बहन को ससुराल में चोदा

 
loading...

मै अपनी चचेरी दीदी के यहाँ घूमने नैनीताल गया। उनसे मिले हुए मुझे कई साल हो गए थे। उनकी शादी फौज के रणवीर सिंह के साथ हो गई। अब वो लोग नैनीताल में रहते थे। मेंने सोचा चलो दीदी से मिलने के साथ साथ नैनीताल भी घूम लूँगा। वहां पहुँचने पर दीदी बहूत खुश हुई।

बोली – अरे तुम इतने बड़े हो गए। मैंने तुम्हे जब अपनी शादी में देखा था मैंने कहा – जी दीदी। दीदी ने मुझे खूब खिलाया पिलाया। जीजा जी अभी पिछले तीन महीने से कश्मीर में अपनी ड्यूटी पर थे। दीदी की शादी हुए आठ साल हो गए थे। दीदी की एक मात्र संतान तीन साल की जूही थी जो बहूत ही नटखट थी। वो भी मुझसे बहूत ही घुल -मिल गई। शाम को जीजा जी का फ़ोन आया तो मैंने उनसे बात की। वो भी बहूत खुश थे मेरे आने पर।

बोले – एक महीने से कम रहे तो कोर्ट मार्शल कर दूँगा। रात को यूँ ही बातें करते करते और पुरानी यादों को ताज़ा करते करते मै अपने कमरे में सोने चला गया। दीदी ने मेरे लिए बिस्तर लगा दिया और बोली – अब आराम से सो जाओ। मै आराम से सो गया। किंतु रात के एक बजे नैनीताल की ठंडी हवा से मेरी नींद खुल गई।

मुझे ठण्ड लग रही थी। हालाँकि अभी मई का महिना था लेकिन मै मुंबई का रहने वाला आदमी भला नैनीताल की मई महीने की भी हवा को कैसे बर्दाश्त कर सकता। मेरे पास चादर भी नही था। मैंने दीदी को आवाज लगाई । लेकिन वो शायद गहरी नींद में सो रही थी। थोडी देर तो मै चुप रहा लेकिन जब बहूत ठण्ड लगने लगी तो मै उठ कर दीदी के कमरे के पास जा कर उन्हें आवाज लगाई। दीदी मेरी आवाज़ सुन कर हडबडी से उठ कर मेरे पास चली आई और कहा – क्या हुआ गुड्डू?

वो सिर्फ़ एक गंजी और छोटी सी पेंट जो की औरतों की पेंटी से थोडी ही बड़ी थी। गंजी भी सिर्फ़ छाती को ढंकने की अधूरी सी कोशिश कर रही थी। में उनकी ड्रेस को देख के दंग रह गया। दीदी की उमर अभी उनतीस या तीस की ही होती रही होगी। सारा बदन सोने की तरह चमक रहा था। में उनके बदन को एकटक देख ही रहा था की दीदी ने फिर कहा- क्या हुआ गुड्डू? मेरी तंद्रा भंग हुई। मैंने कहा -दीदी मुझे ठण्ड लग रही है। मुझे चादर चाहिए।

दीदी ने कहा – अरे मुझे तो गर्मी लग रही है और तुझे ठंडी? मैंने कहा -मुझे यहाँ के हवाओं की आदत नही है ना। दीदी ने कहा -अच्छा तू रूम में जा , में तेरे लिए चादर ले कर आती हूँ। मै कमरे में आ कर लेट गया। मेरी आंखों के सामने दीदी का बदन अभी भी घूम रहा था। दीदी का अंग अंग तराशा हुआ था। थोडी ही देर में दीदी एक कम्बल ले कर आयी और मेरे बिस्तर पर रख दी। बोली – पता नही कैसे तुम्हे ठण्ड लग रही है। मुझे तो गर्मी लग रही है।

खैर , कुछ और चाहिए तुम्हे? मैंने कहा- नही, लेकिन कोई शरीर दर्द की गोली है क्या? दीदी बोली- क्यों क्या हुआ? मैंने कहा – लम्बी सफर से आया हूँ। बदन टूट सा रहा है। दीदी ने कहा- गोली तो नही है। रुक में तेरे लिए कॉफ़ी बना के लाती हूँ। इससे तेरा बदन दर्द दूर हो जायेगा. मैंने कहा- छोड़ दो दीदी , इतनी रात को क्यों कष्ट करोगी? दीदी ने कहा -इसमे कष्ट कैसा?

तुम मेरे यहाँ आए हो तो तुम्हे कोई कष्ट थोड़े ही होने दूँगी। कह कर वो चली गई। थोडी ही देर में वो दो कप कॉफ़ी बना लायी। रात के डेढ़ बाज़ रहे थे। हम दोनों कॉफ़ी पीने लगे। कॉफ़ी पीते पीते वो बोली – ला, में तेरा बदन दबा देती हूँ। इस से तुम्हे आराम मिलेगा। मैंने कहा – नही दीदी, इसकी कोई जरूरत नही है।

सुबह तक ठीक हो जाएगा। लेकिन दीदी मेरे बिस्तर पर चढ़ गई और बोली – तू आराम से लेटा रह मै अभी तेरी बदन की मालिश कर देती हूँ . कहते कहते वो मेरे जाँघों को अपनी जाँघों पे रख कर उसे अपने हाथों से दबाने लगी। मैंने पैजामा पहन रखा था। वो अपनी नंगी जाँघों पर मेरे पैर को रख कर उसे दबाने लगी।

दबाते हुए बोली – एक काम कर, पैजामा खोल दे, सारे पैर में अच्छी तरह से तेल मालिश कर दूँगी। । अब मैं किसी बात का इनकार करने का विचार त्याग दिया। मैंने झट अपना पैजामा खोल दिया। अब मैं अंडरवियर और बनियान में था। दीदी ने फिर से मेरे पैर को अपनी नंगी जांघों पे रख कर तेल लगा कर मालिश करने लगी। जब मेरे पैर उनकी नंगी और चिकनी जाँघों पे रखी थी तो मुझे बहूत आनंद आने लगा। दीदी की चूची उनकी ढीली ढीली गंजी से बाहर दिख रही थी.

उसकी चूची की निपल उनकी पतली गंजी में से साफ़ दिख रही थी. मै उनकी चूची को देख देख के मस्त हुआ जा रहा था. उनकी जांघ इतनी चिकनी थी की मेरे पैर उस पर फिसल रहे थे. उनका हाथ धीरी धीरे मेरे अंडरवियर तक आने लगा। उनके हाथ के वहां तक पहुंचने पर मेरे लंड में तनाव आने लगा।

मेरा लंड अब पूरी तरह से फनफनाने लगा। मेरा लंड अंडरवियर के अन्दर करीब छः इंच ऊँचा हो गया। दीदी ने मेरी पैरों को पकड़ कर मुझे अपनी तरफ खींच लायी और मेरे दोनों पैर को अपने कमर के अगल बगल करते हुए मेरे लंड को अपने चूत में सटा दी. मुझे दीदी की मंशा गड़बड़ लगने लगी. लेकिन अब मै भी चाहता था कि कुछ ना कुछ गड़बड़ हो जाने दो. दीदी ने कहा – गुड्डू , तू अपनी बनियान उतर दो न। छाती की भी मालिश कर दूँगी।

मैंने बिना समय गवाए बनियान भी उतर दिया। अब मैं सिर्फ़ अंडरवियर में था। वो जब भी मेरी छाती की मालिश के लिए मेरे सीने पर झुकती उनका पेट मेरे खड़े लंड से सट रहा था. शायद वो जान बुझ कर मेरे लंड को अपने पेट से दबाने लगी. एक जवान औरत मेरी तेल मालिश कर रही है। यह सोच कर मेरा लिंग महाराज एक इंच और बढ़ गया।

इस से थोडा थोडा रस निकलने लगा जिस से की मेरा अंडरवियर गीला हो गया था. अचानक दीदी ने मेरे लिंग को पकड़ कर कहा – ये तो काफी बड़ा हो गया है तेरा। दीदी ने जब मुझसे ये कहा तो मुझे शर्म सी आ गयी कि शायद दीदी को मेरा लंड बड़ा होना अच्छा नही लग रहा था. मुझे लगा शायद वो मेरे सुख के लिए मेरा बदन मालिश कर रही है

और मै उनके बदन को देख कर मस्त हुआ जा रहा हूँ और गंदे गंदे ख़याल सोच कर अपना लंड को खड़े किये हुआ हूँ. इसलिए मैंने धीमे से कहा- ये मैंने जान बुझ कर नहीं किया है. खुद ब खुद हो गया है. लेकिन दीदी मेरे लंड को दबाते हुए मुस्कुराते हुए कही- बच्चा बड़ा हो गया है. जरा देखूं तो कितना बड़ा है मेरे भाई का लंड. ये कहते हुए उसने मेरा अंडरवियर को नीचे सरका दिया.

मेरा सात इंच का लहलहाता हुआ लंड मेरी दीदी की हाथ में आ गया. अब में पूरी तरह से नंगा अपनी दीदी के सामने था। दीदी ने बड़े प्यार से मेरे लिंग को अपने हाथ में लिया। और उसमे तेल लगा कर मालिश करने लगी। दीदी ने कहा – तेरा लिंग लंबा तो है मगर तेरी तरह दुबला पतला है। मालिश नही करता है इसकी?

मैंने पुछा – जीजा जी का लिंग कैसा है? दीदी ने कहा- मत पूछो। उनका तो तेरे से भी लंबा और मोटा है। वो बोली- कभी किसी लड़की को नंगा देखा है? मैंने कहा – नहीं. उसने कहा – मुझे नंगा देखेगा? मैंने कहा – अगर तुम चाहो तो . दीदी ने अपनी गंजी एक झटके में उतार दी. गंजी के नीचे कोई ब्रा नही थी।

उनके बड़ी बड़ी चूची मेरे सामने किसी पर्वत की तरह खड़े हो गए।उनकी दो प्यारी प्यारी चूची मेरे सामने थी. दीदी पूछी- मुठ मारते हो? मैंने कहा – हाँ। दीदी- कितनी बार? मैंने – एक दो दिन में एक बार। दीदी- कभी दूसरे ने तेरी मुठ मारी है? मैंने -हाँ । दीदी- किसने मारी तेरी मुठ? मैंने- एक बार में और मेरा एक दोस्त ने एक दुसरे की मुठ मारी थी।

दीदी – कभी अपने लिंग को किसी से चुसवा कर माल निकाला है तुने? मैंने- नही। दीदी – रुक , आज में तुम्हे बताती हूँ की जब कोई लिंग को चूसता है तो चुस्वाने वाले को कितना मज़ा आता है। इतना कह के वो मेरे लिंग को अपने मुंह में ले ली। और पूरे लिंग को अपने मुंह में भर ली। मुझे ऐसा लग रहा था की वो मेरे लिंग को कच्चा ही खा जायेगी। अपने दाँतों से मेरे लिंग को चबाने लगी। करीब तीन चार मिनट तक मेरे लिंग को चबाने के बाद वो मेरे लिंग को अपने मुंह से अन्दर बाहर करने लगी।

एक ही मिनट हुआ होगा की मेरा माल बाहर निकलने को बेताब होने लगा। मैंने- दीदी , छोड़ दो, अब माल निकलने वाला है। दीदी – निकलने दो ना . उन्होंने मेरे लिंग को अपने मुंह से बाहर नही निकाला। लेकिन मेरे माल बाहर आने लगा। दीदी ने सारा माल पी जाने के पूरी कोशिश की लेकिन मेरे लिंग का माल उनके मुंह से बाहर निकल कर उनके गालों पर भी बहने लगा। गाल पे बह रहे मेरे माल को अपने हाथों से पोछ कर हाथ को चाटते हुए बोली – अरे, तेरा माल तो एकदम से मीठा है।

कैसा लगा आज का मुठ मरवाना? मैंने – अच्छा लगा। दीदी – कभी किसी बुर को चोदा है तुने? मैंने – नही, कभी मौका ही नही लगा। फिर बोली- मुझे चोदेगा? मैंने – हाँ। दीदी – ठीक है . कह कर दीदी खड़ी हो गई और अपनी छोटे से पैंट को एक झटके में खोल दिया। उसके नीचे भी कोई पेंटी नही थी।

उसके नीचे जो था वो मैंने आज तक हकीकत में नही देखा था। एक दम बड़ा, चिकना , बिना किसी बाल का, खुबसूरत सा बुर मेरी आँखों के सामने था। अपनी बुर को मेरी मुंह के सामने ला कर बोली – ये रहा मेरा बुर, कभी देखा है ऐसा बुर ? अब देखना ये है की तुम कैसे मुझे चोदते हो। सारा बुर तुम्हारा है। अब तुम इसका चाहे जो करो। मैंने कहा- दीदी, तुम्हारा बुर एकदम चिकना है। तुम रोज़ शेव करती हो क्या? दीदी- तुम्हे कैसे पता की बुर चिकना होता है की बाल वाला??

मैंने कहा- वो मैंने अपनी नौकरानी का बुर तीन चार बार देखा है। उसके बुर में एकदम से घने बाल हैं। उसकी बुर तो काली भी है। तुम्हारी तरह सफ़ेद बुर नही है उसकी। दीदी- अच्छा, तो तुमने अपनी नौकरानी की बुर कैसे देख ली है? मैंने कहा – वो जब भी मेरे कमरे में आती है ना तो अगर मुझे नही देखती है तो मेरे शीशे के सामने एकदम से नंगी हो कर अपने आप को निहारा करती है। उसकी यह आदत मैंने एक दिन जान लिया ।

तब से में तीन चार बार जान बुझ कर छिप जाता हूँ और वो सोचती थी की में यहाँ कमरे नही हूँ, वो वो नंगी हो मेरे शीशे के सामने अपने आप को देखती थी। दीदी- बड़े शरारती हो तुम। मैंने कहा- वो तो मैंने दूर से काली सी गन्दी सी बुर को देखा था जो की घने बाल के कारण ठीक से दिखाई भी नही देते थे।

लेकिन आपकी बुर तो एक दम से संगमरमर की तरह चमक रही है। दीदी- वो तो में हर संडे को इसे साफ़ करती हूँ। कल ही न संडे था। कल ही मैंने इसे साफ़ किया है। अब मुझसे रहा नही जा रहा था। समझ में नही आ रहा था की कहाँ से स्टार्ट किया जाए ? मुझे कुछ नही सूझा तो मैंने दीदी को पहले अपनी बाहों से पकड़ कर बिस्तर पर लिटा दिया ।

अब वो मेरे सामने एकदम नंगी पड़ी थीं । पहले मैंने उनके खुबसूरत जिस्म का अवलोकन किया ।दूध सा सफ़ेद बदन। चुचियों की काया देखते ही बनती थी । लगता था संगमरमर के पत्थर पे किसी ने गुलाब की छोटी कली रख दिया हो। उनकी निपल एकदम लाल थी। सपाट पेट। पेट के नीचे मलाईदार सैंडविच की तरह फूली हुई बुर . बुर का रंग एकदम सोने के तरह था।

उनके बुर को हाथ से फाड़ कर देखा तो अन्दर लाल लाल तरबूज की तरह नज़ारा दिखा। कही से भी शुरू करूं तो बिना सब जगह हाथ मारे उपाय नही दिखा। सोचा ऊपर से ही शुरू किया। जाए । मैंने सबसे पहले उनके रसीले लाल ओठों को अपने ओठों में भर लिया । जी भर के चूमा । इस दौरान मेरे हाथ दीदी के चुचियों से खेलने लगे । दीदी ने भी मेरा किस का पूरा जवाब दिया . फिर में उनके ओठों को छोड़ उनके गले होते हुए उनकी चूची पर आ रुका .

काफ़ी बड़ी और सख्त चूचियां थी . एक बार में एक चूची को मुंह में दबाया और दुसरे को हाथ से मसलता रहा . थोडी देर में दूसरी चूची का स्वाद लिया . चुचियों का जी भर के रसोस्वदन के बाद अब बारी थी उन के महान बुर के दर्शन का . ज्यों ही में उन के बुर पास अपना सर ले गया मुझसे रहा नही गया और मैंने अपनी जीभ को उनके बुर के मुंह पर रख दिया . स्वाद लेने की कोशिश की तो हल्का सा नमकीन सा लगा । मजेदार स्वाद था

अब में पूरी बुर को अपने मुंह में लेने की कोशिश करने लगा . दीदी मस्त हो कर सिसकारी निकालने लगी . मैं समझ रहा था कि दीदी को मज़ा आ रहा है . मैं और जोर जोर से दीदी का बुर को चुसना शुरू किया . करीब पन्द्रह मिनट तक में दीदी का बुर का स्वाद लेता रहा । अचानक दीदी ज़ोर से आँख बंद कर के कराही और उन के बुर से माल निकल कर उनके बुर के दरार होते हुए गांड की दरार की और चल दिए . मैंने जहाँ तक हो सका उनके बुर का रस का पान किया . मैंने देखा अब दीदी पहले की अपेक्षा शांत हैं . लेकिन मेरा लिंग महाराज एकदम से तनतना गया .

मैंने दीदी के दोनों पैरों को अलग अलग दिशा में किया और उनके बुर की छिद्र पर अपना लिंग रखा और धीरे धीरे दीदी के बदन पर लेट गया . इस से मेरा लिंग दीदी के बुर में प्रवेश कर गया . ज्यों ही मेरा लिंग दीदी के बुर में प्रवेश किया दीदी लगभग छटपटा उठी . मैंने कहा – क्या हुआ दीदी, जीजा जी का लिंग तो मुझसे भी मोटा है ना तो फ़िर तुम छटपटा क्यों रही हो ?

दीदी – तीन महीने से कोई लिंग बुर में नही ली हूँ न इसलिए ये बुर थोड़ा सिकुड़ गया है .उफ़, लगता नही है की तुम्हे चुदाई के बारे में पता नही है। कितनो की ली है तुने? मैं बोला- कभी नही दीदी, वो तो में फिल्मों में देख के और किताबों में पढ़ कर सब जानता हूँ। दीदी बोली- शाबाश गुड्डू, आज प्रेक्टिकल भी कर लो।

कोई बात नही है। तुम अच्छा कर रहे हो। चालू रहो। मज़ा आ रहा है। मैंने दीदी को अपने दोनों हाथों से लपेट लिया। दीदी ने भी अपनी टांगों को मेरे ऊपर से लपेट कर अपने हाथों से मेरी पीठ को लपेट लिया। अब हम दोनों एक दुसरे से बिलकूल गुथे हुए था। मैंने अपनी कमर धीरे से ऊपर उठाया इस से मेरा लिंग दीदी के बुर से थोड़ा बाहर आया।

मैंने फिर अपना कमर को नीचे किया। इस से मेरा लिंग दीदी के बुर में पूरी तरह से समां गया। इस बार दीदी लगभग चीख उठी। अब मैंने दीदी की चीखूं और दर्द पर ध्यान देना बंद कर दिया। और उनको पुरी प्रेम से चोदना शुरू किया। पहले नौ – दस धक्के में तो दीदी हर धक्के पर कराही ।

लेकिन दस धक्के के आड़ उनकी बुर चौडी हो गई॥ तीस पैंतीस धक्के के बाद तो उनका बुर पूरी तरह से फैल गया। अब उनको आनंद आने लगा था। अब वो मेरे चुतद पर हाथ रख के मेरे धक्के को और भी जोर दे रही थी। चूँकि थोडी देर पहले ही ढेर सारा माल निकल गया था इस लिए जल्दी माल निकालने वाला तो था नहीं.

मै उनकी चुदाई करते करते थक गया। करीब बीस मिनट तक उनकी बुर चुदाई के बाद भी मेरा माल नही निकल रहा था। दीदी बोली – थोड़ा रुक जाओ। मैंने दीदी के बुर में अपना सात इंच का लिंग डाले हुए ही थोडी देर के लिए रुक गया। मेरी साँसे तेज़ चल रही थी। दीदी भी थक गई थी। मैंने उनकी चूची को मुंह में भर कर चुसना शुरू किया। इस बार मुझे शरारत सूझी। मैंने उनकी चूची में दांत गडा दिए। वो चीखी. बोली- क्या करते हो?

फिर मैंने उनके ओठों को अपने मुंह में भर लिया। दो मिनट के विश्राम के बाद मैंने अपने कमर को फिर से हरकत में लाया। इस बार मेरी स्पीड काफ़ी बढ़ गई। दीदी का पूरा बदन मेरे धक्के के साथ आगे पीछे होने लगा। दीदी बोली- अब छोड़ दो गुड्डू। मेरा माल निकल गया। मैंने उनकी चुदाई जारी रखते हुए कहा- रुको न.अब मेरा भी निकल जाएगा। चालीस -पचास धक्के के बाद में लिंग के मुंह से गंगा जमुना की धारा बह निकली .

सारी धारा दीदी के बुर के विशाल कुएं में समा गयी । एक बूंद भी बाहर नही आई। बीस मिनट तक हम दोनों को कुछ भी होश नही था। मै उसी तरह से उनके बदन पे पड़ा रहा। बीस मिनट के बाद वो बोली -गुड्डू , तुम ठीक तो हो न? मैंने बोला -हाँ। दीदी – कैसा लगा बुर की चुदाई कर के? मैंने – मज़ा आ गया।

दीदी- और करोगे? मैंने – अब मेरा माल नही निकलेगा। दीदी हँसी और बोली- धत पगले। माल भी कहीं ख़तम होता है। रुको में तुम्हारे लिए कॉफ़ी बना के लाती हूँ। दीदी नंगे बदन ही किचन गई और कॉफ़ी बना कर लायी। कॉफ़ी पीने के बाद फिर से ताजगी छा गई। दीदी के जिस्म देख देख के मुझे फिर गर्मी चढ़ने लगी। दीदी ने मेरे लिंग को पकड़ कर कहा- क्या हाल है जनाब का? मैंने कहा – क्यों दीदी , फिर से एक राउंड हो जाए? दीदी – क्यों नही।

इस बार आराम से करेंगे। दीदी बिस्तर पर लेट गई। पहले तो मैंने उनके बुर को चाट चाट के पनिया दिया। मेरा लिंग महाराज बड़ी ही मुश्किल से दुबारा तैयार हुआ। लेकिन जैसे ही मैंने उनको दीदी के बुर देवी से भेंट करवाया वो तुंरत ही जाग गए। सुबह के चार बज गए थे। उसी समय अपने लिंग महाराज को दीदी के बुर देवी कह प्रवेश कराया। पूरे पैंतालिस मिनट तक दीदी को चोदता रह। दीदी की बुर ने पाँच छः बार पानी छोड़ दिया। वो मुझसे बार बार कहती रही -गुड्डू छोड़ दो।

अब नही। कल करना। लेकिन मैंने कहा नही दीदी अब तो जब तक मेरा माल नही निकल जाता तब तक तुम्हारे बुर का कल्याण नही है। पैंतालिस मिनट के बाद मेरे लिंग महाराज ने जो धारा निकाली तो मेरे तो जैसे प्राण ही निकल गए। जब दीदी को पता चला की मेरा माल निकल गया है तो जैसे तैसे अपने ऊपर से मुझे हटाई और अपने कपड़े लिए खड़ी हो गई। में तो बिलकूल निढाल हो बिस्तर पे पड़ा रहा . दीदी ने मेरे ऊपर कम्बल रखा और बिना कपड़े पहने ही हाथ में कपड़े लिए अपने कमरे की तरफ़ चली गई . आँख खुली तो दिन के बारह बज चुके थे . में अभी भी नंगा सिर्फ़ कम्बल ओढे हुए पड़ा था .

किसी तरह उठ कर कपड़े पहना और बाहर आया . देखा दीदी किचेन में है . मुझे देख कर मुस्कुराई और बोली – एक रात में ही ये हाल है , जीजाजी का आर्डर सुना है ना पूरे एक महीने रहना है । हां हां हां हां !!!! इस प्रकार दीदी की चुदाई से ही मेरा यौवन का प्रारम्भ हुआ . मैं वहां एक महीने से भी अधिक रुका जब तक जीजा जी नही आ गए। इस एक महीने में कोई भी रात मैंने बिना उनकी चुदाई के नही गुजारी।

दीदी ने मुझसे इतनी अधिक प्रैक्टिस करवाई की अब एक रात में पाँच बार भी उनकी बुर की चुदाई कर सकता था। उन्होंने मुझे अपनी गांड के दर्शन भी कई बार करवाई। कई बार दिन में हम दोनों ने साथ स्नान भी किया। आख़िर एक दिन जीजाजी भी आ गए। जब रात हुई और जीजाजी और दीदी अपने कमरे में गए तो थोडी ही देर में दीदी की चीख और कराहने की आवाज़ ज़ोर ज़ोर से मेरे कमरे में आने लगी। में तो डर गया।

लगता है की दीदी की चुदाई का भेद खुल गया है और जीजा जी दीदी की पिटाई कर रहे हैं। रात दस बजे से सुबह चार बजे तक दीदी की कराहने की आवाज़ आती रही। सुबह जैसे ही दीदी से मुलाकात हुई तो मैंने पुछा – कल रात को जीजाजी ने तुम्हे पीटा? कल रात भर तुम्हारे कराहने की आवाज़ आती रही।

दीदी बोली- धत पगले। वो तो रात भर मेरी चुदाई कर रहे थे। चार महीने की गर्मी थी इसलिए कुछ ज्यादा ही उछल कूद हो रही थी। मैंने कहा- दीदी अब में जाऊँगा। दीदी ने कहा – कब? मैंने कहा – आज रात ही निकल जाऊँगा। दीदी बोली- ठीक है। चल रात की खुमारी तो निकाल दे मेरी। मैंने कहा – जीजाजी घर पे हैं।

वो जान जायेंगे तो। दीदी बोली- वो रात को इतनी बेयर पी चुके हैं की दोपहर से पहले नही उठने वाले। दीदी को मैंने अपने कमरे में ले जा कर इतनी चुदाई की की आने वाले दो – तीन महीने तक मुझे मुठ मारने की भी जरूरत नही हुई। जीजा जी ने जब दीदी को आवाज़ लगायी तभी दीदी को मुझसे मुक्ति मिली। आखिरी बार मैंने दीदी के बुर को किस किया और वो अपने कपड़े पहनते हुए अपने कमरे में जीजा जी से चुदवाने फिर चली गई। उसी रात को मैंने अपने घर की ट्रेन पकड़ ली.

FacebookTwitterWhatsApp


loading...

और कहानिया

loading...
One Comment
  1. March 4, 2017 |


maine saare logon se chudwaya h abtakbadwapkahanijawn beti ko bike sikgai sex kahaniमामी को चोदी जबरजस्ती विधवा नींद मैंXxxx ghodi banake aunty KO choda videodo dost se chut xxx pati kahaniantarbasna bhae ke khjalwww xxx mote bolla fullbHD video collegANTARVASANA DIDI KA BAG MA CONDMsaasmaasexमाॅ बेट का सक्सी विटीव सारी हिन्दी दिल्ली कीbolte chudae xxx .com.comhindemeanter vasana hindi storyBADI BHAI NE MARE PANTY ME MUTH MARE SEX STORYअम्मी को मोठे लुंड से चोदा लम्बी कहानियाxxx hot sexy storiyanew xxx storyचिकने कूल्हेxx हिन्दी चोद इ वाला विडियो सासु माँ दामादmai jabardasti chudai sexy storyhindi chudakad biwi katasexy xxxxxmovie jor se karne walihindi suhagraat ki kahaniमराठी सेकस विडीयो आंटी शहरीkamuktasexy कहानियाँkamwali budhi aurat ki chudai Hindi kahani indian chudayi auorat ki xxxmovisराजवाडा Xxx handi kahani.codaeki khanihindibehan bhai ki chudai storiesvavi.ko.devar.garmara.xxxx.ankh.marwa.ke.chudaedidi say bhaiya apne lund ka pani pila do x videoचुदाई कि कहानि फोटो के साथतुम्हारी बहिन हो सगी नहीं तो क्या हुआ सेक्स वीडियो कॉमnagi karta ladkaki sex hindi storieschut ki kahani hindinhi karne dege shadi jeth sex story.com hindiक्सक्सक्सक्स हिंदी हड जवान वीडियो हद फूलsasur bahu sex storishindi kamukta.comमराठी भाषा सेस कहानियाँ काहाँनी सेकसी से भरपुरchoti behanoko eksath choda kahanibhanja se mai boor chudai krvai khanimausi beta kuch BF video.com hindixxxxkhunsexkahanixxxstori hindimeचुतचुदाई की कहानीँpapa beti sex story hindi and marathiआज की नई sex storyindian aunties sex storyhinde kahani six xxxx bhusdhaxxxhendestoremastram chudai ki sachchi khaniya sex xxxxxxxxxxxxxx comxxxbfhhotsexychudayiki sex kahaniya. indian sex stories com. antarvasna com/tag/page no 77--120--222--372--384मैने बहन को औरत बनाया अकेलेमे कहाणीDost ki wife kajal sex kahanixxx istori hindishaheen ki gaand me lundमा बहन कि चुदाइ शादी कर केanti ne rat ko bulakar chudya storykamuktasexkahaniaमामी ने छुड़वाया भारतरूम में हिंदी सेक्स स्टोरीmarwari ma nind मे soye बेटे का lund chuskar kahaniaरिस्तो में बडे लंड से चुदिkamina sasu ne bahu ko choda kahani.comnonveg,com hindi seksi khaniMummy barsat me chudwaya auto me storyhindisxestroyFree antarvasna hindi sex story maa beta sex bathroomचुदाई चडडी मे चुत चुदाभाभी Sxymeri.bivi.call.boy.ke.grup.me.chudi.hindi.storibagaladessi khet chudi videos www.bur main jhev daal kar kaise chatate haiहाथ में वीडियो चुड़ै खाना रंडी बकचोदी बुर छूटक्सक्सक्स वीडियो भाभी ने साड़ी उठा के सब कुछ दिया alia ne chut ki pyas bujbai ki kahanimaa ke marne baad papa se Ahh uhhh aur tezz chodo papa hindi cudai ki khaniyawww.sil band chut chudai storiesmastram ki xxx kewal woman ki jubanibig girl kesath sex kase kare in hindibachpan me ladki ki chut todi storydidi ne mom ko chudwaya