मेरी चुदक्कड सालिया एक साथ चुदी

 
loading...

यह कहानी है मेरी और मेरी तीन गजबकी खूबसूरत सालीयों की है| मेरा नाम निलेश है| मैं बैंक मैं नौकरी करता हूँ| मेरी उम्र ३१ साल है| मेरी शादी हो गयी है| मेरी बिवि का नाम वंदना है| उसकी उम्र २२ साल है| मेरी शादी को ४ साल हो गये है| मुझे एक २ साल का लड़का है| उसका नाम राहुल है| मेरा लड़का बडा ही नटखट और शरारती है| मेरी बड़ी साली जो की डॉक्टर हैं| उसका नाम श्रुति है| उम्र २६ साल है| उसकी शादी हो गयी हैं| शादी को एक साल हो गया है| उसके पतिभी डॉक्टरही है| उनका नाम विकाश है| दुसरी साली जो की अभी इंजीनियरिंग के दूसरे साल मैं पढ़ रही हैं| उसका नाम प्रिया है| उम्र २० साल है| तीसरी जो की अभी बारहवी मैं पढ़ रही हैं| उसका नाम रितिका है| उम्र १८ साल है| वंदना दिखने मैं ठीक ठाक है| मेरे कहने का मतलब की उसका बॉडी कलर गेहूआ है| उसकी फिगर है ३२– २८–३२ है| वैसे तो मैं एक बहुत सीधे किस्म का लड़का हूँ| मैंने उस वक़्त तक किसी भी लड़की की तरफ उस नजरसे नहीं देखा था| लेकिन उस दिन मैं जब वंदना को देखने गया तब घरमें आतेही मेरी नज़र प्रियापे पड़ी| उसे देखतेही मैं तो पागल हो गया| बात ही कुछ ऐसी थी की मैं उसे देखता ही रह गया|
हम वंदनाको देखने उसके घर पोहचे और उनके घरमे जा ही रहे थे की मेरी नज़र उनके गार्डन इसे की और गयी| उनके यहाँ जीतनी जगहमें उनके पिताजी ने घर बनाया उतनीही जगह गार्डन के लिए छोड़ दी थी| उस वक़्त मैंने वहा प्रियाको देखा| कहानी आगे बढाने से पहले मेरी तीनो सालियोंके बारेमे कुछ जानकारी देता हूँ| जैसे मैंने बताया मेरी पहली साली श्रुति जो एक डॉक्टर हैं उस वक़्त अपने आखरी साल मैं पढ़ रही थी जो की पुणेमें थी| दिखने में गोरी चिट्ठी| कद तक़रीबन ५’२” है| उसकी फिगर वंदनासे अच्छी है| याने की ३४ – २८ – ३६ है| वैसे उसे पढाई के इलावा कुछ सुझाता भी नहीं| लेकिन उस वक़्त छुट्टी थी तो घर पे आ गयी थी|
मेरी दूसरी साली प्रिया जो की उस वक़्त बारहवी में पढ़ रही थी| बड़ी नटखट लड़की थी| दिखने में श्रुति से ख़ूबसूरत है| उसका कद ५’ है| उसका सही आकर्षित करने वाला भाग याने उसकी फिगर| दोस्तों आप यकींन नहीं करोगे| उसकी फिगर ३८ – ३० – ४० है| जिसपे मैं फ़िदा हूँ| इस वक़्त हम रितिका के बारे में नहीं देखेंगे क्यों की वो अभी स्कूल में पढ़ रही है| वक़्त आने पर हम उसके बारे में देखेंगे| मैं जब वंदना को देखने पोहचा तो मैंने गार्डन में प्रिया को देखा| शायद उसे ये अंदाजा नहीं था की हम वंदना को देखने आ रहे है| जब मैंने उसे देखा तो वो पौदों को पानी दे रही थी|उस वक़्त मुझे उसका सिर्फ पिछवाडा दिख रहा था| जिसे देख मैं तो हैरान रह गया| क्या दिख रही थी प्रिया| उसके वो बड़े बड़े कुल्हे जिसे मटकाते हुए वो पौदों को पानी दे रही थी| जिसे देखते ही मैं उसपे फ़िदा हो गया| मेरा ध्यान तब टूटा जब मेरे दोस्त ने मुझे टोका| हम घर के अन्दर दाखिल हुए लेकिन मेरा ध्यान तो उस मटकते हुए कुल्हे पर ही था| मैं उसे भुला ही नहीं सकता था| अन्दर आने के बाद जब हम बैठे तब घर मैं सिवाई वंदना की माँ के उसका भाई और ये तीन बहने ही थी| उसके भाई ने हमें बैठने के लिए कहा और कुछ ५ मिनट बाद एक बहोत ख़ूबसूरत लड़की हमें पानी देने के लिए उस कमरे में आ गयी| वो और कोई नहीं प्रिया ही थी| जब वो पानी देते हुए आ रही थी मैं सिर्फ उसका पिछवाडा ही देख रहा था| जैसे ही वो मुझे पानी देने के लिए मेरे पास आयी मेरी तो धड़कने बड़ी तेज हो रही थी| पर जैसे ही वो मुझे पानी देने के लिए झुकी मानो मुझपे तो बिजली गिर पड़ी| जैसे वो झुकी, पानी लेते वक़्त मेरी नजर सीधा उसके ड्रेस के गले से होते हुए उसके अन्दर तक चली गयी| और जो मैंने देखा वो तो मैं बयां नहीं कर सकता| उस वक़्त शायद उसने उस टॉप के अन्दर पुश अप ब्रा पहनी हुयी थी और उसकी वजह से उसके उरोज उस टॉप से बाहर आने को बेक़रार थे| ये नजारा देख मेरे हाथ से पानी का ग्लास गिर गया जो सीधा मेरी पेंट पे ही गिरा| जिससे मेरी पूरी पेंट गीली हो गयी| इस अचानक हुए हादसे से प्रिया को हसी तो बहोत आ रही थी लेकिन मेरी हालत देख उसे तरस भी आ रहा था| इस हादसे की वजह से मुझे इतनी शर्म आ रही थी की मेरी नजर ऊपर उठ नहीं रही थी| इतने में प्रिया मुझे बोली “आप अन्दर चलिए”| इस अचानक हुए हादसे से मैं पहले ही शर्म से लाल हो गया था उसके इस बात से तो मुझे क्या बोलू वो सूझ भी नहीं रहा था|  मेरी इस समस्या को जान मेरा दोस्त मुझे बोला “सुमीत! अरे यार बिना कुछ सोचे जल्दी से अन्दर जा नहीं तो तेरी हालत और भी खराब हो जाएगी”| उसकी बात मान मैं प्रिया के पीछे चला गया| मैं अन्दर गया तो प्रिया ने मुझे तौलिया दिया और बोली “आप की पेंट निकल के दीजिये| मैं उसे सुखा देती हूँ”| मैं उसे बोला “इतने जल्द पेंट नहीं सूखेगी”| तो प्रिया बोली “अरे सुमीतजी आप पेंट निकली ये तो मैं सिर्फ ५ मिनट मैं कुसे सूखा देती हूँ “| मैंने बिना कुछ बोले उसे मेरी पेंट निकाल के दे दी| प्रिया मुझे बोली “आप थोड़ी देर बैठिये”| और इतना कह के वो मेरी पेंट आयरन करने लगी| इस बार भी वो मेरी तरफ पिछवाडा हिला हिला कर के आयरन कर रही थी| इस वक़्त वो मेरे इतने करीब थी मुझे लगा की मै उसे छु लूं| लेकिन हालात देख मैं सिर्फ उसे देख रहा| उसने मुझे पेंट दे दी और वो चली गयी| में भी पेंट पहन के बाहर आ गया| कुछ देर बाद लड़की देखना का प्रोग्राम ख़तम कर हम वापिस आ गए|
घर आते ही मैं मेरे घरवालों से वंदना के लिए हाँ कर दी| जल्दीही मेरी सगाई कि तैयारीयां शुरू हो गयी|
सगाई वंदना के घर में थी| तो हम उनके घर दोपहर १२ के करीब पहुँच गए| सगाई गार्डन में थी| १२:३० को मोहरत था|
में तो तैयार था और जब वंदना को गार्डन में लाया गया तो मैं उसे देखता ही रह गया| उसने गुलाबी रंग की साडी पहनी थी जो सेमी ट्रांसपेरेंट थी| उसने साडी को नाभी के थोडासा नीचे तक पहना था| जिसकी वजहसे उसकी कमर के दीदार हो रहे थे| उसपे मैचिंग कलर का “V” शेप का ब्लाउज पहना था| मगर उस ब्लाउज में से उसके उभारोंके बीचमे से उसका क्लीवेज दिख रहा था| और क्या गजबका क्लीवेज दिख रहा था मेरी नज़र तो हट ही नहीं रही थी| उसने बाल खुले छोड़े थे जिस वजहसे कुछ जुल्फे उसके चेहरेपे आ रही थी| जो उसे परेशान कर रही थी और वो बार बार उसे पीछे किये जा रही थी| उसने अपने लबों पर हलके गुलाबी कलर की लिपस्टिक लगायी थी| गालोंपे हल्का गुलाबी फाउंडेशन लगाया था| हाथोंमे गुलाबी कलर की चूड़ीयां पहनी थी| आप लोग यह कहानी अन्तर्वासना-स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है |
उसके इस लिबास को मैं भूल नहीं सकता| मैं उसे तब तक देखता रहा जब तक वो मेरे पास आके नहीं बैठी| रसम शुरू हो गयी| घर की औरतोंने हमारा तिलक किया| बाद में हमने एक दुसरे को रिंग पहना दी| इस तरह से हमारी सगाई हो गई| इसके बाद वंदना घर के अन्दर चली गई| उसके हमारी आवभगत शुरू हुई| तक़रीबन १:३० बजे हम सब ख़तम करके घर लौट आये|
सगाई तो हो गई लेकिन आज जब से मैंने वंदना को देखा था मेरा तो कही दिल भी नहीं लग रहा था| हर वक़्त मेरी नज़र के सामने सिर्फ वंदना का चेहरा ही दिखाई दे रहा था| मुझे दो हफ्ते बाद अपनी बैंक ज्वाइन करनी थी| तो अगले हफ्तेमे मेरी शादी थी| घर के सभी लोग शादी की तैयारी में लग गए| मेरी सगाई तो हो गई थी| मेरी शादी को अभी दो (२) महीने बाकी थे| और मुझे बैंक ज्वाइन करने में भी अभी एक (१) महिना शेष था| मैं और वंदना एक ही शहरमे रहते थे| तो एक दिन मेरी सालियोंने मुझे उनके घर आने के लिए मुझे फ़ोन कर न्योता दे दिया|
श्रुति – नमस्ते जीजू|
मैं – नमस्ते डॉक्टर साहिबा| आज हमें कैसे याद किया|
श्रुति – (शरमाते हुए) बस याद आ गयी तो मन किया की चलो अपने प्यारे जीजू से कुछ बाते की जाये| वैसे आप तो हमें कभी याद ही नहीं करते| अरे हाँ आप का हमसे कोई काम तो नहीं है ना!
मैं – (श्रुति की ऐसी बाते सुन चौंकते हुए) क्यों जी ऐसी क्या बात हुयी जो आप ऐसे कह रही है| क्या हमने आप से कहा है या हमारे हाव भावों से ऐसा प्रतीत हुवा की हमें आप से कुछ काम होगा तो ही आप से बात करेंगे नहीं तो नहीं करेंगे|
श्रुति – अरे जीजू शायद मेरी बात से आप को बुरा लगा| मगर क्या आप को नहीं लगता की आप मुझे सच मैं भूल गए है| (और श्रुति हँसाने लगाती है|) आप लोग यह कहानी अन्तर्वासना-स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है |
मैं – (कुछ परेशान होते हुए|) यार मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा की मैं क्या भूल गया हूँ| अरे कुछ समझ में आये इस तरह से बात करो ना|
श्रुति – क्या जीजू आप को वंदना ने कुछ बताया नहीं क्या?
मैं – लेकिन किस बारे मैं?
श्रुति – अरे बाबा क्या उसने नहीं बताया आज के बारे में?
मैं – नहीं मेरी उससे दो दिन से बात ही नहीं हुयी| अच्छा अब पहेलिय बुझाना बंद करो और तुम ही बतावो की आज क्या ख़ास बात है जो आप ने हमें फ़ोन करने की जेहमत उठाई| और हमें यूँ परेशान किया इतना उलझी बाते कर के|
श्रुति – पहले तो हम आप से माफी मांगते है अगर आप को बुरा लगा हो तो|
मैं – नहीं मेरे कहने का ये मतलब नहीं था| लेकिन मैं सच कह रहा हूँ की मेरी और वंदना की दो दिन से बात ही नहीं हुयी| शायद वो मुझ से कुछ नाराज है|
श्रुति – तभी मैं कहूं की वंदना इतनी उदास क्यों है कल से| क्या कुछ जागदा हुवा है क्या आप दोनों मैं कहे तो मैं आप की मदद कर सकती हूँ|
मैं – हाँ यार वो मैंने कुछ बोल दिया था गुस्से मैं तो वो नाराज हो गयी कल सुबह में| पर तुम मेरी मदद क्यों करोगी इस बात में? तुम्हे भी तो गुस्सा होना चाहिए था इस बात पर की मेरा वंदना से झगडा हुवा है| मुझपे इतनी मेहरबानी करने की वजह| क्या मुझसे से कुछ चाहिए क्या?
श्रुति – चाहिए भी और नहीं भी| हाँ अगर आप चाहे तो मैं आपकी मदद कर दूँगी|
मैं – चलो ठीक है तो कर दो मदद| पर ये कैसे संभव है?
श्रुति – वो बात आप मुझपे छोड़ दीजिये| बस आप को एक काम करना होगा|
मैं – बोलिए क्या करना होगा| आप जो कहेंगी वो करने के लिए तैयार हूँ मैं| चाहे तो मैं आप से प्रोमिस करता हूँ|
श्रुति – ठीक है तो प्रोमिस है| आप को घर आना होगा आज शाम को|
मैं – आज! आज कुछ खास है क्या?
श्रुति – अरे मैं बातो बातों में भूल गयी आपको| आज मेरा जन्मदिन है| और मैंने आप को यही बताने के लिए फ़ोन किया है|
मैं – श्रुति सबसे पहले जन्मदिन की ढेर साडी शुभकामनाये| और मैं बिना भूले आज शाम को घर आ जाऊंगा|
श्रुति – शुक्रिया जीजू| अब मैं फ़ोन बंद करती हूँ| मुझे बहोत साड़ी तैयारियां करनी है|
मैं – अगर तुम्हे कुछ मदद चाहिए तो मैं अभी आ सकता हूँ|
श्रुति – ठीक है तो आ जाईये| मैं आप का इन्तजार करती हूँ|
इतना बोल श्रुति ने फ़ोन बंद कर दिया| और मैं भी १० मिनट में तैयार हो के वंदना के घर की तरफ चल दिया|
जाते जाते मुझे एक ख्याल आया| क्यों ना कुछ मिठाई ली जाए| तो मैं एक मिठाई की शॉप में चला गया| मैंने उस शॉप से रस मलाई ली और वंदना की घर की और चल दिया|
घर जाते ही श्रुति ने दरवाज़ा खोला| जैसे ही मैंने उसे देखा मेरा मूह खुला का खुला रह गया| श्रुतिने जो कपडे पहने थे उसे देख मैं हैरान ही रह गया| उसने सिर्फ एक टॉप पहना हुवा था जो उसकी जांघों को भी छुपा नहीं पा रहा था|शायद उसने अंदरसे कुछ पहना भी नहीं था| क्यों की उसके टॉप के उपरसे ही मुझे उसके उरोजों के तने हुए काले चुचक साफ़ दिख रहे थे| और टॉप के आगे कोई बटन भी नहीं था और उसके टॉप से उसके उरोजों के बीच की दरार दिख सकती थी| और उसके उरोजों के कुछ कुछ दर्शन भी हो रहे थे|
मुझे ऐसा देखते देख श्रुति कुछ शरमा गयी और अन्दर भाग गई| वो जब भाग रही थी तो उसके कुल्हे बहोठी थिरक रहे थे|और भागते वक़्त मुझे उसका टॉप कुछ ऊपर सा हो गया तो मुझे उसके नग्न कुल्हे दिख गए और उसके निचे शायद उसने कुछ पहना नहीं था| क्या लग रही थी| मैं ये सब देख इतना उत्तेजित हो गया की मेरा पप्पू तम्बू बना के पेंट में खड़ा हो गया| ये तो अच्छा हुवा की श्रुति ने ये सब नहीं देखा|
मैं जब अन्दर गया तो श्रुति की आवाज़ आ गयी|
श्रुति – जीजू दरवाज़ा बंद कर लीजिये| घर मैं कोई नहीं है| सब लोग बाज़ार गए हुए है| और रितिका स्कूल को गयी है|
उसकी यह बात सून मेरे शरीर में रोंगटे खड़े हो गए| जैसे तैसे मैंने दरवाजा बंद कर लिया और उसे कहा——–
मैं – श्रुति तुम कहा हो| आप लोग यह कहानी अन्तर्वासना-स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है |
श्रुति – अन्दर हूँ|
मैं – क्या मैं अन्दर आ सकता हूँ|
श्रुति – आइये न आप को किस ने रोका है|
मैं – अगर सब लोग बहार गए थे तो मुझे इतनी जल्दी कैसे बुला लिया|
मैं ये बोलते बोलते अन्दर दाखिल हुवा| वो अभीभी उसी टॉप में बैठी कुछ काम कर रही थी| उसे देख मेरे पप्पू ने फिर से हरकत करनी शुरू कर दी| इस वक़्त श्रुति मेरे पेंट की तरफ ही देख रही थी| मेरी हालत देख वो मन में ही हस रही थी| और वो बोल पड़ी|
श्रुति – मुझे क्या पता था की आप सच में इतने जल्दी आ जायेंगे| मुझे लगा था आप शायद एक घंटे बाद आयेंगे|
मैं – किसको घायल करने का इरादा है|
श्रुति – नहीं तो| मैं तैयार हो रही थी| इतने में आप आ गए|
मैं – लेकिन दरवाज़ेपे अगर कोई और होता और तुम्हे इस हालत में देखता तो उसका क्या होता|
श्रुति – वही होता जो अभी आप का हाल है|
मैं – याने तुमने जान बुझ कर ऐसे कपडे पहने है| मुझे उत्तेजित करने के लिए|
श्रुति – जैसे आप ठीक समझे| मैं तो सच में तैयार हो रही थी| मैं अभी नहाने जा रही थी|
मैं – तो अब तुम्हे किस ने रोका है| जावो नहा के आ जावो मैं रुकता हूँ| हाँ जाते वक़्त टीवी शुरू कर देना|
श्रुति – ठीक है मैं अभी आती हूँ नहा के| आप लोग यह कहानी अन्तर्वासना-स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है |
ऐसे बोल वो उठ गयी और टीवी शुरू करने के लिए रिमोट खोजने लगी| रिमोट शायद निचे रखा हुवा था तो उसे उठाने के लिए वो जैसेही झुकी मुझे उसकी खुली गांड के फिरसे दर्शन हो गए| इस बार मैं अपने पर काबू ना प् सका और सीधे जाके उसे मैंने पीछे से पकड़ लिया| जैसे उसे इस अचानक हमले से कुछ ऐतराज़ नहीं था तो वो कुछ बोली नहीं सिर्फ बोली|
श्रुति – जीजू मैं वंदना नहीं हूँ| किसीने देख लिया तो क्या सोचेगा की कैसा दामाद है जो अपनी साली से ऐसे बेशर्मोकी तरह चिपक गया है|
मैं – अब यहाँ कोई नहीं है तो किसीके कुछ कहने का सवाल ही नहीं उठता| वैसे जिसके पास ऐसी ख़ास साली हो वो जीजा तो बेशरम ही होगा|
मैंने जब उसे पकड़ा था तो मेरा हाथ उसके पेट पे था| उसने भी अपना हाथ मेरे हाथ पे रख दिया|



loading...

और कहानिया

loading...



बहन के साथ सुहागरात में चुदाई की चिख निकलाWww.handisexstori.comचोदन. कौम आदला बदली होली प्xxx sex kahani dr didiबहन की चुदाई गर्लफ्रेंड की मदद सेsex store hindi language ma padne hi pornhub.cchudaye kahaniya 60 yars budhe sefull bus me conductor me aunty ko apne pass bula ke chudai Karen ki kahanikamukta.comचूदाई का नशाkamukta.comReading online sexi hot rape kahaniantrvasnasexstoris.com/mummy ki chudaichudaikekahanihindiXXXXX.HENDE.CUDAE.KE.KAHNEmaabatachudixxxx kahaniyabhu sss mosi sasur ki bur land ki gandi dehati hindi sex story freeबहू कीSEXI कहानीkashmir ki sardi bhabe porn sex audiosamuhik chudai me seal tudwai antarvasna.commy ny usky blatkar chut my don kyly dala kamukta free hot indynचूत लड गाडगांव की मोटी बुआ का कहनाneend ki goli de kar behan ki gand mari xxx kahanisex stroes hendae 10 ench ke lund se new chut ki seel tod chudai kahaniya hindi meGulabe saxy sax xnxxसकसी।कहानी।पड़ोस।की।अवाज।मेsex ki khanisexy erotic stories in hindiसेक्सकहानीयाkamkuta satorexxxkahani mp3sexy xxx kahani rajमाँ की चोदाई में कॉन्डम फाड़ दी कहानियासेक्सी स्टोरी हिंदी आर्काइव दीदीलड बुर मे गयाmaa buaa nangi kyu ghum rahi hai chhinar ko land chhieकोमल ममी को लेटा कर छोड़ाMom ki मैक्सी मई जुदाई सेक्स storysexy kahani satori2018jija saali sex storyxxx sexyki baat Hindi hdnabalik gerl ki chodi khaniyaxx sax hind stora mosh ki shtxxx bur me lund pelo naचुदा खुदXXXSALIYOमामी मौसी चाची बुआ और दीदीने मिलकर मुझसे चुदवाया हिन्दी चुदाई की कहाना Riksewale ne dudho ki chusai hindi kahaniXXX.SEEL.KAHANIsuhagraat ki kahani hindikamukta chacha didi maaGym mai chudai ki kahanijabardasti chudai 3 ne ki storyxxx kahani malish boor hindiसेकसि मराठि आडि वLund pel pel ke bur fula distory hindi me pornwww.dot.bf.villeg.homey.deceySexykhanirishtonmechudaimastramचाची सेकस काहानीपड़ोस के लड़के का लंड राधिका कि सेकशि चुदाई कानिया दिखाbibi ko chudvake Randi banaya Hindi sexy storywww xxx hindi nonweg storiBhae bahan kahanexxxWww.urmila mathurkar ke chut me land dala hindi sex story. Com mst sex chudi uuuhhhaaa khanimota land se bhar bhar ke viriye chodha pornSexy video Main Apni behan ko neend ki goli khilakar chodaLAMBA LAND HINDI NAF XXxxcdusre ki bivi fayda xxx hd comचुत भाभी की लाड देवरका कहनीमम्मी को चोदने की कहानीindian sex khaniya