दीक्षा की माँ जी को मैं लेकर दिल्ली भाग गया और वहां १ महीने तक उनकी चूत रगड़ी

 
loading...

हेलो दोस्तों, नवीन आप सभी का नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर बहुत बहुत स्वागत करता हूँ. मैं रोज रोज तो यहाँ की मस्त मस्त कहानियाँ पढता हूँ, पर कभी खुद लिखे की कोसिस नही की. पर आज मैंने आपको अपनी कहानी भी सुनाने की सोची है. आपको अपनी टूटी फूटी भाषा में मैं अपनी कहानी सुना रहा हूँ. मैं आगरा का रहने वाला हूँ. मेरी मोहल्ले में ही दीक्षा रहती है जो मेरी पिछले ५ साल से मेरी गर्लफ्रेंड है. उसका घर मेरे घर से बस १०० मीटर पर ही है.

दीक्षा के पिताजी गुजर चुके है. उसकी माँ जिनको मैं माँ जी माँ जी कहकर बुलाता हूँ. वो बहुत अच्छी है. सायद वो जानती है की मैं दीक्षा का बॉयफ्रेंड हूँ. पर वो मुझे कुछ नही कहती है. उसकी माँ खुले हुए विचारों की है. उनकी उम्र कोई ४० ४५ की होगी पर आज भी वो जवान और मस्त माल लगती है. जब जब मैं उनको देख लेता हूँ तो लंड खड़ा हो जाता है. मुझे अंगराई आने लगती है. मन तो यही होता है की माँ की को पकड़ लूँ, इनके दूध को मुंह में लेकर इनका सारा दूध पी जाऊ और इनको कमरे में ले जाकर इनके साथ खूब जी भरके सुहागरात मनाऊं. माँ जी को खूब चोदूं, खायुं. दोस्तों, पीछे कई सालों से मैं इसी तरह की हसीन और सुनहरी कल्पनाये करता था, जब मैं जी को पेटीकोट ब्लौस में देख लेता था.

जैसा आप लोग जानते है की हमारे देश में गर्मी के मौसम में बड़ी गर्मी पड़ती है. जादा उम्र की औरते कई बार घर में सिर्फ ब्लोस और पेटीकोट में ही रहती है. तो दीक्षा की माँ बिल्कुल इसी तरह की देसी टाइप की औरत थी. ऐसे ही एक दिन जब मैं दोपहर में दीक्षा से मिलने गया था की माँ की पीले रंग के पेटीकोट और ब्लौस में थी. उसको देखकर मेरी नियत डोल गयी.

नमस्ते आंटी !! मैंने उनको देखकर कहा. उनका फिगर कमाल का था. आज भी जिस्म भरा भरा लग रहा था. तुरंत मैं सोचने लगा की अब माँ जी [आंटी को] को आखिर कौन चोदता होगा. इनका पति भले ही मर गया हो पर इतनी मस्त गदराई जवने इनकी आज भी कायम है. मैंने दीक्षा की माँ को देखकर यही सोचा.

नमस्ते बेटे! वो हसंकर बोली. बहुत मिलनसार थी वो. हमेशा मुस्कुराकर जवाब देती थी. थोडा झेप गयी. तुरंत चुन्नी लेने के लिए दौड़ी. पास पड़ी चुन्नी को लेकर उन्होंने अपने ब्लौस पर डाल दिए. पर माँ जी मस्त गदराया बदन तो मुझको दिख ही गया. सोचा की काश इनकी चूत मिल जाए. दीक्षा अभी उपर वाली मंजिल पर थी. उसकी माँ मेरा पास आकर हाल चाल पूछने लगी. मेरी पढाई के बारे में पूछने लगी. पता नही मुझे क्या सुझा दोस्तों, मैंने उनका हाथ पकड़ लिया. मैं सीधा उनकी आँख में देखने लगा. ५ साल में मैंने दीक्षा को खूब पेला खाया था. खूब उसकी चूत अपने मोटे से लौडे से मारी थी. खूब उसकी गांड मैंने मारी थी. पर आज उसकी माँ जी को देखकर तो मेरा दिमाग ही खराब हो गया था. माँ जी मुझे घूर के देखने लगी. मेरी आँखों में उन्होंने आँखें डाल दी. उनको मेरी नजरों में बहुत सारी वासना और चुदास के दर्शन हो गए. माँ जी जान गयी की उनकी लड़की का बॉयफ्रेंड अब कहीं ना कहीं उनको पसंद करने लगा है. माँ जी ये बात साफ साफ जान गयी.

मन हुआ की अभी इनको यहीं पटक के चोद लूँ, बाद में किसी तरह अपनी प्रेमिका को मना लूँगा. पर इससे पहले की मुझे कुछ कुछ करने का मौका मिलता दीक्षा उपर से सीढियाँ उतरती हुई आ गयी. मैंने पीछे हट गया. माँ जी का हाथ मैंने छोड़ दिया वरना तो उनको आज मैं चोद ही लेता. जब मैं बुक्स लेकर जाने लगा तो माँ जी मुझे घूर घूर कर देख रही थी. १ सप्ताह बाद मैं फिर दीक्षा से मिलने गया तो माँ जी ने जब मुझे देखा तो बड़ी खुश हो गयी. दौड़ के अंदर गयी और एक नई साड़ी पहन के आ गयी.

अरे दीक्षा बेटी !! जा जाकर नविन के लिए चाय बना ला ! माँ जी ने कहा. दीक्षा चाय बनाने चली गयी. मैं जान गया की माँ जी जो मुझको देख देख के आज मुस्कुरा हरी है, मुझसे पट गयी है. मैं और माँ जी सोफे पर बैठ गए. जैसी ही दीक्षा वहां से गाजब हुई मैंने माँ जी का हाथ पकड लिया. ‘आंटी !! आई लव यू !! मैं आपसे प्यार करने लगा हूँ!! मैंने कहा. माँ जी तो बिल्कुल गल्ल हो गयी. मैंने उनको दोनों कन्धों से पकड़ लिया. और उनके गोरे गोरे गाल पर चुम्मा ले लिया. सच में कोई नही कह सकता था की माँ जी की २० साल की एक जवान बेटी भी है. माँ जी आज भी चोदने लायक सामान थी. मैंने जल्दी से उनके ब्लौस पर हाथ रख दिया और उनके होर्न [ मम्मे ] दाब दिये. माँ जी को मेरी छेड़खानी बड़ी अच्छी लगी. मैं देखा को अभी दीक्षा को चाय लाने में कोई १५ मिनट तो आराम से लग जाएँगे. तो मैंने माँ जी को एक कोने में घसीट लिया. उनके होठ पीने लगा. और उनके बड़े बड़े मम्मे दबाने लगा.

माँ जी सिसकने लगी.

‘आंटी ! तुम तो दीक्षा से भी जादा जवान हो. उससे भी जादा मस्त माल हो! चलो मेरे साथ दिल्ली भाग चलो !! वहीँ तुमको दिन रात खाऊंगा. चोद चोद कर तुम्हारी चूत ढीली कर दूँगा ! तुमको जवानी के इतने मजे दूँगा की दीक्षा के मरे बाप ने भी तुमको नही दिये होंगे. चलो, मेरे साथ दिल्ली भाग चलो! मैंने साफ साफ माँ जी का हाथ पकड़ के कह दिया.

माँ जी को मेरी बात एक बार में समझ आ गयी. सायद वो भी चुदाई के मजे लेना चाहती थी. वो भी जवानी के गुलछर्रे उदाना चाहती थी. उनका सीना ब्लौस के अंदर से जल्दी जल्दी उपर नीचे उठने लगा. मैं जान गया की माँ जी भी मुझसे चुदवाना चाहती है. आखिर अभी भी वो जवान थी. एक बाल भी उनका सफ़ेद ना हुआ था.

बेटा नवीन! क्या हम दोनों यहाँ आगरा में नही मिल सकते?? वो मेरे हाथ पर हाथ रखते हुए बोली. मेरा लंड टन्ना गया. मन तो हुआ की अभी इनको उपर कमरे में ले जाऊं और चोद चोद के इनकी चूत ढीली कर दूँ. पर फिर दीक्षा का डर था. वो देख लेगी तो खामखा कलेश हो जाएगा. मुझे जल्दबाजी में नही धीरज से काम लेना होगा. दीक्षा भी मेरी गर्लफ्रेंड बनी रहें और माँ की चूत भी मिल जाए. मैंने सोचा. २ दिन बाद मैं माँ जी को लेकर दिल्ली भाग गया. क्यूंकि मैं आगरे में माँ जी को ठोक नही माँ रहा था. क्यूंकि दीक्षा हर वक्त मेरे आस पास रहती थी. माँ जी ने दीक्षा को कोई बहाना मार दिया की अपने किसी बीमार रिश्तेदार से मिलने जा रही है. मैंने माँ के साथ दिल्ली को बस पकड़ ली. दिल्ली आकर हम दोनों ने ७ दिन के एक होटल में कमरा ले लिया.

अब होटल के कमरे में हम दोनों के बीच कोई दिवार ना थी. अंदर घुसते ही मैंने माँ जी को पकड़ लिया.

अरे बेटे! मुझे फ्रेश तो हो लेने दो !! माँ जी बोली.

चलो साथ में फ्रेश होते है. माँ जी और मैंने कपड़े निकाल दिये. माँ जी बड़ी जोर से मुतासी हो रही थी. मैं कहा चलो साथ में मुत्ते है. हम दोनों बाथरूम में आ गयी. माँ जी टोइलेट सीट पर पेटीकोट उपर करके बैठ गयी. कुछ सेकंड में उनकी मस्त मलाईदार चूत से पेशाब की पिचकारी निकलने लगी. सायद बस में कई घंटों से बैठने के कारण उनको बड़ी जोर ही पेशाब लगी थी. बड़ी देर तक वो मूतती रही. फिर खड़ी हो गयी. इस समय दोपहर के १ बजे थे. गर्मी बहुत हो रही थी. माँ जी का नहाने का मन था तो हम दोनों साथ में नहाने लगे. मैंने अपना निकर और  बनियान निकाल दिया. बड़े इंतजार के बाद मैं माँ जी के सामने बिल्कुल नंगा था. वहीँ माँ जी भी अपने कपड़े निकलने लगी. पहले उन्होंने अपना नीले रंग का ब्लौस उतार दिया. माँ जी के दूध अभी भी सुडोल थे. बस जरा सा लूस हुए थे. फिर माँ जी से अपना पेटीकोट भी निकाल दिया. मैंने बाथरूम का शावर खोल दिया. हम दोनों भीगने लगे. कुछ देर में माँ जी के पूरा बदन भीग गया. सच में आज भी चोदने लायक सामान थी वो.

मैं उनके रूप पर आसक्त हो गया था. मैंने माँ जी सीने से चिपका लिया. हम दोनों किसी नए जोड़े की तरह रोमांस करने लगे. मैं उनके शबनमी होठों को पीने लगा. हालाकि दीक्षा के बाप ने उनके खूब होठ पिए थे, पर आज भी उसके होंठ ठीक थे. होटल के बाथरूम के शावर का ठंडा ठंडा पानी माँ की में बड़े बड़े मम्मो पर गिरने लगा. मैंने अपने हाथ अपनी नई माल [ दीक्षा की माँ ] के दूध पर रख दिये और उनको हाथ में भर लिया. माँ जी के मम्मे इतने बड़े थे की मेरे हाथ में नहीं आ रहें थे. मैं चुदास के सुख सागर में डूब गया. आज तो मैं माँ जी को इतना चोदूंगा की इनकी चूत ढीली हो जाएगी. मैंने सोचा.

हम दोनों नए नए प्रेमी नहाने लगी. माँ जी मेरे और मैं उनके बदन पर साबुन मलने लगे. हम दोनों एक दूसरे को नहलाने लगे. माँ जी तो मुझे अपना आदमी समझ के नहलाने लगी. इसी तरह वो दीक्षा के बाप को साबुन लगाकर नहलाती थी. मैं भी माँ जी के गोल गोल लपलपाते मम्मे पर, उनके पेट, कमर, चूतड़, और पैर में साबुन मल दिया. कुछ देर बाद हम दोंनो अच्छे से नहाकर कमरे में आ गये. माँ जी ने अपना वही पीले रंग का पेटीकोट और ब्लौस पहन लिया. इसी कपरे में मुजको उनसे प्यार हो गया था. मैंने माँ जी पकड़ लिया.

आंटी जी !! खाना वाना बाद बे खान्येंगे, पहली एक बार तुमको चोद लूँ!! अब तुम्हारी चूत लिए मैं नही रह सकता! मैंने साफ़ साफ़ कह दिया. माँ जी लजाने लगी. मैंने उनको बेड पर लिटा दिया. लाइफबॉय साबुन की ताज़ी ताज़ी खुशबू अभी भी उनके मस्त जिस्म से आ रही थी. मैंने भी लाइफबॉय ही लगाया था. हम दोनों बड़ा फ्रेश महसूस कर रहें थे. मैंने उनका वो ऐतिहासिक पीला वाला ब्लौस खोल दिया. उनके दोनों कबूतर मेरे सामने उछल के हाजिर हो गए. मैंने हाथ में लेकर उनका साइज़ नापा, फिर पीने लगा. पूरा १ घंटा तो माँ जी के बड़े ३६, ३८ के साइज के दूध पीने में लग गए. फिर उनकी चूत पीने लगा. कुछ देर बाद आखिर वो महान पल आ गया जब मैं अपनी गर्लफ्रेंड दीक्षा की माँ को चोदने लगा.

खट खट के शोर से मैं माँ जी को चोदने लगा. उनकी चूत पर मेहनत करने लगा. कभी धीरे धीरे तो कभी जल्दी जल्दी. माँ जी भी मस्ती से चुदवाने लगी. उनकी चूत आज भी लेने लायक थी. कोई बहुत जादा फटी हुई नही थी. माँ जी ने अपने दोनों हाथ पेरी नंगी चिकनी पीठ में डाल दिये. जैसे जैसे मैं उनको जोर जोर से भांजने लगा, जोर जोर से फटके मारने लगा माँ जी अपने नुकीले बिल्ली जैसे नाख़ून मेरी नंगी चिकनी पीठ में गडाने लगी. मुझे एक तरह चुदाई में मजा आता था वो दूसरी तरह माँ जी के लम्बे लम्बे नाख़ून मेरी पीठ में गड कर मेरा खून भी निकाल रहें थे.

माँ जी चाहे जितना मेरी पीठ में नाख़ून गडा लो, पर आज की पूरी रात मैं तुम्हारी चूत घिसुंगा !! मैंने कहा और फिर से जोर जोर से उनकी बुर फाड़ने लगा. मेरा लंड उनका पूरा भोसड़ा अच्छे से फाड़ रहा था. माँ जी के पसीना आ गया. ४० मिनट तक मैंने उनकी चूत रगड़ी और फिर उनके भोसड़े में भी झड गया. माँ जी ने मेरी पीठ खोद डाली. बहुत सारा खून मेरी पीठ से निकल रहा था.

माँ जी डर गयी. रुई लाकर पोछने लगी. बाथरूम से डिटोल ले आई. और जहाँ जहाँ कट गया था लगा दिया. माँ जी ने अपने बैग से नेल कटर निकाला और अपने लम्बे नाख़ून काट दिये. कुछ देर बाद मैं दोबारा उनको चोदने गला. उनके दोनों टांग मैंने कंधे पर रख लिए और उनको लेने लगा. पुरे १ महीने तक हम दोनों उस होटल में ऐयाशी करते रहें. चोद चोद के मैंने उनकी बुर ढीली कर दी. खूब गांड मारी माँ जी की. जब हम लौटकर आये तो दीक्षा को हमारे नाजायज सम्बंद के बारे में पता चल गया. उसने मुझे ब्रेक अप कर लिया. अब माँ जी ही मेरी गर्लफ्रेंड है. अब उनको ही मैं बजाता हूँ. ये कहानी आप नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहें है.

 


loading...

और कहानिया

loading...



www.antervasnasexstore.comxxxkhanihindwww.antaravasnabaapbeti.comPITI.AND.PETNI.HANDI.SEXY.SOTRI.COMxxx kahaniKAMVALI NE SEX KARANA SEX STORYMuje choda Sadie neभाई मामी क्सक्सक्सxxx sex photos anatesex sileping kahaniya bhabi mameearot ko pela hdsexगोवा में अदला बदली करके चुदाईstudent xxx village stori hindiमेरे सामने माँ को चोदाxxx khanihindi bap bhai bahan sex khani.comwap masti mamabhangi compados ke bhai ne mere penty me muth maraparti me chachi ka gurf me sax bf pornchudaikikahanihindimammy ko chat par chod jabaradasti condom laga keBAP BETI KI XXX HINDI KAHANIfarmhouse pe sir ke sath chudai kahaniindian sakasy hot babeहिन्दी सेक्स विधियों कहानियाँ फोटो शेकसी books handa पढने के लिएMaa beta k lun ke deewani desi kahaniaपुजारिन आंटी क्सक्सक्स स्टोरीरंडी मुली सेक्स विडीवो उस गाँव में सभी औरतों के स्तन बहुत बड़े थे sex storyदेसी स्टोरी सेक्स हिंदीNew sexye Hindi audio khani .com xxxxxx hindi anita kahaniमालिश के बहाने पापा से चुदवाया कहानी sexy ke bhuk hindi story.comxxx khani hinde maa ko coda daru pilakersex story dost ke Jane ke uski Biwi ne garam kiyaचोदम चूदाई राज शर्मा कहानियाँ video sexy HD Jo kapde Utar Ke Chudai Motipur waliSax in chudi mst jbrdsti3Gp vidhawa sex kahaniaससुर ने मुझे चोदा बारात मेंपांच लरका ने एक एक करके बुर चोदाxxxkahaniphotomeri widwa maa badi randi hai hindi sex kahaniyavदो बेटो ने जबरदसती माँ को चोदाहाँट कले लांड की लडको लडको की चोद ई Xnxx comनयी बेरहम गुरूप सेकस कथाभाई के गुंडे दोस्तो ने चोदाstori xxxhindi chut sahlai sex photo storyपति के सात आया मरद मुझे चोद गयाWww.hindisexstorey.comXXX KAHANI BHAI NE CODAx sex kahaniyachudai kahanihindi chudai ki kahaniaजबरन चूदाई विडियो पाच लडकेkamta sex hindee storyWww.sex.slhj.chachiki.chudai.mybhabhi sxey store.comलैंड बुरसास की बुर चाटना और चोदाshart har kar ggym me gang bang chudai khanimuslim biwi ko loda diyaxxx sex nida me sorahi chora sex xxxxsaxxxc viedo kutta ldke valekhani of sex10 saal ki umar me budhe naukar ne chodaभाभी के सेकसी सेरी कमAmritsar Mein Kotha kahan per hai ladki ka sex hoti haiantter basna sleep storysaas ne damad ko gand marna shikaya