बहन से शादी कर माँ को सास बनाया

 
loading...

इस स्टोरी का आगाज़ कैसे और कहा हुआ सब स्टोरी पढ़ पता चलेगा, स्टोरी के किरदार कुछ यूँ हैं.

आतिफ असलम: उमर 35 साल (भाई)

जॉब: एएसआइ (असिस्टेंट सब इनस्पेक्टर इन गुजरात पोलीस) बाकि पोलीस वालो की बजाय एक तंदुरुस्त (बिना बढ़े हुए पैट के) स्मार्ट और फिट इंसान. लेकिन बाद में उसकी पोस्टिंग पंजाब उसके गाव में हो गई.

मॅरिटल स्टेटस: सो कॉल्ड “कंवारा”
आतिफ अभी ताक गैर शादी शुदा ज़रूर है मगर “कंवारा “नही….

नूरिया : उमर 32 साल (बेहन)

वज़न के हिसाब से थोड़ी मोटी और भारी जिस्म की मालिक है. इस वजह से उस के मोटे और बड़े मम्मों का साइज़ 40 ड्ड और उभरी हुई चौड़ी गान्ड का साइज़ 42 है.

साथ में सोने पर सुहागा कि बाकी बहनो की निसबत नूरिया का रंग भी थोड़ा सांवला है.

स्टेटस: तलाक़ याफ़्ता

25 साल की उमर में शादी हुई और मगर तीन साल बाद ही 28 साल की उमर में तलाक़ भी हो गई.और अब उस की तलाक़ हुए एक साल का अरसा बीत चुका है.

जॉब: स्कूल टीचर

रुमा बीबी: उमर 55 साल (अम्मी)

स्टेटस: बेवा (विडो)

जॉब: हाउस वाइफ

इस के इलावा आतिफ की दो और छोटी बहने भी हैं जो अब शादी शुदा हैं. एक बेहन अपने शोहर के साथ कराची में जब कि दूसरी बेहन क्वेटा में अपनी फॅमिली के साथ रहती है.
आतिफ का एक सब से छोटा भाई शाहिद असलम भी था. मगर बद किस्मती से वो “हेरोयन” (ड्रग) के नशे की लानत में मुबतिला हो कर कुछ साल पहले फोट हो चुका है. चलें अब स्टोरी का आगाज़ करते हैं.

एएसआइ आतिफ असलम सुबह के तक़रीबन 7 बजे अपनी ड्यूटी पर जाने के लिए तैयार हो रहा था. आतिफ असलम को पोलीस में भरती हुए काफ़ी साल हो चुके थे. मगर दो महीने पहले ही उस की एएसआइ के ओहदे पर तराकी (प्रॉमोशन हुई थी. और इस तैराकी के साथ ही वो अपनी पोलीस सर्विस के दौरान पहली दफ़ा किसी पोलीस स्टेशन का इंचार्ज भी मुकरर हुआ था.

आतिफ ने ज्यों ही घर से बाहर निकल कर अपनी मोटर साइकल को किक लगा कर स्टार्ट किया. तो उसी वकत उस की 30 साला छोटी बेहन नूरिया ख़ानम अपने जिस्म के गिर्द चादर लपेटे एक दम घर के अंदर से दौड़ती हुई बाहर आई और एक जंप लगा कर अपने भाई के पीछे मोटर साइकल पर बैठ गई.

नूरिया : भाई जाते हुए रास्ते में मुझे भी मेरे स्कूल उतार दें. आज फिर मेरी सज़ूकी वॅन (स्कूल वॅन) मिस हो गई है.
आतिफ: एक तो में हर रोज तुम्हें लिफ्ट दे दे कर तंग आ गया हूँ. तुम टाइम पर तैयार क्यों नही होती?

नूरिया: भाई में कोशिश तो करती हूँ मगर सुबह आँख ही नही खुलती… प्लीज़ मुझे स्कूल उतार दो ना मेरे अच्छे भाई, वरना मुझे बहुत देर हो जाएगी और मेरे स्कूल का प्रिन्सिपल मुझ पे गुस्सा हो गा.
नूरिया ने पीछे से अपने भाई के कंधे पर अपना हाथ रखा और इल्तिजा भरे लहजे में भाई से कहा.

आतिफ को खुद अपने थाने पहुँचने में देर हो रही थी. मगर फिर भी उसे पहले अपनी बेहन को उस के स्कूल ड्रॉप करना ही पड़ा. और यूँ आतिफ अपनी बेहन को ले कर सिविल लाइन्स पर वाकीया हॅपी होम्स स्कूल के दरवाज़े पर आन पहुँचा.

ज्यों ही आतिफ ने नूरिया को ले कर उस स्कूल के सामने रुका तो उस के साथ ही एक स्कूल वॅन आ कर खड़ी हुई. जिस में से स्कूल के बच्चे और दो टीचर्स उतर कर बाहर आई.

उन टीचर्स में से एक टीचर ने नूरिया की तरह अपने जिस्म के गिर्द चादर लपेटी हुई थी. जब कि दूसरी टीचर ने बुर्क़ा पहना हुआ था. मुँह पर बुर्क़े के नक़ाब की वजह से उस टीचर की सिर्फ़ आँखे ही नज़र आ रही थीं. जब कि उस का बाकी का चेहरा छुपा हुआ था.

उन दोनो टीचर्स ने नूरिया को अपने भाई के साथ मोटर साइकल पर बैठे देखा. तो उन्हो ने दोनो बेहन भाई के पास से गुज़रते हुए नूरिया को सलाम किया.

नूरिया अपने भाई की मोटर साइकल से उतरी और आतिफ का शुक्रिया अदा करते हुए उन बच्चो और दोनो साथी टीचर्स के साथ स्कूल के गेट के अंदर चली गई.  आतिफ भी अपनी बेहन को स्कूल उतार कर पोलीस चोकी आया और अपने रूटीन के काम में मसरूफ़ हो गया.

उसी दिन दोपहर के तक़रीबन 1 बजे का वक्त था. जुलाइ के महीने होने की वजह से एक तो गर्मी अपने जोबन पर थी. और दूसरा बिजली की लोड शेडिंग ने साब लोगो की मूठ मार रखी थी.

इस गर्मी की शिदत से निढाल हो कर आतिफ पोलीस चोकी में बने हुए अपने दफ़्तर में आन बैठा.
आज थाने में उस को कोई खास मसरूफ़ियत नही थी. इस लिए बैठा बैठा एएसआइ आतिफ असलम अपनी गुज़री हुई ज़िंदगी के बारे में सोचने लगा.

अपनी सोचों में ही डूबे हुए आतिफ असलम अपनी पिछली ज़िंदगी के उस मुकाम पर पहुँच गया.जब कुछ साल पहले वो अपना एफए का रिज़ल्ट सुन कर ख़ुसी ख़ुसी अपने घर वाकीया मशीन मोहल्ला नंबर 1.

ज्यों ही आतिफ अपने घर के दरवाज़े को खोल कर घर में दाखिल हुवा तो घर के सहन में अपनी अम्मी और दूसरे भाई और बहनो को ज़रोर कतर रोता देख कर आतिफ बहुत परेशान हो गया. और वो दौड़ता हुआ अपनी अम्मी के पास पहुँचा.

आतिफ: “अम्मी ख़ैरियत तो है ना, आप सब ऐसे क्यों रो रहे हैं”

अम्मी: बेटा ग़ज़ब हो गया,अभी अभी खबर आई है कि तुम्हारे अब्बू एक पोलीस मुक़ाबले में हलाक हो गये हैं”

आतिफ के वालिद (अब्बू) नवजुद्दीन साब पोलीस में हेड कॉन्स्टेबल थे. और वो ही अपने घर के वहीद कमाने वाले भी थे.

बाकी घर वालो की तरह आतिफ पर भी यह खबर बिजली बन कर गिरी और उस की आँखो से भी बे सकता आँसू जारी हो गये.

कुछ देर बाद थाने वाले उस के अब्बू की लाश को आंब्युलेन्स में ले कर आए और फिर सब घर वालो के आँसू के साए में नवजुद्दीन साब की लाश को दफ़ना दिया गया.

चूँकि आतिफ के अब्बू ने उस पोलीस मुक़ाबले में मुलजिमो (क्रिमिनल्स) के साथ जवां मर्दि से मुक़बला किया था.

इस लिए पोलीस डिपार्टमेंट ने उन की इस बहादुरी की कदर करते हुए उन के बेटे आतिफ को पोलीस में कॉन्स्टेबल भरती कर लिया.

कहते हैं कि हर इंसान की अपनी क़िस्मत होती है और किसी इंसान का सितारा दूसरे की निसबत अच्छा होता है. लगता था कि कुछ ऐसी ही बात आतिफ के अब्बू नवजुद्दीन साब की भी थी.

क्यों कि घर के वहीद कमाने वाले होने के बावजूद, अपने जीते जी नवजुद्दीन साब अपने पाँच बच्चो और एक बीवी का खर्चा बहुत अच्छा ना सही मगर फिर भी काफ़ी लोगों से बेहतर चला रहे थे.

लेकिन अब उन की वफात के बाद जब घर का सारा बोझ आतिफ के ना जवान कंधो पर आन पड़ा तो आतिफ के लिए अपने घर का खर्चा चलाना मुश्किल होने लगा.

आतिफ चूंकि नया नया पोलीस में भरती हुआ था. इस लिए शुरू का कुछ अरसा वो रिश्वत (ब्राइब) को हराम समझ कर अपनी पोलीस की सॅलरी में गुज़ारा करने की कोशिस में मसरूफ़ रहा.

आतिफ ने जब महसूस किया कि पोलीस की नोकरी में उस के लिए अपने घर का खर्चा पूरा करना मुश्किल हो रहा है.तो आतिफ ने अपने एक दोस्त के मशवरे से अपनी ड्यूटी के बाद फारिग टाइम में “चिंग चे” (ऑटो रिक्शा) चलाना शुरू कर दिया.

इसी दौरान आतिफ से छोटी उस की बेहन नूरिया ने भी अपना एफए का इम्तिहान पास कर लिया और अपने भाई का हाथ बंटाने के लिए घर के करीब एक स्कूल में टीचर की जॉब शुरू कर दी.

नूरिया दिन में स्कूल की जॉब करती और फिर शाम को घर में मोहल्ले के बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने लगी.

दोनो बेहन भाई की दिन रात की महनत रंग लाने लगी. और इस तरह महगाई के इस दौर में उन के घर वालों का गुज़ारा होने लगा. आतिफ और नूरिया जो कमाते वो महीने के आख़िर में ला कर अपनी अम्मी के हाथ में दे देते.

आतिफ और नूरिया की अम्मी रुमा बीबी एक सुगढ़ और समझदार औरत थी. वो जानती थी कि उस की बच्चियाँ और बच्चे अब जवान हो रहे हैं और जल्द ही वो शादी के काबिल होने वाले हैं.

इस लिए रुमा बीबी ने अपने बच्चों की कमाई में से थोड़े थोड़े पैसे बचा कर अपने मोहल्ले की औरतो के साथ मिल कर कमिटी डाल ली.ता के आहिस्ता आहिस्ता कर के उस के पास कुछ पैसे जमा हो जाए तो वो वक्त आने पर अपने बच्चो की शादियाँ कर सके.

इस तरह दिन गुज़रते गये और दिन महीनो और फिर साल में तब्दील होने लगे. वकत इतनी तेज़ी से गुज़रा कि आतिफ और उस की बेहन नूरिया को पता ही ना चला.

आतिफ को अपनी बेहन नूरिया का घर से बाहर निकल कर नोकरी करना अच्छा नही लगता था.मगर वो मजबूरी के आलम में अपनी बेहन के इस कदम को कबूल कर रहा था.

आतिफ को उम्मीद थी कि उस का छोटा भाई शाहिद जो कि अब कॉलेज में मेट्रिक के बाद कॉलेज के फर्स्ट एअर में दाखिल हुवा था.वो जल्द ही पढ़ कर उस के साथ अपने घर का बोझ उठाए गा तो वो अपनी सब बहनो की शादी कर के अपना फर्ज़ पूरा कर दे गा.

इधर आतिफ तो यह सोच रहा था मगर क़ुदरत को शायद कुछ और ही मंज़ूर था. आतिफ तो यह समझता था. कि उस की तरह उस का भाई शाहिद भी अपने काम से काम रखने वाला एक सीधा सादा लड़का है. मगर असल हक़ीकत कुछ और ही थी.

असल में आतिफ के मुक़ाबले शाहिद का उठना बैठना कुछ ग़लत किसम के दोस्तो में हो गया. जिन्हो ने उस को हेरोइन के नशे की लूट लगा दी.

चूँकि आतिफ तो दिन रात अपने घर वालो के लिए रोज़ी रोटी कमाने में मसरूफ़ था. इस लिए एक पोलीस वाला होने के बावजूद वो यह ना देख पाया कि उस का छोटा भाई किस रास्ते पर चल निकला है.

उस को अपने भाई के नशे करने वाली बात उस वक्त ही पता चली. जब बहुत देर हो चुकी थी.

एक दिन जब आतिफ अपनी ड्यूटी पर ही था. कि उस को ये मनहूस खबर मिली कि उस का छोटा भाई शाहिद हेरोइन के नशे की ओवर डोज की वजह से इंतिकाल कर गया है. आतिफ और उस की पूरी फॅमिली के लिए यह एक क़ीमत खेज खबर थी. वो लोग तो अभी अपने वालिद की मौत का गम ही नही भुला पाए थे कि यह हादसा हो गया.

भाई की मौत का दुख तो आतिफ को बहुत हुआ. मगर फिर भी जैसे तैसे कर के आतिफ ने अपने आप को संभाला और कुछ दिन के शोक के बाद वो दुबारा अपनी ज़िंदगी में मसगूल हो गया. जिंदगी फिर आहिस्ता आहिस्ता अपनी डगर पर चल पड़ी और इस तरह दो साल मज़ीद गुज़र गये.

इस दौरान रुमा बीबी की कोशिश और ख्वाहिश थी कि आतिफ और नूरिया की शादी हो जाय. इस मकसद के लिए रुमा ने मोहल्ले की एक रिश्ता करवाने वाली औरत से बात कर रखी थी. जिस ने नूरिया के लिए कुछ रिश्ते रुमा बीबी को दिखाए. मगर नूरिया ने अपनी अम्मी को शादी से इनकार कर दिया.

असल में नूरिया चाहती थी कि उस की शादी से पहले उस की छोटी बहनों की शादी हो जाए. नूरिया की अम्मी रुमा बीबी ने उस को समझाया कि बेटी हमारे समाज में बड़ी बेटी को घर में बिठा कर छोटी बेटियों को नही ब्याहा जाता. मगर नूरिया अपनी ज़िद पर अड़ी रही.

अपनी बेहन नूरिया की तरह आतिफ भी यह ही चाहता था. कि उस की अपनी शादी से पहले उस की बहनों की शादी हो तो उस के बाद ही वो अपनी बीवी को ब्याह कर अपना घर बसाए गा.

वैसे भी वक्त के साथ साथ आतिफ को भी पोलीस का रंग चढ़ गया था. और अब वो पहले की निसबत ज़ेहनी तौर पर एक बदला हुआ इंसान था.

अपनी पोलीस की नोकरी के दौरान आतिफ ना सिर्फ़ थोड़ी बहुत रिश्वत लेने लगा बल्कि उस ने चन्द तवायफो से अपने ताल्लुक़ात बना लिए थे. जिस की वजह से उस के लंड की ज़रूरते गाहे ब गाहे पूरी हो रही थीं. इस लिए उसे अभी शादी की कोई जल्दी नही महसूस हो रही थी.

आख़िर कार आतिफ और नूरिया की माँ को उन की ज़िद के आगे हार माननी पड़ी. और उस ने कुछ मुनासिब रिश्ते देख कर अपनी दोनो छोटी बेटिओं की शादियाँ कर दीं.

छोटी बहनों की शादी के बाद नूरिया की अम्मी ने उस को शादी के लिए ज़ोर देना शुरू कर दिया. और फिर अगले साल जब नूरिया की उम्र 25 साल हुई तो उस की शादी भी कर दी गई.

नूरिया की शादी से फारिग होने के बाद रुमा बीबी ने अपने बेटे आतिफ को शादी करने का कहा.

हाला कि आतिफ अब 28 साल का हो चुका था . मगर अब भी पहले की तरह उस का अब भी वो ही जवाब था “ कि अम्मी अभी क्या जल्दी है”.

असल में बात ये थी कि अब आतिफ के दिलो-दिमाग़ में यह सोच हावी हो गई थी कि” जब रोज ताज़ा दूध बाहर से मिल जाता है तो घर में भैंस पालने की क्या ज़रूरत है”.  इसी लिए वो हर दफ़ा अपनी अम्मी की उस की शादी की फरमाइश पर टाल मटोल कर देता था. उधर शादी के पहले कुछ महीने तो नूरिया के साथ उस के शोहर और सुसराल वालों का रवईया अच्छा ही रहा.

मगर फिर आहिस्ता आहिस्ता नूरिया के सुसराल वालों का लालची पन सामने आने लगा. और उन्हो ने बहाने बहाने से हर दूसरे तीसरे महीने नूरिया और उस के घर वालों से पैसों का मुतालबा करना शुरू कर दिया.

अपना घर बचाने की खातिर पहले पाहिल तो नूरिया अपने सुसराल वालों की यह ज़रूरत किसी ना किसी तरह पूरी करती रही.

और फिर जब रोज रोज की इस फरमाइश से तंग आ कर नूरिया ने इनकार करना शुरू किया. तो नूरिया की सास ने उस के शोहर से कह कर नूरिया को पिटवाना शुरू कर दिया.

नूरिया लड़ झगड़ कर हर महीने या दूसरे महीने अपनी अम्मी के घर आने लगी. और फिर रोज रोज की लड़ाई का नतीजा यह निकला कि उस के शोहर ने एक दिन उस को तलाक़ दे कर हमेशा हमेशा के लिए नूरिया को उस की अम्मी के घर भेज दिया और खुद दूसरी शादी कर ली.

नूरिया को तलाक़ मिलने पर कोई ज़्यादा गम ना महसूस हुआ. इस की एक वजह यह थी कि वो खुद भी रोज रोज की मार कुटाई से तंग आ चुकी थी. दूसरा वजह यह थी कि नूरिया को शादी के दो सालों में कोई औलाद नही हुई. इस लिए उस को अपनी तलाक़ का ज़्यादा गम नही हुआ.क्योंकि अगर औलाद हो जाती तो फिर तलाक़ के बाद उस के लिए अपनी औलाद को एकले पालना बी एक मसला होता.

रुमा बीबी और आतिफ को नूरिया की तलाक़ का दुख तो बहुत हुआ. मगर वो भी इस बात को किस्मत का लिखा समझ कर सबर कर गये. तलाक़ के बाद नूरिया के लिए चन्द एक और रिश्ते आए. मगर जो भी रिश्ता आया वो या तो नूरिया के भारी जिस्म और साँवले रंग की वजह से पहली दफ़ा के बाद दुबारा वापिस ना लोटा.

या वो मर्द पहली बीवी के होते हुए दूसरी शादी के ख्वाइश मंद थे. या फिर नूरिया से काफ़ी उमर वाले रन्डवे थे. जिन के पहली बीवी से बी बच्चे उन के साथ ही थे.हमारे मोहसरे में आज कल अच्छे और पढ़े लिखे लड़कों की कमी की बदोलत कम उम्र और कंवारी लड़कियों के रिश्ते बहुत मुश्किल से हो रहे हैं.

तो एक बड़ी उम्र की तलाक़ याफ़्ता लड़की जिस का जिस्म भी तोड़ा भारी हो और साथ में रंग भी थोड़ा सांवला हो तो उस के लिए कोई अच्छा रिश्ता आना बहुत ही ख़ुशनसीबी की बात होती. क्योंकि पहली शादी का तजुर्बा नूरिया के लिए अच्छा नही था. इस लिए वो नही चाहती थी कि किसी बच्चो वाले या बुरे आदमी से शादी कर के वो एक नई मुसीबत अपने गले में डाल ले.

इसी लिए इन हालात में नूरिया ने अपनी अम्मी से कह दिया कि अब वो दुबारा शादी नही करे गी. नूरिया की अम्मी ने अपनी बेटी को उस के फ़ैसला बदलने की बहुत कॉसिश की मगर नूरिया अपनी बात पर अड़ी रही. तो उस की अम्मी ने भी उस की ज़िद के आगे हर मान कर खामोशी इख्तियार कर ली.

चूँकि नूरिया ने अपनी शादी के बाद भी अपनी नोकारी नही छोड़ी थी. इस लिए उस ने दुबारा शादी का ख्याल अपने दिल से निकाल कर अपने आप को अपनी जॉब में मसरूफ़ कर लिया. अब नूरिया की उम्र 30 साल हो चुकी थी और उस को तलाक़ हुए भी एक साल का अरसा बीत चुका था.

इस एक साल के दौरान नूरिया पहले जैसे नही रही थी. तलाक़ के दुख ने उस को पहले से ज़्यादा संजीदा और अपने आप से लापरवाह बना दिया था.

वो शादी से पहले भी अपने उपर ज़्यादा ध्यान नही देती थी. मगर तलाक़ के बाद तो वो बस एक ज़िंदा लाश की तरह अपनी जिंदगी बसर कर रही थी.

अपनी बेहन नूरिया की इस हालत का आतिफ को भी अहसास और अंदाज़ा था. मगर वो यह समझ नही पा रहा था कि वो कैसे अपनी बेहन की उदासी को ख़तम करे…

आतिफ कमरे में बैठा हुआ अपनी पिछली जिंदगी की पुरानी यादों में ही गुम था. कि इतने में एक सिपाही ने आ कर उसे खबर दी. के उन के थाने को मतलूब एक इश्तहारी मुजरिम (पोलीस वांटेड क्रिमिनल) दीना सिटी में बने अल कौसेर होटेल में इस वक्त एक गश्ती के साथ रंग रेलियों में मसरूफ़ है.

(अल कौसेर दीना सिटी का एक बदनामी शाहिद होटल है. जिस में काफ़ी लोग रुंडी बाज़ी के लिए आते और अपना शौक पूरा करते हैं.) यह खबर सुनते ही आतिफ ने चन्द कोन्सेतबलेस को साथ लिया और अल कौसेर होटेल पर रेड करने चल निकला. क़ानून के मुताबिक़ तो आतिफ को दीना सिटी के लोकल पोलीस स्टेशन को रेड से पहले इत्तिला करना लाज़िमी था.

मगर हमारे मुल्क में आम लोग क़ानून की पेरवाह नही करते.जब कि आतिफ तो खुद क़ानून था. और “क़ानून अँधा होता है”  इस लिए आतिफ ने डाइरेक्ट खुद ही जा कर होटेल में छापा मारा और अपने मतलोबा बंदे को गिरफ्तार कर लिया.

अल कौसेर जैसे होटलो के मालिक अपना काम चलाने के लिए वैसे तो हर महीने लोकल पोलीस को मन्थली (रिश्वत) देते हैं.मगर इस के बावजूद कभी कभी पोलीस वाले एक्सट्रा पैसो के लिए अपनी करवाई डाल लेते हैं.

कुछ ऐसा ही उस रोज भी हुआ.

आतिफ के साथ आए हुए पोलीस वालों ने अपना मुलज़िम पकड़ने के बाद होटेल के बाकी कमरों में भी घुसना शुरू कर दिया. ता कि वो कुछ और लोगो को भी शराब और शबाब के साथ पकड़ कर अपने लिए भी कुछ माल पानी बना सके.

बाकी पोलीस वालों की तरह एएसआइ आतिफ ने भी होटेल के कमरों की तलाशी लेने का सोचा और इस लिए वो एक कमरे के दरवाज़े पर जा पहुँचा.

कमरे में दाखिल होने से पहले आतिफ ने कमरे के अंदर के मंज़र का जायज़ा लेना मुनासिब समझा. जिस के लिए वो दरवाज़े के बाहर खड़ा हो कर थोड़ा झुका और दरवाज़े के की होल से आँख लगा कर अंदर झाँकना शुरू कर दिया.

आतिफ ने अंदर देखा कि एक 25,26 साल की उमर का लड़का कमरे के बेड पर नंगा लेटा हुआ है. और एक 26,27 साला निहायत ही खूबसूरत लड़की उस आदमी के लंड को अपनी चूत में डाले ज़ोर ज़ोर से ऊपर नीचे हो कर अपनी फुद्दि की प्यास बुझा रही थी.

आतिफ यह मंज़र देख कर समझ गया कि आज उस की भी दिहाड़ी अच्छी लग जाएगी क्योंकि उस का शिकार अंदर माजूद है. इस लिए उस ने ऊपर खड़े होते हुए दरवाज़े पर ज़ोर से लात मारी तो कमरे का कमज़ोर लॉक टूट गया और दरवाज़ा खुलता चला गया.

ज्यों ही आतिफ कमरे का दरवाज़ा तोड़ते हुए कमरे के अंदर ज़बरदस्ती दाखिल हुआ. तो उसे देख कर उन दोनो लड़का और लड़की के होश उड़ गये. और साथ ही लड़के के लंड पर बैठी हुई लड़की एक दम से चीख मार कर उस लड़के के उपर से उतरी और बिस्तर पर लेट कर बिस्तर की चादर को अपने गिर्द लपेट लिया.

आतिफ को देखते ही उस लड़की की आँखों में हैरत और शाना साइ की एक लहर सी दौड़ गई. अपने जिस्म को चादर में छुपाने के बाद वो लड़की अभी तक आतिफ को टकटकी बाँधे ऐसे देखे जा रही थी. जैसे वो आतिफ को पहले से ही जानती हो.

आतिफ ने इस से पहले कभी उस लड़की को या उस के साथी लड़के को नही देखा था. इस लिए उस ने इस बात पर कोई तवज्जो ना दी. क्योंकि वो जानता था. कि अक्सर ऐसे मोके पर पकड़े जाने वाले लोग पोलीस से अपनी जान छुड़ाने के लिए उन से कोई ना कोई ताल्लुक या रिश्तेदारी निकालने की कॉसिश करते ही हैं.

लड़की के साथ साथ उस लड़के ने भी अपने तने हुए लंड पर एक दम हाथ रख कर उसे अपने हाथो से छुपाने की कोशिश करते हुए कहा” क्या बात है जनाब आप क्यों इस तरह हमारे कमरे में घुसे चले आए हैं”

आतिफ: “वजह तुम को थाने (पोलीस स्टेशन) चल कर बताता हूँ, चलो उठो और जल्दी से कपड़े पहनो”. “थाने मगर क्यों जनाब” वो लड़का आतिफ की बात सुन कर एक दम घबरा गया और साथ ही वो औरत भी आतिफ की बात सुन कर ज़ोर ज़ोर से रोने लगी.

आतिफ: “तुम्हे नही पता इस होटेल पर छापा पड़ा है,एक तो रंडी बाज़ी करते हो ऊपर से ड्रामे बाज़ी भी,चलो उठो जल्दी करो”
“जनाब आप को ग़लत फहमी हुई है हम तो मियाँ बीवी हैं”.उस लड़के ने आतिफ की बात सुन कर एक परे शान कुन लहजे में कहा.

आतिफ: मियाँ बीवी हो, क्या तुम मुझे बच्चा समझते हो, उठते हो या इधर ही तुम्हारी चित्रोल स्टार्ट कर दूं,बेहन चोद”.

आतिफ की गाली सुन कर लड़का एक दम उठा और अपने बिखरे हुए कपड़े समेट कर पहनने लगा. जब कि लड़की अभी तक अपने जिस्म के गिर्द चादर लपेटे बिस्तर पर बैठी थी.

“चलो तुम भी उठ कर कपड़े पहन लो” एएसआइ आतिफ ने लड़की को हुकुम दिया.

“अच्छा आप ज़रा बाहर जाए” लड़की ने बदस्तूर रोते हुए आतिफ से दरख़्वास्त की.

आतिफ: क्यों?
“ मुझे आप के सामने कपड़े पहन ते शरम आती है” लड़की ने हिचकी लेते हुए कहा.

अपने यार के सामने कपड़े उतार कर नंगा होते शरम नही आई और मेरे सामने कपड़े पहनते हुए बिल्लो को शरम आती है,चलो नखरे मत करो और कपड़े पहनो वरना यूँ नंगा ही उठा कर थाने ले चलूँगा समझी” आतिफ गुस्से में फूंकारा.

“मरते क्या ना करते”. आतिफ के गुस्से को देख कर वो लड़की फॉरन उठी और फर्श पर पड़े अपने कपड़े उठा कर पहनने लगी.

आतिफ ने उन दोनो के कपड़ों और हुलिए से यह बात नोट की कि उन दोनो का ताल्लुक किसी अच्छे और अमीर घराने से है.

वो दिल ही दिल में खुश होने लगा कि इन से अच्छा माल वसूल हो गा.

(पोलीस की शुरू शुरू की नोकरी और अपने एएसआइ बनने से पहले ,आतिफ रिश्वत को एक लानत समझता था. मगर जब से वो एएसआइ बन कर थाने का इंचार्ज बना था.उस को पता चल गया कि अगर किसी थाने में पोस्ट शुदा थाने दार (पोलीस ऑफीसर) अपने लिए रिश्वत ना भी ले तो उस के ऊपर बैठे हुए ऑफिसर्स उस से हर हाल में अपना हिसा माँगते हैं.

इस वजह से हर पोलीस ऑफीसर जो किसी भी थाने में पोस्ट होना चाहता है. वो रिश्वत लेने पर मजबूर हो जाता है.

वैसे भी हमारे मुल्क में खुस किस्मती से वो ही बंदा शरीफ होता है जिसे कोई चान्स ना मिले. और जिसे चान्स मिलता हैं वो हराम का माल लूटने में कोई कसर नही छोड़ता. इस लिए एएसआइ बनते ही आतिफ भी सिस्टम का हिसा बन गया और उस ने भी हर केस में रिश्वत लेना शुरू कर दी)

वह अपनी बहन से ही ब्याह रचकर कर अपनी बहन को अपनी बेगम बना लिया घर की इज्जत घर में ही रह गई. अपनी माँ को वो अपनी सास समझता और उनके साथ अपने दिन गुजारता.शादी के बाद उसने अपने गलत कम नहीं छोड़े वो अक्सर तवायफो की गली जा मुह मारता था



loading...

और कहानिया

loading...



antarwasna hindi story maa beta ki.comबॉडीबिल्डर सेक्स स्टोरीज हिंदीSEX STORY रेल मे पेशाब करते चूदवायाwww.antrvasnasexstories.comxxx kahaniFree Mera chudkadd parivar Hindi sex story.comhindi sexy storie.comantarvasna anita rahulkamukta.comMera lund tera hogaya he kahanibehan ki dalalibiwi na maa ka sahet chudai kamuktachudai ki kahaniदीदी की रसीले होठhindi sexx kahaniya didi nightbahan cudana chahti he bhai ke sath xxx indianहिंदी चुदाई काहानियॉ बडे बडे बूबमामी की लडकी की चूदाई डोट कोमबियफ सामूहिक कहानीbap bate urdo sexy kahinymami nonveg storyAnswer Vasna dotkom Par Hindi chudaiमस्त चुदाई करता फ्रेंड का दवार हिंदी फ्रेंड का दवार सा चुड़ै हिंदी चुड़ै सेक्स कहानियाXXNXX COM. इडियन भीड़ के अंदर कुछ हुआ सेक्सी विडियों विधवा माँ चुदाई कहानी हिनदी भाषाmajburi me bhayankar chudai hindi story with photoXxx sexy indian hindi dehati dadi & antye sexy videohindi sex khaniya choti ki khet mebhai baham jungal me mangal sex kahaniXXXXX.HENDE.CUDAE.KE.KAHNEdadi ko choda xxx storyXxxxx videos hiandi avaja me piriyat mexxx sexy gandi bhen ki chudai kahniyan new storis full freewww.ma ne beta bete ko sex krnaa shikhaya Marathi Hindi sex storyमाँ बेटी को रखेल बनाया सेक्सी कहानीchudaikikahanihindiwww.garryporn.tube/page/%E0%A4%B8%E0%A5%87%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B8%E0%A5%80-%E0%A4%AE%E0%A5%81%E0%A4%B5%E0%A5%80-%E0%A4%AB%E0%A5%81%E0%A4%B2-%E0%A4%8F%E0%A4%9A-%E0%A4%A1%E0%A4%BF-%E0%A4%B9%E0%A4%BF%E0%A4%A8%E0%A5%8D%E0%A4%A6%E0%A5%80-%E0%A4%B2%E0%A4%BF%E0%A4%AA%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%9F%E0%A4%BF%E0%A4%95-%E0%A4%B8%E0%A5%87%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B8-%E0%A4%AE%E0%A5%81%E0%A4%B5%E0%A5%80-1095939.htmlkothe me randi bhabi ko choda storihindisexi gand pelayi kahaniymummy aur uncle all hindi kamukta sex storiesफेमली हॉट स्टोरी हिंदी मेंantrvasnasexykahanixxx sex story ladke ne ek aunti ka dud piyaसिस्टर के साथ रेप किया और वाइफ बना लिया हिंदी सेक्स स्टोरीindian sex hindi khanihindi sexy nokar. khaniygaoon k auntie k ganne k khet main gand mari storiesHidhi sex storiesनन्द की चुदाई स्कूल मेंभाडुप सैक्स विडिओhdHindi sex kahanimaa babighar me swap sx kahaniXxx kahani koi bhi le leta hdadi ki group chudai kahaniचुतको चोदाHENDE XXXXXsaxi nangi khani pureGaon me pokhre par chachi ka jabardasti rep-xxx kahanixxx hot sex storys buddhe ne muje codaचुड़ै माँ फिस्ट का जीजा का लैंड हिंदी चुड़ै सेक्स कहानियासोती हुई की चूत को चूमा badh.didi.ko.x.kahani.kamukta kahanimame or batata ki chodi videosAfilme xxx hindi bhai aur bhain.inbhai bhan xxx hd hd xxcc chadihindi pron xsy khaniचौदनेका शेकशमेरी बेटी को सेठ ने चोदाsex khaniyain marathibidhwa chudai khane hinde/%E0%A4%95%E0%A5%8B%E0%A4%AE%E0%A4%B2-%E0%A4%95%E0%A5%80-%E0%A4%9A%E0%A5%82%E0%A4%A4-%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%82-%E0%A4%9A%E0%A5%89%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B2%E0%A5%87%E0%A4%9F-2/chut ka dwakhana3GP.BEHAN.MUMMY.KO.CHODA.SEX.STORIESgoree fit padosan ko patayanonvaj saxy khanecomvidhawaa bhabhi ne sexx karna bataya kahaniwww.kamukta.dot com