रेखा की मस्त चुदाई
हेलो दोस्तों.. मेरा नाम राकेश है और मैं कोलकाता में रहता हूँ.. दोस्तों मैं बहुत दिनों से सेक्सी कहानियाँ पढ़ रहा हूँ और वो मुझे बहुत अच्छी लगती है और इसलिए मेरी भी इच्छा हुई कि मैं भी अपनी कहानी आप लोगों को सुनाऊं. मेरी उम्र अभी 28 साल है और यह कहानी 4 साल पुरानी है.. उस वक़्त मेरी उम्र 24 साल थी. दोस्तों मेरी एक गर्लफ्रेंड थी जो शक्ल से ज़्यादा सुंदर नहीं थी.. लेकिन उसका शरीर बिल्कुल मदहोश कर देने वाला एकदम सेक्सी था और मैं जब भी उसको देखता था तो मेरा लंड उसे देखते ही सलामी देने लगता था.
वो उस समय 20 साल की होगी और उसके बूब्स कम से कम 36 के तो ज़रूर होंगे और वो मेरे पड़ोस में रहती थी. हमने कई बार फ्रेंच किस किया था और मैंने उसके बूब्स को भी दबाया था.. लेकिन बूब्स दबाते दबाते जब भी मैं उसकी चूत को छूना चाहता था वो एकदम से मुझे रोक देती थी. फिर मैं हर बार उसकी चूत छूने की उम्मीद में दोबारा छूने की कोशिश करता था.. लेकिन छू नहीं पता था. फिर एक दिन उसके परिवार के सभी लोग कुछ दिनों के लिए बाहर गये हुए थे और घर में, वो उसकी मम्मी और भतीजी रह गये थे और फिर मैंने देखा कि मौक़ा अच्छा है. तो मैंने उससे कहा कि मैं आज रात को तुम्हारे पास आऊंगा.. मुझे तुमसे कुछ ज़रूरी बात करनी है.
फिर मैं रात होने का इंतजार करने लगा और अपना सभी काम खत्म करके अपने रूम में चला गया और सोने लगा.. लेकिन अब मुझे नींद कहाँ आनी थी. तो करीब एक बजे में उठा और उसके घर के पास गया और दरवाज़े पर हाथ रखा तो वो खुल गया.. शायद वो पहले से ही खुला था और फिर मैं धीरे धीरे सीधा अंदर चला गया. तो मैंने देखा कि रेखा आईने के सामने खड़ी अपने बाल बना रही है तो मैंने उसे पीछे से पकड़ लिया और उसके बूब्स को दबाने लगा.. क्या बूब्स थे उसके? एकदम मुलायम बड़े बड़े, मैं अपने दोनों हाथों से उसके दोनों बूब्स को बारी बारी से दबा रहा था.. खुले बाल बिना दुपट्टे के बड़ी सी गांड एकदम सेक्सी पतली कमर.. मैं उसे ऐसे पहली बार देख रहा था.
मैं पीछे से बूब्स दबा रहा था और उसकी गर्दन पर किस कर रहा था और फिर वो बोली कि बोलो क्या बोलना है? तो मैंने कहा कि तुम्हारी सुन्दरता को देखकर मैं सब कुछ भूल गया हूँ.. प्लीज आज मुझे अपने सुन्दर जिस्म का मज़ा लेने दो ना और वो शरमाते हुए बोली कि नहीं. तो मैंने कहा कि हाँ और इस तरह में लगातार उसके बूब्स को दबाए जा रहा था और उसके निप्पल को मसल रहा था और साथ ही उसकी गर्दन पर किस किए जा रहा था.. वो क्या मस्त समा था और वो बार बार मुझे रोकने का नाटक कर रही थी.. लेकिन मैंने आहिस्ता आहिस्ता अब अपना एक हाथ उसकी कमीज़ के अंदर डाल दिया था और उसकी निप्पल को मसल रहा था और वो धीरे धीरे गरम हो रही थी..
वो अपनी ज़ुबान से कुछ नहीं कह रही थी. फिर मैंने उसकी कमीज़ को उतारना चाहा.. लेकिन वो मुझे रोक रही थी और आख़िरकार मैंने उसकी एक ना सुनी और ज्यादा देर ना करते हुए उसकी कमीज़ को उतार कर फेंक दिया. फिर अब बारी थी उसकी ब्रा की तो मैंने उसकी ब्रा का हुक खोल दिया और वो एक हाथ से अपनी ब्रा संभाल रही थी और दूसरे हाथ से मुझे हटा रही थी.. लेकिन मैं इतना बड़ा कमीना उसकी कहाँ मानने वाला था और आख़िरकार मैंने उसकी ब्रा को भी उतार कर फेंक दिया और अब वो मेरे सामने ऊपर से बिल्कुल नंगी थी और मैं उसके बूब्स देख रहा था.. जैसे तो में पागल ही हो गया क्या बूब्स थे उसके? मैंने उन्हें दबाया तो बहुत था..
मैं उनको खुला हुआ पहली बार देख रहा था और मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था. मैं तो उसके बूब्स को बार बार एक एक करके चूस रहा था और मस्ती में डूबा हुआ था और अब वो भी बहुत गरम हो गई थी और सिसकियाँ ले रही थी और मस्ती में आ गयी थी.. उसके मुँह से आ उहह की आवाज़ें बता रही थी कि वो कितना गरम हो चुकी है. तो आख़िरकार उसने ज़बान खोली और मुझसे कहा कि प्लीज अपनी पेंट उतारो ना. तो मैंने कहा कि क्यों तुम इसे नहीं उतार सकती?
फिर क्या था वो मेरी पेंट को खोलने लगी.. पहले बेल्ट फिर पेंट और आख़िरी में मेरी अंडरवियर.. मेरा जूनियर तो पहले ही बाहर आने के लिए बड़ा बैताब हो चुका था. बिल्कुल गरम लोहे के सरिए की तरह तनकर खड़ा था और उसकी चूत को सलामी दे रहा था. फिर जैसे ही उसने मेरे लंड को देखा उसके मुँह से आह निकल गयी.. बाप रे इतना बड़ा लंड में इसे नहीं ले सकती.. यह तो किसी जानवर की तरह है इससे तो मेरी चूत फट जाएगी.
तो मैंने कुछ नहीं कहा बस किस करना शुरू रखा.. उसके बूब्स और होंठ को किस करते करते बहुत वक़्त लग चुका था और अब मैंने अपना लंड उसे चूसने को कहा.. लेकिन पहले तो उसने मना कर दिया और फिर मेरे कई बार कहने पर धीरे धीरे चूसने लगी. मैं तो जैसे सातवें आसमान पर था और फिर आहिस्ता आहिस्ता मैंने उसकी सलवार को भी उतार दिया.. लेकिन वो पेंटी नहीं पहनती थी और उसकी चूत पर हल्के हल्के बाल थे. फिर मैंने उसे लेटा दिया और फिर उसकी चूत को चाटने लगा.. वो आहह उफ्फ्फ सीईईईई चिल्ला रही थी..
लेकिन इस बार वो मना करने की बजाए मेरा सिर अपनी चूत में दबा रही थी. इसका मतलब कि मुझे वो चूत चोदने को ज़रूर मिलेगी. फिर करीब 20 मिनट तक चूत चटवाने और उसके बूब्स मसलवाने के बाद वो बोली कि आजा मेरे राजा अब मुझसे सहन नहीं होता प्लीज डाल दे इसे. मेरी प्यासी चूत में जो भी होगा देखा जाएगा. तो मेरा जूनियर तो पहले ही तैयार था और यह सुनते ही मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रखा और वो ज़ोर से चिल्लाई.. लेकिन मैं उसी वक़्त उसे लिप्स किस करने लगा और उसे चिल्लाने से रोक लिया.
फिर धीरे धीरे मैं अपना लंड उसकी चूत में डालने लगा और वो भी मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थी और आज बड़ी मुश्किलों के बाद में अपना लंड उसकी टाईट चूत में डालने में कामयाब हो गया. वो चिल्ला रही थी और ज़ोर से और ज़ोर से फाड़ डालो इस चूत को बहुत दिनों से प्यासी है किसी रस के लिए. तो मुझे यह बात सुनकर बहुत मज़ा आ रहा था और सेक्स का मज़ा और भी बढ़ रहा था. मैं उसके बूब्स को ज़ोर जोर से दबाने लगा. फिर मैं उसकी चूत की तरफ गया.. उसकी चूत पर थोड़े थोड़े बाल थे और फिर मैंने उसकी चूत के पास एक हाथ रखा और फिर एक ऊँगली उसकी चूत में डाल दी. तो उसके मुहं से एक जोर की चीख निकल गयी. मैं उसकी चूत चाटने लगा.
धीरे धीरे उसे और मज़ा आ रहा था. फिर मैं दो उंगली डालकर ज़ोर ज़ोर से आगे पीछे करने लगा. फिर वो ज़ोर जोर से मेरा लंड हिलाने लगी और थोड़ी देर के बाद मेरे लंड ने भी उसके ऊपर अपना वीर्य छोड़ दिया. फिर मैंने उसको उठाया और कमरे में ले गया उसको बिस्तर पर पटककर मैं उसकी चूत चाटने लगा और वो मेरा लंड चूस रही थी. फिर 10 मिनट के बाद अब उसकी चुदाई की बारी थी. फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत के छेद के पास रख दिया और उसने बिस्तर पर लेटकर अपने दोनों पैर चौड़े कर लिए.
अब मैं धीरे धीरे अपना लंड अंदर डालने लगा. आधा लंड अंदर गया तो मैंने एकदम से पूरा लंड एक जोर के धक्के के साथ अंदर डाल दिया.. उसकी चीख निकल गयी. उसकी चूत के वहाँ से खून आने लग गया फिर मैं ज़ोर ज़ोर से उसे चोदने लगा.. तो उसे भी दर्द के साथ साथ मज़ा आ रहा था. फिर मैंने अपना लंड निकाला और उसे कुतिया की पोज़िशन में बैठाया और उसकी गांड के छेद में अपना लंड धीरे धीरे धक्को के साथ डाल दिया और उसे चोदने लगा. उसके मुहं से आवाज़ आ रही थी.
फिर मैं बिस्तर पर लेट गया और वो मेरे ऊपर आ गयी और मैंने अपना लंड उसकी गांड में डाल दिया और उसके बूब्स चूसने लगा और उसे चोद भी रहा था. फिर एक घंटे तक हम एक दूसरे का मज़ा लेते रहे और फिर मैं उसकी चूत में ही झड़ गया और उसके ऊपर ही लेट गया. फिर थोड़ी देर बाद, मैं बाहर आया तो देखा कि कोई भी नहीं है सारे लोग सो रहे थे तो मैं भी चुपके से अपने घर पर जाकर सो गया और उस रात के बाद कभी मुझे सेक्स करने का मौका नहीं मिला.. लेकिन मुझे हमेशा अपना गुज़रा हुआ समय याद आता है ..
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