पड़ोस वाली सरिता रंडी का गेम
हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम सुधीर है और में जलगावं का रहने वाला हूँ। दोस्तों में आज आप सभी के सामने अपने साथ घटी हुई एक सच्ची घटना बताना चाहता हूँ, में उस समय अपने कॉलेज के दूसरे साल में था और में अपने मोबाईल पर सेक्सी फोटो, फिल्मे देखने लगा था, लेकिन में सिर्फ़ उन्हें देखने से ही खुश नहीं होता था, मुझे वो सब काम किसी के साथ करना भी था तो इसलिए मैंने मेरे दोस्तों से इस बारे में बात की, क्योंकि मेरे सभी दोस्तों ने पहले से ही सेक्स किया हुआ था और उनमें से बस में ही वर्जिन था, लेकिन फिर उन्होंने मुझे एक रास्ता बताया।
उन्होंने मुझसे कहा कि मुझे मेरे घर के पास में रहने वाली सरिता आंटी के साथ कुछ करना चाहिए, क्योंकि उनके पति की कुछ सालों पहले म्रत्यु हो चुकी थी। उनका एक बच्चा भी था, जिसका नाम गोलू था और उसकी उम्र करीब पांच साल थी, वो अभी स्कूल में पढ़ रहा था और वो पैसे लेकर भी किसी को भी अपने साथ सेक्स करने देती थी। मैंने यह बात भी बाहर के कुछ लोगों से सुनी थी और मुझे मेरे दोस्तों ने भी थोड़ा उनके बारे में बताया था।
दोस्तों मुझे अब अपने दोस्तों की कही हुई सभी बातें एकदम सही लगी, क्योंकि मुझे अपने लंड को किसी की भी चूत में डालकर शांत करना था और सरिता आंटी को अपनी चूत में किसी का भी लंड लेकर अपनी चूत की प्यास मिटानी थी और वैसे वो एक बच्चा होने के बाद भी दिखने में बहुत हॉट, सेक्सी थी, उनका कलर एकदम गोरा था और उनके फिगर का साईज़ करीब 36-26-38 था और अब में मन ही मन उनको चोदने की बात सोचकर उनके जिस्म को कई बार मन ही मन सोचकर मुठ मार चुका था। फिर एक बार जब में उनके घर पर उनके हालचाल पूछने अचानक से चला गया और फिर मैंने दरवाजा खटखटाया। फिर उन्होंने अंदर से आवाज देकर पूछा कि कौन है? मैंने कहा कि आंटी में हूँ तो उन्होंने मेरी आवाज पहचानकर दरवाजा खोल दिया और जैसे ही मैंने उनको उस हालत में देखा तो में बस उन्हें देखता ही रह गया, क्योंकि वो शायद उस समय सीधा बाथरूम से नहाकर बाहर आई थी और उन्होंने उस समय ब्लाउज और पेटीकोट पहना हुआ था, जिसमें से उनका आधा बदन मेरी आखों के सामने पूरा नंगा था और जो बाकि बचा हुआ था और वो उनके पानी से भीगे हुए कपड़ो की वजह से अपना सही सही आकार बाहर से ही मुझे दिखा रहा था। उनके वो बड़े बड़े बूब्स उस भीगे हुए ब्लाउज से बाहर निकलकर मुझे उनकी तरफ आकर्षित कर रहे थे और अब उन्हें अपने सामने इस तरह देखते ही मेरा लंड तनकर खड़ा हो गया था और में लगातार उनके गदराए हुए बदन को देखे जा रहा था और अपने लंड को सहला रहा था।
फिर वो मुझसे बोली कि क्या हुआ बेटा? में बोला कि कुछ नहीं आंटी में तो बस ऐसे ही आपको देखने चला आया था। फिर उन्होंने मुझसे बैठने को बोला और अंदर से मेरे लिए पानी लेकर आ गई, लेकिन अब भी मेरा पूरा पूरा ध्यान उनके बूब्स पर था और जब वो मुझे पानी देने के लिए ठीक मेरे सामने आकर थोड़ा झुकी तो मैंने उनके बूब्स के दर्शन कर लिये और जब उन्हें यह महसूस हुआ तो वो झटके से खड़ी हो गई और सीधी किचन में चली गई। दोस्तों मुझे तो अब कैसे भी करके अब उनकी चूत मारनी ही थी, क्योंकि उनके बूब्स ने मेरी आग को और भी भड़का दिया था, लेकिन मेरे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि में कैसे बात करूँ? में उस दिन कुछ देर उनसे इधर उधर की बातें करके अपने घर पर चला आया और उनको सोचकर मुठ मारने लगा और उनका वो सेक्सी जिस्म मेरे दिमाग में पूरी तरह से बस चुका था, में दिन रात अब उनको ही सोचने लगा। एक दिन सरिता आंटी मेरे घर पर आई और फिर वो मुझसे बोली कि क्या तुम मेरे बेटे को ट्यूशन पढ़ा दोगे? क्योंकि वो अपनी पढ़ाई में बहुत कमज़ोर है और मेरी कोई भी बात वो नहीं सुनता, क्या तुम मेरे लिए अपना समय निकालकर इतना कर सकते हो? दोस्तों मुझे तो पहले से ही वहां पर जाने का कोई अच्छा सा बहाना चाहिए था और अब आंटी को खुद भगवान ने मेरे पास अपनी चुदाई का निमत्रंण देने भेज दिया था। फिर मैंने उनके कहते ही तुरंत हाँ बोल दिया, में मन ही मन बहुत खुश था और आज से मुझे अपना उनकी चुदाई का सपना पूरा होता हुआ नजर आ रहा था।
फिर मैंने उसी दिन से उनके घर पर जाकर उनके बेटे को पढ़ाना शुरू कर दिया और फिर उसी दिन मैंने सुना कि कभी कभी सरिता आंटी को उनके अपने ग्राहकों के फोन आते थे और सरिता उनसे पैसे और जगह के बारे में पूछकर हाँ में आ जाउंगी बोलती और फिर वो फोन कटकर देती थी। अब में हर रोज रात को सेक्स फिल्म देखता था और सरिता को सोचकर अपना लंड हिलाता था और सो जाता था। एक दिन बच्चे की पढ़ाई ख़त्म होने के बाद मैंने सरिता से पूछा कि क्या आप मुझसे अकेले में मिलोगी? वो बोली क्यों? फिर मैंने कहा कि मैंने अब तक कभी भी सेक्स नहीं किया है और मेरे मुहं से इतना सुनते ही वो मुझ पर बहुत गुस्सा करने लगी और वो मुझसे कहने लगी कि तुम मेरे बारे में ऐसा सोच भी कैसे सकते हो? में तुम्हे अपने बेटे जैसा मानती हूँ और तुम मेरे लिए ऐसी सोच रखते हो? अब में उनकी सभी बातें सुनकर बहुत शर्मिंदा हुआ और फिर में अपने घर पर चला आया। अब मुझे चार पांच दिन हो गये थे और में उनके घर पर ट्यूशन के लिए नहीं गया तो एक दिन सरिता आंटी मेरे घर पर आई, में उन्हें देखकर बहुत डर गया था और में मन ही मन सोचने लगा कि कहीं यह मेरे घर पर कुछ बता ना दे।
फिर थोड़ी देर बाद वो मेरे पास आई और मुझसे बोली कि तुम बच्चे को ट्यूशन पढ़ाने क्यों नहीं आ रहे हो? अब में नीचे देख रहा था और वो मेरी तरफ तो मैंने उनसे कहा कि ठीक है में कल से आ जाऊंगा। फिर अगले दिन शाम को में उनके घर पर बच्चे को पढ़ाने चला गया तो मुझे अब भी बहुत डर लग रहा था। मैंने दरवाजा खटखटाया और सरिता आंटी ने दरवाजा खोला। फिर मैंने देखा कि उन्होंने उस समय ब्लाउज और पेटीकोट पहना हुआ था और अपनी नजर नीचे करके मैंने उनसे पूछा कि गोलू किधर है? फिर सरिता आंटी मुझसे बोली कि वो अभी कुछ देर में आ जाएगा, क्या में तुम्हारे लिए पानी लेकर आऊ? फिर मैंने अपना सर हिलाकर उनसे हाँ कहा, वो किचन में जाकर मेरे लिए पानी लेकर आ गई और फिर मेरे सामने झुककर मुझे पानी देने लगी, लेकिन में अब भी नीचे की तरफ देख रहा था। फिर सरिता आंटी मुझसे बोली कि क्यों आज देखोगे नहीं? दोस्तों में उनके मुहं से यह शब्द सुनकर एकदम चकित था। फिर मैंने धीरे से सर ऊपर करके देखा कि आंटी मेरी तरफ मंद मंद मुस्कुरा रही थी और आज वो मुझे उनके बूब्स दिखना चाहती थी, वो सब मुझे उनकी आखों से पता चल रहा था और मुझे आज उनकी हरकते भी कुछ अजीब लगने लगी थी। तभी वो मुझसे मुस्कुराकर बोली कि क्यों दूध पिओगे? फिर मैंने बोला कि नहीं आंटी में अभी अपने घर से चाय पीकर आया हूँ। फिर वो बोली कि में तो दूसरे वाले दूध के बारे में बोल रही हूँ तो में उनकी यह बात सुनकर थोड़ा सा शरमाया। फिर वो मुझसे बोली कि अब क्यों शरमा रहे हो? तुम उस दिन तो मुझे बहुत निडरता और जोश दिखा रहे थे, क्यों आज ऐसा क्या हो गया?