हाय दोस्तों मेरा नाम राजविंदर है मेरी कहानी तब शुरू हुई जब में सिर्फ़ 18 साल का था में अपने मामा के घर छुट्टी बिताने गया था मामा की दुकान घर से तीन किलोमीटर दूर होगी एक दिन में दुकान पर बेठा हुआ था मामा जी बोले तू घर जा कर लंच ले आ और अपना खाना खाकर आना में घर के लिये चल पड़ा घर पहुँच कर मैने दरवाजा खोला मेन दरवाजा सिर्फ़ हम घर वालो को ही पता था की केसे खोलना है अंदर जा कर मैने देखा कोई भी नही है में उपर फ्लोर पर चला गया वहा भी कोई नही था फिर में टॉप फ्लोर पर जाने के लिये बड़ा तब कुछ सिसकियां सुनाई दी में दबे पैर जाने लगा…
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