लखनऊ की नयना की मुनिया

 
loading...

Lucknow ki Nayna ki Muniya
नमस्कार दोस्तो.. सबसे पहले तो आप सभी पाठकों को बहुत सारा प्यार।

मैं अन्तर्वासना का बहुत पुराना पाठक हूँ.. पर कभी अपनी कहानी लिखने की हिम्मत नहीं जुटा पाया और आज मुझे अपने पहले प्यार की बहुत याद आई तो मैंने सोचा क्यूँ ना आप सबके साथ मिलकर याद किया जाए।

मैं पहले अपने बारे में कुछ बता दूँ वरना मैं आप सब के बीच में अंजाना ही बना रहूँगा।

मेरा नाम अंशुमन सिंह है.. मैं लखनऊ का रहने वाला हूँ।
मैं बताना चाहता हूँ कि मैं घर पर अकेला ही रहता हूँ। मॉम-डैड पास ही एक गाँव में रहते हैं।

वैसे तो अभी मैं ग्रॅजुयेट हुआ हूँ, तो जॉब के बारे में कुछ सोचा नहीं… बस घर पर ही रहकर अपनी आगे की पढ़ाई करता हूँ और डिफेन्स की तैयारी कर रहा हूँ।

वैसे भी मुझे डिफेन्स में जाने की बचपन से ही बहुत इच्छा थी और इसीलिए अपनी बॉडी को भी फिट कर रखा है।

मेरा कद 5 फिट 10 इंच है और मैं दिखने में भी काफ़ी आकर्षक हूँ। शायद इसीलिए लड़कियां मुझे देख कर ‘आहें’ भरती हैं।

अब मैं आपको अपनी कहानी पर ले चलता हूँ।

ये बात उन दिनों की है जब मैंने कॉलेज में प्रवेश लिया था।
यहाँ आए तो नया कॉलेज और नए लोग थे, पर जल्द ही अपने मस्त और हँसमुख व्यवहार के कारण बहुत मेरे सारे दोस्त बन गए।
उन्हीं में से एक ख़ास दोस्त नयना भी थी.. जिसे देखकर तो मेरा सुर ही बदल जाता है।
वो भी दिखने में बहुत सुन्दर.. एकदम अप्सरा लगती है।
उसके जिस्म के 36-32-36 कटाव भी क्या खूबसूरत थे..

वैसे तो हम एक-दूसरे को बस देखते थे.. खूब सारी बातें करते थे और एक-दूसरे को देख कर मुस्कुरा देते थे, पर एक दिन कुछ ऐसा हुआ कि हम इतने करीब आ गए कि आज भी हम एक-दूसरे को अलग करने को तैयार नहीं हैं।

उस समय गर्मियों के दिन थे और कॉलेज में भी छुट्टियाँ होने वाली थीं।
इम्तिहान हो चुके थे बस परिणाम आने का इंतजार था।

शाम के वक्त मैं छत पर कुछ दोस्तों के साथ मस्ती कर रहा था कि अचानक नीचे देखा कि नयना आ रही है।

अब उस समय गर्मी थी और हम सब दोस्त तो ऐसे ही सादा हाफ लोवर और टी-शर्ट में थे।

मैं जल्दी अन्दर गया और कपड़े बदल कर वापस आया तो देखा कि खिड़की पर नयना जो कि पहले ही आ गई थी।

मैं कुछ कह पता कि नयना ने खुद ही टोक दिया- आपकी ज़िप खुली है।

अब मेरी हालत पहले तो खराब थी ही बाकी नयना की बात सुनकर मैंने जल्दी से अपनी ज़िप बन्द की।

फिर हम दोनों कमरे में आकर सोफे पर बैठ गए और शायद तब तक सारे दोस्त भी चले गए थे।

मैं उस वक्त घर पर अकेला ही था।
मुझे चाय पीना बहुत अच्छी लगती है, इसीलिए मैं थोड़ी देर बात करने के बाद रसोई में चला गया।

थोड़ी देर बाद जो मैंने देखा तो उस पल मेरा तो बुरा हाल हो गया।

मैं चाय बना ही रहा था कि पीछे से नयना आई और मुझसे लिपट गई।

अब मेरा तो पहले से ही दिमाग़ काम नहीं कर रहा था.. फिर ऊपर से ये नयना की मस्त हरकत।

मैंने पीछे से नयना के हाथ को पकड़ कर आगे किया ही था कि वो मेरे सीने से लिपट गई और अपनी तेज हो रही सांसों से मेरे दिल में आग लगाने लगी।

मैं भी थोड़ा गर्म हो रहा था तो मैंने गैस बन्द की और नयना से कुछ कहने ही वाला था कि उसके होंठों ने मेरे होंठों को खूब कस कर जकड़ लिया।
अब मुझे भी थोड़ा-थोड़ा सुरूर छाने लगा।

मैंने नयना को अपनी बाहों में भर लिया और उसके चुम्बन का जवाब देने लगा।

उफ्फ.. उसके होंठ कितने मस्त थे कि उसे छोड़ने का मन ही नहीं कर रहा था।

करीब 15 मिनट तक चूमा-चाटी के बाद मैंने नयना को अपनी गोद में उठा लिया और अपने कमरे में ले गया।

हमारा घर थोड़ा बड़ा है तो कमरे भी बड़े ही बनवाए गए हैं।

मैंने नयना को अपने बिस्तर पर बड़े प्यार से लिटाया और फिर मैं भी उसके बगल में लेट गया और उसके होंठों को चूमने लगा।
अब अपने हाथों को उसकी ब्रा पर फेरने लगा।
फिर धीरे से उसके कपड़ों को उतारने लगा।

वो भी मेरा साथ दे रही थी।

मैं उसके होंठों को.. गालों को… माथे को.. कान के पास और फिर गले पर और कंधे पर जी भर कर चूमने लगा।

अब नयना मेरे सामने सिर्फ सफ़ेद ब्रा और गुलाबी पैन्टी में थी और मैं उसकी ब्रा को उतारने लगा…

तो नयना मेरे बेल्ट को ढीला करके मेरे बाबूलाल (लौड़े) को निकालने लगी।

ब्रा के खुलते ही नयना मेरे बाबूलाल को अपने हाथों से सहलाने लगी और कहने लगी- यह कितना बड़ा है?

मैंने कहा- मुझे नहीं पता..

तो वो उठी और वहीं से स्केल उठा कर मेरे बाबूलाल को नापने लगी।

वो खुशी से चिल्लाई- हे भगवान… पूरा 9 इंच का है..

मुझे भी यकीन नहीं हुआ.. क्योंकि पहली बार किसी लड़की ने मेरे लौड़े को हाथों से सहलाया था।

फिर नयना ने मेरे बाबूलाल को अपने होंठों में लेकर ज़ोर ज़ोर से चूमने लगी।

मैं तो जैसे स्वर्ग में था… मैंने उसके बालों को पकड़ कर उससे अपने बाबूलाल को मस्ती से चुसवाने लगा।

थोड़ी देर में ही मेरा निकलने वाला था।

मैंने कहा- मेरा सैलाब निकलने वाला है।

तो वो भी बड़े जोश से बोली- मुझे पिला दो अपना रस.. मैं तो बहुत दिनों से इसी रस की प्यासी थी।

जैसे ही मेरा निकलने वाला था तो नयना ने बाबूलाल को दांतों में दबा लिया..
सच में दोस्तों मुझे इतना अच्छा लगा कि मैं देर तक अपने बाबूलाल को वैसे ही लगाए रहा और नयना मेरे बाबूलाल का रस पीकर बहुत खुश थी।

फिर नयना ने बाबूलाल को साफ़ किया और मेरे गालों पर काट लिया।

तब मेरी आँखें खुलीं और फिर अब प्यार का मेरा नंबर था। मैं भी कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता था।

अब मैंने नयना को बड़े ही प्यार से चूमते हुए चित्त लिटा दिया और उसकी गुलाबी पैन्टी को नीचे खींच कर उसके जिस्म से अलग कर दिया।

हय.. उसकी चिकनी चमेली ने मेरे लौड़े की हालत फिर से खराब कर दी और मेरा बाबूलाल फिर से अंगड़ाई लेने लगा।
मैंने उसकी चूत की दरार में अपनी ऊँगली डाली, वो एकदम से चिहुंक गई.. रस से सराबोर उसकी चूत में मेरी ऊँगली घुसती चली गई।

उसने मीठी सी सिसकारी लेकर मेरा हाथ पकड़ लिया।

मैंने भी उसके ऊपर झुकते हुए उसकी नाभि को चूमा और अपने होंठों को उसकी चूत की तरफ लाना आरम्भ कर दिया।

‘अंशु.. गुदगुदी होती है.. आह्ह..’

‘होने दो..’

मैं लगातार इस पल का मजा ले रहा था।

फिर मेरी जीभ की नोक उसकी चूत की दरार में घुस गई और वो एकदम से अकड़ी और अगले ही पल वो झड़ गई, उसका नमकीन पानी मेरी जुबान से छुआ मैंने चपर चपर करते हुए उसके रस को चाट लिया।

वो शिथिल होकर मेरे सर को अपने हाथों से पकड़े हुए थी।

अब मैंने बैठ कर उसको अपनी गोद में बिठाया और अपने सीने से लगा लिए।

वो अपने दोनों पैर मेरी कमर में लपेटे हुए मुझसे चिपकी हुई थी।

कुछ देर हम दोनों ऐसे ही लिपटे हुए बैठ रहे.. मेरा लवड़ा खड़ा हो कर उसकी चूत से स्पर्श कर रहा था।

मैंने अपने दोनों हाथों से उसके चूतड़ों को उठाया और उसकी चूत के छेद को लौड़े की नोक पर सैट किया।

उसकी चूत अनछिदी थी। मेरा लौड़ा गीली चूत की दरार में घुस गया।

उसके मुँह से एक तेज ‘आहहह..’ निकली पर मैंने उसको अपनी बाँहों में भींचा हुआ था।

मैं कुछ देर तक उसके होंठों को अपने होंठो से दबा कर चूसता रहा और अपने चूतड़ों को उठाकर उसकी चूत में पेवस्त करने का मेरा प्रयास जारी था।

फिर मैंने उससे कहा- थोड़ा दर्द सहने को तैयार रहना अब मैं पूरा अन्दर करने जा रहा हूँ।

उसकी बन्द आखों ने मौन स्वीकृति दी और मैंने अपने पूरी ताकत से लवड़े को उसकी चूत में ठूंस दिया।

वो चिल्लाना चाहती थी पर मैं सजग था।
मेरे होंठ उसकी आवाज पर पहरा दे रहे थे।

कुछ देर तड़फने के बाद वो शिथिल हो गई।

मैंने भी उसको नीचे से ठोकरें लगाना आरम्भ कर दीं।

फिर जब वो कुछ सामान्य हुई तो मैंने कुछ इस तरह उसको लिटाया कि मेरा बाबूलाल उसकी मुनिया में ही रहा और उसी वक्त मुझे हल्के से खून की लालिमा दिखी पर मैं चुप रहा।
और अब पूरी तरह से उसके ऊपर चढ़ कर मैंने उसकी चुदाई आरम्भ कर दी।

कुछेक मिनट बाद वो अकड़ गई और झड़ गई पर मेरी धकापेल चालू थी फिर दस मिनट की चुदाई के बाद उसकी चूत ने फिर से अपना रस छोड़ना चालू किया तो मेरा बाबूलाल भी चूत के दरिया में डूब कर अपनी जान दे बैठा.. उसने उलटी कर दी थी।

हम दोनों ही निढाल हो कर एक दूसरे से चिपक कर लेटे रहे।

कुछ देर बाद उठे और फिर एक-दूसरे को देख कर मुस्कुराने लगे।

यह हमारे मिलन की दास्तान थी।

उम्मीद है आप सभी को अच्छी लगी होगी।
अपने कमेंट्स के लिए मुझे मेल कीजिएगा।



loading...

और कहानिया

loading...



INCENT KHET CH FUDI MARIgurumastram.hindiChacha ne apni bhatji ke sath kiya glat kam videodesi garam maosi ki bur chudai videoWWW KHANE XXX COMvhaa di saxy date istorepadhai k bahane sixy kahaniyaपापा से चुदाईSurbhi hindu khani bhabkirati xxx kahanisax.kahani.hindi.mera.nam.anjali.he.pita.ke.dostगांव की भाभी अपनी चूत में खिला डालती हैbehen or bhabhi ko choudi storysaxy sotory atrvasnMummy ko uncal na chuoda kamukta.com hind storyxnx anthrwasana शील तोण कहानी sex xristo me sex kahani hindi pdfladki apni bur Mein Pad kyu pahanti hai ki Sabke Liye sexy com videoSASUR BAHU DESI KAHANIjosex hindi language.comचोदाइ कहानीHindi sex stori anterwashna/%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%AE%E0%A4%B8%E0%A5%82%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B0-%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%AE%E0%A4%BE-%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%AE%E0%A5%80-%E0%A4%95%E0%A5%87-%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%A5-2/bktrade.rudotkom ml ki kahanipheli bar Baat paly boy ki real sexy Story hindisxestroyDaku ne meri maa ki chudai kiमै अपने पसेनट से चूदीबी एच एन भाई की देसी हिंदी से बिना कपड़ों कॉमजानबूझकर चुदवाया बीडीओ train me meri seal tod diचुतको चोदाme banjh nahi hun chudaichudai wali photos or khani hindi mमाँ कि और बहिण कि ठुकाई कथाmote lund se didi ki saheli ko choda party meindian xxx kahaniसबसे अछा गाड मालीश Xxxxxxx.khane.hende.pormbhabhi ji chudaai Hindi sex stories xxxxxcxxमस्तराम के कच्ची कली के चुदाइ विडिओgaow ja kar aonty ko choda videoWwwsex stories ;do;biwi ki cudai in Hindiopin.indinsxx.skulदीदी को chodaतेल लगा के khati में हिंदी स्टोरीbata maa k choda nand k goli daka handi khanidasi skool ladki dog ke sadh sex kahani.comSTORI HINDI ME MOM NE BETE KI BHUK MITAI KHET ME CHUDA KRhindi sex khahanimastramsexykahaneyawww.sagi.bahen.ko.coda.nagi.karke.hindi.kahnya.cmbehen ka balatkar aur doodh piya sex storybadi.bahan.ki.xxx.codai.holi.mi.khania.khojvidhwa 4 bachcho ki maa se shadi ki chudai kahanibahanbhaisexstoriesxxx hindi घर पर वुला कर चुत मारवाई बिडियोKAMUKTA 11अन्तर्वासना हिंदी मेंवेरी वेरी स्मार्ट सेक्स गले न्यूडxxx khanyabhabhi ki madad se Gadi Ki Pehli Nazarxxx.bf.hindi.vhai.vhan.vedio.dwomlodhindi sex kahanei bhabhi gxxx, com maa ko nanga kar khet me choda hindi kahaniya reading onlyशादी व पार्टी में चुदाईhindi sexi kahanixxx stori padane liyeHindi Sax bhabhi Dewar sashur Sax kahaniya. comमा सेकसी कहानी बस कीxxx dasi hindi story 2010 kechudaiki kahani aur photobina.chudi.choot.chudai.indidi aur maa ke sath suhagraat manaya desy sex storydahanu xxx rep balatkar .comभाभी को कैसे पटाया जाता है xnxxfast bar ki chudai video hindi me indai ki bhopal ki chudai hindi me videohindi me stapmom chut chudai kahani hindi meparirarik gurup sex kahaniyxxxx samlai saxy vedeo 2018 nemdhdhi or batijha sex video HD