पड़ोसी भाभी की गीली चूत चोदी

 
loading...

मै मस्ताराम का बहुत बड़ा फैन हूँ जब भी फ्री होता हु बस मस्ताराम.नेट ही ओपन रहता है मेरे मोबाइल में ढेर सारी कहानिया भी मैंने सेव कर के रखा मेरे ढेर सारे दोस्त है जिनके पास इन्टरनेट नही रहता वो मुझे फ़ोन कर बोलते है कुछ नई कहानी है तो मेल करो तो मैं उन सबको मेल करता हूँ मित्रो आज मैंने भी सोचा की अपनी कहानी भी आप लोगो को पढ़वाई जाये सो आज मै भी लिख के भेज रहा हूँ आशा करता हूँ आप लोगो को मज़ा आएगा दोस्तों मैं 26 साल का नौजवान पुने की बड़ी कंपनी में इंज़िनियर हूँ। आज से तीन साल पहले की बात है जब मैं २३ साल का था, मैंने इस नई कम्पनी में ज़्वाइन किया ही था, उन दिनों हमारे घर के सामने वाले मकान में किराए पर एक नया परिवार आया, वो तीन लोग थे, पति पत्नी और उनका ३ साल का बेटा | जल्दी ही उनकी और हमारी जान पहचान हो गई | और मैं उन्हें भैया-भाभी बुलाने लगा | भाभी का नाम सुस्मिता था और उनकी उम्र 28 साल थी, भैया एक प्राईवेट कम्पनी में मेनेज़र हैं तो उनकी ड्यूटी कभी दिन की होती है और कभी रात की |

भाभी अक्सर दिन में हमारे घर आ जाती थी। भाभी और मेरी जल्दी ही बहुत अच्छी बनने लगी, हम ढ़ेरों गप्पें मारते और मजाक करते | सुस्मिता भाभी जिनको मैंने कभी बुरी नीयत से नहीं देखा था उनके बारे में सोच सोच कर अब मैं मुठ मारने लगा। सुस्मिता भाभी जिनको अगर कोई भी देख ले तो वहीं उसका लंड गीला हो जाये | भाभी का रंग गोरा, कद लम्बा और शरीर भरा हुआ था | भाभी अक्सर पँजाबी सलवार और तंग कमीज पहनती थी और उनके खड़े मोमे उसमें से साफ़ नजर आते थे। जब भी भाभी घर पर आती, मैं उन्हें ही देखता रहता और भाभी को चोदने को तरसता | भाभी के घर में कम्प्यूटर था | पर भाभी अक्सर घर पर आकर मेरे कम्प्यूटर के आगे बैठ जाती और गेम खेलने लगती |   एक दिन भाभी ने मुझे बोला- आदि, ये गेम्स मेरे भी कम्प्यूटर में डाल दो ताकि मैं इन्हें रात को अपने घर पर खेल सकूँ क्योंकि रात को मेरे पति तो ड्यूटी पर होते हैं और मैं अकेली घर पर बोर हो जाती हूँ | भाभी मुझे प्यार से आदि बोलती हैं। मैंने कहा- ठीक है भाभी, मैं जल्दी डाल दूँगा | आप यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |

भाभी ने कहा- आदि, तुम कल ही डाल देना | एक काम करना तुम कल शाम को मेरे घर आ जाना और सभी गेम्स डाल देना | अगले दिन मैं शाम को जैसे ही घर पर आया भाभी पहले से ही हमारे घर पर आई हुई थी, मेरे आते ही भाभी ने बोला- आदि, मैं तुम्हारा ही इन्तजार कर रही थी, चलो मेरे घर और मेरे कम्प्यूटर पर आज सारी गेम्स डाल दो | भाभी ने बोला- फ़्रेश मेरे ही घर पर हो जाना और चाय भी वहीं पीना | मैंने अपना सीडी बैग उठाया और भाभी के साथ चला गया | भाभी के घर जाकर पहले मैंने हाथ मुँह धोया और फ़्रेश हो गया |

इतने में भाभी चाय और पकौड़े ले आई, भाभी ने बोला- आदि, पहले ये खा लो फ़िर गेम्स डाल देना | मैं और भाभी फ़िर चाय पकौड़े खाने लगे | चाय पीते हुए मैंने भाभी से पूछा- भैया कहाँ हैं? तो भाभी बोली- आज उनकी नाईट शिफ़्ट है वो अभी डयूटी पर गये हैं | चाय पीने के बाद मैंने भाभी को बोला- अब मैं गेम्स इन्स्टाल कर देता हूँ। भाभी मुझे कम्प्यूटर वाले कमरे में ले गई | मैंने जैसे ही कम्प्यूटर को आन किया मैंने देखा कि कम्प्यूटर की विन्डोज़ करप्ट है, कम्प्यूटर भी काफ़ी पुराना है। मैंने भाभी को बताया कि पहले कम्प्यूटर की विन्डोज़ दुबारा से इन्स्टाल करनी पड़ेगी और फ़िर गेम्स इन्स्टाल हो पायेगी और इसमें काफ़ी टाईम लगेगा | भाभी ने बोला- ठीक है आदि, तुम इन्स्टाल कर दो | तुम आज डिनर यहीं कर लेना, मैं तुम्हारे घर पर बोल देती हूँ | मैं विन्डोज़ इन्स्टाल करने लगा और भाभी डिनर बनाने रसोई में चली गई | विन्डोज़ इन्स्टाल होने में जितना टाईम लगा, उतने में भाभी ने खाना बना लिया और डाईनिंग टेबल पर लगा दिया | फ़िर भाभी ने मुझे बुलाया- आदि, आ जाओ, दिनर करते हैं |

भाभी को पहले से मेरी पसन्द पता थी तो उन्होंने मेरी पसन्द की पनीर की सब्जी बनाई थी। डिनर करते हुए भाभी ने मुझसे पूछा- आदि, तुम्हारी कोई गर्लफ़्रेन्ड है क्या? मैंने कहा- नहीं | मैंने पूछा- आप क्यों पूछ रही हैं? तो भाभी हंस पड़ी और बोली- वैसे ही पूछ रही हूँ | रात के साढ़े १२ बज गये थे और विन्डोज़ भी इन्स्टाल हो गई थी, मैंने भाभी को बोला- भाभी, विन्डोज़ इन्स्टाल हो गई है | मैं गेम्स कल आकर इन्स्टाल कर दूंगा | भाभी ने बोला- नहीं आदि, तुम आज ही गेम्स इन्स्टाल करो वरना मैं तो पूरी रात बोर हो जाऊँगी |

 

.तुम्हारे भइया भी घर पर नहीं हैं | मैंने तुम्हारे घर पर बता दिया है कि तुम आज रात यहीं रुकोगे | मैं मान ग़या और गेम्स इन्स्टाल करने लगा | मैंने गेम्स की सी डी जैसे ही कम्प्यूटर के सी डी ड्राईव में डाली, उसी वक्त लाईट चली गई। भाभी ने बोला- इन्वरटर भी खराब है। और भाभी ने कमरे में एक मोमबत्ती जला दी | भाभी बोली- अभी थोड़ी देर में लाईट आ जायेगी | तब तक तुम थोड़ा रेस्ट कर लो | आप यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | और भाभी अन्दर दूसरे कमरे में चेंज करने चली गई, मैं वहीं पास वाले बैड पर पीठ सीधी करने के लिये लेट गया। दस मिनट के बाद मुझे कमरे में एकदम से बहुत ही महकती खुश्बू आई | और मैंने जैसे ही उठ कर देखा तो भाभी मेरे सामने खड़ी थी | और मैंने जैसे ही भाभी को देखा, मैं देखता ही रह गया | भाभी ने काले रंग की पारभासक नाईटी पहनी हुई थी जिसमें से भाभी के हर अंग की झलक दिखाई पड़ रही थी और मोमबत्ती की रोशनी में गोरी भाभी काले रंग की नाईटी में बहुत ही सेक्सी लग रही थी |

भाभी को देखते ही मेरा लंड एकदम से सैल्यूट मार गया | भाभी मेरे पास आई और बोली- क्या हुआ? मुझसे बोले बिना नहीं रहा गया- भाभी, आप बहुत ही सुन्दर लग रही हो |

भाभी बोली- मैं तो रोज इसी तरह सोती हूँ | भाभी ने मेरी पैन्ट में खड़े मेरे हथियार को देख लिया था |

फ़िर भाभी ने कहा- लाईट अभी पता नहीं कितनी देर में आएगी, तुम थोड़ी देर आराम कर लो | भाभी ने कहा- आदि तुम भी अन्दर मेरे बैडरूम में आ जाओ, वहीं पर सो जाना इस रूम में काफ़ी गरमी है | मैं और भाभी अन्दर चले गए | भाभी ने अपने बेटे को पहले ही दीवार वाली साईड सुला दिया था | भाभी बीच में लेट गई और मुझे बोली- आदि, तुम भी यहीं लेट जाओ | थोड़ा आराम कर लो, जब लाईट आयेगी तो मैं तुम्हें उठा दूंगी। मैं भाभी से बोला- भाभी, मैं यहाँ पर नहीं सो पाऊँगा, आप सो जाओ, मैं बैठ कर लाईट आने का इन्तजार करता हूँ |

भाभी ने मुझे पूछा- क्या हुआ आदि? मेरे साथ सोने में कोई प्रोब्लम है क्या?

मैं बोला- नहीं भाभी, ऐसी कोई बात नहीं है | फ़िर भाभी ने पूछा- क्या बात है आदि? मैं बोला- भाभी मुझे रात को पूरे कपड़े पहन कर सोने की आदत नहीं है, मैं रात को सिर्फ़ अँडरवियर पहन कर सोता हूँ | मैं यहाँ पर सो नहीं पाऊँगा | भाभी ने बोला- इसमें क्या प्रोब्लम है, तुम अपने कपड़े उतार कर यहाँ पर सो सकते हो, मैं तुम्हारी भाभी हूँ मुझसे क्या शरमाना | भाभी के इतना बोलते ही मेरा हथियार जो भाभी को देख कर पहले से कड़क था वो और भी कड़क हो गया और मेरी पैंट में तन गया, जिससे मेरी पैंट के आगे टेंट बन गया और भाभी की नजर उस पर ही थी | मैंने सीडी बैग अपनी पैंट के आगे लगा लिया |

भाभी ने कहा- आदि चलो अब शर्म छोड़ो और जल्दी से कपड़े उतार कर सो जाओ | मैंने भाभी से पूछा- भाभी बाथरूम किधर है, मैं कपड़े उतार आता हूँ | भाभी ने मुझे छेड़ते हुए कहा- जब मेरे पास सोना ही बिना कपड़ों के है तो बाथरुम में जाकर कपड़े क्यों उतारने, चलो यहीं पर उतार लो, और वैसे भी बाथरुम में अँधेरा है | मैंने अपने कपड़े उतारे और वी शेप की अँडरवियर में भाभी के पास जाकर लेट गया | आप यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | भाभी ने जब मुझे सिर्फ़ अँडरवियर में देखा तो भाभी मेरी पूरी छाती और मस्ल्स देख कर दंग रह गई, भाभी बोली- आदि, तुमने तो बहुत अच्छी बोडी बनाई है | और भाभी मेरे पूरे बदन को निहारने लगी | मेरा हथियार अब तो पूरी तरह से तना हुआ था |

जिसके पास इतना तगड़ा शादीशुदा माल लेटा हो और वो भी पारदर्शी नाईटी में, फ़िर तो हथियार का कड़क होना लाजमी है | मैंने किसी तरह मौका देख कर अपने लोड़े को हाथ से अण्डरवीयर में ही नीचे को करके दोनों टाँगों के बीच में दबाया ताकि टेंट ना बने | फ़िर भाभी बोली- चलो आदि, अब सोते हैं। भाभी दूसरी तरफ़ अपने बेटे की तरफ़ मुँह करके सो गई |

मुझे कहाँ नींद आने वाली थी | मेरी तरफ़ भाभी की पीठ थी और पीछे से नाईटी में से भाभी की गोरी पीठ और गोल भरवा चूतड़ साफ़ नजर नजर आ रहे थे | मेरा तो मन किया कि अभी भाभी को पीछे से दबोच लूँ और भाभी की चुदाई कर दूँ | मैं खुद पर किसी भी तरह से काबू नहीं कर पा रहा था और मुझे ऐसे लग रहा था जैसे भाभी मुझे निमंत्रण दे रही हों | कुछ देर बाद मुझे लगा कि भाभी को अब नींद आ चुकी है तो मैं थोड़ी हिम्म्त करके भाभी के नजदीक चला गया। नाईटी की डोरी भाभी ने अपनी पीठ पर बाँधी हुई थी, मेरा मन किया कि इसे अभी खोल दूँ | फ़िर मैं धीरे से अपना हाथ डोरी पर लेकर गया और धीरे से डोरी का एक सिरा पकड़ा और जैसे ही हल्का सा खींचा, डोरी की गांठ अपने आप खुल गई | भाभी एकदम से थोड़ा सा हिली, मैं डर गया, पर भाभी फ़िर से वैसे ही लेट गई | अब मैंने धीरे से नाईटी को हाथ से सरका दिया | अब भाभी के मोमे नाईटी में से आजाद हो चुके थे पर मुझे अभी मोमे पूरी तरह से दिखाई नहीं दे रहे थे क्योंकि भाभी की पीठ मेरी तरफ़ थी |

अब तो मुझसे बिल्कुल भी रुका नहीं जा रहा था, मैंने धीरे से अपना हाथ पीछे से ही भाभी के मोमों पर रख दिया | जैसे ही मैंने मोमों का स्पर्श किया, मेरे शरीर में कँरट सा दौड़ गया और मेरा लोड़ा पूरी तरह से फ़ूल कर कड़क कर लम्बा हो गया | मैं धीरे धीरे भाभी के मोमो को सहलाने लगा | जैसे जैसे मैं भाभी के मोमो को सहला रहा था, मेरी धड़कन भी तेज हो रही थी और मेरे पूरे शरीर में अजीब सी हलचल हो रही थी | भाभी के मोमो को सहलाते सहलाते मैं धीरे से भाभी के चुचूकों को उंगली से छेड़ने लगा और हथेली से गोल गोल रग़ड़ने लगा |

भाभी के मोमे एकदम सख्त हो गए थे और चुचूक खड़े हो गए थे | अब मैंने धीरे से अपने लोड़े को अपने अंडरवियर से निकाला और पीछे से भाभी के गोरे चूतड़ों के बीच में लगा दिया | मेरा लम्बा मोटा लोड़ा पूरी तरह से भाभी की दरार में फ़िट हो गया और मैं अपने लोड़े से धीरे धीरे भाभी की गाँड को सहलाने लगा और पीछे से भाभी की गर्दन और बालों को चूमने लगा | मेरा इतना कुछ करने के बावजूद भाभी के कुछ ना बोलने पर मेरा हौंसला और भी बढ़ गया और मैंने अब अपना हाथ धीरे धीरे भाभी के उरोजों से सहलाता हुआ नीचे लाया और जांघों पर रख दिया |

अब भाभी की जाँघों को सहलाते हुए धीरे धीरे मैंने अपना हाथ नाईटी के अन्दर डाल दिया और अपना हाथ चूत के पास ले गया | भाभी ने नीचे पैंटी पहनी हुई थी | आप यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | मैंने अपना हाथ पैंटी के ऊपर रख दिया। जैसे ही मैंने अपना हाथ पैंटी पर रखा मेरी धड़कन और भी तेज हो गई, भाभी की पैन्टी पूरी तरह से गीली थी। मैं धीरे धीरे पैंटी को ऊपर से ही सहलाने लगा और पीछे से भाभी के चूतड़ों को अपने लौड़े से सहलाने लगा | अब मैंने धीरे से उँगलियों से पैंटी की इलास्टिक को उठाया और अपना हाथ पैंटी के अन्दर डाल दियाऔर अपना हाथ भाभी की गीली चूत पर रख दिया | भाभी की चूत बिल्कुल चिकनी थी जैसे आज ही भाभी अपने चूत के बालों की सफ़ाई की थी | मैं भाभी की चूत को धीरे धीरे सहलाने लगा और भाभी की गोरी चूत को सहलाते हुए मुझे ऐसे लग रहा था कि जैसे मुझे जन्नत मिल गई हो |

फ़िर मैंने जैसे ही भाभी की चूत की पंखुड़ियों को खोल कर अपनी उंगली डालने लगा तो अचानक भाभी ने अपना हाथ चूत पर रख दिया और बोली- आदि नहीं | फ़िर मैंने जैसे ही भाभी की चूत की पंखुड़ियों को खोल कर अपनी उंगली डालने लगा तो अचानक भाभी ने अपना हाथ चूत पर रख दिया और बोली- आदि नहीं | अभी नहीं | अभी तक तो मैंने किसी तरह अपनी सिसकारियों को काबू किया हुआ था, पर अब नहीं कर पाऊँगी, अगर हमने यहाँ कुछ किया तो मुन्ना जाग जाएगा और फ़िर कुछ करना मुश्किल हो जायेगा, चलो हम दूसरे रूम में चलते हैं | भाभी के इतना बोलते ही मैंने फ़ट से भाभी को अपनी गोद में उठा लिया और दूसरे कमरे में ले गया | जैसे ही मैंने बैड पर लेटाया, भाभी बोली- आदि, इस रूम में इतनी गर्मी है एसी चला लो |

मैं बोला- भाभी, लाईट अभी तक नहीं आई | भाभी मुझे बोली- लाईट गई ही कब थी, वो तो मैंने मेन स्विच से लाईट बन्द कर दी थी, अगर मैं ऐसा ना करती तो तुम मेरे इतना पास कैसे आते |

भाभी के इतना कहते ही मेरा अँग अँग में जोश से भर गया और मेरा मन खुशी से उछल रहा था | मैंने भाभी को फ़िर से अपनी बाहों में उठाया और मेन स्विच ऑन करके ए सी चलाया | भाभी ने मुझे छेड़ते हुए कहा- आदि, अब तो लाईट भी आ गई है तो अब जल्दी ले मेरी चूत की विंडोज में अपना लौड़े से गेम इन्स्टाल कर दे | भाभी के इतना बोलते ही मैंने अपने होंठ भाभी के गुलाब की पन्खुड़ियों जैसे होंठों पर रख कर रसपान करने लगा |

भाभी ने भी अपना हाथ मेरी गर्दन के पीछे से कस कर डाल लिया और मेरे होंठों को चूसने लगी | कभी मैं भाभी की जीभ को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा और कभी भाभी मेरी जीभ को | भाभी मेरी गोद में थी, उनकी चूचियाँ बार बार मेरी छाती से स्पर्श हो रही थी जिससे भाभी और मुझमें वासना की आग और भी ज्यादा भड़कने लगी। मैं भाभी को इसी तरह अपनी गोद में लिये 15-20 मिनट तक चूमता रहा और भाभी के मम्मों का रसपान करता रहा | मेरा इतना करने से भाभी गर्म हो गई और मुझे कस कर पकड़ लिया | आप यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | फ़िर मैं धीरे से आगे बढ़ा और मैंने भाभी को बैड पर लिटा दिया और मैं भी पास में लेट गया, भाभी एकदम से भूखी बिल्ली की तरह मेरे ऊपर टूट पड़ी और मेरी छाती, गर्दन, कानों, गालों, लबों पर चुम्बन करने लगी और बीच बीच में भाभी मेरे कानों और गर्दन पर काट देती | ऐसा लग रहा था भाभी बरसों से सेक्स के लिये तरस रही हों |

भाभी जोर जोर से साँसें ले रही थी और हर साँस के साथ भाभी के मुँह से बार बार यही निकल रहा था- आदि, आई लव यू… लव यू आदि, आदि आज मुझे चोद डालो, फ़ाड़ डालो मेरी चूत को, चूस लो मेरे मम्मों को… मैं कितने महीनों से आज के दिन का इन्तजार कर रही थी, तुम्हारे भैया तो नपुंसक है, उनका तो चूत में जाते ही निकल जाता है, तुम आज मेरी चूत कि आग को शाँत कर दो, तुम्हीं हो जो मेरी चूत की आग शाँत कर सकते हो। फ़िर भाभी कहने लगी- मुझे पता है आदि, तुम्हारा सेक्स करने का स्टेमिना बहुत ज्यादा है, मैंने तुम्हें मुठ मारते हुए देखा है, तुम जब मुठ मारते हो तो तुम कभी भी 20-25 मिनट से पहले फ़ारिक नहीं होते, तुम्हारा कभी भी इससे पहले निकलता ही नहीं है, और मुझे तुम्हरा लम्बा और मोटा लोड़ा बहुत पसन्द है |

मैंने तुम्हें उसी दिन पहली बार अपने कमरे की खिड़की से मुठ मारते हुए देख लिया था, जिस दिन हम इस घर में आये थे, और मैं तो उसी दिन से तुम्हारे लोड़े की कायल हो गई थी, क्योंकि एक तुम ही हो जो मेरी तसल्ली कर सकते हो, मैं उसी दिन से तुमसे किसी तरह चुदने का मौका तलाश कर रही थी, और वो खुशनसीब दिन आज आया है। आदि, तुम ही हो मेरे चूत के राजा, कर लो तुम जो कुछ भी मेरे साथ कर सकते हो, आज मेरे शरीर के अँग अँग को अपने में समा लो, चोद डालो मुझे |

भाभी के इतना कहने से मुझ में और भी उत्साह आ गया और मैंने भाभी की कमर में कस कर हाथ डाल लिया और भाभी की गर्दन, कान, गालों पर चुम्बन करने लगा | भाभी भी मुझे जवाब में बहुत अच्छा रिस्पोंस दे रही थी | अब मैंने अपना एक हाथ भाभी की गर्दन के नीचे डाला और दूसरे हाथ से भाभी के स्तनों को धीरे धीरे सहलाने लगा, मैंने अपने लब भाभी के लबों पर रख दिये और अपनी एक टाँग भाभी की दोनों टागोँ के बीच में डाल दी | भाभी पूरी तरह से मेरी बाँहो में समाई हुई थी, अपनी टाँग से मैं भाभी की चूत को रगड़ रहा था मेरा ऐसा करने से भाभी के पूरे शरीर में अजीब सी हलचल हो रही थी और भाभी अपने खुद पर काबू नहीं रख पा रही थी, वो अपना हाथ मेरी कमर से सहलाते हुए धीरे से नीचे लेकर गई और मेरे अंडरवीयर पर रख कर मेरे लोड़े को धीरे धीरे मसलने लगी, और मेरी छाती पर और पूरे शरीर पर किस करने लगी | आप यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | जब भाभी मेरे लौड़े को मसल रही थी तो मैंने धीरे से भाभी काली नाईटी को भाभी के शरीर से अलग कर दिया तो भाभी की गोरी चूत के मुझे दर्शन हुए, चूत पर एक भी बाल नहीं था और चूत की पखुंड़ियाँ संतरे की कलियाँ लग रही थी | अब मैंने भाभी को सीधा लेटाया और मैं भाभी के पैर के अंगूठे को अपने होठों से धीरे धीरे चूमता हुआ भाभी की जांघों की तरफ़ बढ़ने लगा। ऐसा करने से भाभी को बहुत अच्छा लग रहा था और भाभी के मुँह से आदि आई लव यू … आदि आई लव यू … लव यू आदि |

यही निकल रहा था। जैसे ही मैं भाभी की जांघों को अन्दर की तरफ़ चूमने लगा, भाभी सिसकारियाँ भरने लगी और मेरा सिर खींच कर मेरा मुँह अपनी चूत पर लगा लिया और दबाने लग़ी | मैंने भाभी की चिकनी चूत को पहले धीरे से चूमा, तब मैंने चूत कीदोनों पंखुड़ियों को अलग किया और चूत में अपनी जीभ डाल कर सहलाने लगा। भाभी ने मेरा एक हाथ खींच कर उंगली को अपने मुँह में डाल लिया और उसे चूसने लगी। भाभी और भी जोर जोर ले सिसकारियाँ लेने लगी, उनके मुंह से आ… आआ… आ हा… आहा… उह… अहा निकल रही थी। मैं भी भाभी की चूत के नशे में खो गया था और नमकिन चूत के रस की खुशबू ने मुझे पागल कर दिया था। फ़िर भाभी ने मेरा लोड़ा अपने हाथ में पकड़ा और अपने गुलाबी होंठों से चूमने लगी, फ़िर भाभी मेरा लोड़ा अपने मुँह में लेकर कुल्फ़ी की तरह चूसने लगी।

भाभी मेरे लोड़े को बीच बीच में अपने मुँह से निकालती और अपने हाथ से हिलाकर मुठ मारने लगती, भाभी के इस तरह करने से मुझे बहुत मजा आ रहा था | ऐसा हम 15 मिनट तक करते रहे और भाभी झड़ ग़ई और चूत से निकलने वाले पानी को मैं चाट गया। भाभी में मेरे लोड़े को पूरे जोर से चूस रही थी। भाभी फ़िर मुझे अपने ऊपर खींचने लगी और सिसकारियाँ भरते हुए बोली- आदि, मेरी चूत को फ़ाड़ दो, चोद दो मुझे, अपना हथियार मेरी चूत में डाल दो, अपने लंबे मोटे लोड़े से मुझे चोद दो, आज मेरी चूत को शाँत कर दो |

फ़िर मैं सीधा होकर भाभी के ऊपर आ गया भाभी ने अपनी टांगों को पूरा खोल लिया, मैंने भी भाभी को और ज्यादा ना तड़फ़ाते हुए अपने लोड़े को भाभी की चूत पर रगड़ने लगा, कभी मैं अपने लोड़े के शीष को चूत की दोनों पँखुड़ियों के बीच सहलाता और कभी चूत के चारों तरफ़, भाभी को मेरा ऐसा करना बहुत अच्छा लग रहा था और वो जोर जोर सिसकारियाँ ले रही थी। फ़िर मैंने अपने लोड़े के सुपारे से चूत के दाने को छेड़ दिया और भाभी बोली- आदि बस अब और नहीं, अब मेरी चूत में अपना लोड़ा डाल दो |

मैंने धीरे से अपना लोड़ा भाभी की चूत के छेद पर रखा और धीरे से हल्का सा धक्का दिया, भाभी की चूत पूरी तरह से गीली थी और मेरा लोड़ा थोड़ा सा चूत के अन्दर ग़या और तो भाभी के मुँह से हल्की आवाज निकली- आ… आ… हा… आहा… भाभी भी अपने चूतड़ ऊपर उठा कर मेरे लोड़े को अन्दर लेने में मेरा साथ देने लगी। मैं साथ साथ भाभी के उरोजों, लबों, गालों पर चुम्बन कर रहा था, जो भाभी को बहुत अच्छा लग रहा था | फ़िर मैंने थोड़ जोर से अपने लोड़े को और धक्का दिया और मेरा आधा लोड़ा भाभी की चूत में चला गया, और भाभी के मुँह से दर्द की कराह निकली, क्योंकि भाभी की चूत बहुत टाईट थी और लोड़ा मोटा था, भाभी बोली- आदि, सच में तुम्हारा लोड़ा काफ़ी मोटा है, आज पह्ली बार मेरी चूत को असली लोड़ा मिला है। आप यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | मैं धीरे धीरे अपने लोड़े को चूत में अन्दर-बाहर करने लगा, भाभी को बहुत मजा आ रहा था, वो जोर जोर से सिसकारियाँ ले रही थी- आ… आ…हा… आहा आदि आई लव यू… लव यू आदि आ…आ…हा… आहा | फ़िर मैंने अन्दर बाहर करते हुए एक जोर का धक्का मारा और मेरा पूरा लोड़ा चूत में चला गया, भाभी के मुँह से एक जोर की चीख निकली- आई माँ… उह… उह… आ… आहा | अब मैं जोर जोर से अपना लोड़ा चूत में अन्दर बाहर करने लगा और भाभी जोर जोर से सिसकारियाँ भरने लगी और अपने कूल्हे उठा उठा कर लोड़े को चूत में लेने लगी, भाभी ने अब अपनी दोनों टांगे मेरी पीठ के पीछे बाँध ली थी और जब मेरा लोड़ा भाभी की चूत में पूरा अन्दर जाता तो भाभी और भी मुझे कस कर पकड़ लेती। थोड़ी देर के बाद भाभी एकदम से काफ़ी जोर जोर ले मेरा लोड़ा अपने अन्दर लेने लगी और अपने नाखूनों से मेरी पीठ को काटने लगी, मैं समझ गया कि अब भाभी झड़ने वाली हैं, मैंने और भी जोर जोर से झटके मारने शुरु कर दिये और थोड़ी देर के बाद भाभी झड़ गई, भाभी जब झड़ रही थी |

तो भाभी को बहुत मजा आ रहा था, क्योंकि ऐसा भाभी के साथ पहली बार हुआ था कि भाभी की चूत में लोड़ा हो और भाभी झड़ी हों, वरना हर बार तो भैया पहले झड़ जाते थे और भाभी इस सुख से वंचित रह जाती थी। अब भाभी झड़ गई थी और एक मेरा लोड़ा है जो कि झड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था, भाभी झड़ने के बावजूद अभी भी मेरा पूरा साथ दे रही थी। भाभी ने फ़िर से जोर जोर से सिसकारियाँ लेनी शुरु कर दी थी। अब मैं भी झड़ने वाला था, मैंने भाभी से पूछा- भाभी, मैं अपना माल कहाँ निकालूँ? तो भाभी बोली- आदि, अब तुम ही मेरी चूत के मालिक हो, मेरे हर अंग पर अब तुम्हारा ही अधिकार है, मेरे अन्दर ही अपने गर्म माल की बारिश करके आज मेरी चूत को तृप्त कर दो और मेरी चूत की बरसों की प्यास बुझा दो। और थोड़ी देर बाद मैंने भाभी की चूत में जोर से अपने लोड़े से गर्म माल की धार मारी और भाभी भी दुबारा से झड़ने लगी। अब हम दोनों झड़ चुके थे, मैं भाभी के ऊपर भाभी को अपनी बाँहों में लिए लेटा रहा और भाभी ने मुझे अपनी बाँहो में भरते हुए मेरे होंठों पर चुम्बन किया और कहा- आदि तुम बहुत अच्छे हो, आई लव यू, आज तुमने मुझे सैटिस्फ़ाई कर दिया, आज मेरी चूत का मुकाबला किसी मर्द के लोड़े से हुआ है, वरना तुम्हारे भैया से तो कुछ होता ही नहीं है, उनका तो डालते ही निकल जाता है, अब तुम जब चाहो मेरे पास आ सकते हो और जो चाहो मुझ से कर सकते हो | मैंने भाभी को बोला- भाभी, आप भी बहुत सेक्सी हो, मैं तो आपको रोज चोदना चाहूँगा। तो भाभी बोली- क्यों नही, मैं भी तुमसे रोज चुदूँगी |

उस रात मैंने फ़िर से भाभी को चोदा और हम फ़िर पूरी रात नंगे होकर एक दूसरे की बाँहों में बाहें डाले सो गए। सुबह जब हम उठे तो भाभी बहुत खुश थी, भाभी बैड पर ही मेरे लिये चाय लाई और मुझे किस करते हुए रात के लिए थैंक्यू बोला। फ़िर मैं और भाभी एक साथ बाथरूम में नहाए और नहाते हुए फ़िर से बाथ टब में चोदा | भाभी मुझसे बहुत खुश हुई और उसके बाद जब भी मौका मिलता मैं भाभी को चोदता हूँ, और जब मैं या भाभी कभी शहर से बाहर होते तो हम फ़ोन सेक्स करते हैं | और एक बात आज मैंने भाभी को कहानी लिखने की बात बताई तो वो खुश हो गयी वो भी मस्ताराम की दीवानी हो गयी है जब कुछ नही तो मस्ताराम.नेट ही सही |

 


loading...

और कहानिया

loading...



sex 2050 kahni dogi ne gals ko chodapmt class mate sex kahani hindiDadi ki gand fadiदोस कि शादिशुदा दिदी कि गाडा XXXhindi adult storiesसेक्स कथा हिदीxxx storisakse kahane cut land kemastramsexykahaneyaschool me ladies peon ko choda kahaniभाभीको सिड्यूस करना सेक्सकथाडाकटर सामूहिक कहानीयाँwww.antervasnasexstore.combengalan ki gand mariKAMUKTA.COMjanerdasti gaand chudai moveकुवारी छूट पेटीकोट के अंदर हिंदीXXX KAHNImeri chut ne bhanje ki land ki sil todhi xvidio com.desy khanixxx bhai bhen holi mechoti age mein bada lund liyaristho m chudai hindi viedoxxx khaniya newxxx khani hendi storiसरकारी ऑफिस में मैडम की बुर चोदाbhan se sex yumWww.xn xxx video jija or shale xnxx chudai ki kahaniya hindiमेरा dil bhut bol raha hai muje codo na dawnload desi chudai hindi sex kahani or photo sath sath hindi me storydidi sex story in hindiपेंटी चुदाईMarathisexstoryholi me chodi khanimosi xxx kahani hindiwww.garryporn.tube/page/%E0%A4%AE%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%A0%E0%A5%80-%E0%A4%AC%E0%A4%BF-%E0%A4%AA%E0%A4%BF-610739.htmlNetaji nae jabardasti choda ki hindi kahaniya photos kae sathSUHAGRAT SEXY JABRJASTI CHUDAI INDIAN SAREE SEX CHUDAI HD VIDEOदेसीसेक्सी कहानीया पढे.co.inme banjh nahi hun chudaihindichudaikahaniaunty ko behlakar apna rakhail banaya stories in hindiindian xxx photo sarri antibhaiya ne muje kutte se chudte pakda sex storybuaji.ki.fati.penti.deker.chut.marimummy ke sath jhadiyo men hagne ki kahanichudakkd chachi ki xxx kahaniwww.kamukta.dot comxxx story hindi masexy sunita chi anatvasna kta marathipinky ki bur farwai kahanikamukta.comxnxx हाय क्लास indiansasur ne need me meri sari uthakar penty par muth marawww.didi ki jhantwali bur ki cudaimaa ko jabardasti choda beta neXxnx dehati ptipatni sex storisxnxxx. मां कोटि लंड से चोदा हिंदी कहानियांsex xxx bahen maa paise randi hindi storyदादि कि चुत मे दादा की ऊँगली करते फोटो दिखाएंxxx rep ki kahani fesbook pe pta ke sil todiसेकसी भोसीया लडकी पिपाCondoma lagakar xviBhai bahan 12bars xxxमालकिन की चुत फोटोdidi ko holi per choda uske sasural meछोटी लडकी को चोदकर जवान कियाbhabi ki kithen mai chut chati sexual khaniantarvasanasexykahaniahindesixey.comसगीता अंटी को चोदा और चूद चाटाआनटी कि चुत व गाड के फोटोsaali kaa raf kar chaudi ki hindi kaahanexxx rat mehindi kahaniANTARVASNAsalehar ke chudai kahaniSucha Singh Naga xxx sex videobehan ne apni moti gand ki khujli bhai ke mote lund se mitwayi full sexy hindi storiesमसतराम ङाटwww.hinde sax story.comwww.m antrvsana.comhijane ke xnxmere bete ne choda ahh ohhhhमाँ और बहन को रैंड बनाया मोहल्ले म बेटे नेwww.google.com सेकस कहानी चूत फाड दीनस की सेकसी चूदाई कहानी chudai kahani nepali nokarsex. xxx. hd. तुम फ्रेंच जबरदस्ती