बुआ से प्यार और सेक्स
हेलो रीडर्स, आप सभी को मेरा नमस्कार. मै विक्की हु और अम्बाला में रहता हु. मेरी हाइट ५’११” है और भगवान् की दया से ठीकठाक स्मार्ट भी हु. मेरी कहानी कोई कहानी नहीं, बल्कि मेरी जिंदगी है का एक किस्सा है. वैसे तो कई किस्से है, जो मै आपको सुनाना चाहता हु. लेकिन, आज मै आपको पहला किस्सा बताऊंगा. इस किस्से में सारी बातें सच्ची है, बस एक दो नाम बदल दिए है, मेरी जिन्दगी में सेक्स की शुरुवात हुई, जब मै १०thमें था. हलाकि मैने अपना पहला सेक्स १२th के बाद किया था. हुआ यु, कि मेरे डैड मेरी बुआजी से १० साल बड़े थे और मेरी बुआजी मुझसे सिर्फ ६ साल बड़ी है. बुआ जी की शादी की सिर्फ ८ महीने हुए थे, कि एक कार एक्सीडेंट में मेरी माँ और मेरी सिस्टर चल बसी. मेरे डैड किसी ना किसी काम के सिलसिले में बाहर ही रहते थे. इसलिए फॅमिली ने सोचा, कि मै अपनी बुआ के यहाँ ही रहूँगा. उस समय, मै १०th में था. बुआ जी के घर में बुआ जी के जेठ-जेठानी, उनके सास-ससुर और उनकी जेठानी के २ छोटे लड़के ही थे और फॅमिली बहुत ही अच्छी थी.
वह मेरे लिए पूरा घर जैसे ही माहौल था और सर्दियों के दिन शुरू हो गये थे. एक दिन अचानक घर में कुछ ज्यादा ही गेस्ट आ गये, तो इसलिए मुझे बुआ-फूफा के कमरे में सोना पड़ा. १-२ सिन तो सब ठीक-ठाक था. क्युकि मेरे बुआ-फूफा की नई-नई शादी थी, तो एक रात बुआ-फूफा सेक्स करने लगे. मुझे देखकर बहुत ही अच्छा लगा और उसके बाद तो उनका सेक्स देखना मेरे लिए नार्मल सी बात हो गयी थी. मेरे १०th में अच्छे मार्क्स आये, इस लिए मुझे नॉन- मेडिकल में डाल दिया और मै ख़ुशी-ख़ुशी पढने लगा और देखते ही देखते मेरी १२th भी हो गयी (और तब तक मै १८ साल का हो चूका था). मै इंजीनियरिंग करने के लिए बड़ा क्रेजी था, इसलिए मैने इंजीनियरिंग में एडमिशन में ले लिया और मेरा १st सेमेस्टर था और उन्ही दिनों बुआ जी की जेठानी के घर में शादी थी, तो सभी चले गये. लेकिन, मेरे शेश्नल्स चल रहे थे; इसलिए मै नहीं जा पाया. बुआ जी और फूफा जी दिन में चले जाते और रात को वापस आ जाते. और एक रात को बुआ जी रोने लगी. जब मै वह पुहुचा – तो फूफा जी बड़े उदास थे.
तो मैने बहुत पूछा, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं बताया. तो मै वहां से चला गया. जब मै शाम को आया, तो बुआ-फूफाजी घर पर ही थे. तो मैने उनसे पूछा – कि वो क्यों नहीं गये, तो वो चुप ही रही. क्युकि बुआजी मुझसे ज्यादा बड़ी नहीं थी, इसलिए बुआजी और मेरे बीच में बोन्डिंग अच्छी थी. बहुत पूछने पर उन्होंने मुझे बताया, कि फूफाजी को कोई मेडिकल प्रॉब्लम है और वो डैड नहीं बन सकते. पर क्युकि ये समाज बहुत बुरा है और गाली सिर्फ औरत को ही देता है. इसलिए वो ना तो ये बात किसी को बता सकती है और ना ही बाँझ होने का इल्जाम सह सकती है. तो मैने बुआ को टेस्टटयूब बेबी के लिए कहा. तो उन्होंने कहा – कि वो फूफा जी बात करेंगी और खुश हो गयी. थोड़ी देर बाद, फूफा जी कमरे में आये और बोले यार तू भी मेरे फ्रेंड जैसा है. लेकिन टेस्टट्यूब में कोई डोनर चाहिए. किससे बात करू, तो मैने कहा – कोई बाद नहीं फूफा जी, बहुत मिल जाते है. तभी बुआजी भी आ गयी और बोली.
नहीं ऐसे मै किसी के भी बीज को नहीं अपनी कोख में पालूंगी. या तो जेठजी से बात कर लो, चलो अपना ही खून होगा या फिर ससुर जी से. तभी फूफा जी बोले – या विक्की से. तो बुआजी गुस्सा हो गयी और बोली – अकलभी है, आपको. तो इस पर फूफाजी बोले – मतलब मै अपनी ये नाकामयाबी अपने भाई या फिर अपने डैड को बताऊ, तो बुआजी चुप हो गयी और हम इस बात पर बात कर रहे थे, कि घर मे, पड़ोस की एक आंटी आ गयी और बुआ उसने बातो में लग गयी. फूफाजी वही बैठे थे और तभी आंटी बोली, किक्या जमाना आ गया है; अब लोग बच्चा पैदा करने के लिए डॉक्टर के पास जाते है. तो बुआ ने पूछा, कि क्या हुआ? तो उन्होंने बताया, कि उनके किरायेदार ने टेस्टटयूब करवाया है. इससे बुआजी और फूफाजी एकदम सहम गये और बोले – आपको कैसे पता. तो बोली – इन डॉक्टर के पास जो जाता है इस चीज़ के लिए ही जाता है और थोड़ी देर बाद चली जाती है. बुआजी तभी अपने रूम में जाकर रोने लगी. मैने और फूफाजी ने बहुत समझाया, लेकिन वो नहीं मानीऔर वो उदास-उदास रहने लगी.
एक बार युहि बात करते-करते ११ बज गये और मै उनके रूम में ही था. मैने घड़ीदेखि और बोला – चलो चलता हु. तो बुआजी बोली – बैठा रह ना. तो मै बोला – जी नहीं, बस अब नीद आ रही है और मेरे चेहरे से स्माइल निकल गयी. फूफाजी ने पूछा, कि क्या हुआ? तो मैने बोला – कुछ नहीं, तो फूफा जी ने बैठने के लिए प्रेशर किया, तो मैने उनसे प्रॉमिस लिया, कि वो मुझसे नाराज़ नहीं होंगे. तो मैने उन्हें बताया, की जब उनकी नयी-नई शादी हुई थी, तो उन्हें सेक्स करते हुए देख लिया था मैने. देखा था वही याद आ गया था और इस टाइम करते थे आप लोग और बुआ जी भी बलश कर पड़ी और फूफाजी को हग करके बोली – “आई लव यू” कोई बात नहीं. हम डॉक्टर से आपका ट्रीटमेंट करवाएँगे और पेरेंट बन जायेंगे. फूफा जी एक सांस के साथ खड़े हुए और कुण्डी लगा ली और बोले यार आज तू यही सो जा. तो मै बोला – ठीक है. तो फिर फूफा जी बोले – देखना है दोबारा. तो बुआजी एक साथ बोल पड़ी – क्या बेशर्मो जैसी बाते कर रहे हो और फूफाजी कहते यार कुछ नहीं होता है. प्लीज एक बार मेरी फेंटेसी थी, कि कोई मुझे सेक्स करते हुए देखे.
मै चुपचाप बैठ रहा और फाइनली, बुआजी मान गयी और बुआजी और फूफा जी एक दुसरे को किस करने लगे और फिर फूफाजी ने बुआजी का सूट उतार दिया, बुआजी ने अपने ऊपर कम्बल ले लिया. अब बुआजी ने भी फूफाजी की शर्ट निकाल दी और वो भी कम्बल के अन्दर चले गए और उधर मेरा भी लंड खड़ा हो गया था. थोड़ी देर में वो कम्बल के अन्दर ही नंगे हो गये और सेक्स करने लगे और मुझसे रहा नहीं गया, तो मैने कम्बल हटा दिया. तो फूफाजी अपना लंड बार-बार बुआजी की चूत में अन्दर-बाहर कर रहे थे. बुआजी भी उनका साथ दे रही थी. मैने भी पेंट के ऊपर से अपना लंड पकड़ा हुआ था और उसको सहला रहा था. तभी फूफाजी डिस्चार्ज हो गए और बुआजी बोली – अभी नहीं, अभी नहीं और करना है. तो फूफा जी १५ मिनट रुको और दोनों एक दुसरे को किस करने लगे और फिर फूफा जी मुझसे बोले – कैसा लगा, तो मैने बोला – आज पहली बार लाइट में देखा, बहुत मज़ा आया. मैने अभी भी अपना लंड पकड़ा हुआ था. फूफाजी बोले –इधर आ, तो मै उसके पास आ गया.
तो उनके कहने पर मै भी नंगा हो गया और हम तीनो इकठ्ठे बैठे गये. फूफाजी ने बुआजी का हाथ पकड़ा और मेरे लंड पर रख दिया. बुआजी के सॉफ्ट-सॉफ्ट हाथ लगते ही, मेरा सारा रस बाहर निकल गया, तो वो दोनों हंस पड़े. फूफाजी का फिर से खड़ा हो गया था, तो बुआजी ने उनका लंड अपने मुह में ले लिया और मै एकदम से बोल पड़ा – आज तक नहीं देखा था, तो फूफा जी ने अपना लंड उनके मुह से निकल दिया और बोले सीमा इससे जरा अच्छे से दिखा दो. तो बुआजी ने मेरा लंड अपने मुह में डाल लिया और चूसने लगी. मुझे बहुत मज़ा आने लगा और देखते ही देखते दोबारा लंड खड़ा हो गया. पर बुआजी फिर भी मेरा लंड चुस्ती रही. मेरा हाथ अपने आप बुआ जी के बूब्स पर चले गया और मै उन्हें दबाने लगा और बुआजी चीख पड़ी और बोली – आराम से. फिर फूफाजी बोले – सीमा इसे दूध पिला दो, तो बुआजी पीठ के बल लेट गयी और बोली – आजा विक्की..चूस ले आज अपनी बुआ के चुचे. तो मै उनके ऊपर टूट पड़ा और बच्चो के जैसे दूध पीने लग गया.
फिर मैने अपने होठो को बुआ के होठो पर रख दिए और बुआ मुझे किस करने लग गयी और फूफ जी ने मेरा लंड बुआ की चूत पर लगाते हुए बोले – “मजे कर ले आज”. बुआ ने अपने हाथो से मेरा लंड पकड़ा और अपनी चूत में डाल दिया और तभी बुआ बोली – विक्की चल चोद डाल अपनी बुआ को. मुझसे हो नहीं रहा था, वहीँ बुआ जी से रुका नहीं जा रहा था. बुआजी ने मुझे धकेला और मेरे ऊपर आ गयी और उन्होंने मेरा लंड पकड़ लिया और अपनी चूत में डालते हुए बोली – निखिल, प्लीज मुझे माफ़ कर देना. मैने कभी सोचा नहीं था, कि मै किसी गैर मर्द से चुदुंगी. फूफाजी बोले – सीमा सीमा, ये मेरी ही मर्जी है और फिर बुआ खुल के खुद चुदने लगी और तभी बुआ जी का डिस्चार्ज हो गया. लेकिन मेरी एक्स्सित्मेंट ख़तम नहीं हुई थी. तो बुआजी ने अपनी चूत में से मेरा लंड निकाललिया और मैने बोला – अभी नहीं, अभी तो मज़े आने लगे थे. तो बुआ बोली – अब मै थकगयी हु. फिर फूफाजी बोले – विक्की तू ही ट्राई कर ले, तो बुआजी ने कहा – नहीं मुझसे नहीं होगा अब और साइड में लेट गयी.
तो फिर मै बुआ के ऊपर आ गया और बोला – बुआजी प्लीज. पर बुआ बोली – नहीं बेटा. थोड़ी देर रुक के कर लियो. पर मै बुआ के ऊपर ही था. तो फूफाजी ने मेरा लंड पकड़ लिया और बुआजी की चूत में डाल दिया और मैने बुआ जी को चोदना शुरू कर दिया ओपर करीब २-३ मिनट में, मै भी डिस्चार्ज हो गया और बुआ जी के ऊपर ही सो गया. हम तीनो सुबह उठे. मै बहुत शर्मिंदा सा महसूस कर रहा था. लेकिन बुआजी और फूफाजी खुश थे और फूफाजी बोले – बेटा, अब तेरे से ही उम्मीद है, बुआजी ने मुझे फिर से किस किया और बोली – बनाएगा ना, अपनी बुआ को माँ. तो मेरा सिर शर्म से झुक गया और फिर फूफा जी तयार हो चुके थे और बोले – सीमा इसे समझा लेना. तो बुआ बोली – ये मान जायेगा. आप खुश हो ना. मै बेड से उठने लगा. तो मुझे वीकनेस फील हो रही थी. बुआ जी ने मुझे दूध पिलाया और मुझे दोबारा सुला दिया. जब मै दुबारा उठा तो दिन के ११ बजे चुके थे और बुआजी मेरे पास आई और बोली अब कैसा लग रहा है. मैने कहा – बहुत फ्रेश लग रहा है और बुआ बोली – उठकर खाना खा ले.
तो मैने खाना खाया और अपने कमरे में जाकर दोबारा सो गया, पर थोड़ी देर में मुझे लगा, कि कोई मेरा लंड सहला रहा है और मेरी आँख खुली, तो बुआजी मेरे साइड में लेती हुई थी और उनकी आँखों में प्यार था. जैसे ही मैने आँखे खोली, उन्होंने मुझे किस कर लिया और मैने भी जवाब में किस किया. तो फिर बुआ जी ने फटाक से दोनों के कपडे उतार दिए और मेरा लंड चूसने लगी. मैने बोला – बुआजी “आई लव यू”; तो बुआ बोली – “आई लव यू, बेबी” और मेरा मुह अपनी चूत पर लगा लिया. पहले तो अजीब लगा. लेकिन फिर मज़ा आने लगा. मेरा लंड अब दुबारा खड़ा होकर तयार हो गया था. बुआ ने कहा – बेटे चोद दे मुझे, ये सुनते ही मैने अपना लंड बुआ की चूत पर टिका दिया और बुआजी ने अपने सॉफ्ट-सॉफ्ट हाथो से अपनी चूत में मेरा लंड डाल दिया. और मैने बुआ की चूत में लंड आगे-पीछे करना शुरू कर दिया. बुआ जी भी मज़े ले कर चुद रही थी और फिर मैने बुआ जी को टेबल पर लिटाया और बुआजी की टाँगे अपने कंधो पर रखी और बुआजी की चूत के मज़े लेने लगा.
फिर बुआ जी ने मेरे हाथ पकडे और अपने चूचो पर रखती हुई बोली – विक्की इन्हें भी दबाऊ ना, मज़ा आता है. तो मैने बुआजी के सॉफ्ट-सॉफ्ट चूचो का बड़ा मज़ा लिया और कोई १० मिनट बाद हम दोनों एक साथ डिस्चार्ज हो गये. फिर कोई १० मिनट हम एक दुसरे की बाहों में सोये और फिर बुआ जी उठकर चली गयी और मैं भी मार्किट की तरफ चला गया. फिर हमें जब भी वक्त मिलता, हम चुदाई करते और एक महीने बाद फूफा जी ने मुझे कंप्यूटर दिलवाया और बोले – थैंक यू विक्की और मैं समझ चूका था, की बुआ प्रेग्नेंट हो चुकी है और बुआ की प्रेगनेंसी की खबर सुनते ही सारे घर में ख़ुशी आ गयी. हलाकि मेरी भी शादी की उम्र हो चुकी है और ना जाने कितनी औरते मेरे नीचे आ चुकी है, लेकिन शायद बुआजी ही मेरा प्यार रहेंगी और मेरा बेटा मुझे अब भैया कहता है और फूफाजी भी अब हमारे प्यार को समझ चुके थे.