बहन की चुदने की चाह
हैलो दोस्तो, आप सभी को मेरा सलाम, नमस्कार !
मेरा नाम मोहित है, मैं औरंगाबाद का रहने वाला हूँ। आज़ मैं आपको अपनी असली कहानी बताने जा रहा हूँ।
मेरे घर में हम चार लोग रहते हैं- पापा, माँ, दीदी और मैं।
हमारी घर की हालत अच्छी नहीं थी, तो मैं, मेरी माँ और दीदी हम गाँव से दूर काम के लिए आए थे और पिताजी हफ़्ते में या दो हफ़्ते में हमसे मिलकर जाते थे, क्योंकि उन्हें गाँव की तरफ़ खेती भी देखनी पड़ती थी।
जब हम शहर में आ गए तो माँ को एक अच्छा सा काम मिल गया। उनको उस काम के पैसे भी अच्छे मिल रहे थे।
मैंने भी एक काम देख लिया और बी.कॉम में दाखिला भी ले लिया।
दीदी दिन भर घर पर ही रहती थीं, पैसे अच्छे आने लगे तो हमने दो कमरे का घर ले लिया, लेकिन अधिक पैसे नहीं थे इसलिए दीदी की शादी भी नहीं हो रही थी।
बात तब की है जब मैं बी.कॉम तीसरे वर्ष में था और मेरी दीदी अपनी पढ़ाई पूरी कर चुकी थीं।
दीदी की उम्र 23 साल थी और मैं 21 साल का था।
मेरी दीदी दिखने में बहुत ही सुन्दर है, उसका फ़िगर तो कमाल का है 36 के चूचे और 26 की कमर और 36 की पिछाड़ी.. क्या कयामत लगती थी वो।
बहुत से लड़के उसे चोदने के चक्कर में रहते, लेकिन दीदी ने कभी भी किसी को पास भी आने नहीं दिया। यहाँ तक कि मैं भी उसे बहुत दिन से चोदना चाहता था।
एक दिन भगवान ने मेरी सुन ली, मैंने नया मोबाइल लिया था और उसमें मैं दीदी को दिखाने के लिये अधनंगी लड़के लड़कियों के फोटो लेकर आता था।
धीरे-धीरे मैंने उसे थोड़े और नंगे फोटो दिख़ाने शुरु कर दिए। पहले तो वो देखने से मना कर देती थी। लेकिन रात को मेरे सो जाने के बाद वो मोबाइल लेकर वो फोटो देखती थी।
एक दिन मैंने उसे सीधे बोल दिया- भाई के सामने क्या शरमाना?
तब मैं उसे और ज्यादा नंगे फोटो दिखाने लगा। कभी-कभी वो मुझे डांट भी देती, मगर प्यार से, लेकिन चोदूँगा कैसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था।
मैं उसे चोदने की तरकीबें सोचने लगा।
एक दिन मैंने मोबाइल में ब्लू-फ़िल्म लेकर आया, जिसका नाम था ‘ब्रदर-सिस्टर फैंटेसी’.. उसमें भाई को मुठ मारते वक्त उसकी बहन पकड़ लेती है और मैंने जानबूझ कर वो फ़िल्म हटाई नहीं।
दीदी ने रात को मोबाइल लिया और उसने भी वो फ़िल्म देख ली।
दो-तीन दिन उस ने मुझसे ठीक से बात नहीं की।
जब मैंने पूछा तो कुछ भी नहीं बोलती, लेकिन बेचारी कब तक ऐसे रहती।
उसने एक दिन मुझ से पूछ ही लिया- उस दिन मैंने तुम्हारे मोबाइल में वो फ़िल्म देखी थी, क्या सच में ऐसा होता है?
मैंने उसे ‘हाँ’ कहा लेकिन उसने कोई प्रतिक्रिया नहीं दिखाई, मैं निराश सा हो गया, मुझे लगा अब कोई उम्मीद नहीं है।
मैंने और एक तरकीब सोची।
नाईटडिअर से मैंने एक चचेरे भाई-बहन की चुदाई वाली कहानी का प्रिन्ट निकाल लिया और घर ले जाकर उसी के सामने अपने बैग में रख दिया, पता नहीं उसने वो कब पढ़ी होगी, लेकिन उसने वो पढ़ ली थी।
रोज रात को मैं मुठ मार कर सो जाया करता था, दूसरा कोई रास्ता भी तो नहीं था।
फ़िर एक रात खबर मिली कि मेरे चाचा को हस्पताल में भर्ती करना पड़ा, तो मेरी माँ गाँव चली गई।
उस रात मैंने सोच लिया कि आज पूरी कोशिश करूँगा।
हम दोनों ने रात को खाना खा लिया और टीवी देखने लगे। सर्दी के दिन थे तो हम दोनों पलँग पर ही एक चादर लेकर बैठ गए।
मैं उसके साथ जानबूझ कर सेक्स की बात करने लगा, वो कभी बात करती तो कभी एकदम चुप हो जाती।
तभी मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और उसे दबाने लगा। वैसे तो मैंने बहुत बार हाथ पकड़ा था, लेकिन आज का मजा ही अलग था।
उसने कुछ नहीं कहा, फ़िर मैंने उसे गर्दन पर चूम लिया, तो उसने मुझे झट से धक्का दे दिया और बोली- ये क्या कर रहे हो? तुम मेरे भाई हो.. हम ऐसा नहीं कर सकते।
मैंने उसे कहानी के बारे में याद दिलाया तो उसने कहा- यह गलत है.. अगर किसी को पता चल गया तो हमारी खैर नहीं।
तो मैंने उससे कहा- यहाँ हम दोनों के सिवा कौन है.. जो किसी को यह बात बताएगा.. तुम भी बेवजह चिन्ता कर रही हो।
फ़िर वो कुछ नहीं बोली, तो मैंने उसके होंठों पे होंठ रख दिए और उसे चूमने लगा।
पहले तो वो शान्त रही और फिर बाद में मेरा साथ देने लगी।
होंठ को चूमते-चूमते मैंने उसके चूचे दबाने शुरु किए। उसने थोड़ा सा विरोध किया लेकिन बाद में कुछ नहीं बोली।
फिर मैं उसके दोनों चूचे जोर-जोर से दबाने लगा और उसके होंठों का रसपान करने लगा।
अब वो काफ़ी गरम हो चुकी थी। मैंने उसकी टी-शर्ट उतार दी, उसके चूचे ब्रा के अन्दर कैद बहुत ही मादक लग रहे थे। उनकी गोलाई देख कर मेरी तो आँखें ही फ़ट गईं।
मैं भूखे शेर की तरह उस पर टूट पड़ा।
वो आहें भरने लगी, मैंने उसके मम्मे इतनी जोर से दबा दिए कि उसके मुँह से चीख निकल गई।
उसने कहा- आराम से करो न.. आज रात मैं तुम्हारी ही हूँ।
फिर मैंने उसके दोनों कबूतरों को आजाद किया, उसके भूरे रंग के चूचुकों को देख कर चूसने का बहुत मन किया और मैं उन्हें चूसने लगा।
एक चूची चूसता और दूसरी को दबा देता, वो ‘आआहह’ करके सिसकारियाँ लेने लगी।
उसकी सिसकारियाँ सुन कर मैं और जोश में आ गया।
मैंने धीरे-धीरे एक हाथ पैन्टी के ऊपर से ही चूत पर हाथ रख दिया और हल्का सा दबा दिया।
उसके शरीर में जैसे करेंट लग गया हो। उसका बदन एकदम से थर्राया।
फ़िर मैंने उसकी पैन्टी को खोल दिया और उसे खड़ा किया, खड़े होते ही उसकी पैन्टी नीचे सरका दी।
उसने अपने हाथों से अपनी चूत ढक ली।
तब तक मैंने अपने कपड़े उतार दिए और सिर्फ़ अन्डरवियर में उसके सामने खड़ा हो गया और प्यार से उसका एक मम्मा दबाते हुए उसके हाथ चूत पर से हटा दिए।
उसने हाथ निकालते ही पहले मेरी अन्डरवियर देखी और बोली- यह तो बहुत बड़ा लग रहा है?
मैंने उसे कहा- मेरी जान बड़ा है.. तो मजा भी तो बड़ा ही आने वाला है।
फ़िर मैं उसके पेट को चूमते हुए नीचे की तरफ़ बढ़ा और उसकी चूत के ऊपर हाथ रखा तो वो एकदम गीली हो चुकी थी।
मैं चूत को पहली बार देख रहा था। मैंने अपनी जीभ उसकी चूत पर रख दी, उसके शरीर में एक झनझनी सी हुई।
मैं जैसे-जैसे उसकी चूत चूसता.. वैसे ही उसकी सिसकारियाँ “ओओआहह” करके निकल रही थीं।
बहुत देर चूत चूसने के बाद मैंने उसे लन्ड चूसने के लिए कहा, लेकिन उसने उसे सिर्फ़ हाथ से मसला और एक चुम्मा ले लिया।
मैं उसके साथ जबरदस्ती नहीं करना चाहता था, इसीलिए मैंने उसे लंड चूसने के लिए ज्यादा दबाव नहीं दिया।
फिर मैंने उसे सीधा लेटाया और लन्ड उसकी चूत पर रख कर रगड़ने लगा।
उसकी चूत से निकले हुए पानी से लन्ड एकदम चिकना हो गया।
फिर मैंने उसकी चूत में लन्ड घुसाना शुरु किया।
जैसे ही मैंने सुपारे को अन्दर की तरफ़ दबाया, तो उसकी हल्की सी चीख निकल गई।
मेरा सुपारा ‘गप्प’ से अन्दर चला गया। मुझे तुरन्त समझ में आ गया कि यह बहनजी पहले से ही चुदी हुई है।
मैंने एक जोर का धक्का मारा और आधा लन्ड अन्दर चला गया, तब उसकी चीख निकल गई।
उसे दर्द ना हो इसलिए मैंने उसके चूचुकों को मुँह में लेकर चूसने लगा।
थोड़ी देर बाद जब उसने नीचे से कमर उछाल कर संकेत दिया, तब मैंने और एक झटका लगाया।
इस बार पूरा लन्ड उसकी चूत में उतर चुका था।
इस बार उसने बस एक हल्की सी ‘आआह्ह्ह्ह्ह’ की चीख निकाली।
मैंने पूरा लन्ड बाहर निकाला और एक ही बार में फिर से पूरा अन्दर डाल दिया।
कुछ देर बाद वो सामान्य हो गई, तब मैंने धक्के लगाने शुरु किए।
मेरे धक्कों के साथ उसकी हल्की ‘आह्ह्ह्ह…ऊह्ह्ह्ह’ की आहें निकल रही थीं।
उसकी आहें सुन कर मुझे और जोश आया और मैं उसे पूरी ताकत से धक्के मारने लगा।
उसे भी बहुत मजा आ रहा था।
मैं धक्के मारते-मारते उसके ऊपर झुक गया और अपनी जीभ उसके मुँह में घुसा दी।
वो भी मेरी जीभ को चूसने लगी।
कभी मैं उसकी जीभ चूसता तो कभी वो मेरी जीभ चूसती।
करीब 15 मिनट तक उसे चोदने के बाद मेरे लन्ड ने फूलना शुरु किया, मैं समझ गया कि मेरा माल निकलने वाला है।
मैंने लन्ड को चूत से निकाला और दो-तीन बार हाथ से मुठयाया और आगे-पीछे किया, तो मेरी पिचकारियाँ छूट पड़ीं।
पूरा निचुड़ने के बाद मैं उसके बाजू में आकर लेट गया।
उसने मुझसे कहा- मुझे अभी और करना है।
मैं अपनी बहन को प्यासा कैसे छोड़ सकता था, कुछ ही मिनट के बाद मैंने उसकी टाँगें उठाईं और उसकी चूत में दो उँगलियाँ डाल दीं और साथ ही उसकी चूत चूसने लगा।
थोड़ी देर बाद मेरा लन्ड फ़िर से खड़ा हो गया, वो आँखें बन्द करके बस सिसकारियाँ ले रही थी।
मैंने उँगलियाँ निकाल लीं और लन्ड डाल दिया, उसकी हल्की सी चीख निकल गई, मैंने फ़िर से धक्के लगाने शुरु किए।
इस बार मैंने 20-25 मिनट उसकी चुदाई की और वो एक बार झड़ चुकी थी।
जब मेरा निकलने वाला था तो मैंने लन्ड चूत में गोल-गोल घुमाया और पूरा माल उसी की चूत में डाल दिया।
मेरा माल अन्दर गिरते ही वो भी झड़ने लगी।
मेरा लन्ड अपने आप चूत से बाहर आ गया, तो लन्ड के साथ ही मेरा माल और उसके माल की 4-5 बूँदें बाहर आ गईं मुझे थोड़ी ही देर में नींद आ गई।
हम दोनों नंगे ही सो गए।
रात को 2 बजे मेरी नींद खुल गई, वो तो एकदम हाथ पैर पसार के सो रही थी।
मुझे उसकी चूत नजर आते ही मेरे लन्ड ने सलामी दी, मैं फ़िर से उसकी चूत चाटने लगा जिसकी वजह से उसकी नींद खुल गई।
इस बार उसने मेरा लन्ड चूसा लेकिन ज्यादा नहीं और मेरे धक्के फ़िर से शुरु हो गए।
कमरे में फ़िर से ‘आआअह्ह्ह्ह्ह्’ की सिसकारियाँ गूँजने लगीं।
उस रात मैंने उसे 3 बार चोदा। सुबह उसने मुझसे कहा- भाई, तूने मुझे कल रात को बहुत मजा दिया.. अब हम रोज ही चुदाई करेंगे।
यह सुन कर मुझे भी बहुत खुशी हुई, उसके बाद माँ गाँव से चाचा को देख कर दस दिन बाद आईं, तब तक हमारी रासलीला जारी रही।
उसके बाद मुझे जब भी मौका मिलता मैं उसे चोद देता।
एक बार मैंने उसकी गान्ड भी मारने की कोशिश की, लेकिन उसे ज्यादा ही दर्द हुआ तो मैंने उसकी गान्ड नहीं मारी।
और कहानिया
- तमन्ना भाभी की चुदाई
हाई फ्रेंड्स, मैं राजेश. आपके सामने हाज़िर हु अपनी स्टोरी लेकर. वैसे तो मैं अम्बा... - Raat ko office mein chudaai
Hi, dosto mera naam sameer hai. mein Ranchi ka rahne wala hu. ye un dino ki baat... - अंकल ने मुझे अपने दोस्त से चुदवाया
हैल्लो दोस्तों, कैसे हो आप? में उम्मीद करती हूँ कि आप सभी बिल्कुल ठीक हो. दोस्तो... - Chhoti Bahan kaa Choot Phada
Hello friend, mera naam aakash hai, main Agra ka rahne baala hu, main 21 saal ka...