इकलौता लड़का होने के कारण मेरे घर के अमूमन हर काम का बोझ मेरे ही सर पर था और वैसे देखा जाए तो ये काम करता भी कौन क्यूंकि पापा बिज़नस में लगे रहते थे और मम्मी अपनी समाजसेवा और कमिटी वाली सहेलियों के साथ में. देखा जाए तो एक
हेलो फ्रेंड्स, माय नेम इज शुभम एंड माय एज इज २१. मेरे लंड का साइज ७ इंच है. मैं पंजाब जालंधर का रहने वाला हु. ये मेरी रियल सेक्स स्टोरी है हिंदी में. सॉरी आपका वक्त ख़राब ना करते हुए, में सीधे स्टोरी पर आता हु. मेरी आंटी का नाम ऋतू
तो ये बात 27 जुलाई की है जब मुझे नॉएडा से अपने घर कानपूर जाना था और कुछ ज्यादा भीड़ ना होने से मुझे संगम एक्सप्रेस में रिजर्वेशन खली मिला, तो मैंने अपना रिजर्वेशन करवा लिया जो खुर्जा से कानपूर का मिला और मैं 7 बजे के करीब स्टेशन पहुँच
हेल्लो दोस्तों! मेरा नाम नवी है और मैं पंजाब से हूँ और इस कहानी में मेरी सच्ची घटना है की कैसे मेने अपने दोस्त की माँ को चोदा, मेरे दोस्त का नाम बिशु है और वो मेरे घर के पास ही रहता है और वो मेरे से उम्र में बहुत
लोग जो कहते हैं कि जवानी सब पर निखार लाती है, सच कहते हैं. तब मैं १८ साल का था. जिस्म में खून उबाल मारता था, बहुत खेल-कूद करता था, कसरत करता था, मन में जोश था और औरत के जिस्म को जानने की बहुत इच्छा थी. ऐसा नहीं था
भल्ला सर हमारे कंपनी के नए सी ए थे और उनके आने से अच्छी खासी टाइटनेस हो गई थी सिस्टम में, अब किसी भी फाइनेंसियल अप्रूवल पर उन्ही के साइन होते थे. मेरे एकाउंट्स हमेशा से गड़बड़ थे तो सबसे पहले मेरी ही खिंचाई हुई, भल्ला सर ने मेरी तो
दोस्तों मेरा नाम शिवम हैं और मैं बिहार का रहनेवाला हूँ.ये सेक्स कहानी मेरी और मेरी बड़ी आ की हैं. आप का समय ख़राब का करते हुए मैं अब सीधा इस चुदाई की कहानी पर ही आता हूँ. मेरी बड़ी माँ एक गदराई हुई जवान औरत हैं उनका फिगर एकदम
हेलो प्यारे दोस्तों आज आप लोगो के सामने सकससेक्स के माध्यम पर फिर से मैं अपनी एक सेक्स कहानी ले के आया हूँ. वैसे ये कहानी रियल नहीं हैं, सिर्फ मसाला दिमाग की उपज हैं जो आप लोगो के मनोरंजन के लिए ही लिखी हैं मैंने. तो दोस्तों चले आप
मुझे दिल्ली से पुणे जाना था और मैं स्टेशन में ट्रेन का इन्तेजार कर रहा था | मेरे सामने एक लड़की खड़ी थी और वो बार बार झुक रही थी और मुझे उसके चुचो के दर्शन हो रहे हे | जब वो उठती तो मुझे देखती और मुस्कुरा देती, मुझे
गर्मियो की छुट्टी में मैं अपने गॉव गया हुआ था | मैं दोपहर को शहर की तरफ गया हुआ था अपने मामा की बाइक लेके और आते वक्त रात के करीब आठ बज रहे थे | मेरे घर जाने के रस्ते में एक नहर पद्धति ही छोटी सी हे वो