जब पति परदेस से नही लौटे तो जेठ जी के साथ गेहूं के खेत में मैंने रगड़ के चुदवाया

 
loading...

मैं लल्ली आपको अपनी कहानी कामुक स्टोरी डॉट कॉम पर सुना रही हूँ. मेरे पति बम्बई में धंधा करते है. वो वहां पर पानी पूरी [पानी के बतासे] बेचने का काम करते है. पति को गये हुए बहुत दिन हो गए थे. बड़ी याद आ रहे थी मुझे उनकी. कितने दिन से मैंने कोई मजा नही मारा था. कितना तडप रही थी मैं पति से मिलने को. मैं रसोई में बैठी बैठी रोटी सेक रही थी. पति के बारे में सोचते सोचते रोटी जल गयी थी.

‘अरे बहू! कहाँ ख्यालों में डूबी है? देख रोटी जल गयी??’ सासू बोली और मेरा सपना टूट गया. देखा तो जो रोटी मैंने तवे पर डाल रखी थी वो पूरी तरह से जल गयी.

‘बहू!! आज तुझे राजेश के साथ में जाकर खेत में पानी लगवाना है !’ सास बोली

जी माँ जी’ मैंने कहा

हमारी गेहूं की फसल अच्छी हुई थी. पर इधर कुछ महीनो से बारिश न होने के कारण गेहू को ट्युबवेल से सींचा जाना था. हमारे खेत के कुछ दुरी पर एक मुसलमान किसान का ट्यूबवेल था. वो १५० रूपए प्रति घंटा में पानी देता था. पर पानी लाना अपने में एक बड़ा चैलेज था. इधर कुछ दिन से मेरे जेठ [राजेश] मुझे छिपकर डिमांड कर रहे थे. पति को बम्बई गए हुए ६ महीना से जादा हो गया था. जेठ जी रोज ही मेरा हाथ पकड़ लेते थे. ‘बहु विनय [मेरे पति] नही है तो क्या हुआ. मैं तो हूँ. कुछ भी कैसी भी जरुरत हो मेरे कमरे में आ जाया करो’ जेठ कहते थे. मैं उनको खूब समझती थी. उनकी नियत मुझ पर खराब थी. उनकी इसी बुरी नियत के कारण उनकी औरत [मेरी जिठानी]  उनको छोड़ के चली गयी थी. कभी कभी मेरा भी दिल करता था की जेठ जी का ऑफर ले लू और अपने जिस्म की तृप्ति कर लूँ. खैर इन्ही सब बातों में सोचते सोचते १० बज गए और खेत जाने का समय हो गया. न चाहते हुए भी मुझे अपने जेठ से साथ खेत पानी लगाने जाना पड़ा. जेठ जी ने अपने कुरते की जेब में १००० रूपए रख लिए और २ फावड़े ले लिए. उधर मैंने हमदोनो के लिए दोपहर का खाना बाँध लिया. अपने घर से होकर मेढ़ मेढ़ मैं जेठ जी के साथ अपने गेहूं के खेत की तरफ चल दी. ४० बीघा खेत को सींचने में शाम होना पक्का था. रात ८ बजे तक भी काम ख़त्म हो जाए तो गनीमत है. जैसे ही हमारा गाँव छूता जेठ ने मेरा हाथ पकड़ लिए. मेढ़ मेढ़ मैं उनके साथ खेत की ओर जा रही थी को ४ किलोमीटर था. जैसे ही हम अकेले हुए जेठ ने तुरंत मेरा हाथ पकड़ लिए. उनके दुसरे कंधे पर फावड़ा था.

‘बहु!! देख मैं कुछ नही जानता हूँ !! आज मुझे तेरी चूत चाहिए ही चाहिए. विनय [मेरा पति और जेठ जी का भाई] तो वैसे ही बम्बई में है. तू बड़ी भोली है. जो आदमी बम्बई काम करने चले जाते है तू क्या सोचती है की वो सूखे सूखे ही रहते है. अरे वहां तो बहुत बड़े बड़े रंडी बजार है. २० २० ५० ५० रुपए में वो चूत देने को तैयार हो जाती है. विनय में शाम को जाकर उस रंडीखाने में थकान मिटाता होगा. कोई भी मर्द बिना चूत के ६ दिन नही रह सकता. फिर ६ महीना तो बहुत बड़ी बात है’ जेठ बोले और मेरा हाथ पकड़े रहे. मैंने उनके साथ ही साथ खाने की टुकनी सर पर रखकर चल रही थी.

‘भाई साहब! आप सच कह रहे हो?? मैंने शक करते हुए पूछा

‘माँ कसम लल्ली!! बम्बई में तो जाकर हर मर्द बिगड़ जाता है. विनय रात में रंडी चोदने जरुर जाता होगा. उनको तेरी चूत मारनी होती तो यहाँ गाँव नही आता??” जेठ जी बोले.

उनकी बात मेरे दिमाग में घर कर गयी. रस्ते भर मैं यही सब सोचती रही की ६ महीना हो गया. मेरे पति[ विनय] को मेरी याद क्यूँ नही आई. हमारा खेत आ गया. जेठ उस मुस्लमान ट्युबवेल वाले के पास चले गये. उसको पैसे दिए. उन्हें पम्पिंग सेट ओन कर दिया. जेठ जी ने पानी का पाइप ट्युबवेल तक बिछा दिया. इस बार हमारी गेहूं की फसल बहुत शानदार हुई थी. खूब बड़ी बड़ी गेहूं की बाली थी. अच्छा गेहूं का उत्पादन होना था इस बरस. मैंने फावड़े से पानी वाली मेढ़ की सफाई की. घास, पत्ती और खर को फावड़े से साफ़ कर दिया. जेठ जी से प्लास्टिक का पाइप बिछा दिया. जेठ जी से ट्युबवेल खुलवा दिया. खेत तक पानी अपने लगा.

‘अरे ओ लल्ली! पानी आया की नहीं ??” उन्होंने वहीँ दूर से चिल्लाकर पूछा

‘आ गया!!’ मैंने भी बड़ी जोर से गला फाड़कर कहा वरना तो सुन नही पाते. दूर से मैंने जेठ जी [राजेश] को आते देखा. मन में यही बात बार बार घूम रही थी की जब मेरा मर्द [विनय] वहां बम्बई में ऐश कर रहा है. रोज शाम को रंडी चोदने जाता है तो क्यूँ न मैं भी यहाँ गाँव में मजे मारू. वैसे भी ६ महीने से जादा हो गये थे मजे लिए. हमारे गेहूं के खेतों में अच्छे से जादा मात्रा में पानी लगना शुरू हो गया था. अब ५ ६ घंटे तक हम दोनों को सिर्फ बैठे ही रहना था. इतने में जेठ जी भी आ गए. खेत के बीचों बीच एक पेड़ की छांव में मैं जेठ के साथ घास पर बैठ गयी. उन्होंने मेरा हाथ पकड़ लिया.

‘लल्ली देगी??” उन्होंने पूछा

मैं कुछ नही बोली. सोच में थी की जेठ को चूत दूँ या नहीं. जेठ जी ने मेरा मन ताड़ लिया.

‘अरे पगली तू जहाँ सोच विचार कर रही है. वहां विनय रोज रात में पराई औरत के पास सोकर आता होगा. इसलिए मैं कह रहा हूँ  मजे ले ले. गाँव में तो बहूँ जेठ से भी करवा लेती है!’ जेठ बोले. मैं मान गयी. मेरी मूक स्वीकृति उनको दिख गयी थी. मेरा हाथ को लेकर वो चूमने लगी. फिर वहीँ गेहूं के हरे हरे खेत के बीचों बीच मुझको उन्होंने घास पर लिटा दिया. मैंने हलके हरे रंग की साडी पहन रखी थी जिसमे सरसों के पीले पीले फूल बने थे. जेठ जी ने अपना क्रीम कलर का कुरता पजामा पहन रखा था. उधर मेरे गेहूं के खेत में पानी लग रहा था और इधर मेरी मस्त मस्त लाल लाल चूत की जमीन में भी पानी चलने वाला था. जेठ जी खाने की टुकनी एक ओर रख दी. पेड़ की छांव में मेरे बगल लेट गये और मेरे होंठ पीने लगी.

मैं अपने जेठ से हल्का हल्का घुंघट करती थी. पहले के जमाने में ये जादा होता था, पर इधर कुछ सालों में ये काफी कम हो गया था. अब तो नई नई बहुऐ गाँव में आ रही थी वो अपने जेठ के सामने बस सर पर साड़ी का पल्लू ही रखे रहती थी और २ ४ इंच का घुंघट करती थी. बस इतना ही होता था. जेठ जी ने मेरे सर से साड़ी का पल्लू हटा दिया. आज बड़े दिनों के बाद उन्होंने मुझे इकदम पास से देखा. जिस तरह मैं लंड को तरह रही थी ठीक उसी तरह जेठ भी चूत को तरह रहे थे. क्यूंकि उनकी बीबी सालों पहले उनको छोड़ चुकी थी. आज जेठ जी मेरी चूत मारने को बिलकुल मजे आ रहे थे. वो मुझपर बिलकुल कूद पड़े थे. मेरे सीने ने उन्होंने साड़ी का किनारा हटा दिया. मेरे बड़े बड़े चुचे उनको दिखने लगे. एक सेकेंड के भी सौवें भाग से भी कम समय में उनके हाथ मेरी इज्जत पर पहुच गए. मैं इकदम चुप हो गयी. जेठ जी जोर जोर से अपने हाथ मेरे ब्लौस पर लगाने लगे. फिर वो जोर जोर से दबाने लगे. अपना मुँह उन्होंने मेरे मुँह पर रख दिया.  मेरे होठ जोर जोर से मुँह चलाकर पीने लगी. जेठ की बड़ी बड़ी काली काली दाढ़ी मेरे नर्म नर्म गालों में गड़ने लगी. गाँव में लोग हर रोज दाढ़ी नही बनाते है. हफ्ते या १५ दिन में एक बार बनाते है. जेठ जी को चुदाई का ऐसा सुरूर चढ़ गया दोस्तों की मैं क्या बताऊँ. बड़ी जोर  जोर से अपने हाथों से मेरे रस से भरे आम दबाने लगे. मुझे भी मजा आने लगा. ‘ऊँ ऊँ ह्ह्ह म्म्म्म्म्म्म!’ करके मैं भी गर्म सांसें छोड़ने लगी. फिर जेठ से मेरा ब्लौस बड़ी जल्दीबाजी में खोला.

कुछ बटन तो वो खोल ही ना सके. मुझे भी चुदवाने का बराबर मन था. इसलिए मैंने खुद ब्लौस का बटन खोल दिया. जेठ से मेरा ब्लौस निकाल दिया. मैं ऊपर से नंगी हो गयी क्यूंकि गाँव में कम ही औरतें ब्रा वगेरा पहनती थी. मेरी फुल साइज की छातियाँ तो पहले से ही उफान मार रही थी. जेठ जी मेरी नंगी बडी बड़ी गोल गोल चुचियाँ देख के आपा खो बैठे और हाथ से जोर जोर से दबाने लगे. मुझे दर्द होने लगा.

‘जेठ जी आराम से करिए. लग रही है!’ मैंने कहा

पर दोस्तों वो कहाँ सुनने वाले थे. अपनी ही धुन में जोर जोर से मेरे गुब्बारे हाथ से दबाते रहे. मैं भी मस्तिया गयी. नीचे साड़ी और पेटीकोट के नीचे मेरी चूत में भूकंप आ रहा था. इस तरह से जोर जोर से अपनी छाती दबवाने और पिलाने से मेरे हार्मोन एक्टिवेट हो गए थे. मेरी चूत बहने लगी थी. मेरी चूत का रस अब चूत से बाहर बहने लगा था. ये मैं निश्चित रूप से जान गयी थी. जेठ जी आँखें मूंदें मेरे गुब्बारे दाब रहे थे. फिर वो मेरी चुच्च्ची पीने लगा. उधर गेहूं के खेत में पानी लगने की आवाज मुझे सुनाई पड़ रही थी. ट्युबवेल का साफ़ शुद्ध मीठा पानी गेहूं के पौधों में एक नई जान फूकने वाला था. जेठ जी इधर पूरी तरह से चुदसे हो चुके थे. जब वो एक ही छाती से चिपक कर रह जाते तो मैं वो छाती हटा लेती और दूसरी उनके मुँह में ठूस देती. किसी छोटे बच्चे की तरह जेठ जी दूसरी छाती भी पुरे मन से पीने लग जाते. यही सब करने ने, अपनी छातियाँ चुस्वाने में ही आधा घंटा लग गया.

‘जेठ जी अब कुछ और भी करोगे या यही चूसते रहोगे??’ मैंने कह दिया.

जेठ जी समज गये की बहु चोदने को कह रही है. उन्होंने मेरी बड़ी बड़ी गोरी छातियां छोड़ दी. उसके मुँह के पानी से मेरी दोनों छातियाँ तर हो गयी थी. मैं जान गयी की अब वो मुझे चोदेंगे. जेठ ने साड़ी निकाल दी. मैंने खुद पेटीकोट का नारा खोल दिया. जेठ जी ने मेरे निचे के कपड़े निकाल के पास हरी घास पर रख दिए. उनकी नजरें मेरी चूत पर टिक गयी. जैसी कभी जिन्दगी में कभी चूत ना देखी हो. मैंने खुद अपने दोनों टाँगे घुटने से मोड़ ली. जहाँ मैं बड़ी गोरी चिकनी थी वही मेरी चूत काली और सांवली थी. हिन्दुस्तानी लड़कियों में ऐसा होता ही है. चाहे वो कितनी ही गोरी चिकनी ही पर उनकी चूत काली और सांवली ही होती है. जेठ जी मेरी चूत के दीवाने हो गये. इतनी देर तक उनको छातियाँ पिलाने से मेरी चूत गीली हो गयी थी और बहने लगी थी.

जैसे खेत में जादा पानी भर जाने पर वो चारों ओर की मेढ़ से बहने लग जाता था. दोस्तों, बिलकुल ऐसी ही हालत थी मेरी चूत की. जेठ जी मेरे काले काले भोसड़े पर टूट पड़े. मेरा काला भोसदा अपनी गुलाबी जीभ से पीने लगा. मैं तो चहक उठी. आज ६ महीने बाद किसी ने मेरी चूत पर अपनी जुबान फेरी थी. पति को चूत पिलाये जमाना बीत चूका था. आज महीनो बाद मेरे जेठ मेरी चूत पी रहे थे. बड़ा सुकून मिल रहा था मुझे दोस्तों. मैं आपको नही बता सकती हूँ की मुझे कितनी मौज आ रही थी. मेरे जेठ [राजेश] अच्छे से मेरी चूत पी रहे थे. फिर उन्होंने अपने दोनों अंगूठे से मेरा भोसड़ा किसी सीपी की तरह खोल दिया. इतने दिनों ने ना चुदने के कारण मेरी चूत सिकुड़ गयी थी. चूत का छेद बड़ा महीन हो गया था. जेठ बड़ी देर तक मेरा चमकदार काला भोसडा पीते रहे. फिर उन्होंने हाथ उपर कर अपना कुर्ता निकाल दिया. फिर पजामा का नारा खोलकर पजामा भी निकाल दिया. जेठ जी ने नील सफ़ेद धारी वाला पटरे वाला कच्छा पहन रखा था. दोस्तों आज भी गाव में यही पटरे वाला कच्छा ही जादातर मर्द पहनते है.

सच में दोस्तों, जेठ जी का लौड़ा बहुत बड़ा था. साथ ही मेरे भोसड़े की तरह उनकी गोलियां और लौड़ा काला चमकदार था. जेठ जी से अपने सीधे हाथ को अपने जीभ पर ले गए और मुँह का थोडा पानी ले लिया. फिर अपने गधे के साइज़ जैसे लौड़े पर थूक मला और कुछ देर लौड़ा फेटा. फिर उन्होंने मेरी चूत पर लौड़ा रखकर अंदर धक्का दिया. ६ महीने से अनचुदी मेरी चूत कोई नया लौड़ा खाने और लेने को तैयार ही ना थी. पर बड़ी बड़ी मूछों और दाढ़ी वाले जेठ से एक असली किसान वाला धक्का मारा. मेरी महीनो से बंद पड़ी चूत में लौड़ा उतर गया. किसी बंद पड़ी फैक्ट्री को जिस तरह फिर से स्टार्ट कर दिया जाता है. ठीक उसी तरह जेठ ने आज मेरी चूत फिर से खोल दी थी. फिर वो मुझे चोदने लगा. मैं बता नही सकती हूँ कितना सुकून मिला मुझे चुदवाकर. वो पुरानी यादे, पति के साथ बिताई वो यादें फिर से ताजा हो गयी.

जेठ जी मुझे गचर गचर चोदने लगा. मैं ‘आह आ हा हा ओ माँ अम्मा अम्मा!’ करके लगी. जेठ जी मुझपर पूरी तरह से सवार हो गये. मुझे बहुत मजा आने लगा. वो मुझे और गहराई से चोद सके इसलिए मैंने अपनी दोनों टाँगे जेठ जी की कमर में डाल दी.  इससे अच्छी पकड़ मिलने लगी और जेठ जी मुझे और गहराई से पेलने लगे. उधर मैंने देखा की बाएं तरह वाला खेत पानी से लपालप भर गया था. मैं कुछ नही कर सकी क्यूंकि मैं चुदवा रही थी. मैं अपने जेठ का लौड़ा खा रही थी. उन्होंने २०० ३०० धक्के और हौंक हौंक के मारे और मेरे चमकदार काले भोसड़े में वो झड गया. हाथ से पकड़कर उन्होंने अपना लौड़ा मेरी चूत से बाहर निकाला. उनका मटमैला रंग का वीर्य मेरी चूत ने वापिस बाहर निकल आया और घास पर गिर गया. जेठ हाफ़ने लगे और मेरे बगल लेट गये. कुछ देर बाद वो मेढ़ काटने चले गये. उन्होंने फावड़े से पानी की धारा का रुख दुसरे खेत की ओर मोड़ दिया जो सुखा पड़ा था.

मैं सोचने लगी की जिस तरह से ये खेत सुखा और प्यासा था उसी तरह मेरी चूत पूरे ६ महीनो से सूखी. जिस तरह से इस खेत में पानी लग गया. मेरे जेठ को देख रही थी. कितने शानदार तरह ने उन्होंने मुझे आज लिया था. मुझे चोदने के बाद उन्होंने सिर्फ अपना पटरे वाला कच्छा पहन लिया था. उनकी मजबूत भुजाए, ताकतवर शरीर, मर्दाना सीना, ये सब मैं दूर से देख रही थी. यहाँ दूर दूर तक कोई नहीं था. सिर्फ खेत ही खेत थे. इसलिए मुझे चुदते हुए कोई देखने वाला नही था. जेठ जी से १५ २० मिनट तक फावड़े से पानी का रुख सूखे खेतों की तरह मोड़ दिया. फिर से पानी लगने लगा. जेठ जी मेरे पास लौट आये. मैं घास पर बिलकुल नंगी पड़ी हुई थी. जेठ एक बार फिरसे मेरे विशाल रसीले चुच्चे पीने लगा. कुछ देर बाद फिर से उन्होने मेरे पैर खोल दिए और मुझे पेलने लगे. इस बार दुसरे राउंड में उन्होंने उन्होंने बड़ी देर तक ठोंका. मेरी चूत बड़ी चौड़ी हो गयी. इस बार जेठ ने मेरी चूत से लंड निकाल लिया और मेरे मुँह पर माल गिरा दिया. मैंने माल ऊँगली से उठाकर सब का सब चाट लिया. ये कहानी आप कामुक स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है.



loading...

और कहानिया

loading...
One Comment
  1. March 21, 2017 |


बूर और लनड पेला पेली के सेक्स कहानी.comगाँव की चूत फाड दीmaa buaa nangi kyu ghum rahi hai chhinar ko land chhiexxx bhabhi ko merij gardan me chudai kahaniहिन्दी मे सेक्सी बिडियोsaxy xxx kahni in hindiमाँ किचुदाइsexsi kahanibur far store hinde mewww.com sexsi kahani hindi memene noukar se chutarwa liyaचचेरी सुमन दीदी की sex storysexy kahaniyaबुरि फाड चोदाइkahani behan ki chudai kiसुहागरात्र kese mnaga jata kee xxx xse videofucking kahaniAntarvasna dudh peelate huechudkad sexy pariwar ki kahanitamana bhaia xxx vidio sexhindi sex kahani desijangal mein padosi goun ke ladke ne khet mai jabaran choda kahani foto dukan shop didi bheed me gand sex storychut chudai kahani peshab pilakexxx didi chudai storiyahindey sexशादी में आयशा को जमकर चोदkamukta dot comgurop my sxye ki khane hendi free kamuk ta bhag 3आँटी ने भोली भाली मम्मी को उसके बेटे से जबरजस्ती चुदवायाxxxhinde sixce video stori meलङकी के साथ जानवर sex stories in hindibhan soi bina panty keअन्तर्वासना मेरी ब्राpenty chati मुसलमान कीशादी की सुहागरात हिन्दी स्टोरीhinde sex kahanehindi chudase bete ki chod kahaniantarvasnabahutmaa ke sath sex storyसुहगरात गुरप sex stores.comkomal suhagrat xxxलन्डकी कहानीxxx hot new gay sexy kahaniya muje ankal ne codamako randi banaya sex tory hindiपम्मी भाभीकी ठुकाईmarathi sex stories adla badali ma kiHindi antarwashanaxxx chudai kahani hindiदीदी ने चूत दी कहानीanty kifuck storiesममेरी बहन की बुर व गांड मारीMota land hindi kahanibeta aaj ghar sirf tu or me hai sex storyanjarwasna com maa bahan bhabhi chachi bowa ki hawaskamuktahindiaudiostoriesबियफ सेकसी चुदाई रिसतो मॅMa ko chuste huy pron hop vhedioxxxkamvasna hindi sex story.ak ladka n kheat m gand marai saxi khaniaxxx sex Dade sister ke chaudi dada na ke Hindi kamutha storeलडंके ओर लडंके आपस मे सेकस करतेGhoda.aur.auratki.chudae.ki.kahani.xxx dehati aurat khatmea cudai videokamukta.mudlimmujhe car me chodadesi sex stories maa ko choda goa main papa ke sathxxx hindi sex photosex khani kolejदेवरका पेशाब भाभी पिया कहानी भतीजी बड़े नखरे वाली तेरी चाचा ने चोदा XXX स्टोरीpadosi ko ghrpr chodaxnxxx.com hindi indian kaamwali anty balatkarindiynsexstory.combhabhi yonki sexy chut chudai ki kahanikhoobsurat gand ki khani yumchut lund ki khani