु अचानक गाव के माहौल में आना एक मानसिक तकलीफ़ का दौर था. यहाँ गाव में ना तो टीवी था, ना ही कोई मोबाइल फोन और ना ही गली के नुक्कड़ पर कॉफी हाउस जहाँ में दोस्तों के साथ समय बिताया करती थी. मेरा ज़्यादा तर समय अंकल के साथ खेतों पे गुज़रता था और जानवरों को चारा देने में. जब आंटी मलेरिया की वजह से आंटी ज़्यादा बीमार पड़ी तो खेतों की सारी ज़िम्मेदारी मुझ पर आ पड़ी. घर में और कोई औरत ना होने की वजह से खाना मुझे ही बनाना पड़ता था. में अक्सर अंकल की आंटी को खाना खिलाने में और उनके और दूसरे कामों में मदद किया करती थी. और इन सब कामों में इतनी देर हो जाती थी कि में अक्सर रात के 1.00 के बाद ही सोने जा पाती. दिन भर के काम में शरीर इतना मैला हो जाता था की में रोज़ नहाने के बाद ही सोने जाती थी. एक रात करीब 1.00 के बाद में नहा कर बाहर निकली तो देखा की अंकल अपने कमरे से बाहर आ रहे थे, “सब ठीक है ना अंकल?’” मेने उनसे पूछा. “वैसे तो सब ठीक है पर पता नही क्यों आज नींद नही आ रही है अंकल ने खुद के लिए एक ग्लास पानी भरते हुए कहा. “क्या में कुछ आपके लिए कर सकती हू?” अपने गीले बालो को पोंछते हुए मेने पूछा. उस समय चाचजी ने मुझे ऐसी निगाहों से देखा जो में पहले कभी किसी मर्द में नही देखी थी. “तुम्हे पता है की तुम्हारी आंटी के साथ शादी हुए 25 साल हो गये है. हमारी कोई औलाद भी नही है. और जब दो लोग इतने साल साथ साथ रहते हैं तो आपस में एक कमी सी आनी शुरू हो जाती है.मैने अपना घुटनो तक वाला गाउन पहन रखा था. मेरे बॉल गीले थे और में अपनी टाँगो को एक दूसरे पे चढ़ा अंकल के सामने बैठी उनकी बात सुन रही थी. “खैर, सीमा अब तुम कोई एक नादान बच्ची नही हो. और जो मैं तुमसे कहने जा रहा हूँ मुझे लगता है कि मैं तुमसे किसी भी बिना हिचक के कह सकता हूँ अंकल ने कहा. “अंकल आप जानते है की आप मुझसे कुछ भी कह सकते है.मैने जवाब दिया. अंकल उठे और मेरे पास आकर बैठ गये. “हर इंसान की उसकी ज़रूरतें होती है?? और मुझ जैसे इंसान की?????. तुम समझ रही हो ना में क्या कहना चाहता हूँ?” उन्होने पूछा. पहले तो में कुछ समझी नही फिर सोचने के बाद जब मुझे समझ आया तो मेरे बदन में एक सिरहन सी दौड़ गयी, “हाँ अंकल कुछ कुछ में समझती हूँ” मेने जवाब दिया. अंकल मुस्कुराए और उठ कर कमरे के पर्दे खींच दिए, “में जानता हूँ तुम एक समझदार लड़की हो, मेरी बातों को ज़रूर समझ जाओगी. अचानक मेने महसूस किया कि कमरे में काफ़ी अंधेरा हो गया था, सिर्फ़ हल्की सी रोशनी कमरे के रोशनदन से अंदर आ रही थी.आप लोग मेरी ये कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रही है |  “सीमा अपना गाउन मेरे लिए उतार दो प्लीज़,” अंकल ने उत्तेजित आवाज़ में कहा. पहले तो मेरी समझ में नही आया की में क्या करूँ और क्या कहूँ? अंकल की बात सुनकर में चोंक गयी थी, फिर मेने अपने काँपते हाथों से अपने गाउन के बटन खोल दिए जिससे मेरी चुचियाँ नंगी हो मेरी सांसो के साथ उठ बैठ रही थी. “ओह सीमा तुम वाकई में बहुत सुंदर हो, और तुम्हारी चुचियाँ तो सही में भारी भारी हैं और अंकल मेरी चुचियों को घूरते हुए बोले. पता नही मेने किस उन्माद में अपना गाउन कंधों पर से सरका अपने पीछे कुर्सी पर गिर जाने दिया. जैसे ही गाउन मेरी पीठ को सहलाता हुआ पीछे को गिरा मेरे शरीर में एक सिरहन सी दौड़ गयी. “खड़ी होकर मेरे पास आओ? में तुम्हारे बदन को छूना चाहता हूँ अंकल ने कहा. में बिना हिचकिचाते हुए चार कदम बढ़ अंकल के सामने खड़ी हो गयी. कमरे में आती हुई हल्की रोशनी की परछाईं में मेने देखा की उनका हाथ आगे बढ़ रहा था. मेने उनके हाथों की गर्मी को अपनी चुचियों पर महसूस किया, उनकी उंगलियाँ मेरे खड़े निपल से खेल रही थी. “ओह सीमा तुम कितनी सुंदर और सेक्सी हो, आज कई सालों के बाद मेरा लंड इस तरह तन रहा है.ऊन्होने मेरी चुचियों को मसालते हुए कहा. पता नही अंकल के हाथों मे क्या जादू था की मेरे शरीर में एक उन्माद की लहर बह गयी. मेरी चूत पूरी गीली हो चुकी थी. में चुप चाप नज़रे झुकाए अंकल के सामने खड़ी थी इस सोच में कि अंकल आगे क्या करते है. उसी समय मेने उनके बदन की गर्मी को अपने नज़दीक महसूस किया. उनकी एक उंगली मेरी चूत में घुस चुकी थी. “ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह आआज़ तक ममुझे यहाँ किसी ने नही छुआ और.मैने ज़ोर से सिसकी. अंकल ने अपने दूसरे हाथ से मेरी कमर को पकड़ मुझको अपने नज़दीक खींच लिया. उनके सांसो की गर्मी मेरे चेहरे को च्छू रही थी. उन्होने अपने होंठ मेरी चुचियों पर रख उन्हे चूमने लगे. एक हाथ से वो मेरी चूत में उंगली कर रहे थे, और दूसरे हाथ से मेरी कमर को पकड़े हुए थे. अंकल अब मेरे निपल को अपने होठों के बीच ले काट रहे थे और जब अपने दांतो से उसे काटते तो एक अजीब सी लहर मेरे शरीर में छा जाती. मेने अपने हाथ बढ़ा अपनी उंगलियाँ उनके काले बालों में फँसा दी. जैसे जैसे उनकी जीब मेरे निपल पर हरकत करती मैं वैसे ही उनके सिर को अपनी छाती पे दबा देती. अब उन्होने अपनी दो उंगली मेरी चूत में डाल दी थी. उनकी उंगलियाँ भी उनकी हथेली की तरह गरम थी और खूब लंबी थी. जिस तेज़ी से उनकी उंगली मेरी चूत के अंदर बाहर हो रही थी उसी तेज़ी से मेरी सिसकारियाँ बढ़ रही थी. अचानक वो रुक गये और अपनी उंगली मेरी चूत से बाहर निकाल ली और अपना चेहरा भी मेरी छातियों पे से हटा लिया. “में अपना लंड तुम्हारी चूत में डालना चाहता हूँ. वो मेरे कान में फुसफुसाते हुए बोले. “प्लीज़ एक बार अपने अंकल को चोदने दो, ये सिर्फ़ तुम्हारे और मेरे बीच रहेगा मैं कैसे उन्हे मना कर सकती थी. कितने एहसान थे उनके मुझपर. माता पिता के मरने के बाद उन्होने ही तो मुझे सहारा दिया था और अपने साथ यहाँ ले आए थे. और में जानती थी कि आंटी को चोदे उन्हे कितना समय हो गया था, उन्हे इसकी शायद ज़रूरत भी थी. यही सब सोचकर मेने उन्हे हाँ कर दी. “तो फिर तुम घोड़ी बन जाओ,” मेरे कानो मे फुसफुसाते हुए बोले, “में कब से तुम्हारी आंटी को इस आसन से चोदना चाहता था पर वो कभी हाँ ही नही करती थी मैने एक शब्द नही कहा और कुर्सी का कोना पकड़ घोड़ी बन गयी. अंकल बिना वक्त बर्बाद करते हुए मेरे पीछे आ गये. अपनी पॅंट और शॉर्ट्स को उतार उसे मेरे गाउन के बगल में उछाल दिया. “हे भगवान में जो करने जा रहा हूँ उसके लिए मुझे माफ़ कर देना उन्होने अपना खड़ा लंड मेरी चूत में घुसा दिया. जैसे ही उनका लंड मेरे कुंवारे पन को चीरता हुआ अंदर घुसा में दर्द से चीख पड़ी, “उईईईईईईईई चाचह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह धीरे प्लीज़ बहुत दर्द हो रहा है ओह्ह्ह मैं मर गई.”बस थोड़ा सहन करो फिर तुम्हे मज़ा आने लगेगा,” कहकर अंकल मेरी चुचियों को भींचने लगे और अपने लंड को अंदर बाहर करने लगे. दर्द अब कम होने लगा था और मुझे भी मज़ा आने लगा था तब मुझे अहसास हुआ कि अंकल का लंड कितना लंबा और मोटा था. उनका लंड मेरी कच्चे दानी पर ठोकर मार रहा था. अब मेरे मुँह से सिसकारिया फुट रही थी. आआअहहाआआहहह  अंकल करते ज़ाईयए मआज़्आ आआ ऱाःआ हाइईइ. ःआआआआआआआण ज़ोओओऱ शे आऊऱ ज़ोऱ ऐसे ही” में भी अपने चुतताड आगे पीछे कर उनका साथ देने लगी.ले और ले ले मेरे लंड को अपनी चूत मे आऊऱ ज़ोऱ से ले अंकल बोले, “सीमा तुम्हारी मा की चूत भी इतनी कसी हुई नही थी जब वो 18 साल की थी. उनकी बात सुन में जड़ सी हो कर रह गयी. मुझे विश्वास नही हो रहा था कि अंकल मेरी मा जब 18 साल की थी तो उसे चोद चुके थे जैसे वो अब मुझे छोड़ रहे थे. “मुझे याद है तुम्हारी मा की चूत कसी हुई नही थी इसलिए में अक्सर उसकी गांड मार देता था. तुम मनोगी नही वो इतनी चुड़क्कड़ औरत थी कि किसी से भी चुदवा लेती अंकल अपनी धक्कों की रफ़्तार बढ़ाते हुए बोले. उनके हर धक्को के साथ उनके हाथों की पक्कड़ मेरे चुतताड पर और मजबूत हो जाती. मेने उनके लंड को अपनी चूत में फूलता हुआ महसूस किया. “ओह अंकल आपका लंड मेरी चूत में कितना लंबा और मोटा लग रहा है.मैं सिसकते हुए बोली. “म्‍म्म्मममममम इसी तरह अपने अंकल से गंदी गंदी बातें करो,” वो गिड़गिदते हुए बोले और मेरी चूत की जम कर चुदाई करने लगे. में अपनी आँखें बंद कर गंदे से गंदे शब्दो के बारे में सोचने लगी. पता नही कैसे मेरे मुँह से इतनी गंदी बातें निकल रही थी जैसे, “हाँ चोदो मुझे, अपना पूरा लंड मेरी गांड में डाल दीजिए, चोद चोद के मुझे अपने बच्चे की मा बना दीजिए???” वाईगरह वाईगरह. “ओह हाआआआअ मेरा छूटने वाला है मेरी बच्ची, आज तुम्हारा अंकल तुम्हारी चूत को अपने लंड के पानी से भर देगा और वो ज़ोर से सिसके. उनके धक्के इतने तेज हो गये थे कि अपनी टाँगो पे खड़ी नही हो पा रही थी. मेरी कमर और टाँगो में दर्द होने लग रहा था पर में उन्हे रोकना नही चाहती थी. जितना इस चुदाई में मज़ा आ रहा था आज तक जिंदगी में मुझे कभी नही आया था. “ओह हाआआआआ ये लो” इतना कहकर उनके लंड ने एक पिचकारी से मेरी चूत में छोड़ दी. मुझे लगा कि मेरी चूत भर सी गयी है. मेरा शरीर ज़ोर से काँपा और मेरे मुँह से सिसकारी निकल पड़ी, ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह अंकल मैं गैईईईईईईईईईईइ” मेने अपने आपको और पीछे की और धकेल उनके लंड को अपनी चूत मे जोरों से भींच लिया. में पसीने से लत पथ हो चुकी थी और मेरा सिर चकरा रहा था. हम दोनो की साँसे उखड़ी हुई थी और दिल की धड़कन इतनी तेज थी की साफ सुनाई दे रही थी. “सीमा तुम कितनी अच्छी लड़की हो. तुम नही जानती कि मुझे इसकी कितनी ज़रूरत थी और वो अपनी उखड़ी सांसो पे काबू पाते बोले. “में आज से आपकी हूँ पूरी तरह से मैने धीरे से कहा. “ये तुम क्या कह रही हो?” उन्होने पूछा. “हाँ में सच बोल रही हूँ. में आपकी दासी बनके रहना चाहती हूँ, आप जब चाहे मुझे एक गुलाम की तरह चोद सकते है मैने सिसकते हुए कहा. अंकल को मेरी बात बहुत अच्छी लगी शायद मेरी उम्र की वजह से. मेरी कसी चूत शायद उनके लंड को खड़ा कर देती थी. उस रात हम लोगो ने दो बार और चुदाई की. एक बार रूम में और दूसरी बार उनके कमरे में ज़मीन पर. आंटी हमसे चंद कदमों के फ़ासले पे बिस्तर पे सो रही थी. पता नही हमने ऐसा क्यों किया पर में पहली बार वहीं उनके कमरे में झड़ी और तब मुझे पता चला कि औरत की चूत जब पानी छोड़ती है तो कितना मज़ा आता है. जब में आंटी का ख़याल रखती तो मुझे इस बात का ज़रा भी अफ़सोस नही होता था कि में अंकल से चुदवाया है और ना ही शर्मिंदगी महसूस होती थी. बल्कि में तो सोचती थी कि अगर आंटी अच्छी होती शायद उन्हे हमारी चुदाई देखने में मज़ा आता और क्या पता वो भी साथ शामिल हो चुदवाती. दूसरी सुबह में रोज की तरह जल्दी उठी और काम में जुट गयी. घर की सफाई करने के बाद में आँगन की सफाई कर रही थी. रात के हालात अब भी मेरे जेहन में थे. अब भी मुझे ऐसा लगता कि अंकल के हाथ मेरे शरीर पर है. उनका लंड मेरी चूत मे घुसा हुआ है जैसे वो कभी मुझसे दूर गये ही नही. में मादकता के एक नये दायरे में पहुँच चुकी थी. “आज तुम्हारा ध्यान कहाँ है सीमा?” मेरी आंटी की आवाज़ आई. “कककक्ककयाआआआआ” मेने हड़बड़ा के देखा, “ओह आंटी आप इस वक्त यहाँ पे होंगी मुझे पता नही था.आप लोग मेरी ये कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रही है | आप कैसा महसूस कर रही है इस वक्त.मैने पूछा. “पहले से बेहतर है आंटी ने जवाब दिया. “बस खुली हवा में सांस लेने चली आई, तुम तो जानती ही हो कि तीन महीने हो गये उस कमरे में बंद पड़े हुए.”आओ में आपको आपके कमरे तक छोड़ देती हूँ,” मेने आंटी को सहारा देते हुए कहा. मेने उन्हे सहारा दे उनके कमरे में पहुँचाया और उन्हे बिस्तर पे बिठा दिया. “इधर मेरे पास आके बैठो में तुमसे कुछ बात करना चाहती हूँ आंटी ने मुझे बैठने का इशारा करते हुए कहा. में उनके बगल में जाकर बैठ गयी. में अब भी दुविधा में थी कि पता नही वो मुझसे क्या बात करना चाहती है. “सीमा तुम बहुत ही खूबसूरत लड़की हो.वो मेरे बालो को सहलाते हुए बोली. “और खूबसूरती अक्सर लोगो को आकर्षित करती है, पर ये ध्यान रखना कि किसी ग़लत व्यक्ति को आकर्षित ना कर बैठो.”आप क्या कह रही है मेरी कुछ समझ में नही आ रहा है आंटी अब बिस्तर पर लेट चुकी थी और उनकी आँखे और चेहरे पे कठोरता छाती जा रही थी. अचानक उन्होने मेरे बालो को ज़ोर से पकड़ लिया. मेने अपने आपको लाख छुड़ाने की कोशिश की पर कामयाब ना हो सकी. “आंटी छोड़ो मुझे, मुझे दर्द हो रहा है,” मेने अपने बालो को उनके हाथों से छुड़ाने की कोशिश करते हुए कहा. “मुझे पता है तुम कल रात यहाँ पर थी,” मेरे बालो को और मजबूती से पकड़ते हुए आंटी ने कहा. “सीमा मुझे पता है तुम और तुम्हारे अंकल क्या कर रहे थे.”आंटी ये आप क्या कह रही है.”मेरे सामने बच्ची बनने की कोशिश मत करो, में बीमार हूँ कोई बेवकूफ़ नही वो गुस्सा करते हुए बोली. इतने में अंकल ने कमरे में कदम रखा जैसे उन्हे पता हो कि मुझे उनकी ज़रूरत है. “सीमा तुम घर का काम छोड़ यहाँ क्या कर रही हो?” उन्होने पूछा. “कुछ नही अंकल बस ज़रा आंटी से बात कर रही थी मैने जवाब दिया. आंटी अचानक बिस्तर पर तन कर बैठ गयी. पहले तो उन्होने गुस्से मे मेरी ओर देखा फिर अंकल की ओर. “क्या तुम दोनो को अपने बदन की महक इस कमरे में महसूस नही होती,” वो गुस्से मे बोली. “मुझे पता है तुम दोनो ने कल रात यहाँ पर क्या किया. मुझे आवाज़ें आ रही थी, सिसकारियाँ सुनाई दे रही थी और तुमने किस तरह अपना बीज अपनेही बेडरूम में इसकी चूत मे बोया ये भी पता है.”डार्लिंग में नहीं जानता तुम क्या कह रही हो. सीमा हमारी भतीजी है में इसके साथ कोई ग़लत काम नही करूँगा अंकल ने जवाब दिया. आंटी ने घूर कर मेरी तरफ देखा. मुझे असचर्या हो रहा था कि आंटी वो सब कुछ कैसे सुन सकती थी. उनकी दवाइयाँ अक्सर उन्हे बेहोशी के आलम में पहुँचा देती थी.

में नर्वस हो बहुत बैचैने महसूस कर रही थी कि पता नही वो अब क्या कहेंगी. “सीमा तुम एक दम अपनी मा की तरह रंडी हो. वो गुर्राते हुए बोली. इतना सुन अंकल का चेहरे सफेद पड़ गया. वो ये ही समझते थे कि मेरी मा और उनके संबंध के बारे मे कोई नही जानता है. “हाँ देव ये सही है. मुझे सब पता है, मुझे उसकी डायरी हाथ लग गयी थी. मेने हर वो बात पढ़ी है जो उसने लिखी थी, हर वो गंदी बात. वो भगवान से डरती थी, और उसे पता था कि उसने गुनाह किया है इसीलये वो भगवान से अपने गुनाह की माफी माँगा करती थी. पर उसे अपने देवर से चुदवाने में मज़ा आता था आंटी एक दम गुस्से में बोली. अंकल एक दम चुपचाप बैठे थे जैसे उनके मुँह में ज़बान ही ना हो. साथ ही उनके चेहरे पे गुस्सा भी था कि आंटी ने ये बात इतने साल तक उनसे छुपा के रखी. “तुम एक कुतिया हो मंजू, और आज तक मेने तुम्हे अपनी जिंदगी से नही निकाला क्यों कि तुम्हारा ख़याल रखना में अपना फ़र्ज़ समझता था. अंकल भी गुस्से में बोले, “हाँ मेने अपनी भाभी को चोदा, और जब मौका मिला तब चोदा लेकिन सिर्फ़ इसलिए की तुमने मुझसे अपना मुँह फेर लिया था. तुम सेक्स नही करना चाहती थी और तुमने बंद कर दिया. एक बार भी मुझसे ये नही पूछा की मैं सेक्स के बिना कैसे रह पाता हूँ.”हर चीज़ का इल्ज़ाम मुझ पर मत दो, तुम जानते हो में एक बीमार औरत हूँ आंटी सुबक्ते हुए बोली. “हाँ एक तरीका है जिससे तुम दोनो अपना संबंध जारी रख सकते हो.मैं और अंकल दोनो उत्सुक थे के ऐसा क्या तरीका है जो हमे हमारी ही कब्र से बाहर निकाल सकता था जो हमने खुद खोदी थी. “क्या तुम दोनो एक दूसरे को पसंद करते हो?” आंटी ने पूछा. हम दोनो इस सवाल के लिए तय्यार नही थे इसी लिए समझ में नहीं आया कि क्या जवाब दे. मेने अंकल की ओर देखा तो पाया की उनका लंड तन कर खड़ा हो गया था और मेरी भी चूत मे भी खुजली मच रही थी कि कब में उनका लंड अपनी चूत में लू. “हाँ” हम दोनो ने साथ में जवाब दिया. “तो फिर आज फिर से चुदाई करो, यहीं मेरी आँखो के सामने चोदो आंटी ने कहा, “अगर तुम दोनो चुदाई करना चाहते हो तो वही करोगे जिससे में तुम दोनो को देख सकु.”मगर ये कैसे हो सकता है” मेने कहा. “में कुछ नही सुनना चाहती, एक दूसरे को छूना नही, और तुम बिस्तर का किनारा पकड़ घोड़ी बन जाओ और चेहरा मेरी तरफ रखो जिससे में तुम्हारी चुदाई को देखती रहु. मेरा सिर घूम रहा था. में इस चीज़ के लिए बिल्कुल भी तय्यार नही थी. अभी थोड़ी देर पहले में अपनी आंटी को बिस्तर पे लिटा रही थी कि वो सो सके और अब वो मुझे देखना चाहती थी कि में अपने ही अंकल से कैसे चुदवाती हूँ. “जल्दी करो” वो चिल्लाई. अंकल और में खड़े हो कर मंजू के बेड के पास आ गये. हम दोनो के चेहरे पे आश्चर्या के मिले जुले भाव थे पर अंदर से हम दोनो के शरीर मे आग लगी हुई थी. में बिस्तर का कोना पकड़ घोड़ी बन गयी. मेने अपने हाथों से अपनी पॅंटी उतार दी थी और मेरे चुतताड उपर की ओर उठ गये थे. फिर कल रात की तरह मेंने अंकल के हाथों की गर्मी अपने चुतताड पर महसूस की. “अब जल्दी से बताओ कि तुम दोनो ने कल रात क्या और कैसे किया?” आंटी बोली. मेरी आँखें बंद थी जब अंकल ने अपना लंड मेरी चूत में घुसाया. पर कल रात जिस तरह धीरे से घुसाया था उसकी जगह आज इतने ज़ोर का धक्का मारा कि एक ही धक्के में उनका लंड मेरी चूत में जड़ तक समा गया. मुझे इतना अच्छा लगा कि मेरे मुँह से सिसकारी निकल गयी. आज उनका लंड मेरी चूत की उन गहराइयों तक जा रहा था जो कर रात को ना जा सका था. पर आज उनकी चुदाई में एक मकसद था, वो आंटी को बताना चाहते थे की आज भी उनके लंड माइयन उतनी ही ताक़त है. “मंजू तुम्हे मज़ा आ रहा है ना?” चाचजी ने अपनी उखड़ती सांसो में पूछा. “अपनी भतीजी की चुदाई तुम्हे अच्छी लग रही है ना?” आंटी ने कोई जवाब नही दिया. यहाँ तक की कोई आवाज़ भी नही हुई. मेने अपनी आँख खोली तो देख की आंटी ने अपने उपर पड़ी कंबल को हटा दिया था, और उनकी टाँगे फैली हुई थी. उनके चेहरे पर अब गुस्से की जगह उत्तेजना की झलक दिखाई पद रही थी. अंकल अब मुझे और ज़ोर से चोद रहे थे. उन्होने ने मुझे थोड़े से आगे की तरफ धकेलते हुए कहा, “सीमा अपने चेहरे को बिस्तर के साथ लगा दो.ऊन्होने जैसा कहा मेने किया. मेने अपने शरीर को थोड़ा सा बिस्तर पर टिका अपने चेहरे को पूरा झुका दिया. मेरे चुतताड हवा में उठ गये थे और अंकल ने अचानक मेरे चुतताड पर एक थप्पड़ रसीद कर दिया. वो धक्के लगते जा रहे थे साथ ही मेरे चुतताड पर थप्पड़ मार रहे थे. उनके मुँह से गुर्राने की आवाज़ आ रही थी जैसे एक जानवर के मुँह से आती है. मेने बेड को हिलते हुए महसूस किया. नज़र उठा देखा तो पाया कि आंटी मेरी ओर खिसक रही थी. उनकी टाँगे अभी भी फैली हुई थी. में सोच मे पड़ गयी पता नही अब क्या होने वाला है. “हाँ मंजू आगे बढ़ो” अंकल बोले, “आज तुम साबित कर रही हो कि तुम मेरी बीवी हो.आचनक आंटी ने पहले से भी ज़्यादा ज़ोर से मेरे बालो को पकड़ मेरे चेहरे को उठाया. मेरे चेहरा उनकी चूत से कुछ ही दूरी के फ़ासले पर था. में समझ गयी कि वो क्या चाहती है. “मंजू जैसे इसकी माँ तुम्हारी चूत चूसा करती थी वैसे ही इससे अपनी चूत चुस्वओ?’ अंकल बोले. तब मुझे एहसास हुआ कि ये इन दोनो की मिली भगत है. अब मुझे पता चला कि जब आंटी मुझपर इल्ज़ाम लगा रही थी तो अचानक अंकल कैसे आ गये. ये दोनो ने मिलकर प्लान बनाया था. “चूस मेरी चूत को रंडी की औलाद,” आंटी ने मेरे मुँह को अपनी चूत पर दबाते हुए कहा. इससे पहले कि में ना या कुछ और कहती मेरा मुँह उसकी चूत पे जम चुका था. उसकी पकड़ मेरे बालो पे इतनी मजबूत थी कि मेरे पास उसकी चूत चाटने के अलावा कोई चारा भी नही था. आप लोग मेरी ये कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रही है | अंकल मुझे इतने कस के चोद रहे थे कि उनके धक्को की आवाज़ पूरे कमरे मे गूँज रही थी. “हाँ चाट अपनी आंटी की चूत को तब तक तेरे अंकल तेरी चूत का भोसड़ा बना देंगे आंटी अपने चुतताड उठा कर मेरे मुँह पे मार रही थी. में हैरान थी कि 45-50 साल की उमर में इन लोगो ने ये सब कब सीखा. इनकी हरकत ठीक ब्लू फिल्म के अदाकारों की तरह थी. “ओह सीमा तुम ठीक अपनी मा की तरह मेरी चूत को चूस रही हो. याद है देव इसकी मा इसी तरह मेरी चूत को चाटा और चूसा करती थी कहकर आंटी ने और ज़ोर से मेरे सिर को अपनी चूत पे दबा दिया. “हाँ डार्लिंग मुझे अच्छी तरह याद है अंकल ने ज़ोर के धक्के मारते हुए कहा. मैं अब ज़ोर से आंटी की चूत को चूस रही थी. में अपनी जीभ को नुकूली कर आंटी की चूत मे अंदर तक डाल देती और फिर अंदर बाहर करने लगती. कभी उसकी चूत की पंखुड़ियों को अपने दांतो में भींच हल्के से काट लेती. मेरी हर हरकत से उसके मुँह से सिसकारी निकल पड़ती. अचानक अंकल ने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाल लिया. वो मेरी गांड सहलाते हुए बोले, “सीमा अब में तुम्हारी गांड मारना चाहता हूँ .मैंने ना कहना चाहा पर आंटी की मेरे बालो की पकड़ इतनी मजबूत थी कि में कुछ ना कर सकी. मेरे पाँव कांप रहे थे इसी ख़याल से कि मेरी गांड का क्या होगा. आप लोग मेरी ये कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रही है | मुझमे हिम्मत नही थी कि मैं दोनो को रोक पाती. अंकल ने अपना लंड मेरी गांड पे थोड़ी देर घिसा और फिर एक ही धक्के मे पूरा पेल दिया. दर्द के मारे मेरे मुँह से चीख निकल पड़ी, “ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह माँ मआऱ गैईईईईईईईईई अंकल के धक्कों की रफ़्तार बढ़ती गयी और आंटी अपनी चूत को मेरे मुँह पे और रगड़ रही थी. “मंजू छोड़ दो अपना पानी इसके मुँह मे.कहकर अंकल और ज़ोर से धक्के लगाने लगे. थोड़ी ही देर में आंटी ने अपना पानी मेरे मुँह पे छोड़ दिया. मेरी अपनी आंटी अपना पानी मेरे मुँह पे छोड़ चुकी थी और मेरे अंकल का दबाव मेरे चुतताड पर बढ़ता जा रहा था. में समझ गयी कि उनका भी छूटने वाला है. दो तीन धक्को में अंकल ने अपना वीर्य मेरी गांड में उंड़ेल दिया. में थोड़ी देर बाद उठी और कमरे के बाहर चली गयी. में किचन में काम कर रही थी कि अंकल आए और मुझे पीछे से बाहों मे भर लिया. “सीमा मुझे माफ़ कर दो. हम दोनो ने मिलकर तुम्हे इस जाल में फँसाया. तुम्हारी आंटी अच्छी औरत है लेकिन शायद में उनकी ज़रूरत को पूरा नही कर सकता.”आपका मतलब है कि उन्हे सेक्स की इच्छा तो है लेकिन बिना लंड के?’ मेने पूछा. “हाँ कुछ ऐसा ही, क्या तुम सँभाल सकती हो?” “सही बोलूं तो मुझे भी चूत चूसने में मज़ा आ रहा था.”तब तो ठीक है आएँगे और भी मौके आयेन्गे. कहकर अंकल ने मुझे बाहों में भर लिया. और फिर यही होता रहा. हम तीनो हफ्ते में तीन बार बेडरूम में मिलते और एक दूसरे की काम अग्नि को शांत करते हैं कहावत है कि जो होता है वो उपर वाले की मर्ज़ी से होता है. ना ही मेरे माता पिता की डेथ होती और ना ही में यहाँ अपने अंकल आंटी के पास आती. मैं यहाँ आई अपने अंकल को, अपनी आंटी को सुख देने. किसी को अपनी चूत से और किसी को अपनी ज़ुबान से???.  ये मेरी कहानी अब यही पर समाप्त करती हु आप लोग जो भी सोचे पर जो मेरी किस्मत में लिखा था वो हो गया |



loading...

और कहानिया

loading...
One Comment
  1. shanu sirohi
    May 27, 2017 |


x xxxx xx video SchooI चा ची चुदाईmeri gang bang chudai pati or bete se kahanimanohar kahani xxxstori in hindeक्सक्सक्स हिंदू खाने माँ ौंटी कॉमराजस्थान में रस भरी भौजाई की बड़े लड से चुदाई कहानियाantervasnalesbiyanjyoti ke sath sex story barish mexxx sexy story in hindibaap ne beti ki bhosdi padi sexy kahaniyakhanni anterwasnabhiharichutwww xxx hind sex stroyBadu chuchi vaali mummy ne bete ko seduce kiya sex storyhinde sex kahanea sade suda randedesalt ki ki Pahli chudai chut walisexy कहानियाँjeth ke bete se chudi nahlate huye hindi kahanibhai behan ki jabardasti chudai sex com Hindi kahanixnxxx banjighar girl videowww.sex com hindi me likhet sabdज्योति की चुत की कडक चुदाईBhikhari ki.antrvasnaxnx stroyAchanak me hui chidai bete ke sathphale bar cudae ma khun nekalty ka vedeodehatisexstorimajbure me cudwai hinde sax storyhot sex kahani hindi meoarat.k.saksh.badan.ke.dabamastram story mote hathiyarchachi bani meri rakhelantarvasna zor se ghusa diyamaa or bhan ka gangrab story in hindiदूध सेक्स हिंदीxnxxx hdपहली बार खून निकलना,पुरण सेकसी विडीयोShasu ma ki hindi dasi sexc kahaniyapados ki aunty ko ghumane ke bhane chudai ki large storyसैसी कहानीबडे चुत वाली भाभी की चुदाई कहानीantarvasna chachisex hindikahaniapni biwi ki chudai apne samne aur peshab bhi piyaxxx hot sexy storiyamast khani sexi bur kiफिगर वालाxxx porn हिंदी लैंग्वेजwww.antravasanasexstory.comकहानी बुर कीssx xxxxx hindixxx kahaniya devar kanew hindi sex dot com pur chudai ke hindi kahaneitrain me lund tikaya storyxxx sexi khanixxx.hinde.satore.maa.ke.barsat.ma.babeantrwasna in hindihindi kahani sexy bhai behan maa beta nanad bhabhi devarXxx shale ke chudie kahine hindeननदोई भाभी की सामूहिक सेकसी कहानीजवान लड़की की शानदार chudai हॉस्पिटल में मरी हुई महिला को चोदा xxxxcom HD Sone ke bad chudai sexy stori Hath per bandhkerXxxxx सुलतानपुर 3gpkar shikhate didi ko lamba land liya x khaniसैकसि कहानि छिनार नरशBhai k samne hua gangrep antarvasnasexy bosda ki hidi kahaniSahae.ke.bur.dehat.ke.mard.codai.video.hindibhai bahan ki chudai ki kahanisagi bahano ki grup chudae stori.comwww.sasur ne tren me choda sexy storyxxx khani kuvare vut ke khani sistarxxx HD story andar bahar ki Sex kahani bohot gandi tarah mujhe choda un kamino ne baltkar.comxxx hott didi story and grup story hindi 2018 Kistory hindi me pornnon veg hindi sex storyHOT jabrdaht sexsi.kolej sexchudu mujhe bolti kahani xxx video'sचूत की कहानी