दोस्त की ममी ने लंड पकड़ लिया
हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम विक्की है और मेरी उम्र 25 साल है। में दिखने में एकदम ठीक ठाक हूँ और में रहने वाला अहमदाबाद गुजरात का हूँ। दोस्तों में आज आप सभी को अपनी एक सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हूँ जो मेरी एक सच्ची घटना है और यह मेरे साथ करीब आठ महीने पहले घटित हुई, जिसको में आज तक नहीं भुला सका हूँ। दोस्तों मैंने आज तक बहुत सारी सच्ची सेक्सी कहानियाँ पढ़ी है और जिनको पढ़कर मुझे बहुत मज़ा भी आया, लेकिन में आज जो कहानी आप सभी को सुना रहा हूँ यह मेरी पहली कहानी है और मैंने इसे बहुत मेहनत से आप तक पहुंचाया है।
दोस्तों में एक बहुत अच्छे अमीर परिवार से हूँ, मेरे परिवार में और मेरे माता पिता रहते है। दोस्तों उस समय मेरे घर के सामने वाले एक घर में एक नया परिवार रहने आया और वो लोग घर में तीन सदस्य है पति, पत्नी और उनका एक लड़का जिसका नाम रोहित है, जो मुझसे सिर्फ़ चार साल छोटा है तो उस लड़के से मेरी धीरे धीरे बहुत अच्छी दोस्ती हो गई और में अधिकतर समय उसके घर पर आया जाया करता और उसका भी मेरे घर पर आना जाना लगा रहता और हम एक दूसरे के साथ अपना बहुत समय बिताने लगे। दोस्तों उसके पापा एक प्राइवेट कम्पनी में एक बहुत अच्छी पोस्ट पर है और उसकी मम्मी एक ग्रहणी है। दोस्तों रोहित की मम्मी शोभा आंटी थोड़ी सी मोटी जरुर है, लेकिन वो दिखने में अभी तक बहुत अच्छी लगती है, लेकिन मैंने कभी भी उन्हें किसी ग़लत निगाह से नहीं देखा था और में उनसे हमेशा आंटी कहकर बात किया करता था।
दोस्तों कुछ दिन बाद रोहित होटल मैनेजमेंट का कोर्स करने बाहर चला गया तो उसके चले जाने के बाद मेरा उनके घर पर जाना भी बहुत कम हो गया। एक दिन शोभा आंटी मुझे मिली और वो मुझसे कहने लगी कि रोहित क्या चला गया तुमने तो घर पर आना जाना बिल्कुल ही छोड़ दिया? तो मैंने कहा कि आंटी में कुछ दिनों से थोड़ा किसी जरूरी काम में व्यस्त था, लेकिन में आज शाम को आपके घर पर जरुर आऊंगा और फिर उसी शाम को में शोभा आंटी के घर पर चला गया। मैंने वहां पर पहुंचकर देखा कि वो उस समय एक साड़ी में थी और मुझे देखते ही वो बहुत खुश होकर मुझसे बोली आ जाओ में भी घर पर अकेली बैठी बैठी बोर हो रही थी। फिर मैंने उनसे पूछा कि क्यों अंकल कहाँ है? वो मुझसे कहने लगी कि तेरे अंकल ज़्यादातर समय बाहर टूर पर रहते है और फिर वो मुझसे इतना कहकर किचन में चली गई। फिर कुछ देर बाद मेरे लिए वो चाय बनाकर ले आई और थोड़ी देर बाद बातों ही बातों में आंटी ने मुझसे अचानक से पूछा कि तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है या नहीं? दोस्तों में उनके मुहं से यह शब्द सुनकर थोड़ा चकित जरुर हुआ,
लेकिन फिर भी मैंने उनसे कहा कि शोभा आंटी अभी कुछ दिन पहले मेरा ब्रेकअप हुआ है तो आंटी मेरी तरफ मुस्कुराते हुए बोली कि तुम आजकल के जवान लड़के लड़कियों को परेशान बहुत करते होंगे, तभी तो वो भाग गई होगी? फिर मैंने पूछा कि परेशान वो कैसे? तो तुरंत आंटी बोली कि आजकल तुम लोग गंदी गंदी फिल्म्स देखकर अपनी गर्लफ्रेंड के साथ वैसा ही सब कुछ उसके साथ करने या वैसा ही उससे करवाने की उससे उम्मीद करते हो और फिर आंटी इतना कहकर ज़ोर से हंसने लगी। दोस्तों उनके मुहं से यह सब बातें सुनकर में बहुत चकित हो गया था और वो सब सुनकर मेरा लंड भी तनकर खड़ा हो गया और आज पहली बार मेरे मन में आंटी के लिए कुछ ग़लत विचार आ रहे थे तो इतने में आंटी का कॉल आ गया और वो फोन पर अंकल से बातें करने में व्यस्त हो गई और में वापस अपने घर पर आ गया, लेकिन दोस्तों उस रात मुझे बिल्कुल भी नींद नहीं आई और मैंने आंटी को सोच सोचकर मुठ मारी। दोस्तों उसके तीन, चार दिन बाद मेरे घर वाले एक शादी में बाहर चले गये तो में घर पर अकेला रह गया और अब में पूरा दिन घर पर सिर्फ़ सेक्सी फिल्म्स देखता रहा।
फिर उसी शाम को शोभा आंटी मुझे मिली तो मैंने उनको हैल्लो किया और बातों ही बातों में मैंने उन्हें बताया कि में घर पर बिल्कुल अकेला हूँ, तभी उन्होंने भी मुझसे कहा कि उनके पति भी बाहर गये है और फिर कुछ देर इधर उधर की बातें करने के बाद हम दोनों अपने अपने घर पर चले गए और में बस उनके बड़े सेक्सी जिस्म को चोदने के बारे में सोचने लगा। दोस्तों रात को ठीक 9 बजे मेरे घर की घंटी बजी। मैंने दरवाजा खोलकर देखा तो शोभा आंटी बाहर खड़ी हुई थी और फिर आंटी ने मुझसे कहा कि उन्हें थोड़ा सा दही चाहिए। फिर मैंने उनसे कहा कि पहले आंटी आप थोड़ा अंदर आ जाईए और फिर वो अंदर आकर मेरे रूम में बैठ गई। फिर में उनके लिए दही लेकर आया और अब आंटी मुझसे बातें करने लगी, उस समय आंटी ने काले कलर का गाऊन पहन रखा था जिसकी वजह से उनके बड़े बड़े बूब्स और बड़ी सी गांड बहुत सेक्सी दिख रही थी, शायद आंटी ने मेरी इस बात पर गौर कर लिया था कि में बार बार उनके बूब्स की तरफ घूर घूरकर देख रहा था। दोस्तों उस वक़्त मैंने आधी पेंट पहनी हुई थी और अब मेरा लंड धीरे धीरे पूरा खड़ा हो गया था और भी आंटी बार बार जानबूझ कर मुझसे थोड़ा झुककर बात कर रही थी ताकि में उनके बूब्स देख सकूं। फिर आंटी बोली कि अभी तो तुम घर पर एकदम अकेले हो क्यों तुम कोई ग़लत काम तो नहीं कर रहे हो ना? फिर मैंने पूछा कि आंटी ग़लत काम का मतलब क्या?
आंटी तुरंत बोली कि क्यों कोई गंदी फिल्म तो नहीं देख रहे हो ना? और फिर वो हंसने लगी। दोस्तों उनके मुहं से यह सब सुनकर मेरे पूरे शरीर में अब कुछ कुछ हो रहा था और इतने में आंटी ने मेरी उस पेंट की जिप की तरफ मुझसे देखकर कहा कि यह इतना मोटा बाहर क्या दिख रहा है? दोस्तों क्योंकि उस समय मेरा लंड पूरा तनकर खड़ा था और जिसकी वजह से मेरी पेंट उठी हुई दिख रही थी। दोस्तों अब में भी पूरी तरह से मूड में आ चुका था। फिर मैंने उनसे तुरंत कहा कि आंटी आप ही देख लीजिए और में उनके पास जाकर खड़ा हो गया। आंटी मेरे बेड पर बैठी हुई थी और जैसे ही में उनके पास गया तो उन्होंने तुरंत मेरा लंड उस छोटी पेंट के बाहर से झपटकर पकड़ लिया और वो मुझसे बोली कि वाह वाह तुमने इसको बहुत सम्भालकर रखा हुआ है और अब वो मेरा पकड़कर धीरे धीरे दबाने, सहलाने लगी। फिर मैंने उनसे कहा कि आंटी अब खोलकर भी देख ही लो। दोस्तों उन्होंने झट से मेरी पेंट की चेन खोली और तुरंत मेरा लंड अपने हाथ में ले लिया और वो मेरे लंड पर ऐसे झपटी जैसे उन्हें मेरे हाँ कहने का ही इंतजार था और उसके ऐसा करने से मुझे लगा कि मुझे आज पूरी जन्नत मिल गई है। दोस्तों आंटी अब अपने नाज़ुक मुलायम मुलायम हाथों से मेरा लंड पकड़कर सहला रही थी तो मैंने भी इस बात का फायदा उठाकर आंटी के बूब्स दबा दिए। दोस्तों उनके बूब्स आकार में बहुत बड़े और बहुत मुलायम महसूस हो रहे थे, लेकिन अब आंटी और में पूरे मूड में आ चुके थे। आंटी ने मेरे सारे कपड़े उतार दिए थे और में पूरा नंगा होकर खड़ा हुआ था और आंटी मेरा लंड अपने मुहं में लेकर ज़ोर ज़ोर से चूस रही थी।