पति के पेरालिसिस के सदमे के बाद मुझे उभरने में कुछ हफ्ते लग गए. पहले तो ऑफिस मेनेजर बाबु ही मेनेज कर लेते थे लेकिन फिर ससुर जी ने बहुत कहा तो मैंने सोचा की बात तो सही हैं उनकी, अब इतने बड़े कारोबार को नोकरो के भरोसे पर छोड़ देने में भलाई नहीं थी. ऐसा नहीं हैं की मेनेजेर बाबु कम भरोसे के हैं लेकिन फिर भी अपना बन्दा तो अपना होता हैं. मेरे देवर भी अपनी एम्एबए के लिए इंग्लेंड में थे और उनका पूरा एक साल बाकी रहा था. और इस पढाई के बाद उनकी तो पहले से ही इच्छा थी की वो इंग्लेंड का पासपोर्ट लेंगे इसलिए मैंने उन्हें भी वापस बुलाना उचित नहीं समझा. ससुर जी को तो मेरे…
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