अनु आंटी के साथ छत पर सेक्स
हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम महेश है और में महाराष्ट्र से हूँ. यहाँ बारिश बहुत अच्छी होती है और बहुत मज़ा भी आता है. मुझे बारिश में घूमना बाईक को तेज़ चलाना अच्छा लगता है. मेरी उम्र 28 साल है और अभी तक मेरी शादी नहीं हुई है. ये कहानी बिल्कुल सच्ची है और ये मेरी और मेरे घर के सामने रहने वाली आंटी के बारे में है.
अब में आपको ज्यादा बोर ना करते हुए सीधा अपनी स्टोरी पर आता हूँ. पिछले महीने में और आंटी पूना गये थे, उनको हॉस्पिटल में चेकअप करवाना था तो में भी उनके साथ गया था. हम रेल्वे स्टेशन पर लेट गये और हमारी ट्रेन मिस हो गयी. फिर आंटी ने मुझसे कहा कि हम बस से चलते है, बस स्टेण्ड रेल्वे स्टेशन से बस थोड़ा ही दूर है तो में और आंटी बस के लिए चल पड़े और जब दोपहर के 1 बज रहे थे.
फिर हमको बस तो मिली लेकिन बस में भीड़ ज्यादा थी. फिर आंटी को एक सीट मिली तो वो वहाँ पर बैठ गयी, अब में उनके साथ खड़ा था. उस समय आंटी ने सलवार कुर्ता पहना हुआ था और वो भी ब्लू कलर का. अब में उनसे चिपककर खड़ा था. अब आंटी मुझसे चिपककर बात कर रही थी और सब आंटी को देख रहे थे और देखेंगे भी क्यों नहीं? वो इतनी कमाल की जो लग रही थी. वैसे आंटी की उम्र 38 साल है, लेकिन मेकअप करने से वो 30 साल की लगती है और उनके बूब्स 36 साईज के है और वो ड्रेस के नीचे ब्रा नहीं पहनती तो उनके निप्पल ड्रेस से साफ दिखते थे. अब में तो उनके निप्पल को देखकर पागल हो गया था, अब बस अपनी रफ़्तार पर थी और में अपने काम में मस्त था.
फिर एक स्टॉप पर बस रुकी तो आंटी ने कहा कि उनको वॉशरूम जाना है. फिर में उनके साथ नीचे उतरा और फिर आंटी वॉशरूम में गयी. अब में पीछे से उसकी गांड देख रहा था और अब मेरा लंड उसी वक़्त हरकत में आ गया था. फिर आंटी वॉशरूम से जैसे ही बाहर आई तो उन्होंने मेरी हालत देखकर एक सेक्सी स्माईल पास की और मेरा हाथ पकड़कर बस में ले गयी.
फिर आंटी बोली थोड़ी देर तू बैठ जा में खड़ी रहती हूँ. फिर मैंने कहा ठीक है. अरे यार में उनका नाम लिखना भूल गया, उनका नाम अनिता है और आंटी मेरे बाजू में चिपककर खड़ी थी. फिर कुछ देर के बाद आंटी ने अपना एक पैर मेरे पैर से लगा दिया और हिलाने लगी. फिर ऐसा करते-करते हम पूना आ गये. फिर हम बस से उतरे और हॉस्पिटल की तरफ चल दिए तो डॉक्टर वहाँ पर आए हुए थे तो आंटी का काम जल्दी हो गया. फिर हम वहाँ से निकले, लेकिन ट्रेन को आने में टाईम था. फिर आंटी बोली कि अब क्या करे? फिर मैंने आंटी से कहा कि क्यों ना शनिवार वाडा देखने जाए? तो अब आंटी को मेरा प्लान अच्छा लगा.
फिर हम ऑटो से शनिवार वाडा गये जो कि पूना में बहुत मशहूर है, वहाँ ज्यादा भीड़ नहीं थी तो आंटी और में घूम रहे थे. अब नीचे घूमने के बाद हम ऊपर की तरफ गये, अब वहाँ हम दोनों के अलावा और कोई नहीं था. फिर मैंने मेरा मोबाईल निकाला और आंटी की कुछ फोटो लेने लगा. अब फोटो क्लिक करते वक़्त आंटी का दुपट्टा नीचे गिर गया तो आंटी ने उसे उठाने के लिए जैसे ही हाथ नीचे किया तो मुझे उनके रस से भरे बूब्स दिखाई दिए.
फिर आंटी ने दुपट्टा उठाते वक़्त एक नज़र मेरी तरफ देखा तो में उनके बूब्स को देख रहा था तो आंटी सिर्फ़ इतना बोली कि अच्छा लगा, लेकिन में तो अब उनके बूब्स में खोया हुआ था और मेरा लंड बहुत ज्यादा टाईट हो गया था. फिर में और आंटी एक जगह बैठ गये और नॉर्मल बातें कर रहे थे कि आंटी ने मुझसे कहा कि तुम मुझमें क्या देख रहे थे? तो अब में क्या बोलता? फिर मैंने सीधा बोल दिया कि में आपके बूब्स देख रहा था, जिसने मुझे सुबह से पागल बना दिया है तो आंटी हंसने लगी और बोली तो हाथ भी लगाकर देखना.
फिर मैंने मेरी नज़रे यहाँ वहाँ घूमाकर देखा तो ऊपर हम दोनों के अलावा कोई नहीं था. फिर में आंटी के करीब गया तो आंटी ने मेरी कमर में हाथ डाला और मुझे अपनी तरफ ज़ोर से खींचा. फिर में बोला कि आंटी क्या कर रही हो? फिर आंटी बोली सिर्फ़ मुझे अनु बोल महेश और मुझे आज मत रोक में बहुत प्यासी हूँ.
अब में आंटी के लिप पर किस करने लगा. अब हम एक दूसरे के लिप के साथ खेल रहे थे, तभी हमें किसी के ऊपर आने की आवाज़ आई तो हम दोनों अलग हो गये, लेकिन अब आंटी तो गर्म हो चुकी थी तो आंटी ने कहा कि महेश अब में और नहीं रूक सकती हूँ, मेरी चूत में पानी आ रहा है. फिर मैंने कहा कि अनु आग तो मेरे लंड में भी लगी है तुम्हारी चूत में कब डालूं? फिर अनु और में गंदी बातें करते करते रेल्वे स्टेशन पर आ गये. और फिर आंटी ने कहा कि महेश तुम इतनी अच्छी गंदी बातें कैसे करते हो? मेरा तो पानी निकला जा रहा है.
फिर मैंने कहा कि आंटी थोड़ा और रोक कर रखो. फिर देखो कितना मज़ा आता है, उतने में एक फास्ट ट्रेन आई तो हम दोनों उसमें चढ़ गये और बैठ गये, क्योंकि उस ट्रेन में लोनवला के भी कुछ लोग थे.
फिर हम शाम को 9 बजे लोनवला पहुँच गये थे और फिर हम एक ऑटो करके घर आ गये तो आंटी ने कहा कि आज रात को 10 बजे ऊपर छत पर मिलना. पहले में घर जाकर फ्रेश हो गया और मेडिकल की शॉप से कंडोम और एक वियाग्रा की गोली लेकर आया. अब में घर पर खाना खाकर 10 बजने का इन्तजार कर रहा था, तभी मेरे मोबाईल पर आंटी का मैसेज आया कि ऊपर आ जा.
फिर में छत की तरफ गया तो आंटी वहाँ खड़ी थी तो वहाँ बहुत अंधेरा था और कोई हम दोनों को देख भी नहीं सकता था और बारिश भी बहुत तेज़ आ रही थी और हमारी छत ऊपर से और चारो तरफ से बंद है. फिर मैंने आंटी को एक टाईट हग दिया तो अब आंटी के बूब्स मेरे सीने में चुभने लगे, अब आंटी मदहोश हो रही थी.
अब उनके बदन से परफ्यूम की मादक महक आ रही थी और अब में बेकाबू हो गया और उनके लिप पर एक गहरा किस किया. उस वक़्त आंटी ने साड़ी पहनी थी और ब्रा भी पहनी थी. फिर मैंने उनका पल्लू नीचे गिरा दिया और उनके ब्लाउज के दो बटन खोल दिए, अनु के बूब्स कमाल लग रहे थे, लेकिन अंधेरा था तो मुझे कुछ साफ़ नहीं दिख रहा था. फिर मैंने अपने मोबाईल को चालू किया और उसकी रोशनी से अनु के बूब्स देखने लगा.
फिर मैंने उसके एक बूब्स को ब्लाउज के ऊपर से अपने मुँह में भर लिया और काट लिया तो अनु ज़ोर से चीखी और बोली कि धीरे करो महेश, अब में ज्यादा देर तक रुक नहीं सकता था और मेरा लंड वियाग्रा की गोली के कारण बहुत टाईट हो गया था, जो अब अनु को साड़ी के ऊपर से उसकी चूत में लग रहा था. अब अनु ने मेरे लंड को अपने हाथ में लिया और बोली कि महेश तेरा लंड कितना कड़क है बिल्कुल लोहे की राड़ की तरह है. फिर मैंने कहा कि अनु ये तुम्हारी चूत के लिए एकदम फिट है.
फिर अनु बोली कि फिर देर क्यों लगाता है? लग जा अपने काम पर तो फिर मैंने अनु की साड़ी को ऊपर करके उसे डॉगी स्टाईल में किया और अपनी जेब से कंडोम बाहर निकालकर अनु के हाथ में दे दिया. फिर अनु उठी और मेरे लंड पर कंडोम लगाकर फिर से डॉगी स्टाईल में हो गयी. अब अनु की गांड बहुत मस्त लग रही थी.
फिर ना जाने कैसे मैंने अनु की गांड पर एक किस किया और अपना लंड पीछे से अनु की चूत में डालने लगा. अब अनु आहह कर रही थी और अब मेरा लंड धीरे-धीरे उसकी चूत में अंदर जा रहा था, जब मेरा लंड अनु की चूत में आसानी से जाने लगा तो मैंने अपनी स्पीड तेज़ की और ज़ोर-ज़ोर से लंड अंदर बाहर करने लगा. अब अनु तो बस आहहाअ हम्म ऊहह करे जा रही थी. फिर में उसके बूब्स को ब्लाउज के ऊपर से ही मसल रहा था और अनु भी अपनी गांड को आगे से पीछे मेरे लंड पर मार रही थी, अब 20 मिनट से में उसे चोद रहा था तो अब अनु ने एक बार अपना पानी छोड़ दिया था, लेकिन मेरा वियाग्रा गोली के कारण नहीं निकल रहा था.
अब अनु भी मस्ती में आकर मेरे लंड के साथ-साथ अपनी एक उंगली चूत में डालकर मज़ा ले रही थी और फिर 30 मिनट के बाद मेरे लंड में से पानी आने लगा. फिर मैंने अनु से कहा कि लंड का पानी कंडोम में गिरा दूँ या तुम्हारे बूब्स पर. फिर अनु बोली कि बूब्स पर गिरा दे. फिर मैंने भी कंडोम निकाला और लंड अनु के हाथ में दिया. अब वो मेरे लंड को आगे पीछे कर रही थी. फिर थोड़ी देर में मेरे लंड ने पानी निकाल दिया, जो सीधा जाकर अनु के चेहरे पर गिरा और बहुत सारा पानी अनु के चेहरे पर था.
फिर अनु ने उसे अपने हाथ से साफ किया और ब्लाउज को थोड़ा निकालकर बूब्स पर मलने लग गयी. फिर हम दोनों एक दूसरे के सामने बैठे रहे. मेरा लंड अभी भी टाईट था, लेकिन अब अनु की चूत में दर्द हो रहा था तो अनु बोली कि में फिर से अपने मुँह से तुम्हारा पानी निकाल देती हूँ. अब मुझे और क्या चाहिए था? फिर 15 मिनट के बाद मेरे लंड ने फिर से अनु के मुँह में पानी छोड़ दिया.
फिर हम नीचे आए तो अनु ने मुझे एक बड़ा वाला लिप किस दिया और वो अपने घर चली गयी और में अपने घर आ गया. फिर मुझे उसका मैसेज आया कि महेश तुम्हारा लंड बहुत अच्छा है आई लव यू. फिर मैंने भी उसे रिप्लाई दिया कि तुम्हारी चूत भी बहुत मस्त है और गांड भी मस्त है. फिर हमें जब भी मौका मिलता तो हम चुदाई कर लेते और खूब मजे करते है.
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