नम्रता और उसका बेटा (Mom-Son)

 
loading...

Hindi Sex Stories Antarvasna Kamukta Sex Kahani Indian Sex Chudai नम्रता अपने बिस्तर पर बैचेनी से करवटें ले रही थी. उसे पिछले दो घण्टे से नींद नही आ रही थी. इस समय रात के दो बज रहे थे. उसका पति हमेशा की तरह खर्राटें ले रहा था. लेकिन उसे नींद न आने की कोई और ही वजह थी. अपने पति के खराटें के साथ सोने की तो उसे आदत पड़ चुकी थी. आखिरकार वो इन्हे पिछले 18 सालों से सुन रही थी. उसे तो थोड़ी देर पहले दूरदर्शन पर देखी एक फिल्म ने बैचेन कर रखा था. यह शुक्रवार रात को दिखायी जाने वाली व्यस्क फिल्म थी. फिल्म की तस्वीरें बार-बार उसके दिमाग में आ रहीं थी. उसकी जिन्द्गगी भी फिल्म की नायिका से बहुत मिलती थी. उसे फिल्म में सबकुछ तो नही समझ में आया क्योंकि फिल्म अंग्रेजी में थी और उसे अंग्रेजी के कुछ शब्द ही आते थे. फिर भी वो फिल्म का मतलब तो समझ ही गयी थी. फिल्म कि नयिका का पति भी उसके पति की तरह अपना पुरूषत्व खो चुका था. पहले वो औरत 5 सालों तक बिना सम्भोग के रहती है फिर टूट जाती है और विवाहेत्तर सम्बन्ध बना लेती है.

पिछले दो घंटे से वो अपनी जिन्दगी के बारे में सोच रही थी. उसके पति अशोक 6 साल पहले अपना पुरूषत्व खो चुका था. बिना सम्भोग के रहते हुये उसे अब 6 साल हो गये थे. इन 6 सालों से जैसे-तैसे वो सहन कर रही थी पर आज की रात यह सब असहनीय हो रहा था. उसे लगा कि क्या वो जिन्दगी में फिर से कभी सम्भोग नही कर पायेगी.

कभी- कभी वो विवाहेत्तर सम्बन्धों के बारे में सोचती थी. पर उसे डर लगता था कि अगर किसी को पता चल गया तो? वो ये सब खतरे मोल नही लेना चाहती थी. पर सच यही था कि आज उसे एक पुरूष की जरूरत थी क्योंकि उसका अपना पति नामर्द था.

वो दिखने में बुरी नही थी. वास्तव में इस समय बिस्तर पर वो काफी आकर्षक लग रही थी. वो साड़ी में थी. प्रायः बिस्तर पर जाने से पहले वो गाउन बदल लेती थी पर आज उसका मन ही नही किया. उसका एक सुन्दर चेहरा था जो कि उदासी कि वजह से थोड़ा दयनीय लग रहा था. उसकी त्वचा का रंग एक आम सांवली भारतीय औरत जैसा था. बाल लम्बे थे. थोड़ी मोटापा पूरे शरीर पर चढ़ गया था. इससे उसका आकर्षण और भी बढ़ गया था. उसकी स्तन बड़े और अभी भी सुडौल थे जबकी अब वो 40 साल की हो रही थी और दो लड़कों की मॉ थी. उसका बड़ा बेटा नीरज 20 साल का था और छोटा राजेश 18 का.

उसे थोड़ी प्यास लग रही थी. इसलिये वो उठी और रसोई की ओर चल दी. वो रसोई में घुसने ही वाली थी तभी उसने अचानक देखा कि नीरज के कमरे से धीमी रोशनी आ रही थी. वो चक्कर में पड़ गयी क्योंकि नीरज कभी भी कोई लाईट जला कर नही सोता था. इसलिये वो समझ गयी कि नीरज जग रहा था. पर उसे आश्चर्य हुआ कि इतनी देर रात तक नीरज क्यों जगा हुआ है? वो उसके कमरे की ओर चल पड़ी. दरवाजा थोड़ा सा खुला था. उसने दरवाजा खोल दिया.

जो कुछ भी उसने देखा , उसे देख कर वो हतप्रभ रह गयी. नीरज बिस्तर पर बैठा था. उसकी पैंट और अन्डी घुटने तक उतरे हुये थे. एक हाथ से वो एक किताब पकड़े हुये था. उसके दूसरे हाथ में उसका कड़ा लिंग था. नीरज भी पूरी तरह हतप्रभ रह गया. कुछ समय तक दोनो को ही समझ नही आया कि क्या करें? फिर नीरज ने अचानक बिस्तर पर पड़े कम्बल से अपने आप को ढक लिया. वो बहुत ज्यादा शर्म का अनुभव कर रहा था. उसने अपने आप को दरवाजा बन्द न करने के लिये कोसा.

नम्रता को भी शर्म आ गयी. वैसे इसमें उसकी कोई गलती नही थी. आखिर वो तो कुछ गलत करते हुये नहीं पकड़ी गयी है. पर वो शर्म का अहसास जा ही नहीं रहा था. उसे लगा कि क्या उसे नीरज को कुछ कहना चाहिये, पर क्या? इस पर उसे कुछ नही सूझा. वो अपने कमरे में वापस चली गयी.

जैसे ही वो अपने बिस्तर पर लेटी , उसे अचानक अहसास हुआ कि उसकी योनि में गीलापन आ गया है. उसके मन में अपराधबोध जाग गया और यह भी पता चल गया कि उसे शर्म क्यों आ रही थी. चूंकि उसके शरीर में अपने ही बेटे की नग्नता को लेकर उत्तेजना दौड़ गयी थी इसलिये दिमाग ने उसे शर्म का अहसास करा दिया था.
अचानक ही , पैंट उतारे हुये बेटे की छवि उसके दिमाग में आ गयी और उसे पूरे शरीर में गुदगुदाहट भरी सनसनी का अनुभव होने लगा. इस गन्दगी को दिमाग से निकालने के लिये वो कुछ और सोचने लगी पर वो छवियाँ घूम- घूम कर उसके दिमाग में आने लगी. गुदगुदाहट भरी सनसनी और तेज हो गयी तथा उसे अब ये मानना ही पड़ा कि यह सब सोचना उसे अच्छा लग रहा था. उसने अपनी उत्तेजना दबाने की कोशिश की तो वो और तेज हो गयी. थोड़े समय बाद उसने यह संघर्ष छोड़ दिया.

वो अपने मन में अपने की बेटे के सख्त अंग की तस्वीर याद करने लगी. उसने उसके आकार के बारे में सोचा. वो उसके आकार से दंग रह गयी. आखिरकार, नीरज 11वीं कक्षा में पढ़ने वाला एक बच्चा ही तो था. तो भी उसका आकार नम्रता को अपनी हथेली से बड़ा लग रहा था.

जब ये सब उधेड़बुन उसके दिमाग में चल रही थी, तभी अचानक उसके ख्याल आया कि अगर वो चाहे तो उसका बेटा उसकी आवश्यकतायें पूरी कर सकता है. जिस चीज की उसे इस समय सबसे ज्यादा जरूरत है, वह उसे अपने बेटे से मिल सकती है. इस खयाल ने उसे और भी जयादा उत्तेजित कर दिया. वह जानती थी कि यह पाप है पर इस समय उसे यह सब इतना अच्छा लग रहा था कि उसने पाप-पुण्य के बारे में सोचना छोड़ दिया. उसे लगा कि जब यह ख्याल ही उसे इतना अच्छा लग रहा है तो वास्तविकता में कैसा लगेगा. वो लगभग आधे घण्टे तक यहीं सब सोचती रही. फिर अचानक ही उसकी इच्छायें नियंत्रण से बाहर होने लगी. वो बिस्तर से उठी और बाहर चली गयी.

उसके मन के किसी कोने में यह ख्याल भी आ रहा था “नम्रता , तू पागल तो नही हो गयी! क्या करने जा रही है तू! वो तेरा अपना बेटा है!!”. लेकिन वो इतनी ज्यादा उत्तेजित थी और 6 साल की अतृप्त कामोत्तेजना इतनी तीव्र हो चुकी थी कि उसने आत्मा की आवाज को अनसुना कर दिया. नीरज के कमरे की तरफ बढ़ते समय उसके मन में कई आशंकायें थी. क्या नीरज को वो आकर्षक लगेगी? क्या वो इसके लिये तैयार होगा? क्या इस विचार से वो घृणा करेगा? लेकिन अब उसे इस सब की कोई चिंता नही थी. वो अपनी जरूरतों के चलतें पागल सी हो चुकी थी. नीरज ने अब तक दरवाजा अन्दर से बन्द कर लिया था. उसने धीरे से खटखटाया. 2-3 बार खटखटाने पर दरवाजा खुला. कमरे में अंधेरा था पर धीमी रोशनी में वो नीरज को देख सकती थी जो उसे इस समय आया देख उलझन में पड़ा हुआ था. वो कमरे में घुस गयी और बल्ब जलाकर पीछे से कमरा बन्द कर लिया.

नीरज को यह लगा कि वो जरूर उसे डॉटने आयी है और बताने आयी है कि वो उसकी इस हरकत से कितना शर्मिन्दा है. अपना मुंह झुकाकर वो इसकी प्रतीक्षा करने लगा. लेकिन उसे ये सुनकर अचम्भा हुआ कि “ नीरज मैं तुझे डॉटने नही आयी हूँ. मैं दरअसल यहाँ सोने आयी हूँ. तेरे पापा वहाँ इतनी आवाज कर रहे हैं कि मुझे नींद नही आ रही है”. यह कह कर नम्रता बिस्तर पर लेट गयी. “चल अब तू भी आ जा”. नीरज ने उसे थोड़ी उलझन से देखा पर कहना मानते हुये उसके पास जाकर बैठ गया. नम्रता कुछ समय तक चुप रही फिर उससे पूछा “ नीरज, तू वो रोज करता है?”. उसने शरमातें हुये अपनी गरदन हिला दी. “वो किताब कौन सी है, जिसको तू देख रहा था उस समय? मुझे दिखा जरा”.

नीरज ने उसे आश्चर्य से देखा कि वो किताब क्यों मांग रही है. पर जब उसने दुबारा किताब मांगी तो नीरज ने गद्दे के नीचे से निकाल कर दे दी. नम्रता ने रोशनी जलायी और किताब खोल दी. यह नग्न लड़कियों के लुभावनी मुद्राओं के दृश्यों से भरी हुयी थी. “नीरज इनमें से सबसे अच्छा फोटो कौन सा लगता है तुझे?”, जैसे ही नीरज ने यह सुना उसे उत्तेजना का अनुभव हो लगा. यद्यपि वो अभी भी बहुत उलझन में था. जो कुछ भी हो रहा था, उस पर यकीन करना कठिन था-उसकी माँ रात के 4 बजे उसके पास लेटी हुयी एक गन्दी किताब के पृष्ठ पलटते हुये उसकी सबसे मनपसन्द फोटो के बारे में पूछ रही हैं! उसे अपनी माँ के इरादों के बारे में कुछ भी पता नही था, लेकिन यह लगने लगा था कि कुछ दिलचस्प होने वाला है. नम्रता ने एक बार फिर उससे पूछा “ बता ना, सबसे अच्छा कौन सा लगता है तुझे?”.

नीरज ने शरमातें हुये किताब ली और अपनी मनपसन्द फोटो वाला पेज खोल दिया. नम्रता ने फोटोवाली लड़की को देखा. वो एक बड़ी छातियों वाली विलासी लड़की थी. नम्रता ने लड़की की छातियों की तरफ इशारा करते हुये नीरज से पूछा “ ये इतने बड़े-बड़े है, इसीलिये अच्छी लगती हैं ना तुझे?” नीरज अबतक बुरी तरह से उत्तेजित हो चुका था. उसने अपनी माँ के चेहरे की ओर देखा. जो उसकी ओर बड़ी ममता और स्नेह से देख रही थी. फिर वो मुस्करायी और बोली,”नीरज इतना शरमा मत. मेरे सवाल का जवाब दे ना”. नीरज ने सिर हिलाया. बड़ी छातियों की वजह से ही वो लड़की उसे इतनी पसन्द थी.

नम्रता अब तक पूरी तरह से उत्तेजित हो चुकी थी. उसने सोचा कि यही समय वो पता करने का है जो वो अपने बेटे से चाहती थी. उसने साड़ी का पल्लू एक तरफ गिरा कर अपनी छातियों को अपने हाथों में भर लिया और बोली, “देख, मेरे तो इस लड़की से भी ज्यादा बड़े है”. यह सुन कर नीरज उसके चेहरे को एकटक घूरता ही रह गया. उसका आवेश अब चेहरे पर साफ झलक रहा था, यह देखकर नम्रता का साहस और बढ़ गया. “रूक मैं तुझे ब्लाउज खोल कर दिखाती हूँ”.

यह कह कर उसने तेजी से अपना ब्लाउज खोल दिया. ब्रेजरी में कस कर बन्धी उसकी छातियाँ सामने आ गयी. अब वो नीरज का एक हाथ ब्रेजरी के हूक पर ले गयी और खोलने को कहा. कपकपांते हाथों से नीरज ने हूक खोल दिया. नम्रता ने जल्दी से ब्रा उतारी और फर्श पर फेंक दी.

नीरज उसकी सुन्दर छातियों को एकटक घूरने लगा. वो बड़ी और सुडौल थीं तथा बाकि के शरीर की तरह ही साँवली थीं. चूचिया (निप्पल) बड़ी थी और सख्त लग रही थी. नीरज पहली बार किसी औरत की छातियाँ देख रहा था और ये छातियाँ किसी और की नही बल्कि उसकी अपनी माँ की है, यह ख्याल उसे बुरी तरह उत्तेजित कर रहा था. इतना आवेश उसने पहले कभी अनुभव नही किया था. अभी तक नीरज ने अपनी माँ के अलावा किसी ओर नजर से नही देखा था पर पहली बार उसे लगा उसकी माँ भी एक कामोत्तेजक औरत है. वास्तव में उसके स्कूल के दोस्त अगर उसकी माँ को देखेंगे तो “माल” बोलेंगे.

नीरज अब नम्रता की छातियों को छूने के लिये बेताब हो रहा था और जब नम्रता ने उससे शरारती आवाज में कहा,”नीरज, इनको छूने का मन नही कर रहा क्या तेरा?”, उसने तुरंत अपने हाथ नम्रता की छातियों पर रख दिये. छातियों पर फेरते समय उसके हाथ उत्त्तेजना से काँपने से लगे. उसके दिमाग में कहीं न कहीं यह था कि जो कुछ हो रहा है वो गलत और पाप है पर अत्यधिक काम-वासना के कारण अपनी माँ की तरह वो भी आत्मा की आवाज की परवाह नही कर रहा था. फिर भी उसे यह सोचकर डर लगा कि कहीं उसके पापा उठ गये और उन्होने ने उन लोंगो को इस तरह देख लिया तो! इसीलिये उसने अपनी माम से कहा,”मम्मी, पापा या राजेश जाग गये तो!”. नम्रता जानती थी कि जो कुछ भी वो कह रहा था वो नामुमकिन नहीं था. लेकिन अशोक बहुत गहरी नीन्द में सोता था इसलिये उसके उसके जागने की सम्भवना बहुत कम थी. उसका छोटा बेटा राजेश भी गहरी नीन्द में सोने वालों में था. इससे भी ज्यादा इस समय उस के ऊपर वासना इस कदर सवार थी कि अब वो रूकना नही चाहती थी. बड़ी मुलायम और शान्त आवाज में वह बोली,”उसकी चिंता मत कर. तेरे पापा रात को एक बार सोते हैं, तो फिर सीधा सुबह को ही उठते हैं. और तेरा छोटा भाई भी वैसा ही है.”

अब दोनों ही संयम खोते जा रहे थे. और अब तक उन्हें पता चल गया था कि उन्हें एक दूसरे की जरूरत है. नमता भी उतावली होने लगी थी. जल्दी से उसने अपने बेटे की शर्ट खोल दी. फिर पैंट खोल कर घुट्ने तक उतार दी. लिंग के कसाव के कारण उसकी अण्डी एक तम्बू की तरह लग रही थी. व्यग्रतासे नम्रता ने उसे नीचे उतार दिया. वो एकटक अपने बेटे के पूरे कसाव को देखने लगी. प्यार से उसने लिंग को हाथ में लिया और कोमलता से उसे सहलानी लगी. वो नही चाहती थी कि नीरज का अभी से वीर्यपतन हो. उसे लगा कि अब पूरे कपड़े उतारने का समय आ गया है. वो बिस्तर के पास खड़ी हो गयी और अपनी साड़ी उतार दी. इसके बाद पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया, पेटीकोट घुटनों से होता हुआ फर्श पर गिर पड़ा. फिर उसने पहले से ही खुले हुये ब्लाउज को उतार कर फर्श पर फेंक दिया. जब पेंटी की बारी आयी तो उसने सोचा कि ये काम नीरज को करने देते हैं.”नीरज ये उतार”. नीरज उत्साहपूर्वक उसकी पेंटी उतारने लगा. माँ की रोयेंदार झाड़ियाँ सामने आने पर उसने किसी तरह अपनी उत्तेजना को दबाया. उन रोयेंदार झाड़ियों के बीच ही उसकी माँ की योनि थी. वो इतनी सुन्दर लग रही थी कि वो उसे छूने के लिये उतावला हो गया.

अपनी पेंटी उतारने के बाद नम्रता ने अपने बेटे को पूर्ण नग्न होने में मदद की. फिर वो बिस्तर पर लेट गयी और नीरज से फुसफुसा कर बोली,”चल मेरे उपर आ जा”. नीरज के ऊपर आने पर नम्रता ने उसे अपनी बाँहों मे कस लिया. दोनों ने एक क्षण के लिये एक दूसरे को देखा. अब नम्रता ने फुसफुसा कर कहा,” नीरज, एक पप्पी दे अपनी मम्मी को”. यह सुनते ही उसने अपने होंट नम्रता के होंटों पर रख दिये. मुंह खोलने पर जब उनकी जीभे मिली तो ऐसे आनन्द की अनुभूति हुयी, जो पहले कभी भी नही हुआ था.

इस चुम्बन के बाद नीरज की झिझक खत्म हो गयी. नम्रता को अब उसे कुछ भी समझाने की जरूरत नहीं थी. उसने नम्रता के शरीर के हर हिस्से को बड़े ध्यान से देखा. उसके पूरे चेहरे को चूमने के बाद वो नीचे की ओर गया और छातियाँ चूसने लगा. नीरज ने उसकी छातियों को पुचकारा, गुदगुदाया,चूसा और सहलाया. अब नम्रता के मुंह से कराहट निकलने लगी. तब अचानक वो बोली, “नीरज एक पप्पी दे”. नीरज उसके मुख को चूमने ही वाला था कि वो मुस्करायी और बोली, “बुद्धु कही का, इन होटों पर नही, नीचे वाले होटों पर पप्पी चाहिये मुझे”. नीरज थोड़ी देर के लिये शरमाया फिर वो नीचे मुड़ गया. अपना मुह उसकी योनि के पास ले जा कर वो थोड़ी देर के लिये रूक गया. वहाँ से कस्तूरी जैसी गन्ध आ रही थी और उसे यह गन्ध बड़ी मादक लगी. उसने एक गहरी सांस नें इसे भर लिया और अपने होंट अपनी माँ की योनि के होंटों पर रख दिये. उसने कुछ समय पहले एक फोटो देखी थी जिसमें एक आदमी एक औरत की योनि चाट रहा था, उस समय उसे यह सब बड़ा घृणित लगा था. पर इस समय बड़ा प्राकृतिक और सुन्दर लग रहा था. नीरज ने जब योनि को फैलाया और योनि पर गुदगुदाया तो नम्रता तेजी से कराहने लगी. जल्दी ही उत्तेजना अनियंत्रित होने लगी, अब नम्रता अपने बेटे को अपने अन्दर चाहती थी. वो कराहते हुये बोली, “ नीरज अब अपनी मम्मी के अन्दर आ जा”. नीरज ने एक बार उसकी योनि को चूमा, फिर अपना चेहरा उसके चेहरे के पास ले आया. उन्होनें कुछ समय तक एक दूसरे को देखा, फिर नीरज ने अन्दर डालना शुरू किया. अपने अनुभवहीनता के कारण नीरज लड़खड़ाया तो नम्रता ने उसे अपने अन्दर घुसाने में मदद की. लेकिन नीरज ने तुरंत ही बाहर निकाल लिया. नम्रता ने पूछा,”क्या हुआ?”

नीरज ने उत्तर दिया,“ मम्मी कंडोम तो है नहीं. आप प्रेगनेंट हो गयीं तो!”. नम्रता ने अनुभव किया कि वो सच कह रहा था. वो प्रेगनेंट हो सकती थी. लेकिन काम-वासना के कारण उसे इसकी कोई परवाह नहीं थी. वो उतावली होकर मुलायम आवाज में बोली, “ मुझे परवाह नहीं उसकी. अभी बस मुझे तेरा प्यार चाहिये. चल फिर से अन्दर आ, जल्दी से. अगर प्रेगनेंट होती हूँ, तो होने दो”.

इसलिये नीरज ने एकबार फिर से उसकी योनि में अपना लिंग घुसा दिया. वो थोड़ा रूका फिर उसके अन्दर जाने लगा. इस समय नम्रता एक हाथ से उसकी पीठ सहला रही थी और दूसरा हाथ को उसके बालों में फिरा रही थी. यह सब बहुत समय तक नहीं चला. 2-3 मिनट के बाद ही नीरज उसके अन्दर फूट पड़ा. नम्रता को एक क्षण के लिये गुस्सा आया क्योंकि अभी वो संतुष्टि के आस-पास भी नहीं थी. लेकिन उसे जल्दी ही याद आ गया कि यह उसके बेटे का पहला मौका है. उसने उसके दुबारा कड़ा होने का इंतजार किया और इस बार जब उसने अन्दर किया, वो बोली, “नीरज इस बार आराम से करना. जल्दबाजी मत करना. ठीक है?. नीरज ने गरदन हिलायी. इस बार सब कुछ अच्छा गया. नम्रता को ऐसे चरम सुख का अनुभव हुआ जिसने उसके शरीर को कंपा कर रख दिया. नीरज का भी वीर्य-पतन हो गया.

उन्होनें 3 बार और संसर्ग़ किया और जब वो इससे निपटें किया तो 5.30 बज चुके थे. वो दोनों अब थका हुआ महसूस कर रहे थे. इससे भी ज्यादा, उन्हें इस बात का डर था कि अशोक या राजेश किसी भी समय उठ सकतें हैं. इसीलिये बेटे को अंतिम बार चूमने के बाद नम्रता ने अपने कपड़े उठाये और अपने कमरे में चली गयी.
उस दिन जब दोपहर में वो लोग अकेले थे हो फिर से संसर्ग़ किया. संसर्ग़ समाप्त के बाद नम्रता को एक अच्छा विचार आया. उस रात खाने के समय उसने अपने पति से खर्राटें के बारे में शिकायत की और कहा कि उसके लिये खर्राटें अब असहनीय हो गये हैं. इसीलिये अब वो दूसरे कमरे में सोयेगी. अशोक यह बात मान गया.
उस दिन के बाद से नम्रता दूसरे कमरे में सोने लगी. यह कमरा नीरज के कमरे के पास था और इसमें दोनों कमरो को जोड़ने वाला एक दरवाजा भी था. इसीलिये हर रात नम्रता चुपके से नीरज के कमरे में आ जायेगी या वो उसके कमरे में आ जायेगा और वो बिना डरे संसर्ग कर पायेंगे.



loading...

और कहानिया

loading...



चुदाई काहानियाँWWW.RANI.CON.KAMUKTA.SAMUHIK.CUDAI.HINDIfufa ne chodamousi ki padosen ne mujhse apni chute chudwaihot peshab pics aur kahaniMY BHABHI .COM hidi sexkhanexxx.com kutee ne chut ka pani chata stori padne k liyguru ne todi meri seal antarvasna.comBikhri chut xx hd video Bhaji ka gand marwny ka darप्यारी शरम गुटके गोरी सेsex kutta our ladke kahanesex urmila ka burcudaiभाभी जी चोदकहनीxxx muvi chut me daka marne pe zor pdnaantarwasna.in darji v bhabhiwwe.camukta.comsaxy storima ke chut mare storyhindi ma saxe khaneyaxxxdeshe hinde saix storihindeexxxx schoole girl hindi kahni 2019 comपढने वाला sexchut storymastram bap bite ke cudaeChachi ki chodai kahani .comhinde sex sitoriXxx first time mausi ki gand marne ki sex storykamukta maamaami ne bhanje ko sex me expart banaya sex hindi kathaxxxx v indeain माँ बेट जबरजस्तीXxxबहन ने लड लियाSujata ke bur pelapolice uncle na mummy ko chuda storieswww.antarvasna in Hindi sex story. risto me doctorसेकसी रिकु भाभी पेंटी फोटोhindisexstorig.commaa uncle ki settings anty sexstorymoti.gaand.wali.mossi.ki.chudai.ki.khaniy.hindi.mainसच्ची कहानीbahanchod ki Hindi story full saxy nughe anuty imjmari ki chudai mara bhateja na ki hindi ma napali khahanbahe nesex kiya chudai ma kixx कहानियों hotory xxx कहानी sexstory ऑडियोचुदाईbahu samuhik chhinar rajidede.bf.hot.kahani.sax estory mom ki jubsni potosex xxx storiwww/mastramsexstore/comचुदाई गर्मी की रात मेंstory hindi me pornMayrate xxxपतली पैंटी पहन नहा बूढी माँnoker ne bra di hendi saxye khaneyaजंगल कि sexy कहाणीयाँकहानी काजल को खुब पेला बुर मे कहानीxxx.choda.doti.huwe.koSex stori didi ke devr se chodvae kaisehindi sex stories mami ku subha subha chodakahanikamsexxxx land kahani maa sex comसेकसी नोकर की विडीवोchodnakisekahtehaibhai ne choda khaniMAMA KE LADKE KKE HINDE XXX KAHANEघोड़े ने मार ली गाँडhamari khaanixxxभोषडा लनड विडियो कहांनियाhot saxi kesa kheneyahidisexykahaniya.comlady ne di repis boy ko panis hindi sexy khaniShy लडका व लडकी sex story archivedesi chudae xnxx vidoes aadioe bate karte huyeसेक्सी story bhikharin seचूदीgadmora ki girl xx hnidixnx anthrvasana sex kahane harybhabi hindisexstoryPapa ke same mera chuchi layak gaiBehan ko Muslim se chudate dekhaxxxx poto aisaha golakataash in sexy kahaniyaमेरी भाभी की बुर बहुत छोटी है sex.xxx.hindei.chudie.khinei.video.comलंबे लोड़े से सील तुड़वाई कहानीbur kaise chodajata haixxx video.Koota or larki saxi kahaniBhabhi aur behan ko ek sath choda