दिवाली पर मिली नयी चुत
हाय, फ्रेंड्स डिस स्टोरी इस अबाउट मी एंड माय फ्रेंड्स मम्मी डेट हाउ आई फ़क हर, आई ऍम गोइंग तो टेल यु. तो फ्रेंड्स हुआ यु की मेरा एक दोस्त है, जिसका नाम है गौरव. हम दोनों काफी क्लोज फ्रेंड्स है. इसी वजह मैं उसकी मम्मी को हमेशा मै मम्मी कह कर बुलाता हु. उनका नाम है वीना. आज तक मेरे मन में वीना आंटी के लिए कुछ भी गलत नहीं था. वो भी मुझे गौरव की तरह प्यार करती थी.
पर दोस्तों कब क्या हो जाये कुछ नहीं पता. यह अभी कुछ दिन पहले की बात है. करवाचौथ के दिन घटी थी यह घटना. तो हुआ यु के गौरव की बड़ी बहिन मनीषा की मैरिज थी और वो भी करवाचौथ के दिन. वो नेपाली है, तो इन्में जयादातर मैरिज दिन में ही होती है. काफी लोग आये थे शादी में और उनके रुकने की भी उत्तम व्यवस्था थी, क्यूंकि बहुत बड़ी कोठी है उनकी, इतनी बड़ी की हमारे मोहल्ले में उनसे बड़ी कोठी किसी की भी नहीं है.
तो शादी के बाद आप सब तो जानते ही है की लड़की वालो की तरफ से सब लोग कितना थक जाते है. इसी कारण में भी बहुत थक गया, तो मुझे एक रूम खुला मिला और मै उसमे जाकर पड गया और न जाने मुझे कब गहरी नींद आ गयी.
रात में मुझे लगा जैसे किसी ने कुछ हलकी हलकी गरम गद्दे जैसी चीज़ मेरे कुलहो पर रख दी हो. मैंने ठीक हो कर देखा, तो मैं एक दम शॉक हो गया. मैं क्या देखता हु, यह तो वीना आंटी की मसल जांघे थी. अब मेरा लंड खड़ा होने लगा था और वीना आंटी के लिए आज मेरी भावनाए बदल गयी थी.
वीना आंटी आज मेरे इतने करीब थी, उनकी गोरी गोरी जांघे देख कर मुझ से रहा नहीं जा रहा था. पहले तो में सोचने लगा की क्या करू….. और अपने मन को समझाया की यह सब गलत है. फिर मैंने उनकी जांघे अपने ऊपर से अलग की और सोने की कोशिश करने लगा. पर यह क्या… फिर थोड़ी देर बाद वीणा आंटी दुबारा मेरे ऊपर चढ़ी आ रही थी. मैंने मन में कहा आंटी चाहती क्या हो?
और इस बार उनका एक हाथ मेरे कंधे पर था और उनके मोटे- मोटे चुचे मेरी कमर को छु रहे थे और आंटी सांस भी ले रही थी, जिस वजह से उनके चुचे आगे पीछे हो रहे थे.
अब मुझ से रहा नहीं जा रहा था और इसी वजह से मेरा लौडा भी मेरी पेंट फाड़ कर बाहर आने को उतावला हुए जा रहा था.मुझसे कण्ट्रोल नहीं हो रहा था. फिर मैंने आंटी का हाथ हटाया और में चुपके से आंटी के पीछे जा कर लेट गया और अपना एक पैर उठाया और आंटी की गांड के ऊपर रख दिया और आंटी कुछ भी नहीं बोली. और फिर मै आंटी से ऐसे चिपक गया कि हमारे बीच में हवा भी ना निकल सके. और यह क्या… आंटी ने तो मेरा हाथ पकड़ कर अपने चूचो पर रख दिया और अब आंटी के मोटे मोटे नरम चुचे मेरे हाथो की गिरफ्त में थे. अब मैं आपको बता भी नहीं सकता कि मेरे लौड़े की क्या हालत थी, मुझे लगा जैसे मेरे लंड से वीर्य बस छुटने ही वाला है और दूसरी तरफ मुझे समझ नही आ रहा था क्यूंकि मैं उनको मम्मी कह कर बुलाता हूँ. मुझे कुछ समझ ही नहीं आ रहा था. लेकिन हवस तो सिर पर हावी थी.
फिर मैं थोड़ी देर ऐसे ही लेटा रहा और थोड़ी देर में आंटी फिर से थोड़ी सी पीछे की तरफ आई जिससे दोबारा मेरा लंड वीना आंटी की गांड के छेद को टच होने लगा, अब मुझे भी लगने लगा था कि आंटी गरम होने लगी है और शायाद मुझ से चुदवाना चाहती है. पर मुझे समझ नहीं आ रहा था कि क्या करू? आखिर थी तो वो मेरी आंटी ही और दूसरा वो क्या चाहती थी. पता चला में ही कुछ गलत समझने लगा हु.
फिर मैंने भी थोड़ी हिम्मत कर के अपना हाथ आगे बढाया और सीधे आंटी के बड़े बड़े चूचो पर रख दिया और उन्हें दबाने लगा, बिलकुल भी देर न करते हुए. अब आंटी की साँसे बढने लगी थी, फिर मैंने अपना दूसरा हाथ आंटी की चुत पे रखा जहा मुझे काफी गरम चुत का एहसास हुआ और वहां झांटे भी बहुत सारी थी. क्या जबरदस्त गर्मी थी दोस्तों. मुझे लगा, मेरा तो हाथ ही जल जाएगा.
फिर मैंने अपने दोनों हाथ चलाने शुरू कर दिए. एक हाथ से में आंटी के चुचे मसल रहा था तो दुसरे से आंटी की चुत सहला रहा था. अब आंटी ने लम्बी- लम्बी सिस्कारिया लेने शुरू कर दी थी. और उनकी सिस्कारियो में समझ गया कि अब वो गरम होने लगी है और चुदने के मूड में है.
अब मुझसे रुका नहीं गया. फिर मैंने आंटी को सीधा किया और उनके ऊपर आ गया और उनके नरम गरम तडपते हुए होठो पर अपने होठ रख दिए, और खूब दबा के आंटी को इसमुच करने लगा. बड़े ही रसीले होठ थे आंटी के और उनके बदन का परफ्यूम मुझे तो और भी आग लगा रहा था. फिर मैंने चेक करने के लिए सब कुछ बंद कर दिया और अलग हो कर लेट गया.
तो थोड़ी देर बाद, आंटी उठी और कहने लगी क्यों मुझे तडपा कर अलग लेट गये और मेरा लंड अपने हाथो में पकड़ लिया. फिर कहने लगी एक मिनट रुको और डोर लॉक कर के वो वापिस बेड पे आ गयी और आते ही उसने मेरी पेंट खोल दी और मेरा अंडरवियर भी एक झटके में निकाल के अलग कर दिया.
और मैं तो देखता रह गया कि यह सब क्या हो रहा है. अब मेरा लंड खड़ा हुआ देख कर वो और भी जयादा एक्साइट होने लगी और फिर उसने बिलकुल भी देर न करते हुए मेरा लंड एक झटके में अपने मुह में लिया और उसे चूसने लगी.
मुझे अब कुछ जयादा ही मज़ा आ रहा था. अब मेरा तो रुकने का कोई सवाल ही नहीं था. फिर मैंने उनके बाल पकडे और अपना लंड उसके मुह में डाल कर धक्के देने लगा, उसके मुह से अब अह्ह्ह्हह्ह…. कर के आवाज़े आ रही थी. उसके मुह से बहुत सारा थूक भी निकल रहा था. फिर मैंने उसे कहा अपने दोनों अंड चाटने के लिए. वो बारी बारी मेरे दोनों अंड चाटने लगी, बड़ा ही मज़ा आ रहा था दोस्तों… ऐसा मज़ा पहले कभी नहीं आया.
फिर मैंने उसे खड़ा किया और खुद बेड के किनारे पर बैठ गया और उसके दोनों पैर हवा में उठा दिए जिससे उसकी चुत बिलकुल मेरे मुह के सामने थी जिसे में जोर जोर से चाटने लगा और वो अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह…. ऊऊऊऊईई……. आह्ह्ह्हह्ह्ह्ह…. कर के आवाज़े निकल रही थी. जितना जयादा मै अपनी जीभ उसकी चुत में अन्दर डालता, वो और भी जयादा तेज़ तेज़ सिस्कारिया लेती…
फिर मैं उठा और उसकी दोनों टाँगे चौड़ी करी और अपने लंड पर थोडा सा थूक लगाया और उनकी चुत पर रख कर एक धक्का मारा तो पूरा लंड अन्दर उसकी चुत में घुस गया और उसने एक जोर से अह्ह्ह्ह…. अह्ह्ह्हह …. उम्म्म्मम्म…. करन शुरु कर दिया और निचे से अपनी गांड उछालने लगी और जोर जोर से चिल्लाने लगी चोदो…. मुझे दबा… के चोदो….. उसकी आवाज़े सुन कर मेरा भी जोश बढ़ रहा था और मै और भी दबा कर और उसकी दोनों टाँगे खोल कर उसे चोदने लगा.
फिर मैंने उसे सीधा किया और अब मैंने उसे अपने ऊपर आने को कहा. फिर वो अपनी मोटी- मोटी टाँगे मोड़ कर मेरे लंड पर आकर बैठ गयी. उसके बैठते ही मेरा लंड उसकी चूत पूरा घुस गया.
वो अपने हाथो से अपने दोनों मोटे- मोटे चुचे दबा रही थी. मैंने उसके बाल पकडे और उसको किस करते हुए उसके होठो को चूसने लगा और वो इसी तरह मेरे लंड पर उछलती रही.
फिर मैंने उससे कहा की तुम कुतिया बन जायो और उसके कुतिया बनते ही मैंने पीछे से उसकी चुत में लंड डाला और जोर से पेलने लगा, ऐ. सी. चल रहा था पर फिर भी हम दोनों काफी पसीने में भीग चुके थे. और आंटी को मै अभी भी में उसी स्पीड से पेल रहा था. वो भी मजे ले रही थी. फिर मेरा माल निकलने वाला था, तो मैंने आंटी को कान में पुछा धीरे से की कहा निकालना है, मेरा निकलने वाला है. तो वो बोली का बाहर निकलना अंदर नहीं. मगर मै इतना एक्साइट हो गया था क्यूंकि मैं वीर्य बाहर निकलने की लास्ट स्टेज पर था.
फिर मैंने एक या दो धक्के और मारे होंगे और मैंने उसकी चुत में ही पिचकारी छोड़ दी. वो अपनी चुत से निकलता हुआ मेरा वीर्य देखने लगी और गुस्से में बोली की तुम्हे मना किया था ना.
फिर मैंने समझाया की चिंता क्यों करती हो कुछ भी नहीं होगा, और फिर में उसको बाथरूम में ले गया और उसे पेशाब करवा कर दिया जिससे उसकी चुत में मैंने जो वीर्य चोदा था वो सारा निकल गया. और मैंने उनसे कहा अब चिंता की कोई बात नहीं है.
फिर क्या हुआ यह बाद में बतायुन्गा पहले आप सब से जानना चाहूँगा की आपको यह सेक्स स्टोरी कैसी लगी. अपने कमेंट्स मुझे जरुर भेजे…….