नौकरी के लिये चूत की कुर्बानी

 
loading...

हैल्लो दोस्तों, में अरुणा और मुझे कहानियाँ पढ़ने में बहुत मज़ा आता है और में पिछले कुछ सालों से इसकी कहानियों को लगातार पढ़ती आ रही हूँ. मुझे सेक्सी कहानियाँ पढ़ना बहुत अच्छा लगता है, इसलिए में भी आज आप सभी लोगों को अपनी एक सच्ची घटना बताने जा रही हूँ.

यह मेरे जीवन की वो घटना है, जिसको में आज तक नहीं भुला सकी, वो सब मुझे आज भी बहुत अच्छी तरह से याद है कि मेरे साथ क्या हुआ और कैसे हुआ? क्योंकि यह मेरा पहला सेक्स अनुभव था, जिसको मैंने एक गैर मर्द से किया. वैसे मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि में कभी अपने पति के अलावा भी कभी किसी के साथ सेक्स करूंगी और यह मेरी पहली चुदाई थी इसलिए मुझे बहुत अजीब सा लगा.

दोस्तों यह उन दिनों की बात है जब में अपनी शादी होने के कुछ दिनों बाद ही अपने पति के साथ में मुंबई रहने लगी थी और वो मेरे लिए बिल्कुल नई नई जगह थी. मेरी वहां पर किसी से कोई जान पहचान नहीं थी और इसलिए कुछ दिनों बाद घर पर अकेले बैठे बैठे में बहुत बोर हो गयी थी, तो एक दिन मैंने अपने पति से कहकर मैंने भी उनसे नौकरी करने की आज्ञा ले ली थी और वैसे वो भी चाहते थे कि में भी कोई नौकरी करूं, उससे मेरा समय भी गुजरता रहेगा और मेरा मन भी लगा रहेगा.

दोस्तों मैंने अपनी शादी से कुछ साल पहले तक एक अच्छे से कॉलेज से अपनी बी-कॉम तक की पूरी पढ़ाई की थी और मैंने नासिक में कंप्यूटर एकाउंटिंग का भी कोर्स किया था इसलिए मुझे थोड़ा सा नौकरी का अनुभव भी था, तो मेरे पति ने मुझसे कहा कि उन्होंने अपने बॉस से मेरी नौकरी के बारे में कहा है और उनके बॉस ने उनसे वादा किया है कि वो उनके एक दोस्त के वहाँ पर मुझे वो कोई भी छोटी मोटी नौकरी पर जरुर लगवा देंगे, लेकिन में अपने दम पर कुछ करना चाहती थी इसलिए मैंने निर्णय लिया कि न्यूज़ पेपर में नौकरी की कोई खबर देखी जाए. फिर मैंने न्यूज़ पेपर में खबर देखी और कुछ जगह पर इंटरव्यू के लिए सुबह ही निकल गई और में इंटरव्यू के लिए पहुँची.

दोस्तों मैंने दो से तीन जगह पर जाकर इंटरव्यू भी दिया, लेकिन मुझे वहां से कुछ खास जवाब नहीं मिला. मुझे अब ऐसा लगा कि मुझे नौकरी नहीं मिलेगी, में उस बात को लेकर बहुत उदास थी क्योंकि मेरी इतनी अच्छी पढ़ाई और मेरी इतनी मेहनत के बाद भी मुझे वैसा फल नहीं मिल रहा था जिसकी मुझे उम्मीद थी. फिर एक जगह में इंटरव्यू के लिए बैठी थी, तो उस समय शाम के 6 बज चुके थे और तभी रिशेप्शन से किसी ने मुझसे कहा कि आप अंदर जाइए, तो मैंने उस वक़्त नीले कलर की साड़ी और उसी कलर का ब्लाउज भी पहना हुआ था और अंदर जाते ही मैंने देखा कि एक आदमी कुर्सी पर बैठकर फोन पर बातें कर रहे है.

फिर में उस कुर्सी के पास में जाकर खड़ी हो गई और उसने मुझसे बैठने को भी नहीं कहा, वो फोन पर बातें कर रहे थे और कभी कभी मेरे शरीर के उभार को भी देख रहे थे. फोन पर बातें करते वक़्त वो कई बार मेरी छाती के उभार पर नज़रे मार रहे थे. अब में समझ गई कि यह आदमी मेरे शरीर को देख रहा है, लेकिन मैंने अनदेखा किया और इधर उधर देखती रही और मैंने उसे अपने शरीर को देखने का अच्छा मौका दे दिया और जब भी मेरी नज़र इधर उधर होती तो वो अपनी नज़रे मेरे शरीर के अंगो पर लगा देता और हंस हंसकर फोन पर बात करता. फिर कुछ देर ऐसा ही चलता रहा और फिर उसने अपनी बात को खत्म करके फोन रखकर मुझसे बैठने को कहा.

फिर कहीं जाकर मुझे अच्छा महसूस होने लगा था. उनका नाम मिस्टर मेहता था और उनकी टेबल के ऊपर मिस्टर मेहता के नाम की प्लेट रखी थी जिसको पढ़कर मुझे उनका नाम पता चला और कुछ सीधे साधे सवाल पूछने के बाद मैंने मेरी फाईल उन्हे हाथ में दे दी और फिर वो मुझसे कहने लगे.

मिस्टर मेहता : मिस अरुणा आपने नौकरी तो पहले भी की हुई है, लेकिन आपको इतना भी ज़्यादा अनुभव नहीं है और इस नौकरी के लिए कुछ ज्यादा अनुभव होना बहुत ज़रूरी है.

में : प्लीज सर आप मुझे एक मौका दे दीजिए, मैं आपको बिल्कुल भी निराश नहीं करूँगी, प्लीज एक बार, मैं मन लगाकर आपके सभी काम काम करूंगी.

फिर मेरे ऐसा कहते ही उसने मुझे स्माइल दी और मेरी छाती पर अपनी नज़र फेर दी और तभी मुझे भी महसूस हो गया कि शायद मैंने कुछ ग़लत ही कह दिया या कुछ ज्यादा ही बोल दिया है. दोस्तों में तो अपनी नौकरी के बारे में उनसे कह रही थी, लेकिन उसने उन सभी बातों का कुछ और ही मतलब निकाल लिया था. इस वजह से वो मुझे लगातार गंदी नजर से घूरने लगा था, लेकिन अब में क्या करती?

मिस्टर मेहता : हाँ लेकिन तुमसे पहले भी जो लोग मेरे पास इस नौकरी के लिए इंटरव्यू के लिए आए थे और वो भी सभी लोग इस नौकरी के लिए सब कुछ करने को तैयार थे.

दोस्तों मैंने अब बहुत हैरानी से उनकी पूरी बात सुनकर उन्हें देखा और में उनकी बातों का मतलब भी कुछ कुछ समझ चुकी थी. मुझे उनकी खराब नीयत समझ में आ रही थी.

मिस्टर मेहता : मेरा मतलब है कि वो सभी बहुत अच्छा काम करने को तैयार थे, चलो ठीक है अब तुम मुझे बताओ कि तुम यह नौकरी क्यों करना चाहती हो?

में : क्योंकि सर में घर पर बिल्कुल अकेले रहकर बोर हो जाती हूँ और मुझे अपने जीवन में हमेशा कोई ना कोई काम करते रहना पसंद है और जीवन में आगे बढ़ने के लिए भी नौकरी करना बहुत ज़रूरी है.

मिस्टर मेहता : हाँ तुम्हारा कहना बहुत हद तक बिल्कुल सही है, में मानता हूँ कि तुम्हारी सोच बहुत अच्छी है, लेकिन मेरा मानना तो यह है कि किसी भी औरत के लिए आगे बढ़ना बहुत आसान होता है और तुम जैसी सुंदर औरत तो बहुत आराम से अपने जीवन में बहुत आगे बढ़ सकती है.

में : माफ़ करना, लेकिन सर में आपकी बातों का मतलब नहीं समझी.

मिस्टर मेहता : चलो ठीक है तुम अभी तुम्हारे डॉक्युमेंट रहने दो, तुम मेरा यह कार्ड रख लो और कल तुम मुझे कॉल करना, में तुम्हे सब कुछ बता दूंगा.

दोस्तों में मन ही मन बहुत खुश हो गई और मैंने उन्हे स्माइल देकर धन्यवाद कहा और उठकर जाने लगी. मुझे पूरा विश्वास था कि उसने मेरे पलटकर जाते समय मेरे पीछे का नज़ारा ज़रूर देखा होगा. दिन भर के इंटरव्यू से में बहुत थक चुकी थी, मैंने घर पर पहुंचकर अपने पति से कह दिया कि आज हम कहीं बाहर से खाना मँगवाते है, मुझमें आज इतनी हिम्मत नहीं है कि में खाना बनाकर खा लूँ या तुम्हे भी खिला दूँ. फिर वो मेरी यह पूरी बात सुनकर बाहर से ही हमारे लिए खाना ले आए और फिर हमने साथ बैठकर खाना खाया और फिर कुछ देर बेड पर मस्ती की और उसके बाद हम सो गए, अगले दिन सुबह जल्दी उठकर मैंने अपने सभी काम खत्म करने के बाद मिस्टर मेहता को कॉल किया.

में : हैल्लो सर में अरुणा बोल रही हूँ. क्या पहचाना आपने कल मेरी आपसे आपके ऑफिस में मुलाकात हुई थी और तब आपने मुझसे कहा था कि में आपको फोन करूं.

मिस्टर मेहता : हाँ में पहचान गया, लेकिन में अभी मीटिंग में हूँ और में तुमसे बाद में बात करता हूँ.

फिर उन्होंने मुझसे इतना कहकर फोन कट कर दिया और में अपने घर के कामों में लग गई. में फोन का इंतजार करने लगी और कुछ देर के बाद उनके नंबर से मुझे कॉल आ गया.

मिस्टर मेहता : हैल्लो अरुणा.

में : हाँ सर कहिए, आपने क्या निर्णय लिया?

मिस्टर मेहता : में तुम्हे सच सच बताना चाहता हूँ कि मेरे एक दोस्त के कहने से एक औरत को मुझे उसी जगह पर नौकरी पर रखना है और इसलिए तुम मुझे माफ़ करना क्योंकि में तुम्हे वो नौकरी नहीं दे सकता हूँ.

में : सर प्लीज़, आप मुझे एक बार मौका देकर देखिए, में बहुत मन लगा कर नौकरी करूँगी.

मिस्टर मेहता : देखो मुझे बिल्कुल भी घुमा फिराकर बात करना पसंद नहीं है, क्योंकि ऐसा करने से बहुत समय खराब होता है और अब अगर तुम चाहो तो में खुलकर तुमसे बात करूं?

में : हाँ सर, कहिए ना?

मिस्टर मेहता : देखो मेरे दोस्त के कहने से जो औरत नौकरी पर आ रही है उसे नौकरी पर रखना मेरी मजबूरी है, वैसे अगर तुम चाहती हो कि में उसके बदले तुम्हे उस नौकरी पर रख लूँ तो मुझे उसके बदले में क्या मिलेगा?

में : हाँ सर बताइए ना कि आपको क्या चाहिए?

मिस्टर मेहता : अगर तुम तुम्हारी दे सकती हो तो?

दोस्तों मुझे समझने में बिल्कुल भी देर नहीं लगी कि वो मुझसे क्या चाहते है? तो मैंने तुरंत उस बात का मतलब समझते हुए उन्हें ना कह दिया और फिर फोन रख दिया. दोस्तों मुझे उस बात को सुनकर बहुत टेंशन हो गई थी, इसलिए में अपने पति को यह बात बताकर अपनी टेंशन को और नहीं बढ़ाना चाहती थी, इसलिए मैंने अपने पति को कुछ भी नहीं बताया.

अब उसी शाम को मेरे पति ने मुझसे कहा कि उसके बॉस ने उसको कहा है कि उसके एक दोस्त के वहाँ पर एक नौकरी है और तुम्हे कल वहाँ पर जाकर अपना इंटरव्यू देना है और वैसे इंटरव्यू तो देना बस एक काम है तुम्हारी वहाँ पर नौकरी बिल्कुल पक्की है, में यह बात सुनकर मन ही मन बहुत खुश हो गई कि आखिरकार मुझे नौकरी तो मिल ही गई और अब उस एकदम घटिया आदमी से मेरा पाला भी नहीं पड़ेगा. फिर मेरे पति ने मुझसे कहा कि कल मेरे बॉस खुद हमारे घर पर आने वाले है, इसलिए तुम अच्छी तरह से तैयार रहना. दोस्तों में मेरे पति के बॉस को पहले से ही बहुत अच्छी तरह से जानती थी, हमारी पहले भी दो से तीन बार मुलाक़ात हो चुकी थी और में अच्छी तरह से जानती हूँ कि वो एक बहुत अच्छे इंसान है.

फिर अगले दिन में उनका इंतजार करने लगी और शाम को करीब 6 बजे मेरे पास मेरे पति का फोन आ गया और उन्होंने मुझसे कहा कि वो बॉस के साथ घर आ रहे है और मैंने यह बात सुनकर तुरंत फ्रेश होकर नारंगी कलर की साड़ी पहन ली और मैंने पहले से ही उनके लिए नाश्ता भी बनवा लिया था. घर पर मैंने बॉस का स्वागत किया और फिर मेरे पति और उनके बॉस के बीच में बातें होती रही और में उन्हे चाय नाश्ता देने में व्यस्त रही.

बॉस : प्रकाश में मेरे दोस्त के ऑफिस ही जा रहा हूँ, अगर तुम कहो तो में अरुणा को भी अपने साथ ले जाता हूँ, वहां पर इनका इंटरव्यू भी हो जाएगा और में खुद ही अरुणा का उनसे परिचय करवा दूँगा.

प्रकाश : हाँ ठीक है सर आपका यह विचार बहुत अच्छा है. अरुणा तुम जल्दी से तैयार हो जाओ और बॉस के साथ अपनी नौकरी के लिए इंटरव्यू पर चली जाओ.

दोस्तों मुझे थोड़ा सा अजीब महसूस हो रहा था कि में मेरे पति के बॉस के साथ उनकी कार में अपनी नौकरी के इंटरव्यू देने जाऊँ और वो भी शाम के टाईम, यह सब कुछ अजीब सा था, लेकिन में मन ही मन बहुत खुश थी खासकर अपनी नौकरी को लेकर, क्योंकि में मुंबई जैसे बड़े शहर में एकदम नयी थी, इसलिए मुझे वहां पर नौकरी मिलना मेरे लिए बहुत बड़ी बात थी और फिर वो वैसे भी मेरे पति के बॉस थे, इसलिए मुझे उनकी बात को मानना भी अब बहुत ज़रूरी हो गया था.

बॉस : हाँ ठीक है प्रकाश अब हम जाते है और मेरा ड्राईवर हमारा काम खत्म होने के बाद आते समय अरुणा को घर पर वापस छोड़ देगा.

में : लेकिन प्रकाश अगर आप भी मेरे साथ में आ जाते तो?

प्रकाश : ऐसी कोई बात नहीं है अरुणा, तुम इनके साथ चली जाओ और अब वैसे भी में हर जगह पर तुम्हारे साथ में नहीं आ सकता हूँ और फिर नौकरी भी तो तुम्हे अकेले ही करनी है और वैसे भी में आज बहुत थक गया हूँ.

फिर बॉस और मेरे पति प्रकाश दोनों ही अब हंसने लगे थे और मैंने भी उनकी बात को मान लिया और अब में बॉस के साथ जाने के लिए तैयार हो गई थी. मैंने अपने डॉक्युमेंट की कॉपी फाईल लेकर बॉस के साथ उनकी कार में उनके साथ पीछे की सीट पर बैठ गई.

मैंने देखा कि उनका ड्राईवर एक 20-22 साल का लड़का था, वो काली कलर की एक स्कोडा गाड़ी थी. उस समय शाम के करीब 7 बजे होंगे जब हम घर से निकले. फिर चलते समय रास्ते में बॉस और में इधर उधर की बातें कर रहे थे. तभी कुछ देर बाद धीरे से बॉस मेरी तरफ सरक गये जिसकी वजह से उनकी जांघ अब मेरी जांघ को छूने लगी थी.

में थोड़ा सा साईड में हो गई थी, लेकिन फिर से वो बात करते करते मुझसे दोबारा चिपक गये थे और बातों ही बातों में बॉस ने अपना एक हाथ मेरी जांघ पर छूकर उठा दिया, लेकिन मैंने उनकी इस बात का कोई विरोध नहीं किया. यह देखकर उन्होंने मुझसे बातें की और दोबारा मेरी जांघ पर अपना हाथ रख दिया और थोड़ी देर के बाद वो धीरे धीरे सहलाने लगे वो अब मुझसे बातें भी कर रहे थे. दोस्तों में अब बहुत अच्छी तरह से समझ चुकी थी कि बॉस की मुझमे रूचि है, लेकिन मैंने भी उन्हें कोई खास भाव नहीं दिया, बस में उनकी बातें सुन सुनकर थोड़ी सी स्माइल देती रही.

दोस्तों प्रकाश के बॉस एक बहुत अमीर इन्सान थे और उनके हाथ में प्रकाश की नौकरी और अब मेरी नौकरी भी थी, इसलिए मेंने उनकी इन हरकतों को अनदेखा कर दिया. मैंने भी सोचा के बॉस को खुश रखेंगे तो हमारे परिवार को भी सहारा मिल जाएगा, लेकिन उनकी वो हरकते अब बढ़ चुकी थी. उन्होंने एक हाथ अब मेरे कंधे पर रख दिया था.

मैंने उनकी आखों में देखा और उनको स्माइल दे दी और फिर क्या था? उन्हे तो मानो इसी मौके का इंतज़ार था वो फिर कार में ही मुझे सहलाने लगे और आगे की सीट पर बैठा हुआ ड्राइवर कांच में से वो सब कुछ देख रहा था, लेकिन मुझे कुछ खास फरक नहीं पड़ा, क्योंकि मेरे हाथों में अब एक मजबूत पैसे वाले इन्सान का हाथ था. कुछ ही देर में हम अपनी मंजिल तक पहुँच गये और फिर जैसे ही में कार से नीचे उतरी मुझे याद आया कि इससे पहले भी में इस जगह पर आई हुई हूँ. फिर हम दोनों लिफ्ट से ऊपर गये और सबसे ऊपर वाली मंजिल पर पहुंचे, वहीं पर एक साइड में वो ऑफिस था जहाँ पर हमें जाना था.

फिर जैसे ही हम अंदर गये तो में अंदर जाते ही वो सब देखकर एकदम से बिल्कुल हैरान हो गई, क्योंकि वहाँ पर कुर्सी पर मिस्टर मेहता बैठे हुए थे और हमारे अंदर आते ही उन्होंने ज़ोर से हंसकर बॉस से अपना हाथ आगे करके हाथ मिलाया और जब उन्होंने मेरी तरफ देखा तो वो मुझे स्माइल देकर कहने लगे कि आप प्लीज़ बैठिए, उन्होंने मुझसे ऐसा कहा और दोस्तों वो मुझे देखकर शायद बहुत आश्चर्यचकित थे और उनके साथ साथ में भी.

बॉस : मेहता यह है अरुणा मैंने तुम्हे इसी के लिए कहा था.

मिस्टर मेहता : जी में इन्हे पहले से ही जानता हूँ क्योंकि यह दो दिन पहले ही अपना इंटरव्यू देने यहीं पर आई थी और किस्मत की बात देखो मैंने ही मना किया और वो भी इन्हें और फिर दोनों हंसने लगे हहाहहहह

बॉस : ठीक है बहुत अच्छा है कि आप लोग एक दूसरे को पहले से ही जानते हो.

दोस्तों मुझे बहुत टेंशन होने लगी थी और में मन ही मन सोचने लगी थी कि में अब यह नौकरी करूं या नहीं? तभी बॉस को किसी का कॉल आ गया और वो तुरंत कुछ देर के लिए उठकर केबिन से बाहर चले गये. में और अब मिस्टर मेहता ही केबिन में थे.

मिस्टर मेहता : अरुणा तुम मुझे माफ़ करना, मैंने कल तुम्हे फोन पर कुछ ज्यादा ही बोल दिया था. मुझे ऐसा नहीं कहना चाहिए था, सही बात तो यह है कि तुम इतनी सुंदर हो कि मेरी मर्ज़ी ना होते हुए भी फोन पर ऐसे ही मेरे मुहं से वो सब निकल गया, प्लीज मुझे माफ़ कर दो.

दोस्तों उनके मुहं से यह सब बातें सुनकर मुझे थोड़ा ठीक लगा और इसलिए मैंने भी अपना उन्हें जवाब दे दिया. मैंने उनसे कहा कि ठीक है सर ऐसी कोई बात नहीं है और अब मुझे आपके साथ काम करने में बहुत खुशी होगी, में मन लगाकर अपना काम करूंगी.

मिस्टर मेहता : ठीक हे तो कल से तुम अपनी नौकरी पर आ जाओ, मुझे तुमसे मिलकर बहुत अच्छा लगा और एक बार फिर से में तुमसे मुझे माफ़ करने के लिए कहूँगा प्लीज.

में : हाँ ठीक है, सर में आपके सभी काम बहुत मेहनत से करूंगी, मेरी तरफ से आपको कोई भी शिकायत का मौका नहीं मिलेगा. आप बस एक बार मेरा काम देख लीजिए.

फिर इतने में बॉस ने मिस्टर मेहता को आवाज़ दी और वो चले गये. में उसी जगह पर ही बैठी थी और वो बाहर खड़े हुए थे. मुझे उनकी कुछ कुछ आवाज़ें मुझे अंदर भी सुनाई दे रही थी. वैसे मुझे मेरे पति उनके बॉस और मिस्टर मेहता के बीच क्या सब कुछ बातें हुई थी, वो सब बिल्कुल भी पता नहीं थी.

बॉस : मेहता यह औरत मेरी कम्पनी में काम करने वाले एक नौकर की पत्नी है, मैंने इसको कार में ही पटा लिया है, तुम थोड़ा इसका ध्यान रखना.

मिस्टर मेहता : ठीक है, बहुत अच्छा है यार, चलो हम दोनों मिलकर खाते है हहहहह.

बॉस : हाँ क्यों नहीं तुम भी जरुर खाना, लेकिन पहले में.

मिस्टर मेहता : ठीक है और तुम सुनाओ काम कैसा चल रहा है?

बॉस : सब ठीक चल रहा है, लेकिन मुझे एक केबिन तो दो.

मिस्टर मेहता : हाँ हाँ क्यों नहीं आप मेरा केबिन ही काम में ले लो में अभी बाहर ही जा रहा हूँ, ठीक है बाय.

फिर मिस्टर मेहता उनसे इतना कहकर चले गये और मेरे पति प्रकाश के बॉस अंदर आए. उन्होंने केबिन को अंदर से बंद कर दिया में तुरंत खड़ी हो गयी वो सीधे आकर मेरे गले लग गये और मेरी गर्दन को किस करने लगे. उनके हाथ मेरी गांड को मेरी साड़ी के ऊपर से सहलाने लगे.

में : प्लीज़ सर, यह सब अभी नहीं, किसी और दिन.

बॉस : आओ ना अरुणा तुम्हे जीवन में आगे जाना है तो यह सब जल्दी होना ज़रूरी है, में तुम्हारे पति को भी अच्छी कुर्सी दे दूँगा उसके पैसे भी बढ़ जाएगे.

दोस्तों में अपने पति के आगे बढ़ने की बात सुनकर मेरा इनकार अब अचानक से इकरार में बदल गया. वो मुझे केबिन से जुड़े हुए बाथरूम में ले गये तभी उन्हे एक फोन आ गया वो कोई जरूरी कॉल था और उसकी वजह से उन्हे अचानक से कहीं बाहर जाना था.

अब फोन पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि वो बस 30 मिनट में आ ही रहे है, वो कुछ जरूरी काम में लगे हुए है और फिर उनकी यह बात सुनकर मुझे अच्छा लगा और में मन ही मन बहुत खुश होकर सोचने लगी कि चलो आज तो में बच गई, लेकिन दोस्तों मेरा यह सब सोचना, खुश होना बिल्कुल ग़लत था. अब बाथरूम में वो मेरे पीछे आकर खड़े हो गये और उन्होंने तुरंत मेरे सर पर अपना एक हाथ रखकर मुझे नीचे झुका दिया.

में उनके सामने थोड़ा सा झुक गई और अब वो अपनी पेंट को खोलने लगे तो में तुरंत समझ गई कि जल्दी में ही सही, लेकिन अब यह एक बार जरुर मेरी चुदाई करने ही वाले है और मेरे झुकते ही उन्होंने तुरंत मेरी साड़ी को पूरा ऊपर उठा दिया, जिसकी वजह से उन्हें मेरी पेंटी नजर आने लगी और फिर उन्होंने बिना देर किए तुरंत मेरी पेंटी को भी एक झटके से खींचकर नीचे कर दिया, जिसकी वजह से मेरी पेंटी नीचे सरक गई और मेरी सुंदर गोरी मध्यम आकार की गांड अब पूरी तरह से नंगी होकर उनके सामने थी.

अब उन्हें पीछे से मेरी गुलाबी चूत का नज़ारा भी दिख रहा था. उन्होंने अपना लंड पेंट से बाहर निकाला और उस पर थोड़ा सा थूक लगाकर पीछे से मेरी चूत में डाल दिया.

दोस्तों उनका धक्का इतना जोरदार था कि उसकी वजह से उनका लंड मेरी चूत को फाड़ता हुआ अंदर चला गया, जिसकी वजह से मुझे बहुत दर्द हुआ, क्योंकि एक तो में खड़ी हुई थी और जिसकी वजह से मेरी चूत का छेद कम खुला हुआ था और ऊपर से उनके मोटे लंड ने मेरी चूत को बहुत जबरदस्त धक्का दिया. मुझे ऐसा लगा कि जैसे किसी ने मेरी कोमल मासूम चूत में जानबूझ कर कोई मोटा डंडा डाल दिया हो.

उस दर्द से मेरे मुहं से चीख निकल गई और कुछ देर धक्के लगने के बाद में थोड़ा सा शांत हो गई और उनके साथ उनके धक्कों का मज़ा लेने लगी. दोस्तों वो लगातार मेरी चूत पर ताबड़तोड़ धक्के दिए जा रहे थे और में चीखना चाहती थी, लेकिन चीख ना सकी और वो बहुत जल्दी में थे और 5 से 7 मिनट के जबरदस्त धक्कों के बाद उन्होंने अपना लंड झट से बाहर निकाला लिया और फिर उन्होंने हाथ से अपना लंड हिलाकर ही बाहर अपना वीर्य निकाल दिया और फिर वो बाथरूम से बाहर चले गये.

फिर उनके चले जाने के बाद मैंने अपने आपको साफ किया और फिर पेंटी पहनकर बाहर केबिन में आ गई तब तक मिस्टर मेहता भी आ गये थे, तो उन्होंने बॉस से कहा कि में अरुणा को इसके घर तक छोड़ देता हूँ, आप चाहे तो चले जाए और फिर बॉस उनके ज़रूरी काम से बाहर चले गये. अब में और मिस्टर मेहता उनकी कार में घर के लिए निकल गये, वो मुझे स्माइल दे रहे थे और मुझे बिल्कुल भी समझ में नहीं आ रहा था कि में उनसे कैसे बात करूँ?

मिस्टर मेहता : अरुणा तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो यह सब होता रहता है और मुंबई जैसे शहर में यह सब बातें होती रहती है, मैंने तुमसे पहले भी कहा था कि एक औरत के लिए जीवन में आगे बढ़ने के लिए यही अच्छा है कि वो साथ दे और जो आज तुमने किया है, तुम्हारा यह निर्णय एकदम सही है कि तुम अब और भी ज्यादा अनुभवी और एक नौकरी वाली हो गई हो.

दोस्तों मुझे मिस्टर मेहता के सहज बात करने के तरीके ने उनकी तरफ बहुत आकर्षित किया और में वैसे अपने मन की सही बात बताऊँ तो में मन ही मन आज बहुत खुश थी अपने नए अनुभव और मेरी नई नौकरी के लिए भी.

में : आपको बहुत बहुत धन्यवाद मिस्टर मेहता जी, क्योंकि आप हमेशा बहुत सुलझी हुई बात करते है. मैंने ही आपको बहुत गलत समझ लिया था, उसके लिए आप मुझे एक बार माफ़ जरुर करना.

मिस्टर मेहता : हाँ यह सब ठीक है और अरुणा वैसे मुझे भी तुम बहुत पसंद हो, लेकिन जब तक तुम हाँ नहीं करोगी में तुम्हे हाथ भी नहीं लगाऊंगा, तुम बिल्कुल बेफिक्र होकर अपनी नौकरी कर सकती हो और तुम्हे मुझसे डरने की ज़रूरत नहीं है. जब तुम्हारा दिल करे प्रमोशन लेने का तब तुम मुझसे कह देना, में तुम्हे प्रमोशन दे दूँगा हाहहहहहा.

में : हाहहह वैसे आप बहुत अच्छा मजाक करते हो.

अब मैंने भी उन्हें स्माइल दे दी और फिर मेरा घर आ गया था. मैंने उन्हें अपने घर में आने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने मुझसे यह बात कहकर टाल दिया कि में अगली बार जब भी तुम मुझे बुलाओगी में जरुर आ जाऊंगा और फिर वो चले गए और मैंने घर के अंदर आकर बहुत खुश होकर अपने पति को अपनी नौकरी पक्की होने की बात बता दी. फिर प्रकाश ने मुझसे कहा कि में तो बहुत अच्छी तरह से जानता था कि तुम्हे यह नौकरी तो मिलनी ही थी.

मैंने जो मेरे बॉस को तुम्हारी सिफारिश करने को कहा था, तो मैंने मन ही मन में सोचा कि यह नौकरी तो मुझे मेरे 10 मिनट के उस काम की वजह से मिली है और मैं मन ही मन मुस्कुराने लगी और मेरी शादी के पहले भी दो बॉयफ्रेंड थे, तो मुझे अपने पति को यह सभी बातें ना बताने में कभी भी ऐसा कुछ महसूस ही नहीं हुआ.

अगले दिन से मैंने अपनी नौकरी शुरू की और मुझे बहुत अच्छा काम दिया गया अकाउंट्स का. मेरी मिस्टर विनय के कामों में उनकी मदद करने की नौकरी थी, जिसकी वजह से अकाउंटिंग की बहुत सारी जानकारी में मेरी ट्रैनिंग भी हो गई थी, वो नौकरी मैंने करीब एक साल तक की होगी, लेकिन फिर मैंने अपनी मर्जी से उस नौकरी को छोड़ दिया था और अब में कहीं और किसी फर्म में नौकरी करने लगी थी, लेकिन एक साल में कई बार मैंने और मिस्टर मेहता ने होटल्स में अपना दिन बिताया और हमने ऑफिस में भी बहुत मज़े किए.

फिर मेरे पति ने भी कुछ दिनों के बाद अपनी मर्जी से नौकरी को छोड़कर हमारा खुद का किराना शॉप खोल लिया था, लेकिन दोस्तों उसके बाद भी मेरे पति के बॉस से मेरा वो रिश्ता बहुत दिनों तक रहा और जब भी उनका दिल करता वो मुझे कॉल करते और में तुरंत उनके पास चली जाती थी. फिर मेरे पति के नौकरी छोड़ने के बाद उनके बॉस से मेरा रिश्ता भी खत्म हो गया.

मिस्टर मेहता के पास भी मैंने पूरे एक साल ही नौकरी की थी और फिर काम का अच्छा अनुभव मिलने पर दूसरी एक ट्रेडिंग फर्म में मुझे अच्छी पोस्ट पर ऑफर मिल गया और मैंने वहाँ पर नौकरी की. वहाँ का बॉस 50 की उम्र का था और वो मुझे अपनी बेटी की तरह ही रखता था. वहाँ पर मेरा कोई अफेयर नहीं हुआ, लेकिन पिछले सप्ताह मैंने उस नौकरी को भी छोड़ दिया है.



loading...

और कहानिया

loading...
One Comment
  1. September 25, 2016 |


hindi hot kahani lundwaleSexy kahani vidhwa didi ke madad se parivarik lambi kahanikamukta maa bhaiyawww.xxx khaniya.comindian sex kahani in hindichachi ne bhatije ko ghar bulale gand marwai hindi sex storigexxx kahani vidwaxxxsex story hindimeantarvasanahendi sexxnxx foan kahani marathikhule mai sexmosi xxx kahani hindiमेरे जन्मदिन पर मैने अपनी बहन व उसकी दोस्त को एक साथ चोदा सेकसी Storysmaa bata ke sixe khine hinde aduo 2018 xxnx comChachi.fupa.antarvasnawwwxxxantrvasnahindiBadwap.com rishtome chudai sex storiessaja mili bhot maja xxx khanixxx stori hindixxx a bf फोटो काहानीwww.xxx story hindimardo ne bcchi se oarat se maa bnaya chudai storyxxx badi didi ko choda hindi kahanidost ke sath baheno ki adla badli chudai ki kahaniya hindi mekhani xxx vivi hindiMaa beta khet chudai sex kahani storiesचुपके mom boy hot massageHindi Chodai video Hindi coller dusre ki aawajचुतमार पापाhinde anntarwasna.com. comKonse jagah nange log rahte haichudai ki kahani behan kihindiaudiosexkahani.comचुदाई की कहानी कुताxxx bhai bhatija hindi storiyकामुकता हैंडसम लड़के के साथbhatiji ko choda marathi choda chodi kathadidi ne chut ki malishh storybhai ki girlfirend bani sex stryxnx anthrwasana sex kahanehot sex seal tood chudai biliding ke sathhindi hot kahani lundwalewww.lambe land se chut fad sex hindi stori.comgodhi banakar ghand maari sexy videos hdमासूम लड़की की गाँड़ पेला कहानीमेरी चूत चुत व अफ्रीकन एक लोदो से कहानी हिंदीhindi ladki kazoo chuday xxx videokamukta.comBata na maa ko chude daya village xxx videosexy kahani maa ke sath 2018 mechudakar sasur antervasnaporn kahaniamere mama ne mummy ki jamke choudai kifamily me biwi ke sath saas ki chudai kiदेहाति रनडि कि चुदाइिantarvashna hindi storikahani xxx muslimkato ma bahbe ke chudai ke xxx kahani hindipuja pdhosi bf hindixxxxखेत मेंचुदाई की कहानी हिनदीxnx stroyUncle ji ka lnd.gaysexkhaniदीदी की चूतkamukta.comsavita bhabhi ki sexy kahaniबुर की चुदास का पानीकरूणा फूफू से जबरदसती सेकस कियाxxx.doctor.madam.ki.chudai.ki.hindi.kahanixxx chudei video bhhu ki khet meरडी मॉ नोकर की kmuktabire bhn cohta bhai xxx storix कहानीhindi sakse kahnexxx chudai kahani hindiभाभियो की चुदाई की कहानीजब चुत में लन्ड का चस्का लगाDAMAD SASU MA KI CODAI KI KHANI HINDI MEsagi bahan xxx khanigoe wali bf video chodnd waliपोरन काहानीया हिन्दीhot bahu ki penty ki sex storybagalin.woman.randi.xxxXXXकहानिbahan ko boss me chod ke promotion diyawww.xxxestori otio videossex hindi kahani16sal dolly bhabiSexy story apne kiryaedar ka rep kiya rakhel banaya chodan dada poti sex storywww kamukata hinde kahane.comदीदी के बगल वाले बाल