ऑफिसर बन के बड़े बड़े लौड़े लेती हु

 
loading...

हेलो फ्रेंड्स, मैं राधिका रघुवंशी आप सभी का मस्ताराम डॉट नेट में बहुत बहुत स्वागत करती हूँ. मैं बहुत कामुक लड़की हूँ. मेरे कॉलेज में कई बॉयफ़्रेड थे जिसने मैं चुदवाती रहती थी. पर फिर घर में पैसे की बहुत प्रॉब्लम थी, इसलिए मुझे पढाई करनी पड़ी. मैंने सिविल की तैयारी की और पी सी एस करके आज मैं उत्तर प्रदेश के एक विभाग में बड़ी अफसर बन चुकी हूँ. पढाई के दौरान मुझे १८ १८ घंटे पढना पड़ता था. तभी मैंने सोचा था जिस दिन मैं कोई बड़ी अफसर बन गयी उसी दिन मैं तरह तरह के लंड से चुदवाउंगी.

मेरे अफसर बनते ही सारा दुनिया मेरे आगे पीछे घुमने लगी. जब भी मेरे पास कोई हैंडसम मर्द आता मेरी चूत रसीली हो जाती. खूबसूरत नौजवान मर्दों को देखकर मैं फिसल जाती. मेरे रुतबे और अफसरी के कारण मेरे पास एक से एक खूबसूरत मर्द आते और हाथ जोड़ कर खड़े हो जाते. किसी का कोई काम मुझसे फंसा होता तो किसी का कोई काम मुझसे फसा. वो लोग मुझे मोटी रिश्वत ओफर करते. पर मैं भी बड़ी होशियार थी. जब कोई मर्द मुझे पसंद आ जाता तो मैं उससे पैसे नही लेती “आप शाम को मेरे बंगले पर आकर मिलिए” मैं कहती और आँख मारती. वो मर्द समझ जाते की कई उनसे चुदवाना चाहती हूँ. शाम को मैंने उनका खूबसूरत लौड़ा खाने के लिए बुलाया है. जब शाम को वो काम के बारे लोग मेरे पास आते तो मैं उनको बंगले में ले जाकर खूब चुदवाती. फिर उनके कागजों पर दस्तखत कर देती. वो भी खुश हो जाते और मैं भी खुश हो जाती.

सरकार में बड़ा अफसर बनने के बाद मेरी हवस दिन पर दिन बढ़ने लगी. मेरे घर वालों ने मेरी शादी की बात चलाई तो मैंने माँ से साफ साफ़ कह दिया

“तुम भी माँ क्या शादी शादी लगाती हो?? जबसे मैं अफसर बनी हूँ रोज नया नया लंड खाती हूँ. एक से एक हैडसम मर्द मुझे एक बार चोदने के लिए मेरे आगे पीछे घूमते है. फिर मैं क्यूँ शादी के जंजाल में पडू. शादी करने के बाद तो मुझे वही एक लौड़ा रोज रोज खाना पड़ेगा. मैं शादी से बहुत जल्दी बोर हो जाऊँगी. ना ! बाबा ना!! शादी वादी मेरे काम की चीज नही” मैंने माँ से कह दिया. ये सुनकर माँ की बोलती ही बंद हो गयी. मेरे सरकारी ऑफिस में मैंने ये नियम बना दिया की बहनचोद हर जवान सरकारी नौकर मेरे सरकारी बंगले पर एक एक दिन करके आएगा और मेरी चूत की अग्नि को शांत करेगा. मेरे किसी नौकर में इतनी हिम्मत नही थी की मेरा कहा टाल दे. क्यूंकि एक लडकी होकर भी मैं बड़े बड़े नेता, विधायक को माँ बहन की गाली बक देती थी.

इसलिए पुरे सरकारी महकमे में मेरी तूती बोलती थी. मेरा कहा पत्थर की लकीर माना जाता था. मुझे जो मर्द पसंद आ जाता था मैं उसको उठवा लेती थी और उसके लंड का शिकार करती थी. धीरे धीरे मेरी ऐसी आदत बिगड़ गयी की एक लौड़े पर मैं टिकती ही नही थी. और हर दुसरे, तीसरे दिन मर्द बदल देती थी. मेरे दफ्तर में ५ बाबू थे. उसने में रिषभ ठाकुर नाम का एक जवान बाबू था. वो काफी हैंडसम था. मेरी टेबल पर अभी कोई २०० फाइल पड़ी थी. सबको पढकर साइन बनाना था और प्रतिक्रिया देनी थी. जैसे अब उस काम का आगे क्या किया जाए. मैं १०० फाइल १ बजे तक निपटा दी. फिर मेरे सर में बहुत जोर का दर्द होने लगा. मैंने मन में सोचा की इस नये लड़के ठाकुर का अगर लंड खाने को मिल जाए तो क्या कहने. मेरा सारा दर्द भी दूर हो जाएगा. और फुर्ती और ताजगी भी आ जाएगी. मैं अपनी सरकारी टेबल पर रखी घंटी टन्न से बजा दी. चपरासी आया.

‘ बोलिए मैडम??’ चपरासी ने पूछा

‘ठाकुर जी वो बुलाओ इसी वक़्त!!’ मैंने कहा.

वो नया बाबू रिषभ ठाकुर मेरे पास भगा भगा आया. वो बहुत ही हैंडसम मर्द था.

“आओ आओ ठाकुर!! दरवाजा बंद कर लो” मैंने कहा. दुबे ने मेरे ऑफिस के दरवाजा अंदर से बंद कर लिया

‘ठाकुर!! आज तुमको मेरा एक बहुत ही जरुरी प्राइवेट काम करना है. मेरे सर में बहुत दर्द हो रहा है. इसलिए तुम मेरे सिर की मालिश कर दो. मेरे कंधे भी अच्छे से दबा देना जिससे मेरा सर दर्द दूर हो जाए” मैंने कहा. बेचारा विरेन्द्र ठाकुर तुरंत काम पर लग गया. वो अपनी सारी फाईले मेज पर रखकर मेरे सर की मालिश करने लगा. ठाकुर जान नही पाया की मैं उससे ऑफिस में ही चुदवाना चाहती हूँ. वो मेरे सर में मालिश करने लगा. धीरे धीरे मैंने उसके हाथ पकड़कर अपने ३८ इंच के बड़े बड़े दूध पर रख दिए. “दुबे जी !! आज मैं आपको चोदने के लिए यहाँ बुलाया है. मैं आपकी अफसर हूँ. इसलिए आपको मेरा कहा मानना ही पड़ेगा. आपकी सेवाओं के बदले आज जो भी काम मेरे पास लाएगे मैं उसपर बिना किसी बहाने के साइन कर दूंगी” मैंने कहा. ये सुनते ही ठाकुर तुरंत खुस हो गया.

“ठीक है मैडम !! मैं आपको कायदे से अपना लौड़ा खिलाऊंगा. जिससे आप भी पूरी तरह से खुश और संतुस्ट हो जाए और बार बार मुझे सेवा का अवसर दे. और बार बार आप सिर्फ मुझसे ही चुदवाये” ठाकुर बोला. फिर मेरे सिर की मालिश करते करते वो खुद मेरे बड़े बड़े कबूतर छूने लगा. फिर जोर जोर से दबाने लगा. कुछ देर बाद ठाकुर ने मेरा ब्लाउस मेरी ऑफिस में ही खोल दिया. मेरे कबूतर वैसे भी मेरे ब्लाउस से निकलकर बाहर की सैर करना चाहते थे. दुबे ने मेरी साड़ी भी खोल दी. मेरी ब्रा के उपर से बड़ी देर तक ठाकुर मेरे दूध दबाता रहा. “मैडम !! मजा आ रहा है की नही??’ उसने पूछा

‘हाँ ! ठाकुर ! मुझे खूब मजा आ रहा है. अपने हाथ प्लीस रोको मत. मेरे ३८” के मम्मो को लगातार बिना रुके दबाते रहे. तभ ही मुझे मिलेगा. मेरा सरकारी नौकर मेरे आदेश का पूरा पूरा पालन कर रहा था. वो बिना रुके मेरे दूध दबा रहा था. धीरे धीरे उसने मेरी ब्रा भी निकाल दी. दोस्तों, अब तो मैं बहुत जादा चुदासी हो गयी थी. ठाकुर जोर जोर से मेरी बला की मुलायम मुलायम छातियाँ हाथ से दबा रहा था. “ठाकुर !! मेरी जान ! मेरे आदेश का इंतजार क्यों कर रहे हो?? मेरे बड़े बड़े चिल्ला चिल्लाकर कह रहे है की इनको प्लीस पियो!!…जल्दी से पियो ठाकुर मेरी जान!!” मैंने कहा.

ये बात सुनते ही मेरा सरकारी बाबू मुँह लगाकर मेरे दूध पीने लगा. सच में दोस्तों, कितने सालों बाद मुझे कोई ऐसा नौकर मिला था जो मेरी चूत चोदकर मेरी कामपिपासा शांत कर सकता था. वीरेन्द्र ठाकुर अभी कोई २५ साल का लौंडा था, इसलिए मैं अच्छे से जानती थी की इसके लौड़े में बड़ा दम होगा. दोस्तों आप ये कहानी मस्ताराम डॉट नेट पे पढ़ रहे है ।

मैंने निचे देखा. ठाकुर मेरे दूध को हाथ से मसल रहा था और अपने मुँह में मेरे बूब्स लगाकर पी रहा था. आये दिन नया नया लंड खाने के कारण मेरे दूध काफी जरुरत से जादा बड़े हो गये थे. जिस भी मर्द का मैं शिकार करती थी सबकी चोदने की अलग अलग स्टाइल थी. इसलिए मेरी चूत बिलकुल फट चुकी थी और मम्मे बहुत बड़े बड़े हो गये थे. मेरे दूध अब ३८ नंबर ब्लाउस में भी नही आते थे. अब धीरे धीरे ४० नंबर लगने लगा था. कहना गलत ना होगा की मैं एक नंबर की आवारा छिनाल बन चुकी थी जो किसी भी जवान मर्द को देखकर फिसल जाती थी.

मेरा नया बाबू मेरे विशाल दूध को हाथों से जोर जोर से दबा रहा था और मुँह में भरके मेरी एक एक निपल पी रहा था. जाने कितने मर्दों ने मुझे चोदा था और काण्ड करते समय मेरी कड़क निपल्स पर दांत से काट भी लिया था. इसलिए मेरी निपल्स पर कई दांत के निशान बन गये थे. ठाकुर मेरी निपल्स को देखकर तुरंत समझ गया की मैं कितनी बड़ी आवारा हूँ. वो मेरी निपल्स को बाकी मर्दों की तरह काट काटकर पीने लगा. मैं बहुत जादा गर्म हो गयी थी. अब मुझसे इंतजार ना होता था. मैं चुदवाना चाहती थी. इसलिए मैंने अपना पेटीकोट का नारा खोल दिया. साड़ी और पेटीकोट को मैंने अपनी सरकारी मेज पर फाइलों के उपर रख दिया. क्यूंकि चुदवाकर अभी मजे करने के बाद मुझे यही कपड़े फिरसे पहनने थे. मैं सारा दिन नंगे नंगे तो अपने ऑफिस में नही टहल सकती थी. मेरा सरकारी बाबू बहुत चुदासा हो गया.

“ मैडम !! आपकी चूत पर हाथ रखू?? आप सस्पेड तो नही करेंगी??’ ठाकुर डरते डरते बोला

“कमाल करते हो ठाकुर जी !! आपसे चुदवाने के लिए तो मैं आपको यहाँ बुलाया है. बेहिचक, बेशर्म होकर मुझे किसी रंडी की तरह चोदिये.  हाँ अगर अच्छे से आपने मुझे नही ठोका तो जरुर मैं आपका एक दिन का वेतन काट लुंगी और आपको सस्पेंड भी कर सकती हूँ” मैंने कहा. वीरेन्द्र ठाकुर सहम गया और मेरी चूत पर पेंटी के उपर से हाथ फेरने लगा. मेरी पेंटी बहुत चुस्त थी. क्यूंकि मैं अक्सर टाईट पेंटी ही पहनती थी. इससे काफी अच्छा रहता था. कभी कभी मैं अपनी सरकारी कुर्सी पर बैठे बैठे ही मुठ मार लिया करती थी. चूत में ऊँगली कर लिया करती थी. टाइट पेंटी पहनने से ये फायदा होता है की चूत में ऊँगली करते समय जो पानी और माल निकलता है वो साड़ी में नही लगता और सिर्फ पेंटी में ही लगता है. इसलिए दोस्तों मैं हमेशा बड़ी टाइट पेंटी पहनती हूँ. जैसे ही मेरे बाबू ने मेरी दोनों मस्त मस्त कसे पुट्ठों के बीच में अपना हाथ डाला और मेरी चूत तक ले गया मैं बिलकुल पिघल गयी.

आज एक बार फिर से एक पराया मर्द मेरे गुप्तांगो को छू रहा था, बड़े प्यार और लाड़ से हाथ लगा लगाकर सहला रहा था. फिर ठाकुर भी कीसी चुदासे आदमी की तरह मेरी पेंटी के उपर से मेरी टाइट बुर सहलाने लगा. मुझे गुदगुदी होने लगी. मेरी चूत में खलबली मच गयी. मेरी चूत में सनसनी उठने लगी. मेरा बाबू ठाकुर अब और जादा जोश में आ गया और जोर जोर से मेरी बुर पर ऊँगली घिसने लगा. मैं अपनी सरकारी कुर्सी पर बैठ के ये सारे काण्ड करवा रही थी. जैसे जैसे ठाकुर मेरी चूत घिस रहा था मेरी गांड और कमर उपर उठती जा रही थी. मुझे अजीब का सुख मिल रहा था. ये यौन सुख बड़ा कमाल का था. फिर ठाकुर ने मेरी पेंटी में हाथ डाल दिया और मेरी गोल गोल भरी भरी कामुक जांघो ने निचे की ओर खींचने लगा.

मुझ जैसी छिनाल ठाकुर जैसे मर्द पर पूरी तरह से मर मिटी थी. मैं मन ही मन सोच लिया था की ठाकुर बहनचोद का लंड तो मुझे हर हालत में खाना है. अगर ये गांडू मुझे कसके चोद ना पाया तो मैं इसे ६ महीने के लिए स्स्पेंट कर दूंगी. मैंने ऐसा सोच लिया था. पर ठाकुर अपनी जगह बढ़िया काम कर रहा था. उनसे मेरी नई मेरे चूत के रस से भीगी पेंटी मेरे घुटनों से नीचे खींचकर निकाल दी. “खोल मादरचोद!! आज तुझे इतना चोद दूँ की तू दुबारा किसी और मर्द का लौड़ा ना मांगे और सिर्फ मुझको ही अपने कमरे में बार बार बुलाकर चुदवाये!” दुबे उतेज्जना में बोला. मुझे उसकी गाली पसंद आयी. कितने दिनों से मैं सोच रही थी काश कोई मर्द मुझे गालियाँ दे देकर चोदे. पर सब के सब मुझसे और मेरी कलम से डरते थे. पर आज ठाकुर जैसे मर्द की मर्दानगी देखकर मुझे बहुत अच्छा लगा.आखिर कोई तो है तो मुझे गालियाँ दे देकर चोद सकता है.

दुबे ने मुझे मेरी सरकारी कुर्सी पर ही बिठाये रखा. और मेरे दोनों पैर उसने किसी घोड़ी की तरह खोल दिए. मेरी चूत में ऊँगली करते हुए वो मेरी चूत पीने लगा. मेरी फटी चूत अपना माल छोड़ने लगी. जैसे जैसे ठाकुर जोर जोर से मेरी बुर फेटने लगा मेरी चूत रसीली और रसीली होती चली गयी. दुबे अपनी ऊँगली के किनारे से ही मेरी चूत पी रहा था. वो मेरे चूत के दाने को दांत से पकड़कर खीच रहा था. फिर उसने अपने सारे कपड़े निकाल दिए और नंगा होकर कीसी कुत्ते की तरह खड़े होकर कुर्सी पर ही चोदने लगा. मैं अपनी सरकरी कुर्सी पर दोनों टांग फैलकर फटी चूत लेकर विराजमान थी. मेरे नये बाबू ठाकुर ने मेरी कुर्सी के दोनों हत्थे कसके पकड़ रखे थे.

उसका मोटा लौड़ा मेरी बुर में किसी खूंटे की तरह गड़ा हुआ था और वो खड़े होकर जरा झुककर मुझे चोद रहा था. दोस्तों, अगर इस वक़्त आप मुझे चुदते देख लेटे तो यकीन से कह सकती हूँ की आप लोगो के लौड़े भी खड़े हो जाते और आप मुझे बिना चोदे नही जाने देते. “ले रंडी!! आज जीभर के एक असली मर्द का लौड़ा खा ले. आज के बाद तू हमेशा के लिए संतुस्ट हो जाएगी और किसी दुसरे मर्द के पास नही जाएगी छिनाल!!” दुबे बोला. वो मुझे जोर जोर से पेलने लगा और चिल्ला चिल्लाकर मुझे गालियां बकने लगा.

ठाकुर का लौड़ा बड़ा शक्तिशाली था और किसी मिसाइल की तरह मेरी चूत मार रहा था. जितना मैं समझ रही थी ठाकुर उससे १० गुना मर्द निकल गया. मैं उसकी ठुकाई से पूरी तरह से संतुस्ट थी. वो मुझे इतना जोर जोर से चोद रहा था की लग रहा था की मेरी कुर्सी और मैं हवा में उड़ जाऊँगी. सच में ठाकुर के लौड़े में बहुत ताकत और दम थी. दोस्तों आप ये कहानी मस्ताराम डॉट नेट पे पढ़ रहे है ।

भगवान उसकी मर्दानगी सलामत रखे. ठाकुर मुझे बहुत अच्छी से चोद रहा था. मेरे मुँह से चुदवाते चुदवाते फेना निकलने लगा. मेरी चूत पूरी तरह से फट चुकी थी. दुबे एक असली मर्द साबित हुआ. फिर वो मेरी बुर में ही झड गया. ऑफिस में अगर कोई बेड होता तो मैं किसी बीबी की इश्क इश्क लड़ाती. और मजे से चुदवाती. मेरे कमरे में सिर्फ २ कुर्सी ही पड़ी थी. मुझे चोदने के बाद ठाकुर दूसरी कुर्सी पर बैठ गया और हफ्ने लगा. उसने मेरी कुर्सी तोड़ चुदाई चुदाई की थी.

“ठाकुर !! मेरी जान ! तूने मुझे खुश कर दिया. अब मैं तुझसे ही चुदवाया करुँगी और किसी मर्द को अपने कमरे में नही बुलाऊंगी !’ मैंने कहा. कुछ देर बाद ठाकुर का लौड़ा फिरसे खड़ा हो गया था.

“मैडम जी , कुर्सी पर ही दोनों पैर रखकर घोड़ी बन जाओ !! पीछे से आपकी गांड लूँगा. आपको मजा गारंटी के साथ आएगा!’ ठाकुर बोला. मैं तुरंत अपने सरकारी कमरे में सरकारी कुर्सी पर घोड़ी बन गयी. दुबे मेरी कसी कुवारी गुलाबी गांड पर हाथ लगाने लगा. मैं कमर उठाने लगी. फिर ठाकुर ने ऊँगली में थूक लेकर मेरी गांड में डाल दिया और गहरी ऊँगली करने लगी. फिर उसने अपना मोटा लंड मेरी गांड में डाल दिया और आधें घंटे से अधिक समय तक मजे से मुझे गालियाँ दे देकर मेरी गांड लेता था. कुछ देर बाद वो झड गया. आपको ये कहानी कैसी लगी, अपनी कमेंट्स मस्ताराम डॉट नेट डॉट कॉम पर जरुर दें. सभी पाठकों को धन्यवाद!!!



loading...

और कहानिया

loading...
One Comment
  1. May 12, 2017 |


xxxindian sexy storiesसबसे खतरनाक चूत चुदाई की कहानियाmere sale ki aurat kahani xxxwww buachodan comदेसी माँ की कच्छी में चूदाई कहानीhindi sexy kahaniyasexy xxx kahani rajkamuktaseal todi kitchen meantarvasan hindi storyhinde sexi maa sarab kahaniकथाxxxykutte ke sath chudai hindi storyKUARI CUT CUDEI AUDIO KAHANI KAMUKTA COM HINDItanga wala na choda sexy story Xxx video fuferi ke beti ke sat sexwww aunty ne muth marikahaniMera or mummy ka pahela lesbian sex in trainKm umar me kr di jaberdasti shaddi or ppti ne chudai ki bedardi se rt bhar sex,khaniगाड़ मे लौड़ाapni baali umar bhanji ko chodaनीनद मे सोई लाडकी को चोदाantravasnakahanidog and girl ki bur chudai ki story padhni haiबुडे आदमी और जवान लडकी कि चुताई वाली कहानियाxxx mmm vhrgaeymaa ko bibi banake choda xxx katadewor bhabixxxmuvieचुदते चुदते रोना बिडीओaahh jaan dhire xxx desidesichachisexstoryaksara anti patli gand ki xxxजानी मानी बूरबिडियो समाचार हिदी कहानी देबर भाभी चूदाईaunti aur unki saheli ko sath mein choda uh ah nhiiHindi sex kahani sadike rasham bahannauker se chudwaya readhindi chavat katha aunty special sex story mom didi aur dad aur maiwww.com.sexs hinde video bhabhi is deryase sexystoryhindi. vidwa bhan se sex kiyaMaa ro gayi pehle bar chatta hindi sex storyगांव में जन्नत का मजा (राज शर्मा )sex ki kahani hindi masexx bhojpuriChudayiAnimal Hindi me chudayibhavana sex storiesxxx istori hindiwww buachodan comsamuhik sexsory hindikazin sex indian sex hindimechut ki landmummy chudai karwa ke randi ban gaye se sex kahaniMari galti ki waja sa mom chudi sex storygarmi ki chuti ome khet me choda chodiभाई बहन xxxहिंदी सेक्सी कहांनिया iraj wap . com sax videoXXX.SEXY.STORY.COMbhai ne bhan ki dokhe se slvar otari or choda videostrain may threesome biwi se hindi sex story.comअटी photo Big कहानि urdu sexy khanies raat ke chota bhai bade bhan keJussci bur pron video Hindi me hindi sex stories kheto me or andhere me chudaiसंभोग कथाmai nanand aur sasur Xxx kahaniyaIndia zota ldka ledij xxxcrazy bhain bhai grup sax kahanicacchi उम्र कि chudaiwwwhindisexystoryxxx cudae khane hindikamukta saxxi story.comeबाथरूम के अंदर की च**** स्पेशल में