देसी सेक्स प्यार का बंधन
मेरा नाम रमेश है और आज मै, आपको अपनी गर्लफ्रेंड के और अपने पहले देसी सेक्स के बारे मे बताऊंगा | हम दोनों के बीच पहले देसी सेक्स ने हम दोनों और भी नज़दीक ला दिया | हम दोनों बचपन से ही साथ थे, वो मेरे अंकल की लड़की थी | हम दोनों बहुत अच्छे दोस्त थे, लेकिन लाभी नहीं सोचा था; कि हम दोनों भी कभी बिस्तर पर एकसाथ होंगे | स्कूल के बाद, कॉलेज और उसके बाद मेरे पापा का बिजनेस; हम दोनों साथ-साथ ही रहे | हम दोनों की नजदीकिया देखकर, हमारे घर वालो ने शायद हम दोनों की शादी तय कर दी थी, लेकिन हम जवान होने तक कुछ भी नहीं मालूम था | उसका नाम सिम्मी था; सिम्मी के पापा मेरे पापा के पार्टनर थे और उनकी मौत हो चुकी थी और अब पापा ही उनकि देखभाल करते थे |
उस दिन काफी बरसात हो रही थी और पापा को एक मीटिंग के लिए बाहर जाना था | उन्होंने सिम्मी को साथ लिया और चले गये; मै ऑफिस मे ही था | शाम का वक़्त था और मै ऑफिस मे पापा और सिम्मी का इंतज़ार कर रहा था | तभी सिम्मी अकेले ही ऑफिस आई और मेरे पास आकर खड़ी हो गयी और मुझे प्यार भरी नजरो से देखने लगी | मुझे कुछ समझ नहीं आया, मै उसको कुछ बोल पता उससे पहले ही मेरे पापा, मम्मी, सिम्मी की मम्मी आये और कुछ दुसरे मेहमान भे थे | सब खड़े थे और तालिया बजा रहे थे; मुझे अभी तक कुछ समझ नहीं आया | तभी हम दोनों की मम्मिया मेरे पास आई और मुझे पूछा, कि सिम्मी पसंद है, मैने कहा हाँ; दूसरा सवाल – किसी और लड़की को जानते हो; मैने कहा – नहीं |
फिर, दोनों मुस्कुराने लगे और बोले, ये दोनों एक दुसरे को पसंद करते है, लेकिन कोई कुछ नहीं बोलता | अब मुझे सब समझ आने लगा था; सिम्मी और मैने एक दुसरे की तरफ देखा और आँखों ही आँखों मे हाँ कहा | हम दोनों ने एक दुसरे को रिंग पहनाई | सब लोग हम दोनों को ऑफिस मे ही छोड़कर चले गये | हम दोनों ऑफिस मे ही रह गये, सिम्मी मेरे लिए काफी बना लायी और हम दोनों एक दुसरे की नजरो मे देखने लगे | पता नहीं, मुझे क्या हुआ कि मेरे होठ सिम्मी के होठ पर चले गये और हम दोनों की सांसे गरम होने लगी थी और हम दोनों शायद अपने पहले सेक्स के लिए तैयार थे |
मैने सेक्स के बारे में सिर्फ सुना था; कभी कुछ किया नहीं था; हाँ एक-दो ब्लूफिल्म देखी थी; तो अपने पर काफी भरोसा था | सिम्मी मेरे बहुत ही नज़दीक आ चुकी थी और उसने अपने आप को हमारे पहले सेक्स के लिए तैयार कर लिया था | उसकी उंगलिया मेरे बालो में थी और हम दोनों के होठ एक दुसरे से जुड़े हुए थे | मेरा लंड तन चूका था और बाहर आने को बेताब था | मैने जल्दी से अपने कपडे उतारे और फिर सिम्मी के | हम दोनों नंगे हो चुके थे और हम दोनों की सांसे जोर-जोर से चल रही थी | मैने सिम्मी को जमीन पर लिटाया और अपने लंड को सिम्मी की छुट पर रगड़ने लगा | अचानक से, सिम्मी ने मेरा लंड अपने हाथ से पकड़ लिया और बोली; अभी नहीं | अभी मै हम दोनों एक पहले सेक्स के लिए तैयार नहीं हूँ | उस दिन, हम दोनों वही से वापस आगये और हम दोनों प्यार मे डूब गये | हमारा पहला देसी सेक्स भले ही चुदाई मे तब्दील न हुआ हो; लेकिन हम दोनों को प्यार के बंधन मे बांध दिया |