जाया आंटी को सेक्सुअली सटिस्फी भी किया और प्रेग्नेंट भी

 
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हैलो फ्रेंड्स.. मेरा नाम अभिषेक है, मैं नागपुर से हूँ और एक नामचीन कंपनी में एच आर हूँ। आज मैं आप सबके सामने अपनी रियल लाइफ की घटना लेकर आया हूँ। ये सत्य घटना होने की वजह से थोड़ी लंबी है.. पर बड़ी रसीली है। इस कहानी में मई आपसे शेयर करुगा की कैसे मैंने अपनी मारवाड़ी आंटी  
की चुदाई करके उन्हें प्रेग्नेंट किया. अभी मैं उन्हें हफ्ते में काम से काम एक बार चोदता हु. हम अब तक किचन में गैस के ओटे, डॉयनिंग टेबल, बाथरूम में, कार में चुदाई कर चुके हैं. अगर कोई भी आंटी मेरे साथ बिना फ़ोन no दिए सिर्फ फ़ोन सेक्स करना चाहती है. तो मुझे ईमेल करे.  मेरा ईमेल हैं  
[email protected]. तो चलिए आपको बोर किये बगैर सीधे स्टोरी पे आता हु. 

यह कहानी मेरी और मेरी पड़ोस की आंटी जया और उनके पति रवि (दोनों नाम बदले हुए) की है।

जया आंटी और अंकल पिछले 6 साल से हमारे पड़ोसी हैं.. उनके और हमारे फैमिली के अच्छे रिश्ते हैं। उनका हमारे घर में आना-जाना हमेशा लगा रहता है। अंकल की ज्वेलरी की शॉप है।

मेरा हमेशा से जया आंटी पर क्रश था.. लेकिन कुछ करने से डरता था। वो भी मुझे बेटे की तरह प्यार करती थीं। दुर्भाग्य से शादी के 6 साल बाद, अब तक उन्हें कोई बेबी नहीं हुआ।

उनके आने के कुछ दिन बाद ही मैं पढ़ाई के लिए हैदराबाद चला गया.. और 5 साल बाद लौटा।
क्योंकि मैं उस दिन रात को आया था.. इसलिए आस-पड़ोस में किसी को पता नहीं था।
दूसरे दिन मैं दोस्तो से मिलने के निकल गया।

आते वक़्त मैं बारडी मार्केट होते हुए आ रहा था.. तो मेरी नज़र एक खूबसूरत आंटी पर पड़ी। उनका फिगर 38सी-30-38 की थी।
बड़े-बड़े मम्मे और इतनी सेक्सी गाण्ड थी कि देखता ही रह गया।

जब वो रास्ते पर चल रही थीं तो उनके पीछे वाले हिस्से में चूतड़ों के आकार को देख कर मेरे पैन्ट में धीरे-धीरे गर्मी होने लगी।
लेकिन जब मैंने गौर से देखा तो वो हमारी पड़ोसन आंटी जया थीं।

मैंने उन्हें देखकर स्माइल दी.. पहले तो उनके चेहरे पर हैरानी दिखी। मैं समझ गया कि उन्होंने मुझे पहचाना नहीं.. क्योंकि मैं पहले बहुत ही दुबला हुआ करता था.. लेकिन जिम में बहुत मेहनत करके थोड़ी देह बना ली है।

मैं सीधा उनकी तरफ़ चला गया.. जिससे वो थोड़ी घबरा गईं क्यूंकि उनके पति पीछे ही थे।

मैंने उन दोनों को नमस्ते करके बताया कि मैं अभिषेक हूँ.. उनके पड़ोसी का बेटा.. तो वो दोनों मुझे देख कर सर्प्राइज़ हुए और बहुत खुश हुए।

अंकल ने मुझे शाम को चाय पर बुलाया और मैंने हामी भर दी।

शाम को मैं तैयार होकर उनके घर चला गया। अंकल और आंटी ने मुझे वेलकम किया.. मैं और अंकल बैठकर बात करने लगे।
तभी अंकल को किसी का फोन आया और वो उठकर गैलरी में चले गए।

इतने में आंटी चाय लेकर आईं। क्या ग़ज़ब की बला लग रही थीं वो.. लाल रंग की सेमी ट्रांसपेरेंट साड़ी पहने हुई थीं और उस पर लो नेक ब्लाउज बहुत ही कामुकता बिखेर रहा था।

यह सब देखके मेरे पैन्ट में हलचल शुरू हो गई, मेरी नज़र तो उनके मम्मों पर से हट ही नहीं रही थी जो उन्होंने भी नोटिस कर लिया था।

वो मेरे पास आकर जैसे ही वो चाय देने झुकीं.. उनका पल्लू कंधे से सरक गया और उनके पूरे मम्मे मेरे सामने खुल गए। मेरा मन तो कर रहा था अभी ब्लाउज खोल कर उनके मम्मों को चूस-चूस के लाल कर दूँ लेकिन उतने में ही अंकल आ गए।

आंटी ने अपना पल्लू ठीक किया, वे मुझे चाय देकर किचन में चली गईं।
मैं यहाँ से भी किचन में उन्हें पूरा क्लियर देख सकता था।

वहाँ से उन्होंने मेरे पैन्ट में बन रहे उभार को देख कर नॉटी सी स्माइल दी। मैंने अपने दूसरे पैर से उसे छुपाने की कोशिश की.. तो वो हँस पड़ीं।

हम तीनों ने कुछ देर बात की.. फिर मैं घर चला गया।

अगले दिन शनिवार होने की वजह से मेरी छुट्टी थी तो मैं सुबह उठ कर जिम गया और जब घर आया तो देखा आंटी घर के बाहर रंगोली बना रही थीं।
मैंने उन्हें ‘गुड-मॉर्निंग’ कहा और अन्दर चला गया।

थोड़ी देर में आंटी मेरे घर पर आईं और सीधे किचन में चली गईं। थोड़ी देर बाद मेरी मॉम ने मुझे किचन में बुलाया और कहा- आंटी को कंप्यूटर चलाना सीखना है।

मैंने ‘हाँ’ कर दी और मैंने कहा- मैं आपको शनिवार और रविवार 12 बजे से सिखा दिया करूँगा।
वो मान गईं और थैंक्स बोल कर चली गईं।

मैं तैयार होकर उनके घर पर गया और डोरबेल बजाई, आंटी ने दरवाजा खोला।
मैं तो उन्हें देखता ही रह गया आज तो उन्होंने येल्लो कलर की ट्रांसपेरेंट साड़ी पहनी थी.. उस पर मैचिंग का लो-नेक ब्लाउज पहना हुआ था।
ब्लाउज को देखकर मैं समझ गया कि आज आंटी ने पुशअप ब्रा पहनी हुई है।

उनके मम्मे तो मानो अब ब्लाउज के बाहर उछलने को बेकरार थे.. मानो कह रहे हों अब आओ भी और हमें दबाकर हमारा सारा रस चूस लो।
उनकी साड़ी उनकी नाभि के नीचे बँधी थी। उनकी नाभि को देख कर तो मेरा बुरा हाल हुआ जा रहा था।

मेरे टाइट जीन्स में से भी मेरा टेंट दिख रहा था.. जो आंटी ने देख लिया, आंटी ने पूछा- क्या देख रहे हो?
मैंने कहा- कुछ नहीं।

उन्होंने एक नॉटी स्माइल देकर अन्दर आने को कहा। हम दोनों अन्दर आकर बैठ गए।

हॉल में ही उनका कंप्यूटर रखा था। मैंने जाकर उसे स्टार्ट किया और उन्हें बेसिक सिखाने लगा।

वो बिल्कुल मेरे बाजू में सट कर बैठ गईं। जब मैं उन्हें स्क्रीन के कोई आप्शन के बारे में बताता तो वो मेरे और करीब आ जातीं।
उनके मम्मे अब मेरे हाथों को टच कर रहे थे।

उनकी गहरी सांसों को मैं महसूस कर रहा था। बीच-बीच में वो अपना वो हाथ मेरे हाथ पर रख देती थीं.. जिस हाथ से वो माउस पकड़े थीं।
अचानक उन्होंने अपना हाथ मेरी जाँघों पर रख दिया और कहने लगीं- इसकी भी एक्सरसाइज करते हो?
मैंने कहा- हाँ..

उस दिन मैंने ‘लेग-वर्क आउट’ किया था। मैंने जल्दी से अपना बेसिक ख़त्म किया और जाने लगा.. तो उन्होंने मुझे रोक लिया और कहने लगीं- थोड़ी देर से चले जाना.. मैं भी घर पर अकेली बोर हो रही हूँ.. कुछ बातें करते हैं।

हम दोनों सोफे पर साथ में बैठ गए और बातें करने लगे। हमारी बातों में पिछले 5 साल मैंने कैसे निकाले, घर से बाहर पढ़ाई, एजुकेशन वगैरह।

धीरे-धीरे वो मुझसे और फ्रेंड्ली होने लगीं और मुझसे मेरी पर्सनल लाइफ गर्लफ्रेंड के बारे में पूछने लगीं।

मैंने बता दिया कि मेरा दो साल पहले ब्रेकअप हो गया था.. तब से कोई गर्लफ्रेण्ड नहीं है।

उनके चेहरे पर खुशी साफ नज़र आ रही थी। उन्होंने पूछा- सेक्स किया या नहीं?
मैंने भी कह दिया- हाँ.. लेकिन वो दो साल पहले किया था।
फिर मैंने पूछा- आपकी सेक्स लाइफ कैसी चल रही है?

तो वो थोड़ी उदास हो गईं.. मैं समझ गया, मैंने आंटी से पूछा- आंटी कोई प्राब्लम है.. मुझे बताइए मैं आपकी पूरी हेल्प करूँगा।
उन्होंने बताया- शादी के 6 महीने बाद से मेरे पति का एक्सिडेंट हो गया था जिससे उनके पेनिस के नीचे वाले बॉल्स पर चोट लग गई और स्पर्म बनना छूट गया था और अभी उनका खड़ा भी नहीं होता है। तब से हम दोनों के बीच में सेक्स नहीं होता है। मेरी समझ में नहीं आ रहा है.. कि क्या करूँ। परिवार के लोग  
भी अभी तरह-तरह की बातें करने लगे हैं.. सब कहते हैं मुझमें ही कमी है। लेकिन कोई मानने को तैयार ही नहीं है कि एक्सिडेंट के बाद उनमें कमी आ चुकी है। परिवार की लेडीज मुझे बांझ कहती हैं.. जब बाहर कहीं बच्चों को खेलता हुआ देखती हूँ तो मेरा भी मन करता है कि मेरा भी भी बेबी हो.. जो मुझे माँ  
कहे। मैं तुम्हारे अंकल से कहती हूँ कि टेस्ट ट्यूब बेबी कर लेते हैं तो वो ये नहीं चाहते कि उनके सेक्स प्राब्लम के बारे में सबके पता चले।

यह कहकर वो फूट-फूट कर रोने लगीं।
मैंने उन्हें गले से लगा लिया और शांत कराने की कोशिश की।

उनका यह दुख मुझसे देखा नहीं गया.. तो मैंने उनसे कहा- आंटी, अगर आप चाहो तो सब ठीक हो सकता है।
ये सुन कर वो मुझे अलग हुईं और पूछा- कैसे?

मैंने जवाब दिया- अगर आप और अंकल राज़ी हों.. तो आप दोनों को औलाद का सुख मिल सकता है और आपको बुरा-भला कहने वाले सभी का मुँह बंद हो सकता है। जैसे कि आपने कहा है कि अंकल डॉक्टर के पास नहीं जाना चाहते.. तो आप किसी भरोसे के आदमी के साथ सीक्रेट में एक दिन सम्बन्ध  
बनाकर प्रेग्नेंट हो सकती हो और वैसे भी अगर ऐसा करने से आपकी और आपके पति की समाज में इज़्ज़त बनी रह सकती है.. तो प्राब्लम ही क्या है।

वो मेरी बातों को बड़े गौर से सुन रही थीं क्योंकि मैं जानता था कि वो भी यही चाहती हैं। पर दोस्तो वो तो एक औरत हैं.. वो यह सब सीधे सीधे कैसे कह सकती हैं।

जब उन्होंने 5 मिनट तक कोई रेस्पॉन्स नहीं दिया तो मैंने उन्हें ‘सॉरी’ कहा और उठकर जाने लगा।
उन्होंने मेरा हाथ पकड़ कर रोका और पूछा- पर इतने भरोसे का कौन है.. अगर किसी को पता चला तो हम कहीं के नहीं रहेंगे, क्या तुम मुझे प्रेग्नेंट कर सकते हो?

मैंने तुरंत ‘हाँ’ कर दी.. क्योंकि मैं उनकी मदद करना चाहता था।
उन्होंने पूछा- क्या ये मुमकिन है?

मैंने बताया कि मैंने कैसे हमारे लैंड लॉर्ड की बहू को वन टाइम सेक्स से प्रेग्नेंट किया था और बाद में उन्हें लड़की हुई थी और बाद में मेरे लैंड लॉर्ड ने मुझसे 2 साल तक रेंट भी नहीं लिया था।

वो खुश होकर मेरे गले लग गईं और मुझे चूमने लगीं।
मुझे लगा मानो कहीं अभी ही हम दोनों के बीच सेक्स ना शुरू हो जाए।

मैंने उन्हें रोक कर कहा- बस एक प्राब्लम है.. आपको अंकल से इस बारे में सीधे-सीधे बात करनी होगी.. क्योंकि मैं नहीं चाहता कि इस वजह से आप दोनों के रिश्ते में कोई दरार आए। आप उन्हें समझाइए कि ऐसा करने से उनकी ही इज़्ज़त बनी रहेगी और उनके और आपके बारे बुरा बोलने वालों के मुँह बंद हो  
जाएंगे।

यह सुन कर उन्होंने कहा- मैं आज ही तुम्हारे अंकल से बात करूँगी।

यह कह कर खुश होकर आंटी मेरे गले से लग गईं। उन्हें इतना खुश मैंने कभी नहीं देखा। हमने कुछ देर बात की फिर मैं घर चला आया। जाते वक़्त उन्हें मैंने अपना व्हाटसअप वाला नंबर दे दिया।

रात को करीब 11 बजे उनका मैसेज आया।

कहानी के अगले भाग में आपको पूरा किस्सा लिखता हूँ कि क्या हुआ। ये मेरी सच्ची कहानी है। कृपया आप अपने ईमेल मुझे जरूर भेजें।
अगर कोई भी आंटी मेरे साथ बिना फ़ोन नो दिए सिर्फ फ़ोन सेक्स करना चाहती है. तो मुझे ईमेल करे.  मेरा ईमेल हैं [email protected].
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PART 2

अब तक आपने पढ़ा..

मेरी पड़ोसन जया आंटी ने संतान पाने के लिए मुझसे शारीरिक सम्बन्ध बनाना तय कर लिया था बस अंकल से सहमति लेना बाकी थी।

अब आगे..

रात को करीब 11 बजे उनका मैसेज आया ‘मेरे पति मान गए हैं.. उन्हें सिर्फ़ उनकी इज़्ज़त बनाए रखनी है.. चाहे उसके लिए हम दोनों को कितने भी बार सेक्स करना पड़े। उन्होंने कहा है कि बस किसी को पता नहीं चलना चाहिए।’

थोड़ी देर बाद आंटी का फोन आया उन्होंने बताया- तुम्हारे अंकल कल वर्धा जा रहे हैं.. तो तुम 11 बजे मेरे घर पर आ जाना।

दूसरे दिन मैं सुबह नहा धोकर शेव करके उनके घर पर 11 बजे पहुँच गया। मैंने डोरबेल बजाई तो दरवाजा आंटी ने खोला। जैसे ही उन्होंने मुझे देखा.. वो मुस्कुरा उठीं।
आज उन्होंने लाइट पिंक कलर की साड़ी पहनी थी, आज भी लो-नेक ब्लाउज था और आज तो पीछे से उनकी बैक ऑलमोस्ट खुली थी।

मैंने जल्दी से दरवाजा लगाया और उन्हें अपनी बांहों में भर लिया।

फिर हम दोनों हॉल में जाकर उनके सोफे पर बैठ गए। मैंने उनका हाथ पकड़ कर उनको अपनी जाँघों पर बिठा लिया.. और किस करने लगा।
वो शुरूआत से ही बढ़िया रेस्पॉन्स कर रही थीं।

मैं उनके चेहरे को अपने हाथों में पकड़ कर किस कर रहा था और उनके बालों में धीरे-धीरे मसाज कर रहा था.. जिससे वो और गरम हो रही थीं।

फिर मैं अपना एक हाथ पीछे ले जाकर उनकी पीठ पर फेर रहा था और दूसरे हाथ से उनके मम्मों को दबा रहा था।

अब हम लोग फ्रेंच किस करने लगे। जल्द ही हमने अपनी लार चूसना शुरू कर दी।
दोस्तो, इतना मज़ा आ रहा था कि मैंने उन्हें अपने और करीब खींच लिया और चूमने लगा।

अब उनकी साँसें बढ़ चुकी थीं। मैंने उन्हें गर्दन पर चूमना शुरू किया.. फिर धीरे से जाकर उनके कान पर काटा.. उन्होंने ज़ोर से ‘आह..’ भरी।
फिर मैंने उनके ब्लाउज के बटन खोल कर उसे निकाल कर साइड में रख दिया।
आंटी ने झट से अपनी 38 सी की ब्रा निकाल कर फेंक दी।

उनके बड़े-बड़े मम्मों को सामने देख कर मैं मदहोश हो गया। मैंने झट से उनके एक मम्मे को अपने मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया और दूसरे हाथ से उनके दूसरे मम्मे को दबाने लगा। फिर मैंने उनके निप्पलों को अपनी उंगली से गरम करना शुरू किया और वो पागल हो गईं। मेरे बालों को ज़ोर से दबा कर  
अपने मम्मों पर मेरे मुँह को घिसने लगीं। इसी तरह मैंने उनके दूसरे चूचे को भी गरम किया।

फिर मैंने उन्हें खड़े करके किस करना शुरू किया। किस करते-करते उनकी साड़ी और पेटीकोट निकाल कर साइड में रख दिया। अब वो सिर्फ़ अपनी जालीदार पिंक पैन्टी में थीं.. जो पूरी तरह से गीली हो चुकी थी।

मैंने आंटी को सिंगल सीट सोफे पर बिठा दिया और उनके पैरों को चूमने लगा। वो अपने दोनों मम्मों को हाथों से ज़ोर-ज़ोर से दबा रही थीं।

मैं उनके पैरों से चूमते-चूमते घुटनों तक आया.. और फिर जाँघों तक आया, मैंने उनकी दोनों जाँघों को करीब 10 मिनट तक चूसा।
अब उनकी चूत को प्यार करने की बारी थी, मैं पैन्टी के ऊपर से ही अपनी जीभ को घुमा रहा था। मैंने उनकी पैन्टी थोड़ी नीचे की.. और नाभि के नीचे की स्किन को चूसने लगा।

वो मोनिंग करने लगी थीं.. अब मैंने उनकी पैन्टी को धीरे से निकाल दिया और उन्हें दिखाकर उसे चूमा।
वो शर्मा गईं और आँखें बंद कर लीं।

मौका पाकर मैंने उनकी टाँगें फैलाईं और पहली बार उनकी चूत का नज़ारा देखा। वो दूध जैसे चमक रही थी और उसके बीच से उनका प्री-कम आ रहा था।

मैं सीधा उनकी चूत को चूसने की जगह वापस उनकी जाँघों को चूसने लगा। मैं उनकी चूत में बेतहाशा तनाव पैदा करना चाहता था। फिर मैंने धीरे से उनकी चूत के बीच में ऊपर-नीचे उंगली फेरना शुरू कर दिया इससे आंटी ज़ोर-ज़ोर से सीत्कार करने लगीं।

धीरे से मैंने अपनी उंगली उनकी चूत में डाली.. वो अन्दर से भट्टी की तरह गर्म और गीली थी। वाउ.. वो इतनी टाइट थी मानो किसी कुँवारी लौंडिया की चूत हो।

फिर मैंने उंगली को धीरे से अन्दर डालकर अन्दर से चूत की दीवारों की मसाज करना शुरू किया।

अब उन्होंने अपना हाथ मेरे सिर पर रख कर उसे ज़ोर से चूत की ओर किया, मैं समझ गया कि अब टाइम आ गया है।
मैं तुरंत उनकी चूत को मुँह में लेकर चूसने लगा, वो ज़ोर-जोर से ‘आहें..’ भर रही थीं और अपनी गाण्ड उठा-उठा कर चूत चुसवा रही थीं।

मैंने उनकी चूत को अपनी स्टाइल में चूसना शुरू किया क्योंकि मैं उन्हें झड़वाना चाहता था। कुछ ही मिनट बाद उन्होंने मेरे मुँह को अपनी चूत पर दबा दिया और अपना सारा पानी छोड़ दिया।

दोस्तो, बराबर 30 सेकेंड्स तक उनका पानी निकलता रहा।
अगर आप एक बार में औरत को प्रेग्नेंट करना चाहते हो.. तो पहले उसका पानी निकाल दो।

फिर आंटी थोड़ी ढीली पड़ गईं।
मैंने ऊपर आकर आंटी के होंठों पर किस किया। उनके चेहरे पर खुशी थी.. फिर मैं उनको गोद में उठाकर बेडरूम में लेकर गया। वहाँ पहुँच कर उन्हें बिस्तर के बीच में आराम से लिटा दिया, रूम की लाइट डिम कर दी और स्पीकर पर एक रोमांटिक गाना शुरू कर दिया।
तब मैंने उनकी गर्दन और गाण्ड के नीचे नरम तकिया रख दिया.. फिर धीरे से उनकी चूत को किस किया और अपनी जीभ सटा दी। जैसे ही मैंने मेरी जीभ उस पर रखी.. वो तड़फ उठीं।
अब मैंने चूत में अपनी जीभ घुसाई और उसको चाटने लगा। कुछ ही देर में उनकी चूत मेरी लार से पूरी तरह से गीली हो गई।

तभी आंटी ने मेरे सिर पर अपना हाथ रखा और मेरे सर को दबाना शुरू कर दिया। मैं भी उनकी चूत के आस-पास की स्किन पर मसाज करने लगा। बीच-बीच में उसे काट भी रहा था।

इस बार आंटी फिर से मेरे मुँह पर झड़ गईं और उन्होंने मेरा शर्ट पकड़ कर मुझे ऊपर खींच लिया और बाजू में लिटा कर मुझ पर टूट पड़ीं और पागलों की तरह मुझे चूमने लगीं।

मैंने उनसे पूछा- मज़ा आया सोनम?
उन्होंने मुझे नाम लेते सुना तो मुस्कुरा कर अपनी एक उंगली मेरे मुँह पर रख कर चुप करा दिया।

फिर उन्होंने मेरी टी-शर्ट निकाल दी.. मेरे पैन्ट में बने तंबू को देखा और ऊपर से ही मेरा लण्ड पकड़ कर दबाने लगीं, फिर मेरा पैन्ट और अंडरवियर उतारा.. और मेरे मोटे लंड को देख कर बोलीं- बाप रे.. तुम तो पूरे छुपे रुस्तम हो।

उन्होंने अपना मुँह खोला और मेरे लण्ड को मुँह में लेकर चूसने लगीं।
वो ब्लोजॉब में एक्सपर्ट लग रही थीं, वो मेरे सुपारे को ऐसे चूस रही थीं.. मानो वो इसके होल में से मेरे पानी को खींचने की कोशिश कर रही हों।

कुछ मिनट तक मेरे लण्ड को चूसने के बाद लौड़ा पूरा रॉड की तरह कड़क हो गया था। वो मुझे आराम से बड़ी देर तक मेरे लण्ड को चूसती रही थीं। उन्होंने कभी थूक डाल कर.. तो कभी लण्ड के चारों तरफ जीभ घुमा कर बड़े प्यार से मेरे लण्ड को सेक्स के लिए तैयार किया।

अब मैंने बोला- अब चुदाई का वक़्त हो गया है।
वो तो कब से इसी का वेट कर रही थीं।

मैंने आंटी को लिटा कर उनकी गाण्ड के नीचे तकिया रखा और उनकी दोनों टांगों को चौड़ा किया और अपने लंड को उनकी चूत पर हल्का सा टच कराया।
आंटी के सारे शरीर में झुरझुरी सी होने लगी, वो धीरे से बोलीं- अब मत तड़पा.. जल्दी से अन्दर कर दे।

इतना सुनते ही मैंने एक ज़ोर का धक्का लगाया और मेरा मोटा लंड उनकी चूत की गहराइयों में समा गया। आंटी के मुँह से चीख निकल पड़ी- अभिषेक… उई.. आह.. बहुत मोटा है तेरा लंड..

मैं अब ज़ोर-ज़ोर से आंटी की चुदाई करने लगा, आंटी भी चूतड़ उछाल उछाल कर मेरा साथ दे रही थीं।

देर तक चुदाई करने के बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए, आंटी की चूत में मेरे लंड ने स्पर्म की एक-एक बूंद छोड़ दी।

आख़िर में थक कर हम दोनों एक-दूसरे की बाँहों में नंगे ही लेट गए। मैंने अपने लंड को उनकी चूत में ही रहने दिया.. इससे उनके प्रेग्नेंट होने के चान्स 90% बढ़ गए थे।

काफ़ी देर बाद मेरा लंड दोबारा सिर उठाने लगा तो मैंने उन्हें डॉगी पोज़िशन में हो जाने को बोला। जैसे ही वो डॉगी पोज़ में आईं.. मैंने उनकी गांड पर ज़ोर से थप्पड़ मारे.. फिर उनकी गाण्ड को हाथों से फैलाया और चूत में अपना लंड घुसेड़ने लगा।

उन्होंने भी अपनी गाण्ड एड्जस्ट की.. मैंने एक ज़ोर का धक्का मारा और मेरा लंड उनकी चूत में घुसता चला गया। अब मैंने अपना एक पैर उनकी कमर के बाजू में रखा और उनकी गाण्ड को हाथों से दबोच कर जम कर चोदने लगा।

वो अपना सिर पूरी तरह से नीचे झुका कर चुदवा रही थीं, मैं उनकी गाण्ड को अपने हाथों से पकड़ कर चोदे जा रहा था।
चोदते-चोदते मैंने अचानक से अपनी स्पीड बढ़ा दी और उनकी गाण्ड पर थप्पड़ मारने लगा, वो गोरी गोरी गाण्ड लाल हो गई।

वो ‘आहह.. आह..’ कर रही थीं और अब अपनी गाण्ड खुद ही आगे-पीछे करके मुझसे चुदवा रही थीं। मैंने आगे झुक कर उनके मम्मों को पकड़ लिया और ज़ोर-ज़ोर से मसलने लगा, साथ ही मैंने उनके निप्पलों को रगड़ना शुरू किया।

इसके बाद मैंने उनके बालों को पकड़ कर उन्हें घोड़ी की तरह चोदना शुरू कर दिया। उनकी गाण्ड से ‘ठप-ठप’ की आवाज़ आ रही थी और मुझे जन्नत का सुकून मिल रहा था।

थोड़ी देर में वो झड़ गईं।

फिर मैंने अपना लंड बाहर निकाला और बिस्तर पर लेट कर उनसे मेरे लंड पर आकर बैठने को कहा।
वो मेरे लंड के ठीक ऊपर आईं और मेरे लंड को हाथों में लेकर उस पर चूत रख कर बैठ गईं।
मेरा लंड उनकी चूत में ‘घाप’ से घुस गया.. और उनकी नरम-नरम गाण्ड के नीचे हाथ रख कर गाण्ड को ऊपर-नीचे उठाने लगा।

वो भी अपनी गाण्ड ऊपर उठा-उठा कर चुदवाने लगीं। अचानक मेरे लंड को जोश आ गया और मैंने इतनी तेज़ी से उनकी चूत में लंड डालना शुरू किया कि उनका पूरा बदन थरथराने लगा.. वो काँपने लगीं और सिसकारियाँ भरने लगीं।

दो मिनट की जबरदस्त चुदाई के बाद वो मेरे ऊपर पूरा झड़ गईं.. अब वो काफ़ी थक गई थीं।

मैंने उन्हें ऊपर से हटाया और फिर से बिस्तर पर लिटा दिया और उनकी गाण्ड के नीचे एक नरम तकिया रख दिया और उनकी जाँघों को फैला दिया। पैरों के बीच में आकर मैं उनकी चूत खोलने लगा।

ये देख कर वो हैरान हो गईं.. बोलीं- अब और कितना करोगे?

मैंने उनकी चूत पर लंड रखा और उनके होंठों में अपनी जीभ में भर कर फुल स्पीड से फिर से चुदाई शुरू कर दी।
अब वो बुरी तरह से कांप रही थीं और ‘आहह.. आहह..’ कर रही थीं।

हम दोनों पूरी तरह से पसीने से भीग चुके थे और मैं उनकी चूत के पानी में भीग चुका था। तभी मैंने अपनी स्पीड डबल कर दी और दनादन धक्के मारने शुरू कर दिए।
करीब 20-25 धक्कों के बाद उनकी चूत में मैंने अपना गरमा गर्म लावा छोड़ दिया। उनकी चूत पूरी तरह से मेरे स्पर्म से भर गई और मैं उनके ऊपर ही निढाल हो कर लेट गया।

हम दोनों कुछ देर तक वैसे ही लेटे रहे। ( डिअर रीडर याद रखे अगर किसी को प्रेग्नेंट करना हो तो गाण्ड के नीचे तकिया जरूर रखो और स्पर्म को चूत में झाड़ने के बाद कुछ देर तक अपने लंड को उसकी अन्दर ही रखो। प्रेग्नेन्सी के चान्स 90% तक बढ़ जाते हैं। )

बाद में उन्होंने मुझे हटाया और बाथरूम में चली गईं, मैं भी बाथरूम में आ गया, फिर से आग भड़क उठी और मैंने बाथरूम में ही उन्हें 15 मिनट तक चोदा।
बाद में हम दोनों साथ में नहाए।

मैंने कपड़े पहने और फ्रेश होने के बाद नॉर्मल हो गया। इस तरह 2 हफ्ते तक मैंने आंटी के साथ सेक्स किया।  और बाद में प्रेगा न्यूज़ से चेक किया तो प्रेगनेंट हो चुकी थी. 

ठीक 9 महीने बाद उन्होंने चाँद से बेटे को जन्म दिया। रवि अंकल भी बहुत खुश थे.. उन्हें वारिस जो मिल गया था। उनके फैमिली वाले भी खुश थे। अंकल ने अपने बेटे के जन्म पर हमारी सोसाइटी में ऐसी पार्टी दी.. जो आज भी सब याद करते हैं।

अभी मैं उन्हें हफ्ते में काम से काम एक बार चोदता हु. हम अब तक किचन में गैस के ओटे, डॉयनिंग टेबल, बाथरूम में, कार में चुदाई कर चुके हैं. अगर कोई भी आंटी मेरे साथ बिना फ़ोन no दिए सिर्फ फ़ोन सेक्स करना चाहती है. तो मुझे ईमेल करे.  मेरा ईमेल हैं [email protected].


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