मेरा नाम अजय है. मैं आज २ महीने बाद अपनी दीदी से मिलने उनके घर जा रहा हूँ. मेरी दीदी अल्का, २८ साल की खूबसूरत लड़की है. जिनकी शादी कुछ दिन पहले ही हुई है. जीजाजी गल्फ कन्ट्रीज में काम करते है. दीदी काफी बोर हो रही थी, तो उन्होंने मुझे बुला लिया.
जब मैं दीदी के घर पंहुचा तो दीदी ने दरवाजा खोला. दीदी बहुत खुस थी मुझे देखकर
दीदी: अजय, तू आ गया? कैसा है तू?
मैं: ठीक हूँ दीदी, आप कैसी हूँ
दीदी: मैं भी मस्त हूँ
दीदी ग्रीन कलर की साड़ी में गजब लग रही थी. दोस्तों दीदी का फिगर ४०-३२-४० होगा, किसी का भी लंड खड़ा हो जाय उनकी गदरायी जवानी को देखकर. बड़ी बड़ी दो विशाल चूचियां जो दूध का भरा हुआ जग लगती और चौड़ी भारी गांड, कुलमिलाकर एक चोदनीय माल लगती है.
दीदी ने मुझे चाय पिने को दी, उस समय उनका पल्लू गिर गया. और मुझे दीदी की गोरी चूचियों के दर्शन हो रहे थे. दीदी ने मुझे देख लिया
दीदी: क्या देख रहा है, अच्छी लगी क्या
मैं: क्या दीदी
दीदी: मेरी चूचियां और क्या, जिसे तबसे तू ताड़े जा रहा है
मैं: नहीं दीदी, मैं नहीं देख रहा हूँ
दीदी: अच्छा बेटा, फिर तेरा हथियार कैसे खड़ा है
मैंने देखा, मेरे पैंट में टेंट बना हुआ है. लंड पूरी तरह अकड़ गया था
मैं: सॉरी दीदी
दीदी: कोई नहीं भाई, घर का ही माल है देख क्या चख भी सकता है
मैं दीदी की बात सुनकर चौंक गया. दीदी गांड हिलाते हुए वहां से चली गयी. क्या गदरायी हुई चौड़ी गांड थी. मैं अपना लंड मसलते रह गया.
मैं बालकनी में जाकर सुट्टा पिने लगा. दीदी थोड़ी देर बाद मेरे पास आयी
दीदी: ला भाई मुझे भी पीला
मैं: येलो दीदी
दीदी सुट्टा पिने लगी, मेरा पूरा ध्यान दीदी की क्लीवेज पर था, जो की काफी डीप था…
दीदी: अरे भाई छुप छुप कर क्यू देख रहा है, अच्छे से देख ले
मैं: सॉरी दीदी
दीदी: अरे भाई तू जवान हो गया, ये तो कॉमन बातें है. रुक अच्छे से देख
दीदी ने अपना पल्लू गिरा दिया. दीदी की अधनंगी चूचियां कयामत ढा रही थी.
दीदी: कैसी लगी मेरे भाई को अपने दीदी की चूचियां
मैं: अरे दीदी, ऐसी चूचियां मैंने कभी नहीं देखि है. बहुत बड़े बड़े आम है.
दीदी: तो देख क्या रहा है, आ चख ले इसे
मैंने दीदी की चूचियों को दबाने लगा, बहुत बड़ी चूचियां थी साली की.
दीदी: अह्ह्ह्ह भाई.. और दबा भाई जोर से
मैं: उफ्फफ्फ्फ़ जालिम चूचियां है दीदी, लंड पूरा खड़ा हो गया है
दीदी: अह्हह्ह्ह्ह.. तू चिंता मत कर भाई, मुझे चोद कर शांत कर लेना अपना
मैं: ओह्ह्ह्ह दीदी.. यू आर सो स्वीट
मैंने दीदी को नंगा किया, और अपना लंड उनकी बूर में पेल दिया
दीदी: अह्हह्ह्ह्ह भाई.. मजा आ गया.. चोद अपनी दीदी
मैं: ओह्ह्ह्ह.. अल्का दी …आज तो मैं आपकी बूर फाड़ दूंगा
दीदी: फाड़ दे भाई.. और भोग ले इस बदन
मैं दीदी की बड़ी बड़ी चूचियों को दबा दबा कर चोद रहा था. दीदी की आवाज पुरे रूम में गूंज रही थी..
दीदी: अह्ह्ह्हह्हह …. उईईईईई … फ़क मी भाई
मैं: अह्ह्ह्ह… आपका गदराया बदन सिर्फ चोदने के लिए है
दीदी: उईईईईई… ओह्ह्ह्ह …. भाई और तेज चोद मुझे
मेरा लंड दीदी की बूर की ताबड़तोड़ चुदाई कर रहा था. थोड़ी देर बाद हमदोनो एक साथ झड गए.