जीजू मेरी चूत के पीछे

 
loading...

कैसे हो जी…?

मजे में ना…?

भूले तो नहीं ना मुझे…?

मैं शालिनी जयपुर वाली… !

मेरी पहली कहानी “तो लगी शर्त” याद है ना?

बहुत पसंद की थी आप लोगों ने ! इतने मेल आए कि गदगद हो गई आप सबका प्यार देख कर।

आप सबका प्यार देख कर दिल किया कि आगे की मजेदार बातें भी आप लोगों से करूँ।

जैसा कि मैंने आपको बताया था कि जीजा वो दूसरा इंसान था जिसका लण्ड मैंने अपनी चूत में लिया था। पहला मेरा पति और दूसरा मेरा जीजा। जीजा ने मेरे घर में आकर मेरी जो चीखे निकलवाई कि मैं तो जीजा की और जीजा के लण्ड की दीवानी हो गई। उस चुदाई के बाद तो जीजा का अक्सर मेरे घर पर आना जाना हो गया और मेरे पति और जीजा की भी अच्छी दोस्ती हो गई। जीजा जब भी आता तो मुझे चोदने का एक भी मौका नहीं छोड़ता था या यूँ कहो कि मैं चुदवाए बिना जीजा को जाने ही नहीं देती थी।

जब भी जीजा आता और मुझे चोदता तो मेरी गाण्ड की इतनी तारीफ करता की पूछो मत। हर बार वो मुझे लण्ड गाण्ड में डलवाने के लिए मनाता पर मूसल जैसे लण्ड को देख कर मेरी हवा सरक जाती और मैं किसी न किसी बहाने जीजा को टाल देती।

एक दो बार जीजा ने अपनी उंगली घुसाई भी मेरी गाण्ड में जिससे मुझे बहुत दर्द हुआ। मैं डर गई कि जब पतली सी उंगली से ही इतना दर्द होता है तो जब मोटा मूसल जैसा लण्ड इसमें जाएगा तो मेरी तो जान ही निकल जायेगी।

कुछ महीने बीते और तभी जीजा की बहन यानि मेरी चचेरी बहन सुमन की ननद की शादी तय हो गई। जीजा ने हमें भी न्यौता दिया था। जीजा जब शादी का कार्ड देने आया था तो मुझे कह गया था कि शादी में जब आओ तो अपनी गाण्ड पर अच्छे से तेल लगा कर आना।

मैंने सोचा कि जीजा मजाक कर रहा है और मैंने वो बात हँस कर टाल दी।

आखिर शादी में जाने का दिन भी आ गया। मैं अपने पतिदेव के साथ बन-ठन कर जीजा के घर के लिए रवाना हो गई। जब मैं तैयार हो रही थी तो मुझे एकदम से जीजा की बात याद आई तो मेरी गाण्ड में गुदगुदी होने लगी। अनजाने में ही मेरा हाथ पहले चूत पर और फिर गाण्ड पर चला गया, मैं मन ही मन हँस पड़ी, मैंने कुछ सोचा और फिर एक उंगली भर कर गाण्ड पर तेल लगा लिया।

रास्ते भर मैं इसी बात को सोच सोच कर मंद-मंद मुस्कुराती रही। पतिदेव ने एक दो बार पूछा भी पर मैंने बातों बातों में टाल दिया।

सफर जैसे जैसे खत्म हो रहा था मेरे दिल की धड़कन बढ़ रही थी। और फिर हम जीजा के घर पर पहुँच ही गए। जीजा भी जैसे मेरे ही इन्तजार में दरवाजे पर खड़ा था। मुझे देखते ही उसने आँख दबा कर मेरा स्वागत किया तो मैंने भी जवाब में आँख दबा दी। घर पहुँच कर सबसे मिलना जुलना हुआ और जीजा ने मेरे पति को अपने किसी दोस्त के साथ पास के शहर में कुछ सामन लाने भेज दिया।

कुछ ही देर बाद जीजा आये और मुझे बुला कर अपने साथ चलने को कहा।

“जीजा…सब लोग क्या सोचेंगे… अच्छा नहीं लगेगा ऐसे जाना !”

पर जीजा मुझे घर के पीछे वाले दरवाजे पर आने का बोल कर चले गए। मैं कुछ देर तो सोचती रही पर फिर अपने आप को जाने से नहीं रोक पाई। दरवाजे से निकली तो पीछे एक गाड़ी खड़ी थी। जीजा उसमे पहले से ही बैठा था। मैं भी जाकर बैठ गई तो जीजा ने गाड़ी एक सड़क पर दौड़ा दी।

इस बीच मैंने जीजा से दो-तीन बार पूछा- कहाँ ले जा रहे हो?

पर जीजा ने कोई जवाब नहीं दिया और बस बोले- तुम्हें जन्नत की सैर करवाने ले जा रहा हूँ।

कुछ देर के सफर के बाद जीजा ने खेतों में बने एक मकान की तरफ गाड़ी घुमा दी। मकान के गेट पर ताला लगा था। जीजा ने ही ताला खोला और हम दोनों अंदर चले गए।

अंदर जाते ही जीजा ने मुझे अपनी बाहों में भर लिया और अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिए। मैं तो खुद जीजा की दीवानी थी तो भला मैं अपने आप को कैसे रोक सकती थी तो मैंने भी जीजा का साथ देने लगी। जीजा दीवानों की तरह मुझे चूम रहा था। उसके हाथ मेरी चूचियों को टटोल रहे थे।

कुछ देर बाद जीजा ने मुझे अपनी बाहों में उठाया और अंदर एक कमरे में ले गए जहाँ एक डबलबेड था। जीजा ने मुझे बेड पर लेटा दिया और खुद अपने कपड़े उतारने लगे।

मैंने पूछा तो जीजा ने बताया कि यह उनके एक दोस्त का मकान है और वो दोस्त मेरे पति को लेकर शहर गया है ताकि मैं तुम संग मज़ा कर सकूँ।

मेरी हँसी छूट गई जीजा की मेरे प्रति दीवानगी देख कर।

खुद के कपड़े उतारने के बाद जीजा मेरे पास आया और मेरे कपड़े मेरे शरीर से अलग करने लगा। देखते ही देखते जीजा ने मेरे बदन पर एक भी कपड़ा नहीं छोड़ा और मुझे बिल्कुल नंगी करके ही दम लिया।

जीजा ने अभी भी अंडरवियर पहना हुआ था जिसमें जीजा का लण्ड एक गाँठ की तरह लग रहा था। मैंने भी देर नहीं की और लण्ड महाराज को अंडरवियर की कैद से आजाद करवाया। बाहर निकलते ही लण्ड अपने पूरे शबाब के साथ तन कर खड़ा हो गया। मैं तो दीवानी थी इस लण्ड की। नौ इंच लम्बा और तीन इंच से ज्यादा मोटा लण्ड देख कर तो किसी भी औरत की चूत पानी पानी हो जाए तड़प उठे उसे अपने अंदर लेने को।

जीजा ने लण्ड मेरे मुँह की तरफ किया तो मैंने धीरे धीरे लण्ड को अपनी जीभ से चाटना शुरू कर दिया और सुपारे को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी। फिर कुछ देर तक लण्ड को चूसा और जीजा को मस्त कर दिया। जीजा ने मुझे सीधा लेटाया और लण्ड मेरी चूत में उतार दिया। जीजा का लण्ड अंदर घुसते ही मेरी आह्ह निकल गई।

जीजा जबरदस्त चुदाई करने लगा। चुदाई करते करते उसने एक उंगली मेरी गाण्ड पर लगाईं तो उसे चिकनाई का एहसास हुआ।

जीजा हँस पड़ा और बोला- साली साहिबा अपने जीजा का कितना ख्याल रखती हैं… गाण्ड पर तेल लगा कर आई हैं।।

मेरी भी हँसी छूट गई। जीजा ने स्पीड बढ़ा कर चुदाई करनी शुरू की तो आठ दस धक्कों के बाद ही मेरी चूत से झरना बह निकला। मैं झड़ गई थी।

मेरे झड़ने के बाद जीजा ने लण्ड चूत में से निकाला और मेरी गाण्ड के नीचे एक तकिया रख कर मेरी टाँगें खुली कर दी। मैं देख तो नहीं सकती थी पर जीजा ने बताया कि मेरी गाण्ड किसी फ़ूल की तरह खिली हुई थी। जीजा ने पास में रखी एक तेल की शीशी से कुछ तेल लेकर मेरी गाण्ड पर लगाया तो मैं सिहर उठी। अब मुझे डर सताने लगा था कि जीजा आज लण्ड से मेरी गाण्ड फाड़ देगा।

पर जीजा तेल ले लेकर मेरी गाण्ड पर और गाण्ड के अंदर लगाने लगा। मेरे अंदर मस्ती भरती जा रही थी। जीजा की तेल से सनी उंगली मुझे मेरी गाण्ड में बहुत मज़ा दे रही थी। जीजा ने तेल लगा लगा कर मेरी गाण्ड पूरी चिकनी कर दी और फिर अपना लण्ड मेरी गाण्ड पर रगड़ने लगा तो मैंने डर के मारे अपनी गाण्ड कस ली।

पर कितनी देर….? गाण्ड तो आज फटनी ही थी।

जीजा ने मेरी टाँगे अच्छे से खुली की और मेरी गाण्ड के छेद पर लण्ड रख कर अंदर की तरफ दबाने लगा। मुझे दर्द का एहसास हुआ पर तेल जीजा की मदद कर रहा था और जब जीजा ने थोड़ा जोर लगा कर लण्ड को अंदर सरकाया तो जीजा का मोटा सुपारा मेरी गाण्ड को भेद कर अंदर घुस गया। मेरी चीख निकल गई। दर्द के मारे आँखें फट पड़ी। जीजा ने मेरी हालत की तरफ ध्यान नहीं दिया और थोड़ा सा उचक कर एक और धक्का लगा कर करीब दो इंच लण्ड मेरी गाण्ड में उतार दिया। मैं दुगनी आवाज में चीख पड़ी- आह्ह….. जीजा मेरी गाण्ड फट गईई…. निकाल्ल लो बाहर…

पर जीजा तो पक्का खिलाड़ी था। वो तो बस मुझे मजबूती से पकड़ कर लण्ड को ज्यादा से ज्यादा अंदर तक उतारने में लगा था। मैं चीखती रही और जीजा मेरी हालत का मज़ा लेता रहा। हर बार थोड़ा रुक कर जीजा एक धक्का लगाता और लण्ड को और ज्यादा मेरी गाण्ड में उतार देता। गाण्ड में बहुत दर्द हो रहा था। मेरी आँखों से आँसू बह निकले थे। दर्द मुझ से बर्दास्त नहीं हो रहा था। मैं पुरजोर कोशिश कर रही थी जीजा का लण्ड अपनी गाण्ड से बाहर निकालने की पर जीजा ने मुझे ऐसे जकड़ रखा था कि मैं हिल भी नहीं सकती थी।

लण्ड आधे से ज्यादा मेरी गाण्ड में चला गया था। जीजा ने थोड़ा तेल मेरी गाण्ड और अपने लण्ड पर टपकाया और फिर जितना लण्ड गाण्ड में घुसा था उसे ही अंदर-बाहर करने लगे। हर धक्के के साथ मेरी दर्द भरी चीख निकल रही थी। जीजा अगले पाँच मिनट तक ऐसे ही मेरी गाण्ड में लण्ड पेलता रहा और हर धक्के के साथ थोड़ा सा लण्ड मेरी गाण्ड में सरकता रहा।

मैं दर्द के मारे रो रही थी। जब लण्ड थोड़ा सा रह गया तो जीजा ने एक जोरदार धक्का लगाया और पूरा लण्ड मेरी गाण्ड में फिट कर दिया।

लण्ड पूरा घुसते ही जीजा ने थोड़ा सा तेल और टपकाया और फिर पहले धीरे धीरे और फिर तेज गति से लण्ड को मेरी गाण्ड में अंदर-बाहर करने लगा। कुछ देर तो मैं भी दर्द से तड़पती रही पर फिर मुझे भी यह अच्छा लगने लगा। जीजा ने मेरे आँसू साफ़ किये और मेरे होंठों पर चुम्बन देने लगा, मेरी चूचियाँ मसलने लगा।

मेरी गाण्ड धीरे धीरे जीजा के लण्ड की अभ्यस्त हो गई और अब लण्ड आराम से अंदर-बाहर हो रहा था। जीजा ने अपना लण्ड बाहर निकाला और मुझे घोड़ी बना कर मेरे ऊपर आ गए और पीछे से लण्ड मेरी गाण्ड में उतार दिया। इस आसन में लण्ड आराम से गाण्ड में आ-जा रहा था और मुझे इस में मज़ा भी ज्यादा आया।

अब जीजा मेरी दोनों चूचियों को पकड़ कर मसल रहे थे और पीछे से लण्ड मेरी गाण्ड में पेल रहे थे। मेरी दर्द भरी चीखें अब मस्ती भरी आहों में बदल गई थी। मेरी चूत से भी मस्ती भरा रस टपक रहा था। जीजा मस्त होकर मेरी गाण्ड मार रहा था और मैं मस्ती में गाण्ड उचका उचका कर जीजा का लण्ड अपनी गाण्ड में ले रही थी।

चूत चुदवाने से भी ज्यादा मज़ा महसूस हो रहा था क्यूंकि लण्ड पूरा रगड़ रगड़ कर अंदर आ-जा रहा था।

पन्द्रह मिनट की धक्कमपेल के बाद मैं घोड़ी बनी बनी थक गई थी। जीजा ने भी मेरी हालत को समझा और मुझे सीधा लेटा कर एक बार फिर लण्ड अंदर डाल दिया। सीधे लेटने के बाद जीजा मस्ती के मूड में था तो वो लण्ड एक बार मेरी गाण्ड में डालता और फिर निकाल कर मेरी चूत में घुसा देता। इस तरह जीजा मुझे दो दो मज़े एक साथ दे रहा था।

कुछ देर की मस्ती के बाद जीजा ने लण्ड मेरी चूत में घुसा दिया और जोर जोर से धक्के मारने लगा। मैं समझ गई थी की जीजा का लण्ड अब रस की बौछार करने वाला है। मैं भी गाण्ड उठा उठा कर लण्ड अंदर लेने लगी।

करीब बीस पच्चीस धक्को के बाद जीजा के लण्ड से फव्वारा चल पड़ा और मेरी चूत को अपने गर्म गर्म वीर्य से भरने लगा। वीर्य की गर्मी मात्र से ही मेरी चूत झड़ गई। जीजा ने लण्ड के रस से मेरी चूत को लबालब भर दिया।

झड़ने के बाद जीजा मेरे ऊपर ही लेट गया। कुछ देर लेटने के बाद जीजा फिर से हरकत में आया और मेरी गाण्ड पर हाथ फेरने लगा। मेरी गाण्ड तो मोटे से लण्ड से पिटाई के बाद सूज कर लाल हो गई थी। जीजा के हाथ लगाने मात्र से ही दर्द हो रहा था पर जीजा बेदर्दी ने फिर से तेल लगा कर लण्ड को एक बार फिर मेरी दुखती गाण्ड में उतार दिया। मैं चीखती रही और जीजा बेदर्दी से मेरी गाण्ड मारता रहा।

सच में मेरे प्यारे जीजा को चीखे निकलवाने में बहुत मज़ा आता है। हम लोग शादी में तीन दिन रुके और जीजा ने भी तीन के तीन दिन मेरी गाण्ड और चूत का भुरता बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। शादी के व्यस्त कार्यक्रम में भी उसने मेरी चुदाई के लिए समय निकाल ही लिया।

जब मैं वापिस जयपुर आई तो गाड़ी की सीट पर भी मैं सही से नहीं बैठ पा रही थी क्यूंकि मेरी गाण्ड दुःख रही थी। घर आकर भी कम से कम तीन चार दिन बाद मेरी गाण्ड का दर्द ठीक हुआ और मैंने सुख की साँस ली।

आगे भी बहुत कुछ हुआ वो अगली बार… तब तक के लिए आप सभी को आपकी प्यारी शालिनी भाभी का प्यार भरा चुम्बन…

मेरी गाण्ड मरवाई का किस्सा कैसा लगा मुझे मेल करके जरूर बताना। मेरा मेल आईडी तो पता है ना…



loading...

और कहानिया

loading...



सगी बहन की चूत मारीma bita ke new.seks kahnimaa ne beta se sex karwat baap dekh liya HD video Hindiganbang ghar masex कहानियां डॉट कॉमhindi sex खानी बाप betiGalti say maa pragnment ho gaye sex storynokar.nechoda.hindi.new.antarvasnachodai ke khanehot hindi bhave bubs chus videoगंदी और जोरदार चुदाई कि काहानीयाँMegl me megl HD Hindi sexwww.sex काहानी रंडी भेहन को चोदाbur aur chut ki ladai story hindi meinमाँ कि xxx boobs me landkamukta.comrestey m chodai hinde kahaneXXX SXS KAHNE HENDE oinindianxxxkahaniyaNEW URDU NOKRANE KO PAISE DAKAR SEX STORYSहिंदी भैया को गरम किया स्टोरbahu ki adla badli Ki Kahaniyachuke se land dekha aor kuwari chut me khujlibhae ki deevani xxx kahanikothe par jakr do do randiyo ko ek sath choda hindi sex storyhindisexkahaniRomentik saxy MMS and move nxvideokhani xxx girl zabardestiबङि उमर की चाची की चूत गाँडलंडxxx story pyari widhava didiमैंने मां को जमकर आगे पीछे से पेलाचूक चुदाती लडकी व औरते की कहानी पर कहानी के संग वीडिऔ फोटोदिदि को गोद मे चोदा Bhen nahrai thi Sex story hindixxx deshi hindi coll garls choda chodi kahaniRape sex stories in hindixxx sexi khaninagi ladkiyoutube in xxx sex storyhindi khanekamukta dot commastram dhara likhi saxei kahanisey stories in hindiमाॅ बेटा iraj wap . com sax videoसच्ची चुदाई कहानियाँsexikhaniyamastramkarlar villgae anuty xxxbheno ki chudi ki bate topixसबसे पुरनी लडकी और जनबर की सेकसी बीडीऔcut ko bchche ne fadi xnxx com.Barish.me..MA.OR.BETE.KI.CUDAI.KI.SEXSI.SAYRE.HINDI.xxxmordan didi ki gand chydai sexy kahanihindesixe.comSexy hind jhatake krna pronहिन्दी सेक्स कहानी रिश्ते मे चोदwww.hindi.urdu.sexstorei.com.vidwa bahan ka sasural me antarvasnasexystorymamihindimaine apni maa ko blackmail karke choda hindi me kahaniChut chatdi gaand chatdi chuchi piya storyman fock animal bhind xxx xnxxअंटि कि पिगर पेटि उतार के चोदोsexkhanimastghar ke pichhe vhudsi ki khanibudhe lond chhoti bur ki hindi kahanideshi.sexshtoris.inbur ke cdae ke khaneसेकसी कहाणी दीदी बातरुम मे नीकरhindisxestroyहिंदी .beta.hawas.chudaiसविता भाभी लंड सहलाना पसंद करती हैmaa bahan ke sath holi sex kahaniलड़की के बुर के बीच मे क्या रहता है saxx kahani comचुत कि चोदा चोदि कहानी रीसतेमेचुदाइ रियल मुस्लिमपहली बार की चुदाई के ज्ञान की कहानी का मजाआई मराठी सेकसी कहानीSAXY HOTAUNTY KI CHUDAImyny usky sat my jbrdste.sxy kiya free indyn dyse kamuktahindicakshkahnmastram suhagrat storyअन्तर्वासना हिंदीबडी बहन की चूत की पीयास अपने लनड़ से बुझायी हिनदी कहानी