सोई हुई मल्लू आंटी की चुदाई
मल्लू आंटी को चोदने की कहानी सुनने के लिए आप हमेशा ही बड़े बेताब रहते है. आज मै आपको अपनी चाची, जो एक मल्लू है, उनकी कहानी सुना रहा हु. हम लोग दक्षिण इंडिया में रहते है और हमारे यहाँ की औरतो को मल्लू बोला जाता है, इस लिए मेरी चाची एक मल्लू आंटी है, वो करीब 38 साल की होंगी और मै उस समय 20 का था और कॉलेज में था.
मुझे अपनी चाची का गरम, कामुक और खुबसूरत शरीर बहुत आकर्षित करता था. साडी में से दिखती हुई उनकी चिकनी कमर हमेशा ही मेरे लंड को खड़ा कर देती थी. जैसे-जैसे, मै बड़ा हो रहा था और सेक्स-सम्भोग के बारे में पता चल रहा था, मेरे दिल में उनको चोदने की इच्छा बढती जा रही थी और मै उनको छुने के मौके तलाशने लगा. वो मेरी कामुक स्पर्श को समझ जाती, लेकिन मुझे छोटा समझकर कुछ नहीं बोलती थी और मुझे न समझने का नाटक करती. और मैं भी आंटी को छूने के हरेक मौके को छोड़ता नहीं था. कभी मैं अपने लंड वाला भाग उसकी गांड पे घिस देता तो कभी जानबूझ के उसके चुंचो से लड़ जाता. मेरी इस मल्लू आंटी की गांड भी मुझे बहुत अच्छी लगती थी. मुझे तलाश थी बस एक मौके की की मैं उसे दबोच सकूँ. उसे देख देख के अब मेरे लंड के बारह बजे हुए थे और मैं उसकी चूत में बस एक बार दुबकी लगाना चाहता था. मुझे लग रहा था की मेरे हाथ में यह मौका कभी नहीं आयेंगा. क्यूंकि अक्सर घर में हम दोनों के अलावा तीसरा व्यक्ति होता ही था और मेरे लंड को मूठ के भरोसे रहना पड़ रहा था.
सेक्सी गांड हैं इस मल्लू आंटी की
लेकिन, मेरी किस्मत शायद मुझपर मेहरबान थी और मुझे जल्दी ही मौका मिल गया. मेरे पापा ने और चाचा जी ने छुट्टियों पर जाने का प्रोग्राम बनाया और हम सब एक रिसोर्ट में चले गये. हम जिस दिन पहुचे, वह पर कुछ कारणों से हमें एक ही कमरा मिल पाया और हम सब को उसी कमरे में रात बितानी पड़ी. मेरे माँ-पापा बड़े थे, तो सबने उन्हें बिस्तर पर सोने को बोला और मेरे चाचा जी ने सोफे को पकड़ लिया. मेरी चाचा की लड़की भी मेरे ही जितनी बड़ी थी, तो माँ ने मेरी चाची से कहाँ, तुम उन्दोनो के बीच में सोना, अब ये दोनों बच्चे नहीं है. जगह कुछ ज्यादा नहीं थी और मेरा शरीर मेरी चाची के शरीर से लग रहा था. उनके शरीर का कामुक अहसास और गरमी ने मेरे लंड को खड़ा कर दिया और उसको कण्ट्रोल में रखना मेरे बस से बाहर हो गया.
मल्लू चाची का मुह उनकी बेटी की तरफ था, तो मेरा लंड उनकी गांड से टकरा रहा था और उनकी गांड के छेद में घुसने की कोशिश केर रहा था. कमरे में अँधेरा था और मेरी मल्लू चाची ने नाईटी पहनी थी, तो मैने हिम्मत करके उसको उनकी कमर के ऊपर तक खीच दिया और उनकी गांड मेरे लिए खुल गयी. उन्होंने पेंटी नहीं पहनी थी, तो मेरे लंड को जल्दी ही उसकी गर्मी का अहसास हो गया और मेरा लंड उससे भी ज्यादा खुल गया. मैने अब अपने लंड को धीरे-धीरे मल्लू चाची की गांड की लकीर पर रगड़ना शुरू कर दिया और अपनी गांड को हिलाकर उनकी गांड की लकीर को चोदने लगा. मल्लू आंटी तो जैसे की लौड़े बेच के सोई हुई थी, मेरे लंड को इस मल्लू आंटी की गांड पे इतना घिसने के बावजूद भी वो हिल नहीं रही थी. मुझे लगा की शायद वो जाग रही हैं. और क्यूंकि उसे भी यह सब में मजा आ रहा हैं इसलिए विरोध नहीं कर रही हैं.
उन्होंने जब कोई विरोध नहीं किया, तो मेरी हिम्मत और बढ़ गयी और मैने अपने हाथ से अपने लंड को सीधा किया और उनकी चूत में डालने लगा, लेकिन जगह कम होने के कारण हम सब बिलकुल फसे हुए थे और मेरा हाथ मेरे लंड तक नहीं जा रहा. मेरी बैचेनी बढ़ रही थी, कि मल्लू चाची ने अपने हाथ से मेरे लंड को उनकी चूत के छेद पर लगाया और मैने धीरे-धीरे उनकी चूत को चोदना शुरू कर दिया. मल्लू चाची ने अपना मुह को अपने हाथ से बंद किया हुआ था और मै भी बड़े धीरे से धक्के मार रहा था, ताकि किसी की नीद न खुल जाए.
चुद गई मेरी आंटी जी
मल्लू आंटी ने अब धीरे से आँख खोली और मेरी और देखा. एक पल के लिए मैं डर सा गया लेकिन फिर मुझे लगा की वो अब बिंदास्त चुदने के लिए रेडी हैं. मैंने अपने लौड़े को उसकी चूत के अंदर रगड़ना चालू रखा और मल्लू आंटी ने चद्दर को अपने उपर खिंच ली जिस से कोई देख ना सकें की हम दोनों क्या कर रहे हैं. फिर तो कुछ कहने को रहता ही नहीं था. मुझे मल्लू आंटी की तरफ से ग्रीन सिग्नल मिल चूका था उसकी चूत बजाने का. मैंने अपने हाथ से आंटी की गांड को पकड़ा और अपने झटके तेज करने लगा. आंटी भी लेटे हुए अपनी गांड को मेरे लंड पे घिसने लगी.
अब मैं और आंटी दोनों ही बहुत उत्तेजित हो चुके थे, मैंने अपना हाथ आगे डाल के उसके चुंचो को मसलना चालू कर दिया. मल्लू आंटी अब अपनी गांड और भी जोर से हिलाने लगी और बस वही मुझ से बर्दास्त नहीं हुआ. मुझे लगा की मैं झड़ने वाला हूँ. और यही सोच रहा था की मेरा साल माल उनकी चूत पर लग गया और मेरा लंड सिकुड़कर छोटा हो गया. आंटी ने भी अपने कपडे ठीक किये और मेरी और बड़े प्यार से देखने लगी. मैने अपने कपडे ठीक किये और सो गया. सुबह पता चला, कि मेरे उठने से पहले ही उनको दूसरा कमरा मिल गया और मेरी बाकी रातो की हसरत बाकि ही रह गयी. मित्रो आप को मेरी मल्लू आंटी की कहानी कैसी लगी वो जरुर से कमेन्ट करना….!