चुदाईकी सभी सीमाये पार
मैं एक दिन घर पर थी। और मेरे पति ने मुझे बहुत गर्म कर दिया था, मेरी चुत में खुजली हो रही थी । और मैं चुदाना चाहती थी । मगर मेरे पति को बहुत इंपॉर्टेंट कॉल आ गया तो उनको जाना पड़ रहा था । मैं मायूस हो गई फिर मुझे याद आया कि मुझे भी मार्केट में जाना है कुछ खरीदी करने के लिए तो मैंने झटपट से सलवार कमीज पहन ली और मेरे पति के साथ मार्केट ही में चली गई।
उनकी बाइक खराब हो गई थी इसलिए हमें बस से जाना पड़ा मगर बस मैं बहुत ही भीड़ थी बैठने के लिए तो बिल्कुल भी नहीं थी और खड़ा रहना भी बहुत मुश्किल हो रहा था मेरे पति मेरे बिल्कुल पीछे खडे थे। मुझे फिर कुछ शैतानी सूची लंड पर हाथ रख दिया लंड शांत था मैंने उसे अपनी गांड पर लगाया और अपनी गांड उसके लंड पर रगड़ने लगी उसका लंड खड़ा हो गया मेरे पति ने मुझसे कहा क्या कर रही हो तुम्हीं ने कहा मुझे आपकी लंड से पानी निकलवाना है ! और आपको भी मेरी चुत से पानी निकलवाना है इसी बस में ! वह हैरान रह गए मेरे इस तरह की बर्ताव से क्योंकि हमने पहले कभी भी ऐसा पब्लिक में नहीं किया था! पर उन्होंने मुझे मना नहीं किया!
मेरी गांड का साइज 38 है और मेरे पति लंड का साइज 8 इंच है। उनका लंड मेरी गांड पर रगड़ने लगे और मैं भी अपनी गांड चलाने लगी लंड बहुत ही खड़ा हो गया था। उनको पेंट की जीप लग रही थी तो तो वह अपना लैंड बाहर निकालने लगे , तो मैंने कहा ” बाहर मत निकालो कोई देख लेगा “
तो उन्होंने कहा
“देख लेने दो तुम मेरी ही तो बीवी हो”
तो फिर बाहर निकलकर अपना लंड मेरी गांड पर रगड़ने लगे , बस में बहुत भीड़ थी इसलिए किसी को नजर नहीं आ रहा था मेरी चुत भी बहुत गरम हो रही थी मैंने अपनी उंगली से सहला रही थी तभी मेरे पति मेरी सलवार ऊपर करके मेरी गांड बाहर निकाल दी और वहां से मेरी गांड पर अपना लंड रगड़ने लगे!
मैं हैरान हो गई इतनी बड़ी में मेरी गांड खुली थी और मेरे पति अपना पानी निकाल के रहने वाले थे! खाना की मेरी गांड सबको दिखाई नहीं दे रही थी क्योंकि मेरे पति मुझे बहुत ही क्लोज खड़े हुए थे!
तभी मैंने अपनी च** पर हाथ महसूस किया! वह मेरे पति का नहीं था किसी और का था! वह मेरे सामने वाली सीट पर बैठे हुए लड़के का था। वह बहुत देर से हरकतें देख रहा था। मैं डर गई थी लेकिन मुझे अच्छा भी लग रहा था क्योंकि मैं अपनी अंगुली चुत में डालने की कोशिश कर रही थी पर वह डाल नहीं पा रही थी। उसने मेरी आगे से खुली कर दी और मेरी पैंटी पर हाथ पर नहीं लगा जो की बहुत गीली हो चुकी थी। उसने मेरी पैंटी में से ही अपनी उंगली अंदर डाल दी।
मुझे स्वर्ग जैसा महसूस होने लगा मैंने ही उसका हाथ पकड़कर अंदर डालने की कोशिश कर रही थी। मैंने उसको पैंटी उतरने का इशारा किया तो उसने पैंटी मेरी गांड के नीचे कर दी।
तो मेरे पति चौंक गए और मेरे सामने वाली सीट पर बैठी हुई लड़के की ओर देखने लगे। अपनी पत्नी की पेंटी किसी और को उतारते हुए देखकर और गरम हो गई और तेजी से अपना लंड गांड पर रगड़ने लगे।
और वह लड़का भी तेजी से मेरी चुत मे उंगली करने लगा। मैं तो सातवें आसमान पर थी। मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था। इतने लोगों की भीड़ अपनी चुत में किसी अनजान आदमी से करवाना उंगली करवाना यह मेरा पहले से ही सपना था। मुझे पब्लिक में चुपके से चुडावना यह मेरा पहले से ही सपना था। आज कुछ आगे बढ़ गया है।
इसी वक्त मेरे पति ने अपने लंड का पानी मेरे गांड पर छोड़ दिया। और पीछे से मेरी गांड कपड़े से बंद कर दी! लेकिन आगे से मेरी चुत में उंगली चल रही थी! और वह भी बहुत तेजी से! वह लड़का अपनी तीन तीन उंगलियां मेरी चुत में डाल रहा था! मेरा पानी निकलने वाला था! मैं अपने मन में ही जोर से जोर से चिल्ला रही थी! और तभी मेरा पानी निकल गया आधा उसके हाथ पर आधा मेरी पैंटी पर गिर गया!
और तभी मार्केट का स्टॉप आ गया और मुझे मार्केट जाना था इसलिए मैं बस से उतर गई मेरी पति का ऑफिस उससे दूर था तू बस में ही रह गई ।